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दुर्ग यातायात पुलिस का अध्ययन: दुर्घटनाओं पर नियंत्रण में Enforcement और Engineering का प्रत्यक्ष प्रभाव

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दिनांक 23 अगस्त 2025 को Institution of Engineers (India), Bhilai Local Centre द्वारा इंजीनियर्स भवन, सिविक सेंटर, भिलाई में “Sustainable Traffic Management – Issues and Challenges” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।* इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्री विजय अग्रवाल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। संगोष्ठी में यातायात पुलिस की प्रभारी सुश्री ऋचा मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (यातायात), दुर्ग विशेषज्ञ पैनल की सदस्य के रूप में शामिल हुईं।
कार्यक्रम में प्रस्तुत प्रस्तुतीकरण व डाटा विश्लेषण का प्रमुख निष्कर्ष यह रहा कि –यातायात नियमों का कड़ा प्रवर्तन (Strict Enforcement) और सड़क दुर्घटनाओं में कमी (Reduction in Road Accidents) सीधे अनुपात में जुड़े हुए हैं।

• जनवरी से जुलाई 2024 के बीच दुर्ग जिले में 11,198 प्रकरणों पर कार्यवाही हुई थी, जबकि इसी अवधि 2025 में यह बढ़कर 20,952 हो गई।

• बिना हेलमेट वाहन चलाना, ट्रिपल सवारी, ओवरस्पीडिंग, नशे की हालत में वाहन चलाना तथा बिना सीटबेल्ट गाड़ी चलाने जैसे उल्लंघनों पर विशेष ध्यान दिया गया।

• वर्ष 2024 की तुलना में 2025 में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या 746 से घटकर 664 रही, घायलों की संख्या 653 से घटकर 584 और मृतकों की संख्या 213 से घटकर 190 दर्ज की गई।

इन आँकड़ों से यह तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आया कि —
जितना अधिक प्रवर्तन (Enforcement) बढ़ा, दुर्घटनाओं की संख्या उतनी ही कम हुई।
यानी प्रवर्तन और सड़क दुर्घटनाओं का रिश्ता प्रत्यक्ष अनुपाती है।
*सेमिनार में यह भी रेखांकित किया गया कि सड़क सुरक्षा केवल प्रवर्तन तक सीमित नहीं है।* 5E Pillars — Enforcement, Engineering, Education, Emergency और Evaluation के समन्वित प्रयास से ही स्थायी परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। इस दिशा में दुर्ग *यातायात पुलिस द्वारा स्थानीय प्रशासन एवं नगर निगम के सहयोग से ब्लैक स्पॉट सुधार, सड़क प्रकाश व्यवस्था, डिवाइडर निर्माण, रंबल स्ट्रिप और साइन बोर्ड लगाने जैसे कदम उठाए गए हैं।*
संगोष्ठी का निष्कर्ष यह रहा कि सतत् यातायात प्रबंधन और सड़क सुरक्षा हेतु प्रवर्तन को प्राथमिक साधन के रूप में लागू करना आवश्यक है, क्योंकि इसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाओं में प्रत्यक्ष कमी आती है।


मुख्यमंत्री ने एस0जी0पी0जी0आई0, लखनऊ में एस0बी0आई0 फाउण्डेशन आई0सी0यू0 प्रोजेक्ट का शुभारम्भ किया

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सलोनी हार्ट सेण्टर प्रदेश के हजारों परिवारों के जीवन में नई उम्मीद का संचार कर रहा, यह पहल वर्ष 2023 के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का प्रत्यक्ष सुफलः मुख्यमंत्री

सलोनी हार्ट सेण्टर को आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित करने हेतु एस0बी0आई0 फाउण्डेशन ने लगभग 10 करोड़ रु0 का सहयोग प्रदान किया

एस0बी0आई0 फाउण्डेशन का सहयोग सलोनी हार्ट सेण्टर को और अधिक क्षमतावान बनाएगा, आने वाले समय में बच्चों के जीवन की रक्षा में मील का पत्थर सिद्ध होगा

डेढ़ वर्ष पूर्व शुभारम्भ किए गए इस सेण्टर में अब तक 300 से अधिक बच्चों की हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक हो चुकी

हार्ट सेंटर का पहला चरण पूर्णतः क्रियाशील, दूसरे चरण का कार्य तेजी से प्रगति पर

       लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज यहां संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एस0जी0पी0जी0आई0) में एस0बी0आई0 फाउण्डेशन आई.सी.यू. प्रोजेक्ट का शुभारम्भ किया। सलोनी हार्ट सेण्टर बच्चों की जन्मजात हृदय सम्बन्धी बीमारियों के उपचार के लिए समर्पित है। इस अवसर पर एस0बी0आई0 फाउण्डेशन ने सलोनी हार्ट सेण्टर को लगभग 10 करोड़ रुपये का सहयोग प्रदान किया। इस राशि से सेण्टर को आधुनिक उपकरणों और आवश्यक संसाधनों से सुसज्जित किया जाएगा।

       मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में बच्चों के हृदय सम्बन्धी रोगों के लिए उच्चस्तरीय उपचार सुविधा की कमी लम्बे समय से महसूस की जा रही थी। ऐसे में सलोनी हार्ट सेण्टर प्रदेश की एक बड़ी उपलब्धि है। डेढ़ वर्ष पूर्व शुभारम्भ किए गए इस सेण्टर में अब तक 300 से अधिक बच्चों की हार्ट सर्जरी सफलतापूर्वक हो चुकी है। हार्ट सेंटर का पहला चरण पूर्णतः क्रियाशील है, जबकि दूसरे चरण का कार्य तेजी से प्रगति पर है।

       मुख्यमंत्री जी ने सलोनी हार्ट फाउण्डेशन के संचालक दम्पती श्रीमती मिली सेठ एवं श्री हिमांशु सेठ के प्रयासों की सराहना की। साथ ही एस0बी0आई0 फाउण्डेशन के सहयोग की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि सलोनी हार्ट सेण्टर प्रदेश के हजारों परिवारों के जीवन में नई उम्मीद का संचार कर रहा है। यह पहल वर्ष 2023 के ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का प्रत्यक्ष सुफल है और बच्चों के जीवन की रक्षा में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है।

       मुख्यमंत्री जी ने यह भी उल्लेख किया कि उत्तर प्रदेश ने पूर्व में इंसेफेलाइटिस जैसी गम्भीर बीमारी के उन्मूलन में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है और अब बच्चों के हृदय रोगों के उपचार में भी ठोस प्रगति हो रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि एस0बी0आई0 फाउण्डेशन का यह सहयोग सलोनी हार्ट सेण्टर को और अधिक क्षमता सम्पन्न बनाएगा तथा आने वाले समय में बच्चों के जीवन की रक्षा में मील का पत्थर सिद्ध होगा।

       इस अवसर पर एस0जी0पी0जी0आई0 के निदेशक डॉ0 आर0 के0 धीमन ने मुख्यमंत्री जी को हार्ट सेण्टर की स्थापना से लेकर अब तक की गतिविधियों एवं उपलब्धियों की जानकारी दी।

       कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, सलोनी फाउण्डेशन, एस0बी0आई0, एस0जी0पी0जी0आई0 तथा स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।


प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की आगामी जापान यात्रा से और मजबूत होंगे भारत-जापान संबंध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ सप्ताह से विज़न 2047 को मिलेगा वैश्विक आयाम

रायपुर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की आगामी यात्रा और ओसाका में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ की सहभागिता पर कहा कि “हमारे देश के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी बहुत जल्द जापान आ रहे हैं। भारत और जापान की मित्रता ऐतिहासिक और गहरी है। उनके इस दौरे से यह संबंध और भी मजबूत होंगे और हमारे देश को अनेक लाभ प्राप्त होंगे।”

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की यात्रा भारत और जापान के बीच तकनीकी, औद्योगिक और सांस्कृतिक सहयोग को और प्रगाढ़ बनाएगी। इससे दोनों देशों की जनता को लाभ होगा और साझा समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।

ओसाका में वर्ल्ड एक्सपो 2025 के संदर्भ में मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “कल हमने छत्तीसगढ़ को समर्पित सप्ताह का शुभारंभ किया है। यह वर्ल्ड एक्सपो भारत की संस्कृति को विश्व के सामने प्रस्तुत करने का एक बड़ा प्रयास है। छत्तीसगढ़ का सप्ताह न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश के लिए लाभकारी रहेगा।”

उन्होंने कहा कि इस आयोजन से छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक धरोहर और औद्योगिक प्रगति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। इससे निवेश और सहयोग के अवसर भी बढ़ेंगे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास व्यक्त किया कि जापान यात्रा और ओसाका एक्सपो में छत्तीसगढ़ की सक्रिय भागीदारी प्रदेश और देश दोनों के लिए सकारात्मक परिणाम लेकर आएगी।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय पहुँचे छत्तीसगढ़ पैवेलियन: वर्ल्ड एक्सपो 2025 में दिखी प्रदेश की संस्कृति और समृद्धि की अद्भुत झलक

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज ओसाका (जापान) में चल रहे वर्ल्ड एक्सपो 2025 के भारत मंडपम के अंतर्गत स्थापित छत्तीसगढ़ पैवेलियन पहुँचे। यहाँ उन्होंने प्रदेश की संस्कृति, परंपरा और आधुनिक प्रगति को दर्शाती प्रदर्शनी का अवलोकन किया।

उल्लेखनीय है कि उद्घाटन दिवस पर ही छत्तीसगढ़ पैवेलियन में 22 हजार से अधिक दर्शक पहुँचे। यहाँ आने वाले लोग प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, आदिवासी लोककला, उद्योग और पर्यटन की अनूठी झलक देखकर उत्साहित हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ आज अपनी परंपरा और आधुनिकता के अनूठे संगम के साथ दुनिया के सामने उभर रहा है। “हमारी पहचान केवल धरोहर और लोकसंस्कृति तक सीमित नहीं है, बल्कि उद्योग, नवाचार और वैश्विक सहयोग की दिशा में भी हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।”

पवेलियन में छत्तीसगढ़ की जनजातीय कला, बुनाई, हस्तनिर्मित उत्पाद, हर्बल आइटम्स और पर्यटन स्थलों को आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किया गया है। साथ ही, प्रदेश की औद्योगिक क्षमता, निवेश अवसर और भविष्य की संभावनाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।

जापान और अन्य देशों से आए आगंतुकों ने छत्तीसगढ़ के पैवेलियन की सराहना करते हुए विशेष रूप से हस्तशिल्प और बांस उत्पादों, बस्तर आर्ट और लोकसंगीत पर आधारित प्रस्तुतियों की प्रशंसा की। इससे अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के बीच प्रदेश की एक सकारात्मक छवि बनी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने पवेलियन में मौजूद मेहमानों से आत्मीय संवाद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ निवेश और साझेदारी के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को प्रदेश के साथ जुड़कर विकास की नई दिशा में कदम बढ़ाने का आमंत्रण दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि “वर्ल्ड एक्सपो जैसे वैश्विक मंच पर हमारी भागीदारी यह संदेश देती है कि छत्तीसगढ़ केवल भारत का ही नहीं, बल्कि वैश्विक साझेदारी का भी एक मजबूत केंद्र बन सकता है।”

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधिमंडल ने विभिन्न देशों से आए निवेशकों और प्रतिनिधियों से भी चर्चा की। औद्योगिक विकास, पर्यटन संवर्द्धन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर केंद्रित इन मुलाकातों ने भविष्य में सहयोग के नए अवसर खोले।

छत्तीसगढ़ पवेलियन की भव्यता और उसमें प्रदर्शित सामग्री ने यह संदेश दिया कि प्रदेश न केवल अतीत की सांस्कृतिक धरोहर से समृद्ध है, बल्कि आने वाले कल का भविष्य-रेडी हब भी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का यह प्रवास छत्तीसगढ़ को विश्व मंच पर नई पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


तीज से पहले हाथो मे लगाई मेंहदी ,मांगे पूरी करने की गुहार

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अस्पतालों में ताले, मरीज बेहाल.

भारी बारिश मे भी डटे एनएचएम कर्मचारी

छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ द्वारा नियमितीकरण/सविलियन, ग्रेड पे, लंबित 27% वेतन वृद्धि सहित 10 सूत्रीय मांगों को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन आंदोलन लगातार तेज हो रहा है।

प्रदेशभर के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल हैं, जिनमें सूरजपुर जिले के लगभग 600 कर्मचारी भी प्रतिदिन धरना स्थल पर उपस्थित रहकर अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
एनएचएम कर्मचारी 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है,और हर दिन अनूठे अंदाज मे अपनी मांगे राज्य सरकार से मनवाने का प्रयास कर रहे है,आज हड़ताल के 8 वें दिन हाईटेक न्यू बस स्टैंड सूरजपुर मे धरनास्थल पर एनएचएम की महिला कर्मचारियो ने तीज से पहले हाथों मे मेंहदी लगाकर सरकार से मांगे पूरी करने गुहार लगाई.

ज्ञात हो कि इन्हीं कर्मचारियों के भरोसे शासकीय अस्पतालों में संस्थागत प्रसव, पैथोलॉजी जाँच (खून, पेशाब, ट्रू-नाट, सीबीनाट), टीबी, कुष्ठ, मलेरिया जांच, ओपीडी, नवजात शिशु देखभाल, आंगनबाड़ी स्वास्थ्य परीक्षण, पोषण आहार वितरण, एनसीडी स्क्रीनिंग, वृद्ध स्वास्थ्य परीक्षण और आपातकालीन सेवाएं संचालित होती हैं।

लेकिन हड़ताल के चलते ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं। कई अस्पतालों में ताले लटक गए हैं, मरीज इलाज के लिए भटक रहे हैं, वहीं रात्रिकालीन प्रसव सेवाएं बाधित एवं ऑपरेशन ओटी पूरी तरह बंद हो गई हैं। उप स्वास्थ्य केंद्रों और शहरी स्वास्थ्य केंद्रो में भी ताले जड़े हुए हैं, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदतर हो गई है।

कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने शीघ्र ठोस पहल नहीं की, तो आने वाले दिनों में प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित हो जाएगी।

एनएचएम कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि भाजपा के घोषणा पत्र और “मोदी की गारंटी” में स्पष्ट उल्लेख होने के बावजूद कि संविदा कर्मचारियों का 100 दिनों में नियमितीकरण किया जाएगा, पिछले 20 महीनों में 160 से अधिक ज्ञापन और निवेदन देने के बाद भी सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है।

संघ के जिलाध्यक्ष बृजलाल पटेल का कहना है कि पिछले 20 सालो से शोषित, पीड़ित और वंचित है, एवं अल्प वेतन मे सेवा देने को मजबूर है.जिसके लिए लगातार संघर्ष कर रहे है .परन्तु आज तक आश्वासन और कमेटी के अलावा हमे कुछ नही मिला, जब तक सभी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं होते, तब तक यह अनिश्चितकालीन आंदोलन जारी रहेगा।


ओसाका इन्वेस्टर कनेक्ट: छत्तीसगढ़ ने जीता निवेशकों का भरोसा

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छत्तीसगढ़ का निवेश-अनुकूल इकोसिस्टम: जापानी कंपनियों ने दिखाई गहरी रुचि

रायपुर, 25 अगस्त 2025/
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान ओसाका में आयोजित प्रतिष्ठित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्राकृतिक संसाधनों, प्रतिभाशाली मानवबल और उद्योग-अनुकूल नीतियों का सशक्त संगम है। उन्होंने रेखांकित किया कि भारत और जापान विश्वास एवं साझा मूल्यों की गहरी डोर से जुड़े हैं। मुख्यमंत्री ने जापानी साझेदारों से आह्वान किया कि वे नवाचार, अवसर और साझा समृद्धि से आगे बढ़ रही छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा में भागीदार बनें।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने सरताज फूड्स, ओसाका को छत्तीसगढ़ में फूड प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने के लिए 11.45 मिलियन डॉलर (₹100 करोड़) का निवेश प्रस्ताव दिया। यह परियोजना राज्य के फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र को नई ऊँचाई देगी, बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन करेगी और किसानों को नए अवसर प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से छत्तीसगढ़ की कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था और अधिक सुदृढ़ होगी।

बिजनेस-टू-गवर्नमेंट (B2G) बैठकों के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री साय ने मोराबु हंशिन कंपनी के प्रेसिडेंट एवं रिप्रेजेंटेटिव डायरेक्टर श्री नाओयुकी शिमाडा से भी भेंट की। यह कंपनी कुशल इंजीनियरों, सिस्टम डेवलपमेंट और वर्कफोर्स सॉल्यूशंस के क्षेत्र में अग्रणी है। बैठक में कौशल प्रशिक्षण और वर्कफोर्स एक्सचेंज के क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए वैश्विक अवसरों का मार्ग प्रशस्त होगा और राज्य का कौशल तंत्र और अधिक सशक्त बनेगा।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के अधिकारियों ने राज्य की प्रतिस्पर्धात्मक विशेषताओं को विस्तार से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि प्रचुर खनिज संपदा, सक्रिय सिंगल-विंडो क्लियरेंस सिस्टम, विश्वस्तरीय औद्योगिक ढाँचा और वैश्विक निवेशकों को सहज वातावरण उपलब्ध कराना छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताकत है। राज्य में किए जा रहे सुधारों और निवेशकों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं की जापानी प्रतिनिधियों ने सराहना की। विशेषकर फूड प्रोसेसिंग, प्रौद्योगिकी और उन्नत वर्कफोर्स सॉल्यूशंस के क्षेत्र में निवेश की इच्छुक कंपनियों ने छत्तीसगढ़ को उपयुक्त अवसरों का प्रदेश बताया।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा, “छत्तीसगढ़ निवेश-अनुकूल इकोसिस्टम प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहाँ वैश्विक साझेदारों को अवसर और सहयोग दोनों मिलते हैं। जापान के साथ हमारी साझेदारी विश्वास और साझा मूल्यों पर आधारित है। ओसाका में हुई चर्चाएँ न केवल निवेश लेकर आएँगी, बल्कि हमारे किसानों को सशक्त बनाएँगी, युवाओं के लिए रोजगार उत्पन्न करेंगी और विकसित छत्तीसगढ़ की नींव को और अधिक मजबूत करेंगी।”


भारत की लोकतांत्रिक परंपराएं पूरी दुनिया के लिए

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प्रेरणा रही हैं: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह

रायपुर, छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपराएं पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा रही हैं। भारत ने प्राचीन काल से ही लोकतंत्र की भावना को आत्मसात किया है। उन्होंने कहा कि विधानसभाएं लोकतंत्र को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाती हैं। यही माध्यम है जिससे जनता की आकांक्षाएं शासन की नीतियों में बदलती हैं। डॉ. सिंह आज नई दिल्ली में ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस में ‘भारत लोकतंत्र की जननी‘ विषय पर सम्बोधित कर रहे थे।

ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में पंचायते जीवित इकाई के रूप में कार्य करती हैं। पंचायतों में सामूहिक निर्णय के माध्यम से विवादों का समाधान चर्चा से होता था। पंचायतीराज की यह परंपरा आज भी लोकतंत्र की रीढ है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1946 में गठित संविधान सभा लोकतंत्र का अनुपम उदाहरण है।

गौरतलब है कि यह सम्मेलन वीर विठ्ठल भाई पटेल प्रथम निर्वाचित भारतीय स्पीकर के जन्म शताब्दी समारोह के अंतर्गत यह सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस दो दिवसीय सम्मेलन का शुभारंभ आज केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने दिल्ली में किया। इस सम्मेलन में भारत के लोकतांत्रिक ढांचे को और अधिक मजबूत करने पर चर्चा होगी। इस सम्मेलन में भारत के कई राज्यों की विधानसभा के अध्यक्ष और पीठासीन अधिकारी शामिल हो रहे हैं।


अभियोजन अधिकारियों को नवीन कानून के प्रभावी क्रियान्वयन पर राज्य स्तरीय प्रशिक्षण

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रायपुर, नवा रायपुर स्थित महानदी मंत्रालय भवन के सभागार में आज अभियोजन अधिकारियों को नवीन कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु एक दिवसीय राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस अवसर पर निदेशालय लोक अभियोजन छत्तीसगढ़ के महानिदेशक श्री अरुण देव गौतम मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। प्रशिक्षण कार्यक्रम में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रायपुर श्री विनय कुमार प्रधान एवं श्री शैलेश शर्मा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के क्रियान्वयन संबंधी विषयों पर मार्गदर्शन दिया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्री प्रधान एवं अतिरिक्त सचिव विधि एवं विधायी श्री चन्द्र कुमार कश्यप ने वीसी के माध्यम से साक्ष्य परीक्षण, प्रक्रिया संबंधी जटिलताओं तथा नवीन कानून के क्रियान्वयन पर विस्तार से जानकारी दी।

अतिरिक्त सचिव विधि एवं विधायी कार्य विभाग श्री कश्यप तथा अतिरिक्त संचालक लोक अभियोजन श्री के.एस. गावस्कर ने अपील एवं पुनरीक्षण प्रस्तावित करने के आधार और प्रशासनिक प्रक्रियाओं पर प्रकाश डाला। हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी के सहायक प्राध्यापक श्री प्रवेश राजपूत ने नवीन आपराधिक कानून में सम्मिलित नये प्रावधानों एवं उनके क्रियान्वयन संबंधी पहलुओं पर प्रशिक्षण प्रदान किया। प्रशिक्षण में शामिल अधिकारियों के प्रश्नों एवं जिज्ञासाओं का समाधान भी किया गया।

राज्य स्तरीय इस प्रशिक्षण में अभियोजन विभाग के संयुक्त संचालक, उपनिदेशक, सहायक निदेशक एवं सहायक जिला अभियोजन अधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन निदेशालय लोक अभियोजन नया रायपुर द्वारा किया गया। इसमें अतिरिक्त संचालक श्री के.एस. गावस्कर, उपनिदेशक श्रीमती मीना जगदल्ला एवं श्रीमती पदमा साहू, सहायक निदेशक श्री सोहन साहू, श्री राकेश कुमार सिंह, सुश्री मंजू नेमा, श्री कुंवर रत्नेश सिंह, श्रीमती शिवानी बोरकर, श्री आशुतोष कुमार श्रीवास्तव, श्री दिलीप कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।


ओसाका (जापान) में वर्ल्ड एक्सपो 2025 के पहले ही दिन छत्तीसगढ़ पैवेलियन में उमड़ी रौनक, 22 हजार से अधिक दर्शकों ने किया अवलोकन

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ओसाका (जापान) में वर्ल्ड एक्सपो 2025 के पहले ही दिन छत्तीसगढ़ पैवेलियन में उमड़ी रौनक, 22 हजार से अधिक दर्शकों ने किया अवलोकन

रायपुर, 24 अगस्त 2025/
ओसाका (जापान) में आयोजित वर्ल्ड एक्सपो 2025 के पहले दिन ही छत्तीसगढ़ पैवेलियन आकर्षण का केंद्र बन गया। उद्घाटन दिवस पर 22 हजार से अधिक दर्शकों ने यहाँ पहुँचकर छत्तीसगढ़ की विरासत, उद्योग और पर्यटन की अनूठी झलक का अनुभव किया।

भारत सरकार के इंडियन ट्रेड प्रमोशन ऑर्गेनाइजेशन (ITPO) के आमंत्रण पर 24 से 30 अगस्त 2025 तक भारत पैवेलियन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ अपनी सक्रिय भागीदारी निभा रहा है। आज इस भव्य पैवेलियन का विधिवत शुभारंभ किया गया।

छत्तीसगढ़ : संस्कृति, उद्योग और अवसरों का संगम

पैवेलियन को इस प्रकार डिज़ाइन किया गया है कि यह आगंतुकों को एक जीवंत अनुभव प्रदान करता है। पवेलियन में छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक समृद्धि, औद्योगिक शक्ति और पर्यटन की संभावनाओं को सुंदर रूप से पिरोया गया है। यह वैश्विक दर्शकों को छत्तीसगढ़ की विकास यात्रा और भविष्य की संभावनाओं से अवगत कराता है।

पर्यटन और विरासत की छटा

पैवेलियन में छत्तीसगढ़ की धरती की सुंदरता और धरोहर को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है। नवा रायपुर, देश का पहला ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी, जिसे निवेश और औद्योगिक प्रगति के लिए तैयार किया गया है, यहाँ विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक पहचान चित्रकोट जलप्रपात ने भी सबका ध्यान खींचा। भारत का सबसे चौड़ा जलप्रपात होने के कारण इसे “भारत का नियाग्रा” कहा जाता है।

इतिहास और आस्था की झलक देने वाला सीतापुर (Sirpur) पैवेलियन में प्रमुख रूप से प्रदर्शित है। यह 8वीं शताब्दी ईस्वी से जुड़ा भारत का एक विशाल बौद्ध स्थल है, जो छत्तीसगढ़ की गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का परिचायक है। भारत और जापान की सांस्कृतिक विरासत के इस जुड़ाव में, छत्तीसगढ़ बुद्ध के विचारों और शिक्षाओं से प्रेरित होकर शांति, समावेश और सतत विकास के साझा मूल्यों को आगे बढ़ाता है।

औद्योगिक शक्ति और लॉजिस्टिक हब के रूप में छत्तीसगढ़

पैवेलियन में छत्तीसगढ़ की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति पर विशेष बल दिया गया। राज्य की केंद्रीय स्थिति और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट नेटवर्क उसे देश के भीतर सबसे बड़ा लॉजिस्टिक हब बनाते हैं।

विनिर्माण, वस्त्र, आईटी/आईटीईएस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ग्रामोद्योग जैसे क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ की तेजी से हो रही प्रगति को भी यहाँ प्रदर्शित किया गया है। यह वैश्विक निवेशकों के लिए राज्य को निवेश-तैयार गंतव्य के रूप में स्थापित करता है।

कला और शिल्प की पहचान

छत्तीसगढ़ की पहचान उसकी लोककला और हस्तशिल्प में भी झलकती है। पैवेलियन में बस्तर की ढोकरा कला—4,000 वर्ष पुरानी जीआई टैग प्राप्त धातु शिल्प—अपने अनगढ़ सौंदर्य और मौलिकता से सबको आकर्षित कर रही है।

इसी तरह, कोसा सिल्क, जिसे छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक आत्मा कहा जाता है, पैवेलियन का मुख्य आकर्षण बना। यह अपनी प्राकृतिक चमक, मजबूती और आकर्षण के लिए विख्यात है और राज्य के वनों में पाए जाने वाले एंथरेया मायलिट्टा रेशमकीट से तैयार किया जाता है।

कोसा से बनी कलात्मक इंस्टॉलेशन छत्तीसगढ़ की आत्मा को व्यक्त करती है—जहाँ आध्यात्मिकता, प्रकृति और विकास का संतुलन साफ़ दिखाई देता है।

वैश्विक मंच पर छत्तीसगढ़ की दमदार उपस्थिति

वर्ल्ड एक्सपो 2025 में छत्तीसगढ़ पैवेलियन की शानदार शुरुआत और रिकॉर्डतोड़ दर्शक संख्या ने आने वाले सप्ताह की दिशा तय कर दी है। यह पैवेलियन न केवल सांस्कृतिक विविधता का उत्सव है, बल्कि छत्तीसगढ़ को सतत औद्योगिक प्रगति और वैश्विक निवेश अवसरों के उभरते केंद्र के रूप में स्थापित करता है।


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पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में रही तीजा-पोरा की धूम

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेवता पर प्रदेशभर से आई माताओं-बहनों का किया गया आत्मीय स्वागत

मुख्यमंत्री के नेतृत्व में नारी शक्ति के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ावा मिल रहा है: उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेवता पर राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आज छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार तीजा-पोरा धूमधाम से मनाया गया। ‘विष्णु भइया’ के नेवता पर आयोजित इस भव्य आयोजन में शामिल होने के लिए प्रदेशभर से बड़ी संख्या में महिलाएँ पहुँचीं। प्रदेश सरकार के मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों ने माताओं-बहनों का आत्मीय स्वागत किया और उन्हें उपहार स्वरूप साड़ी, श्रृंगार सामग्री और छत्तीसगढ़ी कलेवा भेंट किया गया।

मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने उपस्थित माताओं-बहनों को तीजा पर्व की शुभकामनाएँ दीं। महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि तीजा छत्तीसगढ़ में नारी शक्ति के मान, सम्मान और दृढ़ निश्चय का महत्वपूर्ण पर्व है। निर्जला व्रत रखकर अपने पति-परिवार की सुरक्षा और समृद्धि की कामना करने वाली सभी माताओं-बहनों को उन्होंने सरकार की ओर से शुभकामनाएँ दीं। श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री साय के नेवता पर माताओं-बहनों की इतनी बड़ी संख्या में उपस्थिति स्वयं इस पर्व के महत्व को सिद्ध करती है।

उन्होंने कहा कि तीजा के आते ही माताओं-बहनों के मन में प्रसन्नता छा जाती है। भाई-भतीजा के तीजा लिवाने आने की प्रतीक्षा रहती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ महतारी के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। महतारी वंदन योजना के अंतर्गत प्रदेश की 70 लाख से अधिक माताओं-बहनों को प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि मिल रही है। इससे वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं और घर-परिवार को संचालित करने में पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आगे भी ऐसी योजनाएँ लाती रहेगी।

कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने भी तीजा-पोरा पर्व की बधाई दी और कहा कि यह अवसर सभी तीजहारिन बहनों के लिए बहुत विशेष है। यह पर्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं के लिए खुशी, एकजुटता और आत्मीयता का प्रतीक है।

महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि तीजा धार्मिक, सामाजिक और प्राकृतिक सामंजस्य का पर्व है। माता-बहनें परिवार को जोड़कर स्वर्ग समान बनाए रखने का कार्य करती हैं। सुहागन महिलाएँ निर्जला व्रत रखकर अपने पति की दीर्घायु की कामना करते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। सावन में खेत-खलिहान हरे-भरे हो जाते हैं, जिनमें गाय-बैलों की अथक मेहनत का योगदान होता है। इसी मेहनत से हमारे धान के कोठार भरते हैं। कार्यक्रम में मौजूद पूर्व सांसद श्रीमती सरोज पांडेय ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।

इस अवसर पर पंडवानी गायिका पद्मश्री श्रीमती उषा बारले और लोकगायिका कुमारी आरु साहू को स्मृतिचिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में श्रम एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन, विधायक श्री सुनील सोनी, श्री इंद्र कुमार साव, श्री अनुज शर्मा, केश शिल्पी बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती मोना सेना, अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष श्री अमरजीत छाबड़ा, खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, रायपुर की महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे।

*महिला सम्मेलन में महतारियों का उत्साह, तीजहारिन बहनों ने लगवाई मेंहदी*

*तीजा-पोरा के नेवता के लिए ‘विष्णु भइया’ का जताया आभार*

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के भाई के रूप में दिए गए नेवता पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित महिला सम्मेलन एवं तीजा-पोरा तिहार में बड़ी संख्या में माताओं-बहनों ने भाग लिया। यहाँ लगाए गए स्टॉल गुलजार रहे। महिलाओं ने मेंहदी लगवाई, रंग-बिरंगी चूड़ियाँ पहनीं, आलता लगाया और सजधज कर सावन के झूले का आनंद लिया।

महतारियों के लिए विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। पंडवानी गायिका श्रीमती उषा बारले ने अपनी प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। पूरे सभागार को छत्तीसगढ़ी पारंपरिक साज-सज्जा से सजाया गया था। यहाँ मेहंदी, चूड़ियाँ, आलता के स्टॉल और ग्रामीण परिवेश को जीवंत करते हुए तीजा-पोरा की तैयारियाँ प्रदर्शित की गईं।

ऑडिटोरियम में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक चिन्हारी आभूषणों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इसमें तोड़ा, पैरी पैजन, लच्छा, साँटी, झांझ, बिछिया, बिछुआ, चुटकी, ऐंठी, गोल, कंगन या कड़ा टरकउव्वा, कंगन या कड़ा (चोटी की तरह गुँथा हुआ), पटा, ककनी-हर्रया, तरकी, छुमका, ढार, खिनवा, लुरकी, धतुरिया, फुल्ली, नथ, रुपियामाला, तिलरी, कटवा, सूता, करधन, बजुबंद, खग्गा, फुंदरा और झबली जैसे पारंपरिक आभूषणों के साथ कृषि उपकरण और वाद्ययंत्र भी प्रदर्शित किए गए।

महिलाओं ने खेल प्रतियोगिताओं में दिखाया उत्साह

कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, नींबू दौड़ और रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताएँ हुईं

महिला सम्मेलन एवं तीजा-पोरा तिहार की शुरुआत विधि-विधान से शिव-पार्वती और नंदी की पूजा-अर्चना से हुई। इसके बाद मंचीय कार्यक्रमों में महिलाओं की सहभागिता ने पूरे माहौल को उत्सवमय बना दिया।

कुर्सी दौड़, जलेबी दौड़, नींबू दौड़ और रस्साकशी जैसी प्रतियोगिताओं में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पूरा वातावरण तालियों की गड़गड़ाहट और उत्साह से गूंज उठा। इन खेलों ने न केवल प्रतियोगिता का रोमांच बढ़ाया, बल्कि पारंपरिक पर्व की आत्मीयता और सामाजिकता को भी जीवंत कर दिया।

कई महिलाओं ने कहा कि ऐसे आयोजनों से त्योहार का आनंद दोगुना हो जाता है और समाज में आपसी मेलजोल भी बढ़ता है। प्रतियोगिता के अंत में विजेताओं को पुरस्कृत किया गया और सभी प्रतिभागियों की सराहना की गई।