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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने रायगढ़ जिले के ग्राम गढ़ उमरिया में नवगुरुकुल का किया शुभारंभ

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नवगुरुकुल : बालिकाओं की शिक्षा और संस्कारों के संवर्धन की नई पहल

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ जिले के प्रवास के दौरान खरसिया तहसील अंतर्गत ग्राम गढ़ उमरिया में नवगुरुकुल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने नवप्रवेशी छात्राओं को लैपटॉप वितरित कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने नवगुरुकुल में स्थापित आधुनिक कंप्यूटर लैब का निरीक्षण करते हुए शिक्षकों को निर्देश दिए कि वे बालिकाओं को उच्चस्तरीय शिक्षा और मूल्य आधारित संस्कार प्रदान करें ताकि उनका भविष्य सुनहरा बने।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए सर्वप्रथम गणेशोत्सव, शिक्षक दिवस और चक्रधर समारोह की बधाई दी। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक राष्ट्र निर्माता होता है, इसलिए समाज में उनका सर्वोच्च सम्मान होना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्मरण कराया कि पिछले वर्ष चक्रधर समारोह के समापन अवसर पर रायगढ़ में प्रयास विद्यालय का उद्घाटन किया गया था और आज नवगुरुकुल की स्थापना इस कड़ी को आगे बढ़ाती है। उन्होंने इस अभिनव पहल के लिए वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुश्री निधि और उनकी टीम की प्रशंसा की तथा कार्यक्रम में उपस्थित सभी बालिकाओं को बधाई देकर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार लगातार युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर कार्य कर रही है। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में भी रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए नई औद्योगिक नीति लागू की गई है, जिससे प्रदेश के युवाओं को व्यापक लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से नवगुरुकुल संस्था द्वारा जशपुर जिले की 150 बालिकाओं को प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने की सराहना की और इस प्रयास को और व्यापक बनाने की प्रेरणा दी।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था में प्रवेश पाने वाली 120 बालिकाएँ अपनी योग्यता और मेहनत का प्रमाण प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में आगे बढ़ने के लिए आत्मविश्वास, ऊर्जा, जज्बा, जुनून और कठिन परिश्रम की पराकाष्ठा आवश्यक है। निराशा के लिए जीवन में कोई स्थान नहीं होना चाहिए क्योंकि निराशा के साथ कोई भी व्यक्ति प्रगति नहीं कर सकता। उप मुख्यमंत्री ने सभी बालिकाओं को निरंतर आगे बढ़ने और सफलता हासिल करने की प्रेरणा दी।

वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार बनने के बाद से प्रदेश में निरंतर विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने नवगुरुकुल की स्थापना को वर्तमान समय की आवश्यकता बताया और कहा कि यह संस्था विशेष रूप से बहनों के लिए समर्पित होकर काम कर रही है। उन्होंने जानकारी दी कि रायगढ़ जिले में 35 करोड़ रुपये की लागत से नालंदा परिसर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने बदलती तकनीक और समय की जरूरतों के अनुरूप छात्राओं को शिक्षा प्राप्त कर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

नवगुरुकुल की सह-संस्थापक सुश्री निधि ने गुरुकुल की शिक्षा प्रक्रिया और प्रशिक्षण पद्धति की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संस्था का उद्देश्य छात्राओं को न केवल तकनीकी शिक्षा देना है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाकर जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने योग्य बनाना है। शुभारंभ समारोह में पूर्व विधायक श्री विजय अग्रवाल, श्री गुरुपाल भल्ला, कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, जिला पंचायत सीईओ श्री जितेंद्र यादव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में छात्राएँ उपस्थित थीं। सभी ने नवगुरुकुल की स्थापना को इस क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक पहल बताते हुए इसे बालिकाओं के विकास और सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर करार दिया।


वरिष्ठ स्वयंसेवक श्री शांताराम सर्राफ जी के निधन पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने व्यक्त किया गहरा शोक

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रायपुर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रांत प्रचारक एवं वरिष्ठ स्वयंसेवक श्री शांताराम सर्राफ जी के देवलोक गमन के समाचार पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने गहरा दुःख व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सर्राफ जी का संपूर्ण जीवन समाज और राष्ट्र के प्रति समर्पण, अनुशासन तथा प्रेरणा का अद्वितीय उदाहरण रहा है। सामाजिक कार्यों में उनके योगदान को सदैव स्मरण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिजनों व शुभचिंतकों को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।


SC/ST एक्ट के तहत एफआईआर की मांग

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विधवा महिला का मकान दबंगों ने जेसीबी से तोड़ा, रविदास समाज ने कवर्धा में किया धरना प्रदर्शन

कवर्धा। छत्तीसगढ़ सर्व रविदास समाज ने 4 सितम्बर को जिला मुख्यालय कवर्धा में धरना-प्रदर्शन कर कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा। समाज ने अनुसूचित जाति की विधवा महिला निर्मला खरे निवासी ग्राम रक्से, थाना सहसपुर लोहारा, जिला कबीरधाम के साथ हुए उत्पीड़न और मकान तोड़े जाने की घटना पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सर्व रविदास समाज के लोगों ने बताया कि जो प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत मकान स्वीकृत हुआ था। ग्राम पंचायत से सहमति प्रमाण पत्र लेकर आवास का निर्माण कार्य लगभग पूरा कर लिया गया था। लेकिन 20 अगस्त 2025 को गांव के कुछ दबंग व्यक्तियों – नेतराम साहू, छन्नू साहू, पूना साहू, बलराम साहू, कमलेश साहू, लीलाराम साहू, मनोज साहू और राममज साहू ने जातिसूचक गालियां देते हुए दबाव बनाया और पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी से नवनिर्मित मकान को जमींदोज कर दिया।

आरोप है कि घटना का वीडियो मोबाइल में रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन पुलिस ने दबंगों का पक्ष लेते हुए मोबाइल जब्त कर सबूत अपने कब्जे में ले लिया। ज्ञापन में कहा गया कि यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 201, 409, 106 तथा आईटी एक्ट की धारा 65/66 के अलावा अनुसूचित जाति एवं जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 की धाराओं के अंतर्गत दंडनीय अपराध है।

रविदास समाज की प्रमुख मांगें

1. नामजद आरोपियों और संबंधित पुलिसकर्मियों के विरुद्ध SC/ST एक्ट एवं अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए।

2. पीड़ित परिवार को मुआवजा एवं पुनर्वास सहायता प्रदान की जाए।

3. पुलिस द्वारा जब्त मोबाइल वीडियो को सुरक्षित बरामद कर न्यायालय में प्रस्तुत कराया जाए।

4. पीड़ित परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए ताकि आगे उत्पीड़न न हो।

 

इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष डाँ. के. एल. टांडेकर, सुनीलरामटेके, बालाराम कोलते, धर्मेंद्र चौरे, प्रोफेसर गजेंद्र, खेमराज भाकरे किशोर कन्नौजे, प्रकाश चौधरी, राजेन्द्र चौरे, परदेसी राम लहरी ,नंदू राडेकर, सुनील करमाकर, तुलसीराम दक्षिणे भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष कवर्धा अमन अनंत, बेमेतरा जिला अध्यक्ष रावल राडेकर, टी. आर. बांधेकर, भीम आर्मी के लाखन सिंह टंडन, कन्हैया लहरी बोडला से रेवाराम खरे सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।


शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है: राज्यपाल श्री रमेन डेका

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शिक्षा के बिना जीवन अधूरा: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

राजभवन में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित

रायपुर 05 सितंबर 2025/राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन के छत्तीसगढ़ मण्डपम् में आयोजित गरिमामय समारोह में वर्ष 2024 के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया।

समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 के लिए सभी सम्मानित शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रदेश के 64 शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने राज्य शिक्षक सम्मान वर्ष 2025 के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की भी घोषणा की।

राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सर्वप्रथम भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, महान दार्शानिक और प्रख्यात शिक्षाविद् डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को उनकी जयंती पर नमन किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास का सशक्त माध्यम है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है। बेहतर शिक्षक एक जिम्मेदार नागरिक तैयार करने में महती भूमिका निभाते हैं।

उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन के प्रेरणास्रोत होते है। उनके विकास में शिक्षकों की बहुत बड़ी भूमिका है। आज का जीवन सरल नहीं है। गिरकर खड़े होना और जीवन की चुनौतियों का सामना कैसे किया जाए यह विद्यार्थियों को सीखाना चाहिए।

श्री डेका ने कहा कि शिक्षक ऐसा पढ़ाएं जिससे बच्चे स्कूलों की ओर आकर्षित हो। स्कूल भवन नहीं बल्कि उसके अंदर क्या पढ़ा रहे है ये महत्वपूर्ण है। उन्होंने प्राचीन भारत की गुरूकुल परंपरा को श्रेष्ठ बताया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक गेम चेन्जर है। इस नीति के अनुरूप बच्चों को शिक्षा मिले यह शिक्षकों की जिम्मेदारी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई है, जिसका मूल उद्देश्य यही है कि शिक्षा अधिक व्यवहारिक, कौशल आधारित और सर्वांगीण बनाया जाए। इस नीति में विशेष बल मातृभाषा में शिक्षा पर दिया गया है। बालक को उसकी मातृभाषा में शिक्षा देने से वह अधिक रूचि तथा सहजता के साथ शिक्षा ग्रहण करता है।

श्री डेका ने कहा कि नवाचारी शिक्षा अपने आप में एक मिसाल है। यह गौरव का विषय है कि हमारे शिक्षक साथी अध्यापन के लिए नए-नए उपयोगी शिक्षण सहायक सामग्री का उपयोग कर रहें हैं, जिससे बच्चों को सिखाना, रुचिकर एवं सहज हो गया है। बदलते परिवेश के अनुसार बच्चों को शिक्षा दिया जाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इस हेतु सार्थक पहल एवं प्रयास की आवश्यकता है। पाठ्यक्रमों में भी उचित पाठों का समावेश किया जाना समय की मांग है।

समारोह की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता होते हैं। वे देश को ऐसे राष्ट्रभक्त नागरिक देते हैं, जो आगे चलकर समाज और राष्ट्र की उन्नति में योगदान देते हैं। जिस प्रकार दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, उसी प्रकार शिक्षक भी अनेक कठिनाइयों के बावजूद ज्ञान का उजाला फैलाते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और इस रजत जयंती वर्ष में प्रदेश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। शिक्षा विकास का मूलमंत्र है और इसके बिना जीवन अधूरा है। पिछले वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में भी व्यापक विस्तार हुआ है। आज प्रदेश में 20 से अधिक विश्वविद्यालय, 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज और राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, एम्स तथा लॉ विश्वविद्यालय स्थापित हैं।

श्री साय ने कहा कि सरकार का संकल्प है कि हर बच्चे को आसानी से शिक्षा उपलब्ध हो। इसी दृष्टि से प्रत्येक 1 किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय, 3 से 4 किलोमीटर पर माध्यमिक विद्यालय, 6 से 7 किलोमीटर पर हाई स्कूल, 8 से 10 किलोमीटर पर हायर सेकेंडरी विद्यालय और प्रत्येक विकासखंड में महाविद्यालय खोले जा रहे हैं। उन्होंने शिक्षा विभाग के नवाचारी पहल पर भी अपने विचार साझा किए।

समारोह में उपस्थित विशिष्ट अतिथि स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होेने से प्रदेश में शिक्षा का स्तर आने वाले समय में और बेहतर होगा। उन्होंने आगामी वर्ष के लिए राज्य शिक्षक सम्मान के लिए चयनित शिक्षकों के नामों की घोषणा की।

राज्यस्तरीय समारोह में चार उत्कृष्ट शिक्षकों सूरजपुर जिले के श्री अजय कुमार चतुर्वेदी को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कबीरधाम जिले के श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी को श्री गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार, सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की श्रीमती सुनीता यादव को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरूस्कार और रायगढ़ जिले के श्री भोजराम पटेल को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी तरह प्रधान पाठक, व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी., शिक्षक एल.बी., सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक एल.बी वर्ग के 64 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने स्वागत उद्बोधन दिया। आभार प्रदर्शन संचालक लोक शिक्षण श्री ऋतुराज रघुवंशी ने किया।

समारोह में राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी, विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री संजीव झा सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री से ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने की सौजन्य मुलाकात

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मुख्यमंत्री ने गोंडी अनुवादक ऐप ‘आदि वाणी’ परियोजना की सफलता पर दी बधाई

रायपुर, 05 सितंबर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से यहाँ उनके निवास कार्यालय में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के निदेशक प्रोफेसर ओमप्रकाश व्यास ने सौजन्य मुलाकात की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ‘आदि वाणी’ परियोजना के अंतर्गत गोंडी भाषा अनुवादक मोबाइल ऐप के सफल लॉन्च पर प्रोफेसर व्यास एवं उनकी टीम को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का विषय है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस ऐप के माध्यम से गोंडी बोलने वाले जनजातीय भाई-बहनों की आवाज़ राष्ट्रीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुँचेगी। यह तकनीक उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने, शिक्षा तथा शासन-प्रशासन में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने का सशक्त माध्यम बनेगी। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ट्रिपल आई टी नया रायपुर भविष्य में भी इसी प्रकार के नवाचार और समाजोन्मुखी अनुसंधान से प्रदेश एवं देश का गौरव बढ़ाएगा।

प्रोफेसर व्यास ने मुख्यमंत्री को बताया कि इस परियोजना में गोंडी भाषा के लिए टेक्स्ट-टू-स्पीच एवं अनुवाद प्रणाली विकसित की गई है। इसके माध्यम से गोंडी से हिंदी और अंग्रेज़ी तथा इसके विपरीत अनुवाद संभव होगा। यह सुविधा अब मोबाइल ऐप के रूप में भी उपलब्ध है, जिससे आम नागरिक इसे आसानी से उपयोग कर सकेंगे।

उन्होंने अवगत कराया कि इस परियोजना में ट्रिपल आई टी नया रायपुर के साथ-साथ आईआईटी दिल्ली, आईआईटी हैदराबाद और बिट्स पिलानी जैसे देश के प्रतिष्ठित संस्थान भी सहभागी हैं। ‘आदि वाणी’ परियोजना को भारत सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा प्रायोजित किया गया है।

प्रोफेसर व्यास ने बताया कि इस उपलब्धि से ट्रिपल आई टी नया रायपुर ने राष्ट्रीय पटल पर अपनी सार्थक उपस्थिति दर्ज कराई है। विशेष रूप से बस्तर अंचल के 30 लाख से अधिक गोंडी भाषी समुदाय को इस तकनीक से अपनी भाषा और संस्कृति की पहचान सुरक्षित करने और डिजिटल युग में अपनी आवाज़ को बुलंद करने का अवसर मिलेगा।


ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि देश के युवाओं के लिए प्रेरणादायी: मुख्यमंत्री श्री साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने शिक्षक दिवस के खास मौके पर मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान का किया शुभारंभ

अंतरिक्ष यात्री श्री शुभांशु शुक्ला ने बच्चों के साथ साझा किए अपने अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव

जिला प्रशासन रायपुर और इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन तथा विज्ञान भारती के मध्य हुए दो महत्वपूर्ण समझौते

अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में भारतीय मेधा की बढ़ेगी दखल

रायपुर, 05 सितंबर 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री निवास परिसर से स्कूली बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूकता के लिए मिशन अंतरिक्ष और प्रोजेक्ट जय विज्ञान अभियान का शुभारंभ किया। इस दौरान जिला प्रशासन रायपुर और इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड फाउंडेशन के रतनेश मिश्रा तथा जिला प्रशासन रायपुर और विज्ञान भारती के मध्य दो महत्वपूर्ण समझौते हुए, जिनसे बच्चों को अंतरिक्ष से जुड़े विषयों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों की ओर से ग्रुप कैप्टन श्री शुभांशु शुक्ला को उनकी सफल अंतरिक्ष यात्रा के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं और उनका अभिनंदन किया। उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को नमन करते हुए सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन की इस विशेष पहल की सराहना करते हुए कहा कि इन समझौतों का उद्देश्य स्कूली विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना और विज्ञान के प्रति जिज्ञासा एवं उत्साह को बढ़ाना है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक सोच है। विज्ञान प्रश्न पूछने और तर्क करने की शक्ति और समस्याओं का समाधान खोजने की क्षमता प्रदान करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रोजेक्ट जय विज्ञान के अंतर्गत आयोजित कार्यशालाएं, विज्ञान प्रदर्शनियाँ, प्रतियोगिताएँ और नवाचारी परियोजनाएँ विद्यार्थियों को नई चीजें सीखने और आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर देंगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ के बच्चे केवल ज्ञान के उपभोक्ता नहीं, बल्कि नए विचारों और खोजों के सृजनकर्ता बनेंगे। यही आत्मनिर्भर भारत और विज्ञान-आधारित समाज की सच्ची नींव है।

मुख्यमंत्री ने बच्चों से आह्वान किया कि वे श्री शुभांशु शुक्ला से प्रेरणा लेकर अपनी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ें और अपना तथा देश का नाम ऊँचा करें।

अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन श्री शुभांशु शुक्ला ने कहा कि देश ने जो अवसर उन्हें प्रदान किया है, उसे आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा—“मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी का मैं विशेष आभार व्यक्त करता हूँ कि उनकी पहल से ऐसे सार्थक कार्यक्रम आयोजित हो पा रहे हैं। जब प्रदेश का मुखिया विज्ञान और शिक्षा से जुड़े आयोजनों को महत्व देता है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे प्रदेश पर पड़ता है और बच्चों के भीतर नई ऊँचाइयों तक पहुँचने की प्रेरणा उत्पन्न होती है।”

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव, कलेक्टर रायपुर श्री गौरव कुमार सिंह, प्रदेश भर से जुड़े स्कूली छात्र-छात्राएँ और शिक्षकगण उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने ईद मिलादुन्नबी पर दी शुभकामनाएँ

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने ईद मिलादुन्नबी के पावन अवसर पर प्रदेशवासियों विशेषकर मुस्लिम धर्मावलंबियों को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं।


630 एनएचएम कर्मचारियो ने सी.एम.एच.ओ.को सौपा सामूहिक त्यागपत्र

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630 एनएचएम कर्मचारियो ने सी.एम.एच.ओ.को सौपा सामूहिक त्यागपत्र

25 प्रतीय पदाधिकारी एवं जिलाध्यक्षो की सेवा समाप्ति के विरोध मे लिया निर्णय.

प्रदेश भर मे 16500 एनएचएम कर्मचारियो ने दिया त्यागपत्र.

एनएचएम कर्मचारियो का 18 वें दिन भी आंदोलन जारी
सूरजपुर ,एनएचएम कर्मचारी संघ का आंदोलन और भी उग्र हो गया है,कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है जब तक हमारे मांगो पर आदेश जारी नही हो जाता तब तक हम अपना विरोध जारी रखेगें.कर्मचारियो का कहना है कि विधान सभा चुनाव के दौरान सरकार ने कई वादे किये थे,जिनमे मुख्य रूप से मोदी की गारंटी को प्रचारित किया गया था ,इन बातो को पूरा न किये जाने से कर्मचारियो मे भारी नाराजगी है,संघ का दावा है 160 से ज्यादा बार आवेदन, निवेदन करने के बाद भी मांगो पर कोई ध्यान नही दिया गया,जिसके चलते 18 अगस्त से प्रदेश के 33 जिलो के 16000 से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर है.
प्रमुख मांगे और सरकार पर आरोप:-
1.नियमितीकरण/सविलियन
2.पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना
3.ग्रेड पे का निर्धारण
4.लंबित 27%वेतन वृद्धि
एवं अन्य 10 सूत्रीय मांग शामिल है.
संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि हम अपने हक की लड़ाई लड रहे है और सरकार की दमनकारी रवैया हमे डरा नही सकती.उन्होने चेतावनी दी है कि उनकी मांगे जल्द पूरी नही की गई तो आंदोलन और उग्र होगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
स्वास्थ्य मंत्री के उस दावे को कर्मचारियो को भ्रामक जानकारी बताया जिसमे उन्होंन कहा था कि पांच मांगो को पूरी कर दी गई है,कर्मचारियो ने लिखित आदेश जारी करने की मांग की है.
नोटिस के बाद भी उत्साह मे किसी प्रकार की कोई कमी नही है:-
दिनांक 29/8/25 को हड़ताल मे शामिल सभी कर्मचारियो के लिए स्वास्थ्य सचिव का पत्र आया जिसके परिपेक्ष मे समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियो द्वारा पत्र जारी किया गया जिसमे कर्मचारी ड्यूटी ज्वाइन करे नही तो अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश जारी किया गया.फिर भी हड़ताली कर्मचारियो के उत्साह मे किसी प्रकार की कोई कमी नही आयी.कर्मचारियो का कहना है कि हड़ताल हमारा शौक नही मजबूर होकर हडताल कर रहे है,घोषणापत्र के अध्यक्ष सांसद मान.श्री विजय बघेल ने एक टी वी इंटरव्यू मे कर्मचारियो के मांगो को जायज बताया एवं वृत्त मंत्री व मुख्य मंत्री से चर्चा करने का आश्वासन दिया.
आज सूरजपुर मे एनएचएम कर्मचारियो ने (25 )प्रांतीय पदाधिकारीयों एवं जिलाध्यक्षो की बर्खास्तगी की कार्रवाई के विरोध मे एकत्र होकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सूरजपुर को सामूहिक त्यागपत्र सौपा.जिसमे
एनएचएम के समस्त 630 अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.


रायपुर एनआईटी-एफआईई को राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार

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स्टार्टअप्स को उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन के लिए मिलेगा पुरस्कार

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी शुभकामनाएँ

एनआईटी-एफआईई ने छत्तीसगढ़ में अब तक 40 से अधिक स्टार्टअप्स को दिया बढ़ावा

रायपुर, एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (एफआईई) को चौथे भारत उद्यमिता शिखर सम्मेलन में राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। यह आयोजन 13 सितंबर को नई दिल्ली के संसद मार्ग स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में होगा। भारत के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एनआईटी रायपुर-एफआईई के उत्कृष्ट योगदान के लिए यह सम्मान दिया जा रहा है। संस्था को यह सम्मान राज्य में 35 से आधिक नये स्आर्टअप्स को मार्गदर्शन और उन्हें उत्कृष्ट तकनीकी सहयोग के लिए मिलेगा। भारत उद्यमिता शिखर सम्मेलन का आयोजन भारतीय उद्यमी संघ (ईएआई) और एंटरप्राइजिंग जोन-ईजेड द्वारा किया जा रहा है, जो भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त इन्क्यूबेशन केंद्र है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर संस्थान को बधाई देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में लगातार स्टार्टअप्स को बढ़ावा मिल रहा है। यह पुरस्कार छत्तीसगढ़ में तेजी से बदल रहे औद्योगिक वातावरण को प्रोत्साहित करेगा। एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप को प्रतिष्ठित राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार मिलना छत्तीसगढ़ के लिए गर्व की बात है। स्टार्टअप्स के पोषण और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एनआईटी रायपुर-एफआईई की टेक्नोलॉजी आधारित गतिविधियां हमारे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देंगी, और छत्तीसगढ़ को नवाचार के केंद्र के रूप में स्थापित करेंगी। मुख्यमंत्री ने पूरी टीम को बधाई देते देते हुए उम्मीद जताई कि यह संस्था युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने और तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने में निरंतर सफलता हासिल करेगी।

एनआईटी रायपुर के निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव ने कहा कि राष्ट्रीय इन्क्यूबेटर पुरस्कार नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में संस्था की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। उन्होंने बताया कि एफआईई लगातार एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने में जुटा है, जो तकनीकी स्टार्टअप्स को सहयोग देकर उन्हें सफल उद्यमों में बदलता है। यह उपलब्धि उन्हें नई पीढ़ी के उद्यमियों को और मजबूती देने की प्रेरणा देती है।

गौरतलब है कि एनआईटी रायपुर-एफआईई एक गैर-लाभकारी संस्था के रूप में मार्च 2021 में स्थापित हुआ। जो एनआईटी रायपुर का प्रौद्योगिकी व्यापार इन्क्यूबेटर है और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की राष्ट्रीय नवाचार विकास और दोहन पहल (निधि) योजना के तहत कार्य करता है। संस्था ने अब तक छत्तीसगढ़ में 35 से अधिक स्टार्टअप्स को बढ़ावा दिया है। इनमें से कुछ स्टार्टअप्स गवर्नेंस और मेडिकल उपकरण निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। जबकि कुछ एनालिटिक्स, डीप-टेक, क्लीन टेक और सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) समेत अलग-अलग क्षेत्र से जुड़े हैं।

एनआईटी रायपुर एफआईई का संचालन निदेशक डॉ. एन. वी. रमना राव और कैरियर डेवलपमेंट सेंटर प्रमुख डॉ. समीर बाजपेयी के नेतृत्व में हो रहा है। परिचालन टीम में डॉ. अनुज कुमार शुक्ला (फैकल्टी प्रभारी), श्री पवन कटारिया (अधिकारी प्रभारी) और सीईओ श्रीमती मेधा सिंह जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। एफआईई ने तकनीकी स्टार्टअप्स को व्यापक सहयोग देकर खुद को देश के स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित किया है। जिनमें स्टार्टअप शुरू करना, कंपनी बनाना, तकनीकी मार्गदर्शन समेत स्टार्टअप्स से जुड़े सभी तरह के समर्थन शामिल हैं। छत्तीसगढ़ का कोई भी युवा यदि अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता है तो वह इसके लिए एनआईटी रायपुर एफआईई से संपर्क कर सकता है।


मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर त्वरित अमल

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बाढ़ पीड़ितों को राशन-ईलाज के साथ अब जरूरी दस्तावेज बनाने का काम भी शुरू

तत्काल मुआवजा और सहायता से मिली बड़ी राहत

रायपुर, बस्तर संभाग में पिछले सप्ताह हुई अतिवृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया था। अपने विदेश दौरे से लौट कर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दंतेवाड़ा पहुंचकर संभागीय बैठक में जिला कलेक्टरों को राहत और बचाव कार्यो में तेजी लाने के सख्त निर्देश दिये थे। अब मुख्यमंत्री के इस निर्देश पर तेजी अमल किया जा रहा है। बाढ़ पीड़ित नागरिकों को जहां एक ओर राशन, ईलाज और दवाईयां के साथ-साथ गैस चुल्हे और सिंलेण्डर दिये गये हैं वहीं राहत शिविरों में उनके दैनिक जीवन की उपयोगी सभी व्यवस्थाएं भी की गई है। अब बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही नुकसान का वास्तविक आंकलन और अन्य जरूरी सहायता तथा मुआवजा देने की कार्यवाही पर भी तेजी से अमल किया जा रहा है। बाढ़ के पानी में खराब या नष्ट हो गये जरूरी दस्तावेजों को बनाने का काम भी राजस्व विभाग ने शुरू कर दिया हैं। बाढ़ की इस भीषण आपदा में छत्तीसगढ़ सरकार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय नेतृत्व में एक संवेदनशील पहल कर त्वरित राहत कार्य और सहायता-मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर पीड़ित परिवारों को एक बड़ी राहत दी है।

बाढ़ से प्रभावित गाँवों में राहत दल तेजी से काम कर रहे हैं। इसके साथ ही प्रभावित गांवों में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बस्तर जिले के लोहन्डीगुड़ा तहसील के मांदर गांव के प्रभावित किसानों को किसान किताब वितरित की जा रही है, जो बाढ़ के कारण बह गई थी। किसान किताब के मिलने से किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने और भविष्य में किसी भी सहायता के लिए पात्र बनने में मदद करेगी। वहीं प्रभावितों को नवीन राशन कार्ड, किसान क्रेडिट कार्ड एवं बैंक पासबुक तैयार कर प्रदान किया जा रहा है। इसके साथ ही जिला प्रशासन की टीमें नुकसान का आकलन करने के लिए घर-घर सर्वे कर रही हैं और पात्रता के अनुसार तत्काल राहत राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर कर भुगतान कर रही हैं।

सरकार का ध्यान इस बात पर है कि किसी भी पीड़ित परिवार को उनकी जरूरत के समय अकेला न छोड़ा जाए। इसके लिए, मकान क्षति सहित पशु, फसल और घरेलू सामग्री की क्षति का विस्तृत ब्यौरा तैयार कर, हर एक प्रकरण पर गंभीरता से काम किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है, ताकि जरूरतमंद प्रभावितों तक मुआवजा राशि सीधे और समय पर पहुँच सके।

स्थानीय प्रभावित परिवारों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है। एक प्रभावित ग्रामीण श्री मुरहा पटेल ने कहा कि हमने सोचा था कि बाढ़ के बाद सब कुछ खत्म हो गया, लेकिन सरकार की इस त्वरित मदद ने हमें फिर से जीवन को नये सिरे से शुरू करने की उम्मीद दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जिला आधिकारियों की इस पहल को प्रशासन की ओर से एक मजबूत और मानवीय दृष्टिकोण के रूप में देखा जा रहा है। जो यह दर्शाता है कि आपदा की घड़ी में सरकार न सिर्फ राहत कार्य बल्कि पुनर्वास और भविष्य की सुरक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध है। इस तरह के प्रयास बाढ़ पीड़ितों को आर्थिक और मानसिक दोनों तरह से सहारा देते हैं, जिससे उन्हें जीवन को सामान्य पटरी पर लाने में मदद मिलती है।