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ब्रह्माकुमारी संस्था द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक दिवस धूमधाम से मनाया गया “

दिनांक 14/09/2024 को प्रजापिता ब्राह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय सांकरा(जोंक) में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर शिक्षक स्नेह सम्मलेन सह शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। उक्त कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित करके किया गया। कार्यक्रम का संचालन सेवा केंद्र प्रभारी बी के योगेश्वरी दीदी द्वारा किया गया तथा ब्रह्माकुमार हेमराज भाई द्वारा मनोरम स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
इस कर्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में आये ब्राह्मकुमारिस सराईपाली से राजयोगिनी बी के अहिल्या दीदी ने आध्यात्मिक सशक्तिकरण द्वारा स्वच्छ एवं स्वस्थ भारत के निर्माण में शिक्षकों की अहम भूमिका पर सुंदर प्रकाश डालते हुए कहा कि आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग के माध्यम सर एक श्रेष्ठ समाज व सृष्टि कि रचना कर सकते हैं तथा सबको राजयोग की गहन अनुभूति कराई साथ-साथ सुखी एवं स्वस्थ जीवन जीने के लिए ब्रह्मकुमारी सेवा केंद्र सांकरा में निःशुल्क 7 दिन का राजयोग मैडिटेशन कोर्स करने के लिए सभी नगरवासियों को आमंत्रित किया। जो दिनांक 15/09/2024 से प्रारम्भ हो रहा है।
इस कार्यक्रम में मुख्य एवं विशिष्ट अथिति के रूप में आये श्री दीपक देवांगन जी (प्राचार्य – स्वामी आत्मानंद विद्यालय सांकरा), श्री कैलाश अग्रवाल जी (वरिष्ठ भाजपा नेता), श्री नरेंद्र बोरे जी(निज सचिव विधायक बसना), श्री पुरुषोत्तम धृतलहरे जी(जनपद सदस्य एवं समाजसेवी सांकरा) तथा श्रीमती मेमबाई नेताम जी(सरपंच, ग्राम पंचायत सांकरा) के द्वारा श्रेष्ठ समाज के निर्माण के लिए श्रेष्ठ संस्कार धारण करने के लिए प्रेरित किया गया।
माननीय कैलाश चंद्र अग्रवाल जी ने संस्था के कार्य कि सराहना करते हुए कहा कि यहाँ कि जो शिक्षा है पुरे विश्व में भाईचारा लाने का कार्य कर रही है।जिससे संसार में विश्व बधुत्व कि भावना लाया जा सकता है।
वहीं स्वामी आत्मानंद विद्यालय के प्राचार्य श्री दीपक देवांगन जी ने भी कहा कि यह एक शैक्षणिक संस्था है जिसकी शिक्षाओं से दूषित वातावरण, पापाचार, भ्रष्टाचार समाज से नष्ट होता है और मानव समाज में नैतिक मूल्यों का विकास होता है।
कार्यक्रम में श्री नरेंद्र बोरे जी का कहना था कि आज की शिक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए जिसमें व्यक्ति का आंतरिक विकास हो सके। व्यक्ति जीवन जीने की कला सीख सके, जीवन में क्या करना है क्या नहीं करना है, क्या देखना है क्या नहीं देखना है, क्या सोचना है क्या नहीं सोचना है? इस परख शक्ति का विकास हम आध्यात्मिक तरीके से कर सकते हैं।
जनपद सदस्य श्री पुरुषोत्तम धृतलहरे जी ने कहा की शिक्षा ऐसी हो जिसमें समानता का पाठ पढ़ाया जाये,जिससे समाज में ऊंच-नीच की भावना ख़त्म हो सके।
कार्यक्रम के अगली कड़ी में सरपंच महोदया श्रीमती मेमबाई नेताम ने सबको शिक्षक दिवस की बधाई दी। कार्यक्रम के अंत में उपस्थित समस्त शिक्षक एवं शिक्षिकायों को ईश्वरीय सौगात प्रदान कर सम्मानित किया गया तथा सबको ईश्वरीय प्रसाद दिया गया।

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