नई दिल्ली,लखनऊ पत्रकारिता के पेशे में बढ़ती चुनौतियों और गिरती विश्वसनीयता के बीच अब आवश्यक है कि सरकार पत्रकारिता में शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य बनाये। यह बात जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया (जेसीआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अनुराग सक्सेना ने एक गोष्ठी को संबोधित करते हुए कही।
डॉ. सक्सेना ने कहा कि पत्रकारिता केवल खबरें देने का माध्यम नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की नींव है। पत्रकार जनता और सत्ता के बीच सेतु का कार्य करते हैं और इसलिए इस क्षेत्र में योग्य एवं प्रशिक्षित व्यक्तियों का होना समय की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पत्रकारिता नागरिकों को सशक्त करती है, उन्हें स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं से अवगत कराती है और सरकार व संस्थाओं की जवाबदेही सुनिश्चित करती है। इसके साथ ही आपदाओं और आपात स्थितियों में सही सूचना उपलब्ध कराना, अफवाहों और गलत खबरों का मुकाबला करना भी पत्रकारों की बड़ी जिम्मेदारी है।
डॉ. सक्सेना ने कहा कि पत्रकार समाज में व्याप्त कुरीतियों और भ्रष्टाचार को उजागर कर सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। साथ ही इतिहास और घटनाओं का संकलन कर भविष्य के लिए साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं ताकि समाज पिछली गलतियों से सीख ले सके।
उन्होंने कहा कि आज के समय में जब फर्जी खबरों और गैर-जिम्मेदार पत्रकारिता का खतरा बढ़ रहा है, ऐसे में योग्य और प्रशिक्षित पत्रकारों की आवश्यकता और भी बढ़ जाती है। इसलिए सरकार को पत्रकारिता में शैक्षिक योग्यता को अनिवार्य करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
डॉ. सक्सेना ने उम्मीद जताई कि उचित शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण से पत्रकारिता की साख और विश्वसनीयता मजबूत होगी तथा समाज अधिक जागरूक और सशक्त बनेगा।







