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बस्तर बाढ़ प्रभावितों की हर संभव मदद करें सुनिश्चित – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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प्रभारी सचिव बाढ़ प्रभावित जिलों का भ्रमण कर राहत कार्यों का करें निरीक्षण – मुख्यमंत्री श्री साय

मुख्यमंत्री श्री साय ने बाढ़ प्रभावित जिलों की समीक्षा के दौरान दिए दिशानिर्देश

रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के प्रत्येक बाढ़ प्रभावित परिवार तक हर संभव मदद उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की पीड़ा को शीघ्र कम करना प्रशासन की सर्वोच्च जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि लोगों को यह महसूस होना चाहिए कि संकट की इस घड़ी में प्रशासन उनके साथ मजबूती से खड़ा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर संभाग के बाढ़ प्रभावित जिलों—बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा के कलेक्टरों व वरिष्ठ अधिकारियों से राहत एवं पुनर्वास कार्यों की विस्तृत समीक्षा के दौरान यह निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि बाढ़ से हुई जनहानि और पशुहानि प्रभावित परिवारों को राहत राशि बिना विलंब के उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त आवासों के सुधार हेतु तिरपाल, बाँस-बल्ली और राहत राशि का वितरण प्राथमिकता से किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के प्रभारी सचिव अपने-अपने जिलों का भ्रमण करें और राहत कार्यों का सतत पर्यवेक्षण सुनिश्चित करें।

मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि प्रभावित गाँवों से सड़क संपर्क बहाल करने, क्षतिग्रस्त पुल-पुलियों की मरम्मत और बिजली आपूर्ति पुनर्स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर किया जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की शीघ्र बहाली राहत कार्यों की सफलता की कुंजी है।

समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह भी उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री जैन ने कलेक्टरों से कहा कि यदि उन्हें शासन स्तर से अतिरिक्त सहयोग की आवश्यकता हो तो वे तुरंत प्रस्ताव भेजें, ताकि शासन स्तर पर शीघ्र निर्णय लिया जा सके। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह ने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि राहत शिविरों में भोजन, कपड़े और सूखा राशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि राहत शिविरों और प्रभावित गाँवों में स्वास्थ्य शिविर और शुद्ध पेयजल की उपलब्धता भी अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।

बैठक के प्रारंभ में राजस्व सचिव श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने मुख्यमंत्री को बस्तर में बाढ़ की स्थिति और अब तक किए गए राहत कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सभी बाढ़ प्रभावित जिलों को अतिरिक्त राशन का आबंटन भी कर दिया गया है और सामग्री प्रभावित परिवारों तक पहुँचाई जा रही है।

इसके उपरान्त मुख्यमंत्री श्री साय ने चारों जिलों के कलेक्टरों से सीधे संवाद कर उनके-अपने जिलों में चल रहे राहत एवं पुनर्वास कार्यों की प्रगति के बारे में जानकारी ली। कलेक्टरों ने बताया कि अब अधिकांश बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है और स्थिति नियंत्रण में है। समीक्षा बैठक में बताया गया कि वर्तमान में प्रशासन का पूरा ध्यान राहत और पुनर्वास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाने पर केंद्रित है।

समीक्षा बैठक में लोक निर्माण विभाग के सचिव श्री कमलप्रीत सिंह, बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह और पुलिस महानिरीक्षक श्री पी. सुन्दरराज उपस्थित थे।


अतीत की स्वर्णिम स्मृतियों से जोड़ने और हमारे अमूल्य विरासत को संजोने का महान संकल्प है चक्रधर समारोह: राज्यपाल श्री डेका

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राज्यपाल ने 40वें चक्रधर समारोह का किया भव्य शुभारंभ

विघ्नहर्ता की आराधना के साथ आस्था, संस्कृति, साहित्य और कला के अद्भुत संगम की 10 दिवसीय यात्रा का शानदार आगाज

शास्त्रीय संगीत के गायन वादन से लेकर स्थानीय लोक कलाकारों को मिलेगा मंच

रायपुर, चक्रधर समारोह हमें अतीत की स्वर्णिम स्मृतियों से जोड़ता है और हमारे अमूल्य विरासत को संजोने का महान संकल्प है। राजा चक्रधर सिंह ने कला और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का जो सपना रायगढ़ की धरती से देखा था, यह उत्सव उस स्वप्न का प्रतीक है। राज्यपाल श्री रमेन डेका आज रायगढ़ जिले में आयोजित 40वें चक्रधर समारोह का भव्य शुभारंभ कर कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भगवान गणपति की पूजा अर्चना की और संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह का पुण्य स्मरण कर उन्हें नमन किया।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की स्वर्णिम यात्रा को हम रजत जयंती के रूप में मना रहे हैं और इस दौरान छत्तीसगढ़ की संस्कृति को समृद्ध बनाने में चक्रधर समारोह का योगदान अग्रणी है। श्री डेका ने कहा कि असम और छत्तीसगढ़ में बहुत गहरा संबंध है और ब्रिटिश काल में इस प्रदेश से लोग असम गए थे। उन्होंने कहा कि श्रीमंत शंकरदेव ने साहित्य और कला के संरक्षण के जो प्रयास असम में किए थे, वही प्रयास महाराज चक्रधर ने रायगढ़ की धरती से किया। श्री डेका ने बताया कि असम में राजा चक्रधर सिंह की स्मृति में पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि रायगढ़ की धरती भारतीय शास्त्रीय कला और संस्कृति की अनमोल धरोहर है। रायगढ़ घराने की छाप न केवल देश में बल्कि विश्वभर में है। राजा चक्रधर सिंह ने कथक नृत्य को नई ऊंचाइयां दीं और अपनी रचनाओं नर्तन सर्वस्व, तालतोय निधि और राग रत्न मंजूषा के माध्यम से संगीत और नृत्य को नई दिशा दी। उन्होंने कहा कि कला हमारे भीतर संवेदनाओं को जगाती है और जीवन को सुंदर बनाती है। आधुनिकता की दौड़ में जब लोग संस्कृति से दूर हो रहे हैं, तब ऐसे आयोजन हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं। राज्यपाल ने कहा कि रायगढ़ का नाम लेते ही हमारे मन में संगीत की मिठास, नृत्य की लय और कला के रंग दिखाई देते हैं। यही वो धरती है, जहां बिस्मिल्ला खाँ की शहनाई, हरिप्रसाद चौरसिया की बाँसुरी और पं. जसराज सहित साहित्य जगत के महान विभूतियों के सुर गूंजते रहे हैं। उन्होंने इस खास मौके पर रायगढ़ की जनता को इस महान परंपरा को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।

40वें चक्रधर समारोह के शुभारंभ अवसर पर केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि भारतीय संस्कृति की सबसे बड़ी ताकत उसकी विविधता में एकता है। उन्होंने कहा कि आदिकाल से ही संगीत, नृत्य और साहित्य जैसी विधाएँ राजाओं के आश्रय में पल्लवित होती आई हैं और इन्हीं परंपराओं ने भारत को नई ऊँचाइयाँ दी हैं।

राजा चक्रधर सिंह को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि जब कथक में केवल जयपुर और बनारस घराने ही प्रसिद्ध थे, उस समय रायगढ़ घराने की स्थापना कर उन्होंने भारतीय संस्कृति को समृद्ध किया। श्री शेखावत ने कहा कि आज यह समारोह उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को स्मरण करने का गौरवशाली अवसर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के सक्षम और सशक्त नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को नक्सल छवि से मुक्ति मिल रही है और प्रदेश अब संस्कृति तथा पर्यटन के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से जूझते हुए जिस प्रदेश को कभी पिछड़ेपन की दृष्टि से देखा जाता था, वही आज अपनी लोककलाओं और पर्यटन स्थलों के कारण विश्व स्तर पर पहचान बना रहा है। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री शेखावत ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सांस्कृतिक पुनर्जागरण के दौर से गुजर रहा है। हमारी लोककलाएँ, लोकनृत्य और लोकपरंपराएँ पुनः संरक्षित और सशक्त हो रही हैं। श्री शेखावत ने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी दस दिनों तक रायगढ़ सांस्कृतिक रंगों से सराबोर रहेगा और देश-विदेश से आए कलाकार अपनी कला के माध्यम से इस ऐतिहासिक आयोजन को और भव्य बनाएँगे।

वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि चक्रधर समारोह को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए ठोस प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही रायगढ़ में लगातार विकास कार्यों को गति मिल रही है, जिससे यहां की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान और अधिक मजबूत हो रही है। श्री चौधरी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आस्था के प्रमुख केंद्रों, पर्यटन स्थलों को लगातार विकसित करने का काम केंद्र सरकार के सहयोग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री के सहयोग से भोरमदेव मंदिर सहित अनेक विकास कार्यों के लिए विशेष रूप से राशि आवंटित की गई है।

राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह ने गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली से आए अतिथियों ने चक्रधर समारोह को गरिमामयी बनाया है। श्री सिंह ने कहा कि संगीत सम्राट राजा चक्रधर सिंह ने कथक नृत्य को नई पहचान दी। उन्होंने विधिवत प्रशिक्षण से रायगढ़ घराने को प्रतिष्ठा दिलाई और इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्थापित किया। उन्होंने विशेष रूप से उल्लेख किया कि एक गोंड आदिवासी राजा द्वारा कथक नृत्य को इस ऊँचाई तक पहुँचाना इतिहास के स्वर्णिम अध्याय के रूप में सदैव याद किया जाएगा। रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने कहा कि इस भव्य आयोजन से रायगढ़ की प्रतिष्ठा और अधिक बढ़ रही है तथा यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान मिल रही है।

चक्रधर समारोह के अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय श्री तोखन साहू, कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामविचार नेताम, संस्कृति, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, लोकसभा क्षेत्र जांजगीर-चांपा की सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, महासमुंद सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, राज्यसभा सांसद श्री चुन्नीलाल गरासिया, नगर निगम के महापौर श्री जीववर्धन चौहान सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी, गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में दर्शकगण उपस्थित रहे।


43 शिविरों में 2,196 लोग सुरक्षित ठहराए गए

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43 शिविरों में 2,196 लोग सुरक्षित ठहराए गए

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जिलों बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और बस्तर में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी लेते हुए अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि जनता की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी प्रभावित परिवार को असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन पूरी सक्रियता से कार्य करे ।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि राहत शिविरों में ठहरे सभी लोगों को भोजन, चिकित्सा सुविधा और आवश्यक सामग्री समय पर उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने प्रशासन को बाढ़ से प्रभावित गाँवों तक तुरंत सहायता पहुँचाने और आपदा नियंत्रण कक्षों से स्थिति की निगरानी करने के आदेश दिए।

उल्लेखनीय है कि लगातार हो रही बारिश से प्रदेश के चार जिलों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, 26 और 27 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा दंतेवाड़ा जिले में दर्ज की गई, जहाँ क्रमशः 93.7 मिमी और 118.4 मिमी बारिश हुई। सुकमा में 35 से 109.3 मिमी, बीजापुर में 34.9 से 50.2 मिमी तथा बस्तर में 67.3 से 121.3 मिमी वर्षा रिकार्ड की गई जिससे 25 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।

राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त श्रीमती रीना बाबासाहेब कंगाले ने जानकारी दी कि प्रभावित लोगों के लिए 4 जिलों में कुल 43 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें दंतेवाड़ा जिले से 1,116, सुकमा से 790, बीजापुर से 120 और बस्तर से 170 , इस प्रकार कुल 2,196 प्रभावितों को राहत शिविर में ठहराया गया है। बाढ़ से अब तक 5 जनहानि, 17 पशुधन हानि, 165 मकानों को आंशिक और 86 मकानों को पूर्ण क्षति की सूचना मिली है। सभी जिलों में नगर सेना एवं एस.डी.आर.आफ के द्वारा राहत बचाव कार्य किया जा रहा है एवं राहत शिविर में ठहराये गये लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था की गई है। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग जिलों से बाढ़ की स्थिति को देखते हुए सतत संपर्क बनाये हुए है एवं आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा है। जिला सुकमा में आपदा मित्रों के द्वारा बाढ़ की स्थिति से निपटने हेतु जिला प्रशासन का सहयोग किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जनहानि और नुकसान पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि प्रभावित परिवारों को त्वरित सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी और पुनर्वास कार्य प्राथमिकता पर किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन और राहत दल लगातार सक्रिय रहें, हर जरूरतमंद तक तुरंत मदद पहुँचे और राहत सामग्री समय पर मिले।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आम नागरिकों से अपील की कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी भी आवश्यकता की स्थिति में तुरंत स्थानीय नियंत्रण कक्ष से संपर्क करें। मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास जताया कि प्रशासन और जनता के सामूहिक सहयोग से हम इस आपदा पर शीघ्र काबू पाएंगे और प्रभावित क्षेत्रों में सामान्य जीवन जल्द बहाल होगा।


सियोल में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और ATCA प्रतिनिधिमंडल की महत्वपूर्ण भेंट, छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं पर हुई चर्चा

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छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024–30 के अंतर्गत ICCK के साथ होगा ज्ञान व निवेश सहयोग

रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान सियोल में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर एसोसिएशन (ATCA) के चेयरमैन श्री ली जे जेंग एवं वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की। ATCA एक सशक्त औद्योगिक नेटवर्क है, जिसमें आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, फार्मा और टेक्सटाइल क्षेत्र की 60 से अधिक प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ATCA प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार निवेशकों के लिए एक अनुकूल वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने श्री ली जे जेंग और उनके साथ आए वरिष्ठ अधिकारियों को आमंत्रित किया कि वे अपने आगामी भारत दौरे के दौरान छत्तीसगढ़ अवश्य आएँ और राज्य में उपलब्ध निवेश व सहयोग की संभावनाओं का प्रत्यक्ष अवलोकन करें।

ATCA ने छत्तीसगढ़ की कंपनियों के साथ बी2बी साझेदारी में रुचि दिखाई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी और एम्स जैसे राष्ट्रीय संस्थान मौजूद हैं, जो विश्वस्तरीय प्रतिभा उपलब्ध कराते हैं। राज्य का ‘प्लग एंड प्ले’ इंफ्रास्ट्रक्चर और सशक्त लॉजिस्टिक्स नेटवर्क छत्तीसगढ़ को ATCA के अनुसंधान एवं विकास केंद्रों और भारत में उनके विस्तार का स्वाभाविक हब बनाता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ तेजी से विकसित हो रहा है और यहाँ उद्योग-अनुकूल नीतियाँ, प्रचुर प्राकृतिक संसाधन, कुशल मानव संसाधन तथा मज़बूत बुनियादी ढाँचा उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि आईटी, इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर, फार्मा और टेक्सटाइल जैसे उभरते क्षेत्रों में ATCA कंपनियाँ यहाँ आकर निवेश करें और साझेदारी के नए आयाम स्थापित करें। इससे प्रदेश के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोज़गार मिलेगा और स्थानीय उद्योगों को भी नई ताक़त मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने दक्षिण कोरिया प्रवास के दौरान सियोल में आयोजित छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में भाग लिया, जिसका आयोजन इंडियन चेम्बर ऑफ कॉमर्स इन कोरिया (ICCK) के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ दक्षिण कोरियाई कंपनियों के लिए असीम संभावनाओं की धरती है। उन्होंने उल्लेख किया कि दक्षिण कोरिया भारत के शीर्ष तीन इस्पात निर्यात गंतव्यों में शामिल है और छत्तीसगढ़, देश का अग्रणी इस्पात उत्पादक राज्य होने के नाते, इस सहयोग को और गहरा करने तथा निवेश के नए अवसर प्रदान करने के लिए तैयार है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों से समृद्ध है, जो ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों के लिए अत्यंत महत्त्वपूर्ण हैं। राज्य में प्रचुर मात्रा में लिथियम उपलब्ध है, जो ईवी (इलेक्ट्रिक व्हीकल) क्रांति और नई पीढ़ी के उद्योगों को गति देने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ वैश्विक ऊर्जा संक्रमण का स्वाभाविक केंद्र बन सकता है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने ICCK को नॉलेज पार्टनर के रूप में शामिल करने की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ औद्योगिक नीति 2024–30 के तहत तकनीक, स्किलिंग और वैश्विक सहयोग को एक नई दिशा दी जाएगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि कोरिया की नवाचार क्षमता और छत्तीसगढ़ के संसाधनों के मिलन से विकास का एक नया युग लिखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रत्येक निवेशक को “सिंगल विंडो क्लियरेंस” से लेकर भूमि आवंटन, आवश्यक अनुमतियों और सहयोगी नीतियों तक हर स्तर पर सहयोग प्रदान कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दक्षिण कोरिया कंपनियों की भागीदारी से छत्तीसगढ़ के औद्योगिक परिदृश्य में नए अवसरों का सृजन होगा और दक्षिण कोरिया-भारत औद्योगिक सहयोग को एक नई ऊँचाई मिलेगी।


मुख्यमंत्री ने मिशन रोजगार के अन्तर्गत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं तथा 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति-पत्र प्रदान किए

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युवाओं को सही दिशा प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण

में सहभागी बनाना प्रत्येक कल्याणकारी सरकार की जिम्मेदारी : मुख्यमंत्री

थारू जनजाति की बेटियों का सफल होना चयन की निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया का उदाहरण, प्रदेश की बेटियां चयनित होकर शासन की व्यवस्था का हिस्सा बन रहीं

बेहतर शिक्षा हर बच्चे का अधिकार, विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार ने
आंगनवाड़ी केन्द्रों, बेसिक शिक्षा विभाग आदि उन्नयन के लिए अनेक कार्य किए

महिला एवं बाल विकास विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग ने 05 हजार
बाल-वाटिकाओं के संचालन हेतु कार्य आगे बढ़ाया, बाल-वाटिकाएं
बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका का निर्वहन करेंगी

प्रदेश में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों का पुनरूद्धार
किया गया, बचपन स्वस्थ होगा, तो जवानी और बुढ़ापा स्वतः स्वस्थ हो जाएगा

प्रधानमंत्री जी ने देशवासियां को वर्ष 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य प्रदान किया

विकसित भारत के निर्माण का रास्ता आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा गांव की गलियों से होकर जाता

नवजात शिशुओं व कुपोषित माताओं के जीवन स्तर को उठाने
की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ बेहतरीन प्रयास करना होगा

नव चयनित मुख्य सेविकाओं एवं फार्मासिस्टों को शासन की मंशानुरूप स्वस्थ,
सशक्त एवं समृद्ध उ0प्र0 बनाने में अपनी भूमिका का सम्यक् निर्वहन करना होगा

कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता, अवसर मिलने
पर अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करना चाहिए

प्रदेश में अब तक 26 लाख बेटियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से जोड़ा जा चुका

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत अब तक 04 लाख बेटियों का विवाह सम्पन्न

प्रदेश में वर्ष 2015 में हुए नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे
की तुलना में वर्ष 2017 के बाद व्यापक सुधार हुआ

महिलाओं में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टन्टिंग में 6.6 प्रतिशत,
अल्पवजन प्री-मेच्योर बच्चों में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत सुधार

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि अपने सपने को साकार करने के लिए प्रत्येक प्रतिभाशाली व ऊर्जावान युवा हर सम्भव प्रयास करता है। वह स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाने का काम करता है। युवाओं के सपनों को मंच प्रदान करने का दायित्व प्रत्येक लोकप्रिय सरकार का होता है। युवाओं को सही दिशा प्रदान करते हुए उन्हें राष्ट्र निर्माण में सहभागी बनाना प्रत्येक कल्याणकारी सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। आज 2,438 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्राप्त हो रहा है। इसमें आंगनवाड़ी केन्द्रों में कुपोषित माताओं और नवजात शिशुओं के लिए चल रहे पोषण अभियान की मॉनीटरिंग के लिए 2,425 मुख्य सेविकाएं तथा 13 फार्मासिस्ट सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां मिशन रोजगार के अन्तर्गत चयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं तथा 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति-पत्र प्रदान करने के पश्चात आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के युवाओं को अवसर प्राप्त हुआ है। इनमें आजमगढ़, अमरोहा, शामली, लखनऊ, कानपुर, आगरा, गोरखपुर, वाराणसी तथा प्रयागराज आदि जनपदों के युवा सम्मिलित हैं। इन जनपदों में युवाओं के पास पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन प्रदेश के सुदूर जनपदों में रहने वाली बेटियों तथा जनपद लखीमपुर खीरी में दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों के बीच रहने वाली थारू जनजाति की बेटियों का सफल होना चयन की निष्पक्ष व पारदर्शी प्रक्रिया का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की बेटियां चयनित होकर शासन की व्यवस्था का हिस्सा बन रही हैं। अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश पुलिस में 60,244 कार्मिकों की भर्ती की गई। इसमें 12,045 बेटियां सम्मिलित हैं। वर्ष 1947 से वर्ष 2017 तक प्रदेश पुलिस बल में केवल 10 हजार महिला पुलिस कार्मिक थीं। विगत 08 वर्षों में 40 हजार से अधिक महिला पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। बेसिक शिक्षा विभाग में 01 लाख 56 हजार शिक्षकों की भर्ती की गई है। इसमें ज्यादातर बेटियां सम्मिलित हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि बेहतर शिक्षा हर बच्चे का अधिकार है। विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार ने आंगनवाड़ी केन्द्रों, बेसिक शिक्षा विभाग आदि उन्नयन के लिए अनेक कार्य किए हैं। जर्जर विद्यालयों में बच्चों के जीवन को खतरा उत्पन्न होता है। प्रदेश के जर्जर विद्यालयां को शिफ्ट करना आवश्यक था। यह छात्र शिक्षक अनुपात को ठीक करने हेतु राष्ट्रीय शिक्षा नीति का हिस्सा था। अनेक राज्यों ने इस अभियान को आगे बढ़ाया। उत्तर प्रदेश से भी इस अभियान को आगे बढ़ाने अपेक्षा थी। जब सरकार ने इस कार्य को आगे बढ़ाया, तो लोगों ने अनेक प्रकार के भ्रम फैलाने शुरू कर दिए। सरकार ने इस बारे कहा कि जो विद्यालय भवन अच्छी स्थिति में होंगे तथा पेयरिंग का पार्ट बनेंगे, वहां बच्चों के लिए बाल-वाटिकाएं चलायी जाएंगी। 03 वर्ष से 06 वर्ष आयु तक के बच्चों को इन बाल-वाटिकाआें में प्री-प्राइमरी शिक्षा की व्यवस्था की जाएगी। इन सभी बच्चों के लिए पोषण मिशन का विशेष अभियान चलाया जाएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि किसी भी बच्चे का लगभग 90 प्रतिशत मानसिक विकास 01 से 03 वर्ष तक की आयु में होता है। 03 से 06 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए थोड़ा सा प्रयास करने पर उनका 05 से 07 प्रतिशत अतिरिक्त मानसिक विकास किया जा सकता है। शेष मानसिक विकास क्रमिक रूप से होता रहता है। बाल वाटिकाएं बच्चों के मानसिक विकास में अहम भूमिका का निर्वहन कर सकती हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग ने 05 हजार बाल-वाटिकाओं के संचालन हेतु कार्य आगे बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में ऑपरेशन कायाकल्प के माध्यम से आंगनवाड़ी केन्द्रों का पुनरूद्धार किया गया है। नए आंगनवाड़ी केन्द्रों का निर्माण किया गया है। जिन आंगनवाड़ी केन्द्रों में स्वयं का भवन नहीं है, उनके बारे में विभाग से प्रस्ताव मांगा गया है। जिससे भवनों का निर्माण कर बच्चों को बेहतरीन माहौल प्रदान किया जा सके। यदि बचपन स्वस्थ होगा, तो जवानी और बुढ़ापा स्वतः स्वस्थ हो जाएगा। देश का भविष्य संवरेगा। प्रदेश के बचपन को बचाने का दायित्व नवचयनित मुख्य सेविकाओं का भी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी हमेशा कहते हैं कि आंगनवाड़ी की बहनों का कार्य माँ यशोदा के समान है। माँ यशोदा ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म से लेकर 06 वर्ष तक की आयु तक लालन-पालन किया था। नवचयनित मुख्य सेविकाओं का स्थान भी माँ यशोदा की तरह है। यह बड़ी जिम्मेदारी है। बेटा और बेटी में कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए। इस बारे में लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना प्रारम्भ की है। अब तक 26 लाख बेटियों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से प्रदेश सरकार जरूरतमन्द बेटियों के विवाह के लिए 01 लाख रुपये की धनराशि की व्यवस्था करती है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक 04 लाख बेटियों का विवाह सम्पन्न हो चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा मातृ वंदना योजना के अन्तर्गत 183 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि वितरित की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015 में हुए नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की तुलना में वर्ष 2017 के बाद व्यापक सुधार हुआ है। वर्ष 2017 के पश्चात पहले 04 वर्षों में ही बेहतर परिणाम प्राप्त हुए हैं। महिलाओं में एनीमिया के स्तर में 5.1 प्रतिशत, स्टन्टिंग में 6.6 प्रतिशत, अल्पवजन प्री-मेच्योर बच्चों में 7.4 प्रतिशत तथा सूखापन में 0.6 प्रतिशत सुधार हुआ है। शिशु मृत्यु दर घटकर 38 तथा मातृ मृत्यु दर घटकर 197 हो गयी है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि शीघ्र ही आंगनबाड़ी केन्द्रों में स्मार्टफोन दिया जाएगा। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की ट्रेनिंग कराई जायेगी। रियल टाइम मॉनिटरिंग करते हुए समय से डाटा अपलोड किया जाएगा। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर सुधारात्मक परिवर्तन आएगा, जिसकी वाहक नवचयनित मुख्य सेविकाएं बनेंगी। ये टीम लीडर के रूप में मार्गदर्शन कर प्रत्येक आंगनबाड़ी केन्द्रों पर समय से पोषाहार वितरण तथा समस्त व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेंगी। ये समाज को आगे बढ़ने हेतु प्रेरित तथा शासन की समस्त योजनाओं का लाभ पात्रों तक पहुंचाने का कार्य करेंगी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की नियुक्ति प्रक्रिया सकुशल सम्पन्न करायी गयी है। साथ ही 03 हजार से अधिक आंगनबाड़ी सहायिकाओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के रूप में प्रोन्नत कर उनके मानदेय में बढ़ोत्तरी की गयी है। 22,290 मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के रूप में परिवर्तित किया गया है। प्रदेश के बचपन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रमों को समयबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है। यदि बचपन स्वस्थ है, तो आगे का जीवन समृद्ध के पथ पर अग्रसर होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2047 में एक ऐसे भारत का लक्ष्य देशवासियों को दिया है, जो विकसित, आत्मनिर्भर तथा समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ते हुए दुनिया को नेतृत्व प्रदान करने वाला हो। ऐसे भारत के निर्माण का रास्ता आंगनबाड़ी केन्द्र तथा गांव की गलियों से होकर जाता है। नवजात शिशुओं व कुपोषित माताओं के जीवन स्तर को उठाने की दिशा में पूरी प्रतिबद्धता के साथ बेहतरीन प्रयास करना होगा। सभी नव चयनित मुख्य सेविकाओं एवं फार्मासिस्टों को शासन की मंशानुरूप स्वस्थ, सशक्त एवं समृद्ध उत्तर प्रदेश बनाने तथा वर्ष 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने में अपने भूमिका का सम्यक् निर्वहन करना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने नवचयनित अभ्यर्थियों से कहा कि कोई भी कार्य छोटा या बड़ा नहीं होता है। अवसर मिलने पर अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करना चाहिए। यदि आप पूरी प्रतिबद्धता व ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे, तो आपको आगे बढ़ने के अनेक अवसर प्राप्त होंगे। प्रधानमंत्री जी कहते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को गारन्टी देनी चाहिए कि वह न तो भेदभाव करेगा न ही किसी के साथ भेदभाव होने देगा। चयन प्रक्रिया में आपसे कोई भेदभाव नहीं किया गया है। आपको भी कर्तव्यों के निर्वहन में किसी भी व्यक्ति से भेदभाव नहीं करना चाहिए।
उत्तर प्रदेश अपनी प्रकृति और प्राकृतिक संसाधनों के कारण दुनिया के सबसे समृद्ध प्रदेशों में गिना जाता है। वर्ष 1947 से वर्ष 1960 तक उत्तर प्रदेश को देश के सबसे अग्रणी प्रदेशों में गिना जाता था। देश की अर्थव्यवस्था में प्रदेश का योगदान 14 प्रतिशत से अधिक माना जाता था। वर्ष 1960 के पश्चात प्रदेश की अर्थव्यवस्था में गिरावट होनी शुरू हुई। वर्ष 1990 के पश्चात इसमें और अधिक तीव्रता से गिरावट देखी गयी। वर्ष 2017 तक प्रदेश का देश के विकास में योगदान 08 प्रतिशत से भी कम हो गया। प्रदेश सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन, खाद्यान्न उत्पादन, अवसंरचना, निवेश आदि में पिछड़ता गया। प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था।
इस अवसर पर नव चयनित अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष एवं पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया सम्पन्न कराने के लिए मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार प्रकट किया।
कार्यक्रम में महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी।
वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार राज्यमंत्री श्रीमती प्रतिभा शुक्ला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्रीमती लीना जौहरी, सूचना निदेशक श्री विशाल सिंह, अपर निदेशक, सूचना श्री अरविन्द कुमार मिश्र सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत का ग्राहक जागरूकता कार्यक्रम सम्पन्न

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घटिया (निप्र) शासकीय मॉडल हायर सेकेण्डरी स्कुल घटिया मे ‘ आखिल भारतीय ग्राहक पंचायत इकाई घटिया के तत्वाधान मे ‘ माँडल हायरसेकेण्डरी घटिया के परिसर मे वृक्षारोपण किया गया ‘ तथा तत्पश्चात विद्यालय के प्रार्थनास्थल पर समस्त छात्र / छात्राओं व शिक्षक गणों को अ . भा .ग्रा. पंचायत की अवधारणा को स्पष्ट कर ‘ ग्राहक को सावधानी रखने के टिप्स दिये गये ‘ ताकि ग्राहक भविष्य मे कहीं ठगी का शिकार ना बने ‘ वस्तु की गुणवता ‘ मात्रा और दाम के बारे मे सचेत किया ‘ यह कार्यक्रम मॉडल हायरसेकेण्डरी के प्राचार्य अनिल केन की अध्यक्षता व सी . एम . राइज विद्यालय के प्राचार्य सुनिल नामदेव एवं समाजसेवी रोहित परमार के विशेष आतिथ्य मे सम्पन्न हुआ ‘ इस अवसर पर अभाग्रापं के सदस्य राजेश चौहान शिक्षक गण मे राहुल शर्मा ‘ मेहर मेडम ‘ सोनाली वर्मा ‘ अंतिमांगिनी बाली व अन्य शिक्षक ‘ शिक्षिका मौजुद थे ‘ कार्यक्रम का संचालन अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत इकाई घटिया के संयोजक प्रकाशचन्द्र बाली ने किया !


राज्य सरकार की प्रतिबद्धता, खेलों के लिए बुनियादी ढांचा होगा सुदृढ़

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धमतरी और कुरूद को मल्टीपर्पज इंडोर स्पोर्ट्स की सौगात

रायपुर, छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बार फिर खेल सुविधाओं में इजाफा करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधन उपलब्ध कराने, खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने और उत्कृष्ट प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए सरकार सतत प्रयासरत है। इसी कड़ी में धमतरी और कुरूद में इंडोर बैडमिंटन हॉल / मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्माण हेतु प्रशासनिक स्वीकृति मिली है। क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत खेल बुनियादी ढांचे का विस्तार और खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में राज्य सरकार कई महत्त्वपूर्ण पहल कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास, प्रशिक्षण एवं प्रोत्साहन योजनाओं पर विशेष ध्यान दे रहे हैं। ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को 1 से 3 करोड़ रुपये तक की पुरस्कार राशि देने की योजना सरकार की प्रतिबद्धता का परिचायक है। यह पहल न केवल खिलाड़ियों के मनोबल को ऊँचा करती है बल्कि आने वाली नई पीढ़ी को भी खेलों की ओर प्रेरित करती है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना के तहत मैदानों का उन्नयन, उच्च स्तरीय उपकरणों की उपलब्धता, खेल क्लबों को आर्थिक सहायता और पारंपरिक खेलों के आयोजन जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
कलेक्टर धमतरी ने बताया कि जिले के धमतरी और कुरूद में इंडोर बैडमिंटन हॉल / मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स हॉल के प्रोजेक्ट के लिए लगभग 5-5 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। यहां खिलाड़ियों के लिए विभिन्न इनडोर खेलों की आधुनिक सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, जिनमें बैडमिंटन, टेबल टेनिस, कैरम, शतरंज, लूडो एवं साँप-सीढ़ी, डार्ट बोर्ड, स्नूकर, तीरंदाजी, योग कक्ष, स्क्वॉश, बास्केटबॉल, पिकलबॉल प्रमुख हैं। सबसे अहम यह है कि इन खेलों के लिए आवश्यक उपकरण और संरचनाएं अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होंगी।
इतना ही नहीं स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में न केवल खेल सुविधाएं बल्कि खिलाड़ियों और दर्शकों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक प्रावधान किए जाएंगे। इनमें खिलाड़ियों के आराम और तैयारी के लिए प्लेयर रूम, दर्शकों और प्रतिभागियों के लिए सुव्यवस्थित स्पोर्ट्स हॉल वेटिंग एरिया, आकस्मिक चिकित्सा सुविधा के लिए फर्स्ट एड रूम, महिला एवं पुरुषों के लिए अलग शौचालय शामिल हैं। इन प्रावधानों से खिलाड़ियों को प्रशिक्षण और प्रतियोगिताओं में भागीदारी के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा।
धमतरी और कुरूद के आसपास के क्षेत्रों में अनेक युवा खेलों में सक्रिय हैं, लेकिन पर्याप्त संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र न होने के कारण वे अपनी प्रतिभा को राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक नहीं पहुँचा पाते। इन इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्सों के निर्माण से स्थानीय खिलाड़ियों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण मिलेगा और वे अपनी प्रतिभा को निखार सकेंगे।

धमतरी और कुरूद के मल्टीपर्पज स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, खेल के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होंगे। आने वाले समय में धमतरी और कुरूद के खिलाड़ी न केवल राज्य बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी छत्तीसगढ़ का नाम रोशन करेंगे।


विष्णु के सुशासन में ग्रामीणों की समस्याओं का हो रहा त्वरित निराकरण

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सुशासन एक्सप्रेस रथ घर-घर पहुंच रही शासन की सेवाएं

रायपुर जिला प्रशासन द्वारा सुशासन को लेकर की जा रही अभिनव पहल

रायपुर, रायपुर जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री के निर्देश में आम जनता को शासन की योजनाओं और सेवाओं को घर के समीप पहुंचाने की दिशा में “सुशासन एक्सप्रेस” नाम से एक अभिनव और अनुकरणीय पहल शुरू की गई है, जो जनसमस्याओं के त्वरित निदान मॉडल के रूप में स्थापित हुई है। इसका शुभारंभ 29 मई को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के तहत ग्राम भैंसा में आयोजित समाधान शिविर में किया था। कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह के मार्गदर्शन में प्रारंभ की गई इस पहल के माध्यम से हजारों ग्रामीणों को शासन की दो दर्जन से अधिक सेवाओं का लाभ सहजता से मिलने लगा है।

ग्रामीणों ने कहा अब घर के समीप ही मिल रही है सुविधा

ग्राम पंचायत संकरी के युवा श्री उत्तम साहू के लिए खुशी का क्षण था जब घर बैठे ही उन्हें लर्निंग लाइसेंस मिल गई जो उनके गांव में आए सुशासन रथ से मिली। उत्तम कहते हैं कि उनके घर में अन्य सदस्यों ने लाइसेंस बनाया तो गांव के बाहर जाना पड़ा था और समय भी लगा था, अब कुछ दिन पहले गांव में कोटवार ने हांका लगाया तो सुशासन रथ आने की जानकारी मिली। मैंने वहां जा कर आवेदन किया। प्रक्रिया पूरी हुई और मुझे लाइसेंस मिल गया। सांकरा के रहने वाले श्री राजेश कुमार यादव भी बड़े प्रफुल्लित हैं कि उनका राशन कार्ड बन गया, इसके लिए बार-बार पंचायत कार्यालय में जाना नहीं पड़ा उन्होंने सुशासन रथ में आवेदन दिया, प्रक्रिया पूरी होने के बाद राशन कार्ड बन गया। उत्तम और राजेश मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहते हैं कि अब जिला प्रशासन रायपुर द्वारा उनके घर के समीप ही शासकीय सेवाएं मिल रही हैं जिसके लिए उन्हें अलग से समय निकाल कर जाना पड़ता था, कई बार कागजात अपूर्ण होने पर दुबारा भी जाना पड़ता था।

67 हजार से अधिक आवेदनों का त्वरित निराकरण

सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से अब तक कुल 75,864 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 67,788 आवेदनों का त्वरित निराकरण किया जा चुका है। शेष लंबित आवेदनों की कार्यवाही भी प्राथमिकता से की जा रही है। सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से अब तक जरूरतमंद 15,741 आवेदकों को आय प्रमाण पत्र, 5741 को जाति प्रमाण पत्र, 4273 को निवास प्रमाण पत्र, 7536 को आयुष्मान भारत कार्ड, 6014 को राशन कार्ड, 8269 को ड्राइविंग लाइसेंस, 1306 को किसान क्रेडिट कार्ड, 2051 को नरेगा जॉब कार्ड, 577 को जन्म प्रमाण पत्र, 50 को मृत्यु प्रमाण पत्र, 4093 श्रमिकों को श्रम कार्ड, 5070 लोगों को आधार कार्ड, 883 को किसान किताब, 814 पात्र आवेदकों को पेंशन, 1346 एचएसआरपी का लाभ देेने के साथ ही महिला एवं बाल विकास, पुलिस, आवास सहित अन्य योजनाओं से भी बड़ी संख्या में लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

गांव में ही लग रहा ‘वन-स्टॉप कैंप

किसी भी गांव में सुशासन एक्सप्रेस पहुंचने से तीन दिन पहले सूचना जारी की जाती है। मौके पर पटवारी, पंचायत सचिव, स्वास्थ्य टीम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आधार व आयुष्मान कार्ड बनाने वाले कर्मचारी और जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहते हैं। इस तरह गांव में ही छोटा ‘वन-स्टॉप शिविर’ तैयार हो जाता है।

प्रथम चरण- पूर्ण, अब सुशासन एक्सप्रेस दूसरे चरण में

प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के सकारात्मक परिणाम को देखते हुए जिला प्रशासन रायपुर ने इसी तर्ज पर सुशासन एक्सप्रेस की शुरूआत की, जिसका उद्देश्य शासकीय अमले का एक साथ गांवों में पहुंचकर उनकी समस्याओं और आवेदनों का तत्परता से निराकरण करना है। सुशासन एक्सप्रेस के प्रथम चरण की शुरूआत अभनपुर, आरंग, धरसींवा और तिल्दा विकासखण्ड के गांवों से हुई। उक्त चारों विकासखण्डों की 300 से अधिक ग्राम पंचायतों में तथा नगर पंचायत आरंग के 17 वार्डों में सुशासन एक्सप्रेस के माध्यम से समस्याओं और आवेदनों का तत्परता से निराकरण किया गया।

प्रथम चरण की सफलता के बाद अब जिला प्रशासन ने इसका दूसरा चरण भी प्रारंभ कर दिया है, जिसमें अभनपुर, धरसींवा एवं तिल्दा विकासखंड के ग्रामीण इलाके शामिल है, जहां सुशासन एक्सप्रेस निर्धारित तिथियों में पहुंच रही है। सुशासन एक्सप्रेस के साथ गांव-गांव में पहुंचकर विभिन्न विभागों का मैदानी अमला लोगों की समस्याओं और आवेदनों का निराकरण कर रहा है।

नाम मात्र खर्च में बड़ा बदलाव

कलेक्टर डॉ. गौरव कुमार सिंह ने बताया कि जनसमस्याओं के त्वरित निराकरण के लिए सुशासन एक्सप्रेस संचालित करने के आइडिया को मूर्तरूप देने के लिए कंडम हो चुकी चार एंबुलेंस को जिला प्रशासन द्वारा मरम्मत कराकर इन्हें सुशासन एक्सप्रेस में परिवर्तित किया गया। नाम मात्र खर्च में तैयार किए गए इन मोबाइल सेवा वैन ने ग्रामीण अंचलों में सुशासन की नई राह प्रशस्त की है। रायपुर जिले की सुशासन एक्सप्रेस की सफलता वास्तव में शासन-प्रशासन की इच्छाशक्ति, नवाचार और शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति पहुंचाने की दिशा में एक अनुकरणीय मॉडल है।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने ओसाका की एसएएस सानवा कंपनी लिमिटेड को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए किया आमंत्रित

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राज्य में अत्याधुनिक खाद्य प्रसंस्करण इकाई और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सुविधा होगी स्थापित: कृषि मूल्य शृंखला और रोजगार को मिलेगा नया आयाम

रायपुर, 26 अगस्त 2025/मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान ओसाका स्थित एसएएस सानवा कंपनी लिमिटेड को राज्य में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कंपनी को छत्तीसगढ़ में अत्याधुनिक खाद्य प्रसंस्करण इकाई तथा उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सुविधा स्थापित करने का प्रस्ताव दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ये परियोजनाएँ न केवल कृषि मूल्य शृंखलाओं को मज़बूत करेंगी बल्कि उच्च-तकनीकी विनिर्माण को भी प्रोत्साहित करेंगी और राज्य के युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर नए रोजगार अवसर सृजित करेंगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण, सुगम प्रक्रिया और प्रत्येक स्तर पर सहयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आशा व्यक्त की कि एसएएस सानवा कंपनी लिमिटेड की प्रस्तावित खाद्य प्रसंस्करण इकाई से किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिलेगा और कृषि आधारित उद्योगों को नई मजबूती प्राप्त होगी। साथ ही, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण सुविधा राज्य को उच्च-तकनीकी उत्पादन का नया केंद्र बनाएगी और युवाओं को आधुनिक उद्योगों से जुड़ने का अवसर प्रदान करेगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने विश्वास जताया कि ये निवेश परियोजनाएँ आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को न केवल देश में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उद्योग और निवेश का प्रमुख केंद्र बनाएंगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जनता की समृद्धि, युवाओं का भविष्य और निवेशकों का विश्वास है, और इसी संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ रहा है।


मुख्यमंत्री ने अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लखनऊ आगमन पर उनका अभिनन्दन किया

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भारत के किसी नागरिक को 04 दशक बाद अंतरिक्ष यात्रा के लिए भेजने

का अवसर प्राप्त हुआ, श्री शुभांशु शुक्ला उ0प्र0 के पहले अंतरिक्ष
यात्री, जो किसी स्पेस मिशन के साथ जुड़े : मुख्यमंत्री

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उ0प्र0 के युवाओं
के लिए आगे बढ़ने के अवसर तथा सम्भावनाएं हैं

राज्य सरकार स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उच्च अध्ययन अर्जित करने वाले
छात्रों के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर छात्रवृत्ति जारी करेगी

माता-पिता के संस्कारों से पुत्र ने आगे बढ़कर सफलता की नई ऊंचाइयों को
प्राप्त किया, आज उनकी उपलब्धि का लाभ उ0प्र0 सहित पूरे देश को प्राप्त हो रहा

अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र के बेहतरीन उपयोग से हम आपदा को कम करने तथा अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते

प्रधानमंत्री जी ने स्टेम एजुकेशन की बात कही, साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मैथमेटिक्स में कैरियर बनाने के इच्छुक युवाओं के लिए अंतरिक्ष विज्ञान में अनेक अवसर

इस दिशा में भारत विगत 11 वर्षों में तेजी से आगे बढ़ा, आज विरासत और
विकास की यात्रा को अनन्त ऊँचाइयों तक बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रदेश में संचालित
कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभवों का लाभ ले

मदन मोहन मालवीय प्रौद्यागिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा ए0के0टी0यू0 सहित प्रदेश के एक दर्जन से अधिक संस्थानों ने स्पेस टेक्नोलॉजी के बारे में डिग्री कोर्स प्रारम्भ किए

लखनऊ ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि भारत के किसी नागरिक को 04 दशक बाद अंतरिक्ष यात्रा के लिए भेजने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह हमारा सौभाग्य है कि यह अवसर उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जन्में और यहीं पर अपनी प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को प्राप्त हुआ। उनकी सफलतम यात्रा के उपरान्त आज प्रदेश की राजधानी लखनऊ में उनका पहली बार आगमन हुआ है। उनका आगमन हम सभी को आह्लादित करता है। श्री शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश के पहले अंतरिक्ष यात्री हैं, जो किसी स्पेस मिशन के साथ जुड़े हैं। राज्य सरकार स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उच्च अध्ययन अर्जित करने वाले छात्रों के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के नाम पर एक छात्रवृत्ति जारी करेगी।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन के सफलतापूर्वक संचालन तथा अन्तर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आई0एस0एस0) से कुशल वापसी के बाद अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के लखनऊ आगमन पर आयोजित नागरिक अभिनन्दन समारोह में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को अंग वस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका अभिनन्दन किया। इस अवसर पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। समारोह से पूर्व ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने मुख्यमंत्री जी से उनके सरकारी आवास पर शिष्टाचार भेंट की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा हम सभी के लिए कौतूहल का विषय थी। हर भारतवासी उनकी यात्रा को बड़े विश्वास व आशा भरी निगाहों से देख रहा था। उत्तर प्रदेश के पहले अंतरिक्ष यात्री, भारत माता के सपूत ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला लखनऊ के लाल हैं। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा लखनऊ से ही प्राप्त की है। अंतरिक्ष यात्रा से सकुशल वापसी के उपरान्त आज उनका अपने घर लखनऊ में आगमन हुआ है। आज इस मंच के माध्यम से उनके अनुभवों का लाभ भी हमें प्राप्त हुआ है। श्री शुभांशु शुक्ला के पिताजी उत्तर प्रदेश सरकार के सचिवालय प्रशासन में ही अधिकारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उन्होंने अपने पुत्र की पढ़ाई पर ध्यान दिया। माता-पिता के संस्कारों से पुत्र ने आगे बढ़कर सफलता की नई ऊंचाइयों को प्राप्त किया। आज उनकी उपलब्धि का लाभ उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश को प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 25 जून, 2025 को ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा अपने सहयात्रियों के साथ प्रारम्भ की। इससे पहले यह कार्यक्रम दो-तीन बार स्थगित हुआ। सुरक्षित उड़ान से लेकर एक्सपेरिमेण्ट्स को आगे बढ़ाने और फिर सुरक्षित लैंडिंग को लेकर किसी भी प्रकार की कोई आशंका न रहे, यह नासा, इसरो, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और पूरे देश की चिंता थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन सभी मुद्दों पर उन्होंने इसरो के चेयरमैन श्री वी0 नारायणन से चर्चाएं की थीं। हमें यह महसूस हुआ कि हमारे लिए एक नया मार्ग खुल रहा है। 18 दिन की इस यात्रा के दौरान श्री शुभांशु शुक्ला ने पूरी धरती के 320 चक्कर लगाए। आज वह अपने अनुभव साझा करने के लिए लखनऊ अपने घर वापस आए हैं। लखनऊवासियों के लिए यह नयी उत्सुकता का क्षण है तथा उनके लिए अंतरिक्ष के क्षेत्र में आगे बढ़ने की नयी सम्भावनाओं के द्वार भी खोलता है। अनेक क्षेत्रों में यह सम्भावनाएं आगे बढ़ सकती हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले स्पेस का क्षेत्र हमारे लिए अछूता सा था। हमने इस क्षेत्र का बहुत उपयोग नहीं किया। वर्तमान में हर व्यक्ति क्लाइमेट चेंज से जूझ रहा है। कहीं पर सूखा है, तो कहीं पर अतिवृष्टि की स्थिति है। फसल चक्र पर इसका असर पड़ा है। आकाशीय बिजली तथा बाढ़ के दौरान जन-धन की हानि होती है। आपदा प्रबन्धन तथा स्वास्थ्य सेक्टर सहित अन्य अनेक चुनौतियां हैं। यदि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र का बेहतरीन उपयोग किया जा सके, तो हम न केवल आपदा को कम करने में सफल हो सकते हैं, बल्कि अन्नदाता किसानों की आमदनी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं। इसके माध्यम से हम नागरिकों को ईज़ ऑफ लिविंग तथा क्वालिटी ऑफ लाइफ देने में सफल हो सकते हैं, बाढ़ और सूखे के बेहतर प्रबन्धन का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभव इस दिशा में हमारे पास हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने स्टेम एजुकेशन की बात कही है। साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग तथा मैथमेटिक्स के क्षेत्र में जो युवा कैरियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में अनेक अवसर हैं। स्पेस टेक्नोलॉजी इन युवाओं के लिए विकास के नए द्वार खोल सकती है। आने वाली चुनौतियों का सामना हम आसानी से कर सकते हैं। इस दिशा में भारत विगत 11 वर्षों में तेजी से आगे बढ़ा है। आज का यह नागरिक अभिनन्दन कार्यक्रम अपनी सफलतम स्पेस यात्रा के बाद लखनऊ के पुत्र का लखनऊ में आगमन के अभिनन्दन का कार्यक्रम ही नहीं है, बल्कि भविष्य की उपलब्धियों के नए द्वार खोलने की दिशा में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्होंने उत्तर प्रदेश की चिन्ताओं से इसरो के चेयरमैन तथा ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जी को अवगत कराया है। बरसात के मौसम में आकाशीय विद्युत से जन-धन की हानि बढ़ जाती है, जिसे अर्ली वॉर्निंग सिस्टम के माध्यम से रोका जा सकता है। राज्य सरकार ने इस दिशा में प्रयास किए हैं। भारत सरकार भी इसमें सहयोग करती है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यदि राज्य के पास अपनी स्वयं की तकनीक और सैटेलाइट हो, तो रिमोट सेन्सिंग का प्रयोग करते हुए पब्लिक एड्रेस सिस्टम द्वारा समय से स्थानीय नागरिकों को अवगत किया जा सकता है। इससे जन-धन की हानि को रोका जा सकता है। आपदाओं को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, यह मानकर हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं सकते हैं। इन चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में टेक्नोलॉजी का विकास हो चुका है। दुनिया सफलतापूर्वक इनका प्रयोग कर रही है। हमें भी इसमें पीछे नहीं रहना है। हमें समय से इन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिए आगे बढ़ने के अवसर तथा सम्भावनाएं हैं। इस दृष्टि से नागरिक अभिनन्दन का यह कार्यक्रम उत्तर प्रदेशवासियों तथा यहां के युवाओं के लिए एक नयी प्रेरणा का केन्द्र बिन्दु है। लखनऊवासियों ने विपरीत मौसम के बावजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के आगमन पर जो उत्सुकता दिखायी है तथा लखनऊ की परम्परा के अनुसार उनका खुले दिल से स्वागत किया है, उसके लिए वह भी अभिनन्दन के पात्र हैं। मुख्यमंत्री जी ने सी0एम0एस0 परिवार को इस कार्यक्रम को लीड करने के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि श्री शुभांशु शुक्ला ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा सी0एम0एस0 से ही प्राप्त की है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से यह अपेक्षा की कि विभाग प्रदेश में जो कार्यक्रम संचालित कर रहा है, उन सभी में ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के अनुभवों का लाभ ले। आज से 3-4 वर्ष पूर्व उत्तर प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी पर किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान में कोई पाठ्यक्रम नहीं संचालित होते थे। यह प्रसन्नता का विषय है कि वर्तमान में मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, गोरखपुर तथा ए0के0टी0यू0 सहित प्रदेश के एक दर्जन से अधिक संस्थानों ने स्पेस टेक्नोलॉजी के बारे में डिग्री कोर्स प्रारम्भ किए हैं। यह दर्शाता है कि भारत की विकास यात्रा में उत्तर प्रदेश के यह संस्थान भी बराबर के सहभागी बनना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देशवासियों को वर्ष 2047 में विकसित भारत बनाए जाने का लक्ष्य दिया है। विकसित भारत के लिए हमें विकास की सम्भावना वाले सभी क्षेत्रों के द्वार खुले रखने होंगे। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की सफलता भारत की विरासत का हिस्सा है। जब हम वर्तमान के इस अभियान से जुड़ रहे हैं, तो हम उन अभियानों से जुड़ते हैं, जिन्हें भारतीय मनीषा ने पहले से ही हमारी चेतना के उच्च आयाम के माध्यम से विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया है। प्राचीन गणनाओं तथा आज की गणनाओं में कोई भी मतभेद नजर नहीं आएगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज विरासत और विकास की यात्रा को अनन्त ऊँचाइयों तक बढ़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है। इस अवसर पर वर्ष 2027 के गगनयान तथा वर्ष 2040 एवं वर्ष 2047 के लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में हम सभी की सहभागिता भी होनी चाहिए। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की इण्टरनेशनल स्पेस स्टेशन के माध्यम से पूरी दुनिया की कई बार की गई परिक्रमा से अर्जित अनुभव और शोध का लाभ भारत को आगे बढ़ने में मदद करेगा। उनकी यह यात्रा उत्तर प्रदेश सहित भारत के लिए स्पेस सेक्टर में नए द्वार खोलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार श्री शुभांशु शुक्ला के अनुभवों तथा इसरो के सहयोग की अपेक्षा करती है। प्रदेश के युवाओं तथा हमारी नयी पीढ़ी को आगे बढ़ने का अवसर इस यात्रा के माध्यम से प्राप्त होगा।
उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गु्रप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने पूरे हिन्दुस्तान के हृदय में अपना स्थान बना लिया है। सबकी नजर उनकी अंतरिक्ष यात्रा पर टिकी थी। देश के युवाओं को अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली है।
उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान सहित हर क्षेत्र में अद्भुत प्रगति की है। गु्रप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में जो प्रयोग किए, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेंगे।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक, आर्थिक व आध्यात्मिक प्रगति का प्रतीक बना है। गु्रप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष मिशन भारत की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उनका योगदान उत्तर प्रदेश सहित सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए गौरव का विषय है।
इसरो के चेयरमैन श्री वी0 नारायणन ने मुख्यमंत्री जी का भव्य अभिनन्दन के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं। उनका नेतृत्व प्रदेश व देश के लिए प्रेरणा है। उत्तर प्रदेश की ग्रोथ असाधारण है। प्रधानमंत्री जी हमें निरन्तर ह्यूमन स्पेस प्रोग्राम की दिशा में प्रेरित करते रहते हैं। उनके नेतृत्व में इसरो ने अनेक महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं।
गु्रप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने लखनऊ वासियों के अभूतपूर्व उत्साह तथा नागरिक अभिनन्दन के लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए अपनी अंतरिक्ष यात्रा के अनुभवों को साझा किया। 18 दिनों की उनकी यात्रा में उन्होंने भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए 07 प्रयोग किए। यह इतिहास में पहली बार हुआ कि भारतीय वैज्ञानिकों को माइक्रो ग्रेविटी पर रिसर्च करने का अवसर मिला। यह मिशन की बहुत बड़ी उपलब्धि है कि हमारे देश के बच्चों में भी स्पेस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जाने का उत्साह उत्पन्न हुआ है। यह हमारे देश का गोल्डेन पीरियड है। नेशन बिल्डिंग के लिए भी स्पेस का क्षेत्र बहुत अनिवार्य है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, विधान परिषद सदस्य श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी, खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री गिरीश चन्द्र यादव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री श्री अजीत पाल, श्रम एवं सेवायोजन राज्य मंत्री श्री मनोहर लाल मन्नू कोरी, लखनऊ की महापौर श्रीमती सुषमा खर्कवाल एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक व राज्य कर श्री एम0 देवराज, प्रमुख सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री पंधारी यादव, सूचना निदेशक श्री विशाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं गु्रप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के परिजन उपस्थित थे।