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पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री श्री अग्रवाल 3 सितम्बर को रामलला दर्शन के लिए तीर्थ यात्रियों की ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना

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राजनांदगांव एवं दुर्ग से स्पेशल ट्रेन से 850 तीर्थ यात्री जाएंगे अयोध्या धाम

रायपुर, 02 सितम्बर 2025/ प्रभु श्रीराम के दर्शन और अयोध्या धाम, काशी विश्वनाथ की यात्रा के लिए कल 3 सितम्बर को राजनांदगांव और दुर्ग जिले से 850 तीर्थ यात्रियों का दल रवाना होगा। पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री श्री राजेश अग्रवाल राजनांदगांव रेलवे स्टेशन में पूर्वान्ह 11.20 बजे अयोध्या धाम और काशी विश्वनाथ जाने वाली इस स्पेशल ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। 850 दर्शनार्थियों के इस दल में दुर्ग और बस्तर संभाग के यात्री शामिल हैं। मंत्री श्री राजेश अग्रवाल तीर्थ यात्रियों की स्पेशल ट्रेन से राजनांदगांव से रवाना होकर दुर्ग आएंगे और यहां से अयोध्या धाम दर्शन के लिए जाने वाले तीर्थ यात्रियों से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाओं के साथ रवाना करेंगे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रीरामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत प्रदेश के नागरिकों को प्रभु श्रीराम के दर्शन के साथ ही अयोध्या धाम और काशी विश्वनाथ की निःशुल्क यात्रा का प्रबंध होता है। यह योजना 5 मार्च 2024 से प्रारंभ हुई है। इस योजना के तहत अब तक प्रदेश के 28 हजार से अधिक लोगों को अयोध्या धाम की निःशुल्क यात्रा का लाभ मिला है। अयोध्या धाम के लिए राजनांदगांव से यात्रा का यह दूसरा चरण है। श्रीराम लला अयोध्या धाम दर्शन योजना के तहत तीर्थ यात्रा के लिए जाने वाले दर्शनार्थियों के जाने-आने एवं यात्रा के दौरान ठहरने और भोजन इत्यादि का प्रबंध छत्तीसगढ़ सरकार की ओर होता है। राजनांदगांव से अयोध्या धाम के लिए स्पेशल ट्रेन की रवानगी के अवसर पर आयोजित संक्षिप्त कार्यक्रम में राजनांदगांव के सांसद श्री संतोष पांडे, महापौर श्री मधुसूदन यादव, पूर्व सांसद श्री अशोक शर्मा, विधायक श्री ईश्वर साहू, श्री डोमन लाल कोर्सेवाडा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री किरण वैष्णव, आईआरसीटीसी, रेलवे जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहेंगे। इस स्पेशल ट्रेन के दुर्ग स्टेशन पहुंचने पर दर्शनार्थियों का स्वागत पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मस्व मंत्री श्री राजेश अग्रवाल और मंत्री स्कूल शिक्षा एवं ग्रामोद्योग, छत्तीसगढ़ शासन श्री गजेंद्र यादव की मौजूदगी में होगा। दुर्ग स्टेशन से इस ट्रेन को उसके गतव्य के लिए मंत्री द्वय सहित दुर्ग के सांसद श्री विजय बघेल, विधायक दुर्ग ग्रामीण श्री ललित चन्द्राकार, महापौर दुर्ग श्रीमती अलका बाघमारे, विधायक साजा श्री ईश्वर साहू, विधायक अहिरवारा श्री डोमन लाल कोर्सेवाडा और अन्य जनप्रतिनिधिगण फ्लेग ऑफ करके रवाना करेंगे। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा की विशेष पहल के चलते राजनांदगांव से दूसरी बार अयोध्या धाम दर्शन के लिए स्पेशल ट्रेन जाने का अवसर सुलभ हुआ है। इससे दुर्ग और बस्तर संभाग के तीर्थ यात्रियों को सहूलियत हुई है।


प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज की पत्रकार वार्ता

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बस्तर के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा किया जाए

रायपुर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पूरे बस्तर में पिछले एक हफ्ते में बारिश ने जो कहर बरपाया है। ऐसा मंजर पिछले 100 साल में देखने को नहीं मिला। यह बड़ी त्रासदी है जो बस्तर के लोगों को झेलनी पड़ रही है। इस बरसात ने सड़कों, पुल-पुलियों को तबाह किया ही है, आम आदमी की रोजी-रोटी के साधन खेती-बाड़ी सभी बर्बाद हो गये है।

1 लगातार तीन दिनों तक बस्तर दंतेवाड़ा एवं अन्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर हमने सभी जगह की स्थिति देखी, लोग बहुत परेशानी में है, खाना, पीना, दवाइयां कुछ भी नहीं उनके पास।
2 लोगों के घर टूट गये, घर में रखे सामान गंज-बर्तन, दाल-चावल, गैस-चुल्हा, टीवी, फ्रीज, कम्प्यूटर, कपड़ा, बेड, सोना-चांदी, नगद पैसा, आलमारी सभी बह गया।
3 स्कूल बच्चों का कॉपी-पुस्तक, ड्रेस, अंकसूची सभी बह गये।
4 किराना दुकान का सामान, ट्रेक्टर, मोटर सायकल, कार, सोफा-सेट सभी बह गये।
5 मुर्गा, बकरा, गाय-बैल सब बह गये।
6 किसानों का फसल, जमीन का कागजात बह गया।
7 घरों में रखा कपड़ा अनाज, नगदी रुपया सब कुछ बह गया, बर्बाद हो गया। जीवन थम गया है, लोगों के चेहरे में बेबसी, लाचारी साफ दिख रही।
8 हमने अनेकों गांव का दौरा कर बाढ़ पीड़ित परिवारों की समस्याएं सुना और हाल-चाल जाना। दंतेवाड़ा भी गया था। बाँगापाल, बड़े तुमनार, दंतेवाड़ा, आवराभाटा, सुरभि कॉलोनी, बालपेट (भैरमबद़) का दौरा किया। छोटी टिफरा, मांदर, नेगानार, चित्रकोट, हारमपारा, बास्तानार, बड़े किलेपाल, छोटे किलेपाल, बड़े काकलूर, कुमार साडरा, बोधेनार सहित दर्जनों गांव का दौरा किया। बालपेट हाई स्कूल व (भैरमबद़) के राहत शिविर भी गया था पीड़ितों से मुलाकात की। बाढ़ पीड़ितों ने बताया कि जो राहत सामग्री मिल भी रहा है तो वो नाकाफी है। कुछ को मिला, तो कुछ को नहीं।

तुरंत सरकार यह कदम उठाए

1. प्रभावितों को तात्कालिक राहत राशि 50000 और मुआवजा राशि दस लाख का वितरण करे।
2. बस्तर के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा किया जाए।
3. टूट चुके मार्गो पुल पुलिया का मरम्मत शुरू कर आवागमन को बहाल किया जाय।
4. बिजली व्यवस्था तुरंत बहाल की जाए।
5. प्रभावितों का व्यवस्थापन सुरक्षित स्थान पर उनकी सहमति से किया जाए।
6. स्कूली बच्चों को कापी किताब बस्ते स्कूल ड्रेस उपलब्ध करवाया जाए।

मुख्यमंत्री बस्तर गये थे, लेकिन उनका बस्तर दौरा भी केवल खानापूर्ति साबित हुआ

 मुख्यमंत्री केवल दो तीन प्रभावितो को राहत का चेक दिये। कुछ लोगों को साड़ियां दिया वह भी फटी हुई थी। शिकायत करने पर प्रभावित को थाने में तीन घंटे बैठा कर रखा गया।

 पक्के मकान के लिए केवल 1 लाख बीस हजार तथा कच्चे मकान के लिए 10 हजार मुआवजे की घोषणा की गयी है, जो अपर्याप्त है। यह राशि बढ़ाई जानी चाहिए, पक्के मकान को 10 लाख, कच्चे मकान के 5 लाख मुआवजा दिया जाय। मुख्यमंत्री का दौरा बस्तर वासियों के जले में नमक साबित हुआ।

 हमने भी कांग्रेसजनों और प्रदेश की जनता से बस्तर के बाढ़ प्रभावितों की मदद की अपील किया है। मैं सभी से आग्रह करता हूं अपनी क्षमता के अनुसार बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिये आगे आयें।

 प्रदेश कांग्रेस की तरफ से भी हम राहत सामग्री भेजने की तैयारी कर रहे है।

कांग्रेस कभी किसी के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करती – दीपक बैज

भाजपा महिला मोर्चा के द्वारा कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन घेराव की कोशिशों पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि बिहार में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान किसी भी कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री मोदी के लिए उनकी मां के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया। प्रधानमंत्री को गाली देने वाले युवक की नजदीकियां भाजपा के नेताओं से है, उसके अनेक फोटो भाजपा के केंद्रीय मंत्रियों, बिहार राज्य के नेताओं के साथ वायरल है। कृषि मंत्री शिवराज के साथ भी उसकी फोटो वायरल है। गाली गलौच का किसी के लिए भी प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। राजनीति में स्तरहीन भाषा के प्रयोग की शुरूआत तो स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए जर्सी गाय, 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड, कांग्रेस की विधवा जैसी स्तरहीन भाषा नरेन्द्र मोदी की ही थी। भारतीय जनता पार्टी के हिमांचल के प्रदेश अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने मंच से राहुल गांधी के लिए मां की गंदी गाली दिया है सोशल मीडिया पर सतपाल सत्ती का भाषण सुना जा सकता है। सत्ती और स्वयं मोदी की भाषा बताती है कि भाजपा किस स्तर की राजनीति करती है।

पत्रकार वार्ता में प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू, प्रदेश कांग्रेस विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महामंत्री सकलेन कामदार, वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेन्द्र वर्मा, संयुक्त महासचिव डॉ. अजय साहू, सारिक रईस खान, प्रवक्ता अजय गंगवानी उपस्थित थे।


मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े द्वारा कलेक्टर को दिए निर्देश की हो रही अवहेलना ! सूरजपुर जिले में खुले आम हो रही यूरिया खाद की कालाबाजारी !

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सूरजपुर,विष्णु के सुशासन में यूरिया खाद का जिले में चल रहा खुले आम कालाबाजारी 266 रुपए के यूरिया की बोरी का किसानों से 900 रुपए तक लिया जा रहा आखिर जिम्मेदार अधिकारियों का इनपर कार्यवाही नहीं करने का क्या है कारण। पूरे प्रदेश में किसान यूरिया खाद को लेकर काफी परेशान नजर आ रहे हैं वही सूरजपुर जिले में भी किसान यूरिया खाद को लेकर बहुत परेशान है इन्हीं परेशानियों का फायदा उठाते हुए यूरिया खाद की कालाबाजारी जोरो शोरो से चल रही है !किसानों से 266 रुपए मूल्य की 45 किलो की बोरी का 900 से 1000 रुपए तक किसानों से लिया जा रहा है। खाद की इतनी कालाबाजारी और महंगाई से किसान बहुत परेशान है और मजबूरन किसान इन्हीं महंगे यूरिया को खरीद रहे है ताकि उनकी फसल और मेहनत बर्बाद ना जाए ।आखिर जिले में खुलेआम चल रहे हैं इस कालाबाजारी को रोकने के लिए प्रशासन क्यों आगे नहीं आ रही है इसका क्या कारण है आखिर खुलेआम इस तरह से कालाबाजारी कैसे हो पा रही है!


मेड इन इंडिया चिप्स, स्वर्णिम भारत की नई पहचान’ : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप आज भारत ने तकनीक के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा है। Semicon India 2025 सम्मेलन में देश का पहला स्वदेशी 32-बिट माइक्रोप्रोसेसर ‘विक्रम’ लॉन्च किया गया है। यह उपलब्धि भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और नवाचार क्षमता का सशक्त प्रमाण है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ‘विक्रम’ प्रोसेसर का निर्माण पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह प्रोसेसर भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के स्पेस लॉन्च व्हीकल्स के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। इससे न केवल भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी को मजबूती मिलेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत अपनी तकनीकी श्रेष्ठता का परिचय देगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस उपलब्धि को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की दृढ़ इच्छाशक्ति और निर्णायक नेतृत्व का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में भारत ने अर्धचालक निर्माण (Semiconductor Manufacturing) के क्षेत्र में जिस तीव्रता से प्रगति की है, वह विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह उपलब्धि भारत की युवा इंजीनियरिंग प्रतिभा और वैज्ञानिक समुदाय की मेहनत का भी परिणाम है। आत्मनिर्भर भारत के संकल्प के अनुरूप स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण यह संदेश देता है कि भारत अब केवल उपभोक्ता नहीं बल्कि निर्माता और वैश्विक तकनीकी नेतृत्वकर्ता के रूप में उभर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों को यह सफलता और अधिक गति प्रदान करेगी। स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर न केवल अंतरिक्ष अनुसंधान बल्कि रक्षा, संचार और अन्य उच्च तकनीकी क्षेत्रों में भी उपयोगी सिद्ध होगा। यह भारत को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव जी को हार्दिक बधाई और अभिनंदन दिया। उन्होंने कहा कि यह सफलता स्वर्णिम भारत की नई पहचान है और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगी।


पापा, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?” – दिल की बीमारी से जूझ रही मासूम शांभवी गुरला का सवाल

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स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भोपालपटनम से आए परिवार को दिया संपूर्ण इलाज का भरोसा

रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में होगा रियूमेटिक हार्ट डिजीज (आरएचडी) का इलाज

रायपुर,बीजापुर जिले भोपालपटनम ब्लॉक के वरदली गांव की 7वीं कक्षा में पढ़ने वाली 11 वर्षीय शांभवी गुरला की मासूम आंखों में एक ही सवाल था— “पापा, मुझे क्या हुआ है, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?”
खेती-किसानी कर परिवार का गुजारा करने वाले उसके पिता इस सवाल पर अक्सर चुप हो जाते थे। तीन महीने पहले जिला अस्पताल बीजापुर में जब डॉक्टरों ने बताया कि शांभवी को रियूमेटिक हार्ट डिजीज (RHD) है, तो पिता के पांव तले जमीन खिसक गई। डॉक्टरों ने रायपुर में इलाज कराने की बात कही, लेकिन परिवार को लगा कि रायपुर में इलाज में तो बहुत ज्यादा खर्च लगता होगा, ये सोच कर परिवार की उम्मीदें टूटने लगीं।

घर में हर रोज यही चर्चा होती—“अब क्या होगा? हम अपनी बेटी का इलाज कैसे कराएंगे?” मां रोती और शांभवी को सीने से लगाकर कहती—“बेटा, सब ठीक होगा।” लेकिन उसके पिता की आंखों में चिंता साफ झलकती थी। आखिरकार उन्होंने हिम्मत जुटाई और बेटी को लेकर सीधे स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास पहुंचे। स्वास्थ्य मंत्री ने बच्ची से मुलाकात की और तुरंत ही रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में डॉ. स्मित श्रीवास्तव से बात की। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज तुरंत शुरू किया जाए। खर्च की चिंता मत करें, सरकार पूरी जिम्मेदारी लेगी।”

स्वास्थ्य मंत्री की यह बात सुनते ही शांभवी की मां की आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने कांपती आवाज़ में कहा— “मंत्री जी, आप हमारी बेटी को नया जीवन दे रहे हैं। आप हमारे लिए किसी डाक्टर से कम नहीं।” स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर शांभवी को इलाज के लिए एसीआई रायपुर में लाया गया है। यहां डॉक्टरों की टीम उसकी जांच करेगी और उसका इलाज शुरू करेगी। गौरतलब है कि सरकार का यह कदम सिर्फ एक बच्ची के लिए नहीं, बल्कि राज्य के हर एक गरीब परिवार के लिए भरोसे का संदेश है।

अब माता पिता के चेहरे पर खुशी के भाव देखकर आज शांभवी भी मुस्कुरा रही है और पिता से बार-बार पूछती है— “पापा, मैं जल्दी खेल पाऊंगी ना?” और इस बार पिता की आंखों में आंसू नहीं, बल्कि उम्मीद की चमक है।


किसानों के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की बड़ी पहल रू इस माह मिलेगा 60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया

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चालू खरीफ सीजन में अब तक 6.39 लाख टन यूरिया वितरित, गत वर्ष इसी अवधि में हुआ था 6.17 लाख टन का वितरण

राज्य में यूरिया और अन्य रासायनिक खाद पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध, किसानों की मांग पर केंद्र सरकार ने स्वीकृत किया अतिरिक्त आबंटन

रायपुर, 01 सितम्बर 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किसानों के हित में एक बड़ी राहत मिल रही है। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए 60 हजार टन अतिरिक्त यूरिया का आबंटन स्वीकृत किया है। इसमें सितम्बर माह के प्रथम सप्ताह में 20 हजार टन, द्वितीय सप्ताह में 35 हजार टन और शेष 5 हजार टन की आपूर्ति माह के अंत तक सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसानों की हर आवश्यकता पर राज्य सरकार संवेदनशील है और यह अतिरिक्त आबंटन उनकी खरीफ फसलों को सुरक्षित रखने में सहायक होगा।

मार्कफेड अधिकारियों ने बताया कि चालू खरीफ सीजन के लिए 28 अगस्त की स्थिति में सहकारी क्षेत्र में 3 लाख 91 हजार 79 मीट्रिक टन और निजी क्षेत्र में 3 लाख 11 हजार 563 मीट्रिक टन, इस तरह कुल 7 लाख 2 हजार 642 मीट्रिक टन यूरिया का भंडारण किया गया है। इसके विरुद्ध 6 लाख 38 हजार 599 मीट्रिक टन यूरिया किसानों को वितरित किया जा चुका है। इसमें 3 लाख 42 हजार 444 मीट्रिक टन सहकारी क्षेत्र और 2 लाख 96 हजार 155 मीट्रिक टन निजी क्षेत्र से वितरण शामिल है। यह आँकड़ा पिछले वर्ष की इसी अवधि में हुए 6 लाख 17 हजार 798 मीट्रिक टन वितरण से अधिक है, जो इस बार की बेहतर आपूर्ति व्यवस्था का प्रमाण है।

प्रदेश में किसानों के लिए नैनो खाद की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है। सहकारी क्षेत्र में 1 लाख 78 हजार 919 और निजी क्षेत्र में 1 लाख 12 हजार 140, इस तरह कुल 2 लाख 91 हजार 59 बॉटल नैनो यूरिया का भंडारण हुआ है। इसी प्रकार सहकारी क्षेत्र में 1 लाख 58 हजार 809 और निजी क्षेत्र में 79 हजार 810, कुल 2 लाख 38 हजार 619 बॉटल नैनो डीएपी संग्रहित किया गया है। अब तक किसानों को 2 लाख 32 हजार 652 बॉटल नैनो यूरिया और 1 लाख 85 हजार 136 बॉटल नैनो डीएपी वितरित किया जा चुका है।

प्रदेश में चालू खरीफ सीजन के लिए भारत सरकार ने 14.62 लाख टन रासायनिक खाद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके विरुद्ध सहकारी एवं निजी क्षेत्रों में 15.64 लाख टन का भंडारण कर लिया गया है। भंडारण के आधार पर किसानों को अब तक 13.19 लाख टन खाद वितरित किया गया है। यह व्यवस्था बताती है कि समितियों और निजी क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध हैं और किसानों को किसी तरह की कठिनाई नहीं होगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि खरीफ सीजन में किसानों को खाद की आपूर्ति उनकी समयबद्ध जरूरतों के अनुरूप प्राथमिकता से की जा रही है। अब तक निर्धारित लक्ष्य का 98 प्रतिशत यूरिया किसानों तक पहुँच चुका है। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि किसानों को मौसम और फसल की आवश्यकताओं के अनुरूप पर्याप्त खाद की आपूर्ति लगातार जारी रहेगी और उनकी उपज सुरक्षित रहेगी।

इस संबंध में गत दिनों कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम और राज्य के सांसदों ने भी केंद्रीय उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा से भेंट कर छत्तीसगढ़ के किसानों की मांग रखी थी। मुख्यमंत्री श्री साय के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार से लगातार संपर्क किया गया और किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त 60 हजार टन यूरिया का आबंटन स्वीकृत किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में सहकारी सोसायटियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद का वितरण सुव्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है। किसान समितियों में आसानी से खाद उपलब्ध करा पा रहे हैं और समय पर आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इससे खेती-किसानी प्रभावित होने के बजाय और मजबूती पा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसानों ने सरकार और प्रशासन की इस पहल पर संतोष व्यक्त किया है। उनका कहना है कि समय पर यूरिया और अन्य खाद उपलब्ध होने से बुवाई और फसल प्रबंधन का काम सुचारू रूप से हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। उन्होंने कहा कि खाद, बीज और सिंचाई जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्र और राज्य के समन्वित प्रयासों से खरीफ सीजन में किसानों को समुचित राहत मिलेगी और छत्तीसगढ़ कृषि उत्पादन में नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।


बाढ़ में बही पुस्तकें, टेबलेट भी हुआ खराब, पर नहीं रुकेगी पूनम की प्रतियोगी परीक्षा की तैया

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मुख्यमंत्री की पहल पर पूनम को मिली पुस्तकें और नया टेबलेट

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर बाढ़ से प्रभावित दंतेवाड़ा की पूनम पटेल की प्रशासनिक अधिकारी बनने की तैयारी आगे भी निर्बाध जारी रहेगी। पूनम पटेल, दंतेवाड़ा जैसे नक्सल प्रभावित इलाके में रहकर पिछले तीन वर्षों से यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं। हाल ही में दंतेवाड़ा में आई बाढ़ से प्रभावित होने के कारण पूनम का पूरा परिवार राहत शिविर में है। आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पूनम से मुलाकात कर उनका हाल-चाल जाना। मुख्यमंत्री की पहल पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी हेतु पूनम को आवश्यक पुस्तकें और एक नया टेबलेट उपलब्ध कराया गया है। अब पूनम की यूपीएससी तैयारी में किसी भी प्रकार की बाधा नहीं आएगी।

दंतेवाड़ा जिले के चूड़ीटिकरा पारा वार्ड की रहने वाली पूनम पटेल पिछले तीन वर्षों से यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रही हैं। हाल ही में आई बाढ़ में उनका घर क्षतिग्रस्त हो गया और घर का सारा सामान बह गया। पूनम ने बताया कि बाढ़ के पानी में उनकी सभी पुस्तकें बह गईं और टेबलेट भी खराब हो गया। पूनम ने कहा कि उनके पिता श्री संतोष पटेल किराना दुकान चलाकर परिवार का पालन-पोषण करते हैं और उन्हीं की आमदनी से बड़ी मुश्किल से एक-एक पैसा जोड़कर यूपीएससी की पढ़ाई के लिए टेबलेट खरीदा था। बाढ़ के पानी में पुस्तकें और टेबलेट खराब हो जाने से पूनम आगे की तैयारी को लेकर बेहद चिंतित थीं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा पूनम को नया टेबलेट और प्रतियोगी परीक्षाओं की आवश्यक पुस्तकें उपलब्ध कराई गईं। इस सहायता से पूनम को बड़ी राहत मिली है। अब पूनम के प्रशासनिक अधिकारी बनने की राह में बाढ़ भी बाधा नहीं डाल पाएगी।


प्रशासन की तत्परता: बाढ़ प्रभावितों को मिला राशन

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बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उपलब्ध:मकान ढहने पर सहायता राशि भी प्रदान की गई

रायपुर, दंतेवाड़ा में हाल ही में आई बाढ़ से निपटने और प्रभावितों को आवश्यक मदद पहुँचाने में प्रशासन तत्पर रहा। अपने विदेश दौरे के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दक्षिण कोरिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश भी दिए थे।

आज मुख्यमंत्री के दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा पहुँचने पर बाढ़ प्रभावित परिवारों ने प्रशासन द्वारा समय पर बचाव एवं राहत पहुँचाने के लिए आभार व्यक्त किया। मौजूद लोगों ने कहा कि सरकार की इस संवेदनशील पहल से सभी प्रभावित परिवार सुरक्षित और सकुशल हैं। राहत शिविर में रहने, भोजन और इलाज जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

बाढ़ पीड़ित गुप्तेश्वरी कश्यप, शालिनी शर्मा, सविता पात्रे एवं लता सागर ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि राहत शिविर में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है और अब राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा भी दिया गया है। मकान ढहने पर सहायता राशि भी मिल चुकी है और अब घर बनने तक वे यहाँ राहत शिविर में रहेंगे। प्रभावितों ने बताया कि बाढ़ आने के साथ ही प्रशासन की अपील पर सभी लोग सुरक्षित ऊँचे स्थान पर चले गए थे। फिर बाढ़ का पानी उतरने के बाद उन्हें चूड़ी टिकरापारा के छात्रावास भवन में राहत शिविर में ठहराया गया।

इसी तरह रीता कश्यप, द्रोपदी नाग, कुंदन गुप्ता, महेश नाग, बबीता नाग सहित अन्य प्रभावितों ने भी प्रशासन के राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद दिया।

*मुख्यमंत्री के समक्ष भावुक हुईं सोमड़ी सोढ़ी*

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बाढ़ प्रभावितों से मिलने के दौरान चूड़ी टिकरापारा निवासी सोमड़ी सोढ़ी के घर पहुँचे तो श्रीमती सोमड़ी सोढ़ी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से पूरा घर डूब गया था। बाढ़ आने के एक दिन पहले वह अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुई थीं और उनकी दोनों बेटियाँ भी साथ में थीं, इस कारण उनकी जान बच गई। अस्पताल से ठीक होकर शुक्रवार को वह घर लौटीं।

सोमड़ी ने बताया कि बाढ़ के पानी में घर का पूरा सामान खराब हो गया है। इस बीच प्रशासन ने राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा उपलब्ध कराया है। साथ ही राहत शिविर में नाश्ता, भोजन और इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। इस आपदा की घड़ी में सरकार की सहायता के लिए श्रीमती सोमड़ी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट किया।

इसी तरह दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा के बाढ़ प्रभावित सुरेश बघेल ने बताया कि बाढ़ आने के दिन पूरा परिवार घर में ही था। प्रशासन की सूचना पर वे सभी सुरक्षित स्थान पर चले गए और एक दिन बाद राहत शिविर पहुँचे। पिछले शुक्रवार को वे शिविर से घर लौटे हैं।

सुरेश ने बताया कि प्रशासन द्वारा राशन, बर्तन, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा, कंबल-चादर और कपड़े जैसे सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है।


प्रशासन की तत्परता: बाढ़ प्रभावितों को मिला राशन

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बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर और चूल्हा भी उपलब्ध:मकान ढहने पर सहायता राशि भी प्रदान की गई

रायपुर, दंतेवाड़ा में हाल ही में आई बाढ़ से निपटने और प्रभावितों को आवश्यक मदद पहुँचाने में प्रशासन तत्पर रहा। अपने विदेश दौरे के दौरान मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दक्षिण कोरिया से वीडियो कांफ्रेंसिंग कर बाढ़ प्रभावित जिलों के कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश भी दिए थे।

आज मुख्यमंत्री के दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा पहुँचने पर बाढ़ प्रभावित परिवारों ने प्रशासन द्वारा समय पर बचाव एवं राहत पहुँचाने के लिए आभार व्यक्त किया। मौजूद लोगों ने कहा कि सरकार की इस संवेदनशील पहल से सभी प्रभावित परिवार सुरक्षित और सकुशल हैं। राहत शिविर में रहने, भोजन और इलाज जैसी सभी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

बाढ़ पीड़ित गुप्तेश्वरी कश्यप, शालिनी शर्मा, सविता पात्रे एवं लता सागर ने मुख्यमंत्री श्री साय को बताया कि राहत शिविर में किसी भी तरह की दिक्कत नहीं है और अब राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा भी दिया गया है। मकान ढहने पर सहायता राशि भी मिल चुकी है और अब घर बनने तक वे यहाँ राहत शिविर में रहेंगे। प्रभावितों ने बताया कि बाढ़ आने के साथ ही प्रशासन की अपील पर सभी लोग सुरक्षित ऊँचे स्थान पर चले गए थे। फिर बाढ़ का पानी उतरने के बाद उन्हें चूड़ी टिकरापारा के छात्रावास भवन में राहत शिविर में ठहराया गया।

इसी तरह रीता कश्यप, द्रोपदी नाग, कुंदन गुप्ता, महेश नाग, बबीता नाग सहित अन्य प्रभावितों ने भी प्रशासन के राहत एवं पुनर्वास प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय को धन्यवाद दिया।

*मुख्यमंत्री के समक्ष भावुक हुईं सोमड़ी सोढ़ी*

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय बाढ़ प्रभावितों से मिलने के दौरान चूड़ी टिकरापारा निवासी सोमड़ी सोढ़ी के घर पहुँचे तो श्रीमती सोमड़ी सोढ़ी भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि बाढ़ से पूरा घर डूब गया था। बाढ़ आने के एक दिन पहले वह अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती हुई थीं और उनकी दोनों बेटियाँ भी साथ में थीं, इस कारण उनकी जान बच गई। अस्पताल से ठीक होकर शुक्रवार को वह घर लौटीं।

सोमड़ी ने बताया कि बाढ़ के पानी में घर का पूरा सामान खराब हो गया है। इस बीच प्रशासन ने राशन, बर्तन, कपड़े, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा उपलब्ध कराया है। साथ ही राहत शिविर में नाश्ता, भोजन और इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। इस आपदा की घड़ी में सरकार की सहायता के लिए श्रीमती सोमड़ी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट किया।

इसी तरह दंतेवाड़ा के चूड़ी टिकरापारा के बाढ़ प्रभावित सुरेश बघेल ने बताया कि बाढ़ आने के दिन पूरा परिवार घर में ही था। प्रशासन की सूचना पर वे सभी सुरक्षित स्थान पर चले गए और एक दिन बाद राहत शिविर पहुँचे। पिछले शुक्रवार को वे शिविर से घर लौटे हैं।

सुरेश ने बताया कि प्रशासन द्वारा राशन, बर्तन, गैस सिलेंडर एवं चूल्हा, कंबल-चादर और कपड़े जैसे सभी जरूरी सामान उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे उनके परिवार को बड़ी राहत मिली है।


बाढ़ प्रभावितों का हाल जानने सीधे उनके बीच पहुँचे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय: अधिकारियों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों में तेजी लाने के निर्देश

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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बस्तर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई और जमीनी सर्वेक्षण

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों दंतेवाड़ा और बस्तर का हवाई सर्वेक्षण एवं जमीनी निरीक्षण किया। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का प्रत्यक्ष अवलोकन किया और राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुँचना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी स्तरों पर संवेदनशीलता और तत्परता आवश्यक है।

मुख्यमंत्री श्री साय दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा वार्ड में बनाए गए अस्थायी राहत शिविर पहुँचे, जहाँ उन्होंने बाढ़ प्रभावित परिवारों से भेंट कर उनकी समस्याओं को सुना। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने प्रशासन को निर्देशित किया कि शिविरों में पर्याप्त भोजन, स्वच्छ पेयजल और सुरक्षित आवास की व्यवस्था निरंतर बनी रहे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने यहां लगाए गए स्वास्थ्य शिविर का निरीक्षण किया। उन्होंने मेडिकल टीम से दवाइयों की उपलब्धता, डॉक्टरों की तैनाती और मरीजों को दी जा रही प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी प्राप्त की। मुख्यमंत्री ने प्रभावित परिवारों से सीधे संवाद करते हुए यह भी पूछा कि क्या वे प्रशासन की मदद से संतुष्ट हैं। प्रभावितों ने जिला प्रशासन के त्वरित सहयोग पर संतोष व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए पुल का भी निरीक्षण किया और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था तथा पुनर्निर्माण कार्यों की स्थिति का आकलन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में सड़क, बिजली और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की शीघ्र बहाली सुनिश्चित की जाए। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राहत और पुनर्वास कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा कलेक्टोरेट में जिला प्रशासन और विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति, पुनर्वास योजनाओं और प्रभावित परिवारों को दी जा रही तत्कालिक सहायता की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों में प्रशासनिक टीमों की निरंतर पहुँच बनी रहे और हर जरूरतमंद तक राहत सामग्री समय पर पहुँचे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ कठिनाई अवश्य लाती हैं, परंतु प्रशासनिक तत्परता और जनसहयोग से इन कठिनाइयों का समाधान संभव है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष देखभाल की जाए तथा स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ वन मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, सांसद श्री महेश कश्यप, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, राजस्व सचिव और आपदा राहत आयुक्त श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले, संभागायुक्त श्री डोमन सिंह सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।