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छत्तीसगढ़ सदन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सांसदों संग सौजन्य भेंट — रात्रि भोज में हुई सार्थक चर्चा

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नई दिल्ली, 30 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली स्थित 17, छत्तीसगढ़ सदन में राज्य के सांसदों से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर आयोजित रात्रि भोज के दौरान मुख्यमंत्री ने सांसदों के साथ राज्य और राष्ट्र के समसामयिक मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की।

मुख्यमंत्री ने सभी सांसदों को छत्तीसगढ़ के समग्र विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों की सक्रिय उपस्थिति और सहभागिता से राज्य के हित और ज़मीनी ज़रूरतें राष्ट्रीय फलक पर बेहतर ढंग से प्रस्तुत हो पाती हैं।

इस सौहार्दपूर्ण मुलाक़ात में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे व्यापक परिवर्तनों की चर्चा भी हुई। सांसदों ने छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की योजनाओं की प्रगति को लेकर फीडबैक साझा किया और राज्य के जमीनी अनुभवों से अवगत कराया।

मुख्यमंत्री ने इस दौरान छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति, निवेश आकर्षण, युवाओं को मिल रहे नए अवसर, किसानों की आर्थिक सशक्तिकरण योजनाओं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तनकारी विकास कार्यों की भी विस्तार से जानकारी दी।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए 

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1) मंत्रिपरिषद द्वारा भारत सरकार के खान मंत्रालय के नवीन दिशा-निर्देश और प्रधानमंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (PMKKKY)-2024 के संशोधित गाईडलाईन्स के अनुसार छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान न्यास नियम, 2015 में आवश्यक संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है।

इससे न्यास के पास उपलब्ध राशि का न्यूनतम 70 प्रतिशत राशि का व्यय उच्च प्राथमिकता वाले क्षेत्र जैसे पेयजल आपूर्ति, पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, महिला एवं बाल कल्याण, वृद्ध एवं निःशक्तजन के कल्याण के साथ ही कौशल विकास एवं रोजगार, स्वच्छता, आवास, पशुपालन के समग्र विकास पर किया जाएगा।

2) मंत्रिपरिषद द्वारा साधारण रेत के उत्खनन और परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण तथा रेत के उत्खनन एवं नियमन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम 2019 एवं छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत उत्खनन एवं व्यवसाय (अनुसूचित क्षेत्र हेतु) नियम 2023 को निरसित करते हुए नवीन नियम ‘‘छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम-2025‘‘ का अनुमोदन किया गया।

इससे रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे, जिससे आम जनता को उचित दरों पर रेत उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही रेत उत्खनन में पर्यावरण और सुरक्षा मानकों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा। प्रस्तावित नियमों में रेत खदान आवंटन की कार्यवाही इलेक्ट्रॉनिक नीलामी के माध्यम से की जाएगी। इससे राजस्व में भी वृद्धि होगी।

3) कृषि भूमि के बाजार मूल्य दरों के निर्धारण के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन के वाणिज्य कर पंजीयन विभाग से प्राप्त प्रस्ताव का मंत्रिपरिषद द्वारा अनुमोदन किया गया, जिसके तहत ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य की गणना के लिए 500 वर्गमीटर तक के भू-खण्ड की दर को समाप्त करते हुए सम्पूर्ण रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी। भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा भैंसाझार में जिस तरह की अनियमितताएँ सामने आई थीं, उनसे बचने के लिए यह व्यवस्था मददगार होगी। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र की परिवर्तित भूमि का मूल्यांकन सिंचित भूमि के ढाई गुना करने के प्रावधान को विलोपित करने के साथ ही शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमियों और निवेश क्षेत्र की भूमियों के लिए वर्गमीटर में दरों का निर्धारण किया जाएगा।

4) मंत्रिपरिषद् की बैठक में छत्तीसगढ़ स्टेट क्रिकेट संघ (cscs) को नवा रायपुर (अटल नगर) के सेक्टर-3, ग्राम परसदा में क्रिकेट अकादमी की स्थापना के लिए 7.96 एकड़ भूमि आबंटित किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।

नवा रायपुर में अत्याधुनिक क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के प्रतिभावान खिलाड़ियों को उनके कौशल और प्रतिभा को निखारने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेगी।

छत्तीसगढ़ राज्य में क्रिकेट के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य के कई युवा खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता अर्जित की है। क्रिकेट अकादमी की स्थापना से राज्य के खिलाड़ियों को क्रिकेट के क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा वहीं छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिलेगी।

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मुख्यमंत्री श्री साय से केरल एवं ओडिशा के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात

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मुख्यमंत्री ने कहा – छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय प्रदेश है, कानून अपना कार्य कर रहा है

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से आज मंत्रालय, महानदी भवन में केरल एवं ओडिशा के सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में लोकसभा सांसद चलाकुडी से श्री बेनी बेहनन, कोट्टायम से श्री के. फ्रांसिस जॉर्ज, कोल्लम से श्री एन. के. प्रेमचंद्रन, कोरापुट से श्री सप्तगिरि उल्का, और केरल विधानसभा सदस्य श्रीमती रोजी एम. जॉन शामिल थे।प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से राज्य में हाल ही में चर्चा में आए धर्मांतरण प्रकरण की जानकारी साझा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समरसता में विश्वास रखने वाला प्रदेश है, जहाँ सभी धर्मों के लोग सौहार्दपूर्वक रहते हैं।

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि मामले की जांच न्यायिक प्रक्रिया के तहत की जा रही है। कानून स्वतंत्र रूप से अपना कार्य कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश की बेटियाँ और नागरिक सुरक्षित और सम्मानपूर्वक जीवन व्यतीत करें।


ऑपरेशन महादेव” : आतंक पर करारा प्रहार, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सुरक्षाबलों के साहस को किया नमन

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रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने “ऑपरेशन महादेव” के तहत सुरक्षाबलों द्वारा की गई सफल कार्रवाई को आतंक के विरुद्ध भारत की अडिग नीति का प्रतीक बताया है। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने पहलगाम आतंकी हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराकर आतंक के विरुद्ध निर्णायक कार्यवाही की है। उन्होंने सुरक्षाबलों के साहस को नमन करते हुए कहा कि सुरक्षा बलों के पराक्रम से पहलगाम आतंकी हमले के तीनों गुनहगार सज़ा पा चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऑपरेशन महादेव, यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एवं केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के संकल्प का सशक्त परिणाम है। भारतीय सेना के जवानों का पराक्रम हर देशवासी के हृदय में विश्वास और गर्व की भावना भर देता है। सेना का यह ऑपरेशन मात्र एक कार्रवाई नहीं यह संदेश है उन सभी दुश्मनों को, जो भारत की भूमि पर आतंकी मंसूबे लेकर आते हैं।


शहरी स्वच्छता में छत्तीसगढ़ की लंबी छलांग, स्वच्छता सर्वे में शामिल 169 में से 115 शहरों ने सुधारी अपनी रैंकिंग

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सर्वे में शामिल देशभर के 4,566 शहरों के बीच राष्ट्रीय स्तर पर टॉप-100 में छत्तीसगढ़ के 25 शहर

गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में राज्य के 62 शहरों ने बढ़ाया अपना दर्जा, रायपुर को सेवन स्टार सम्मान

सिंगल, थ्री और फाइव स्टार दर्जा प्राप्त शहरों की संख्या 114 पहुँची, पिछले सर्वे में थी 71

तीन नगर निगम ओडीएफ प्लस प्लस से वाटर प्लस श्रेणी में पहुंचे, 163 निकायों को मिला ओडीएफ प्लस प्लस दर्जा

रायपुर,भारत सरकार के स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में छत्तीसगढ़ ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। राज्य के नगरीय निकायों के उत्कृष्ट प्रदर्शन का परिणाम है कि इस बार सर्वेक्षण में शामिल 169 शहरों में से 115 शहरों ने अपनी रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार किया है। स्वच्छता के इस राष्ट्रीय मूल्यांकन में देशभर के 4,566 शहरों के बीच छत्तीसगढ़ के 25 शहर टॉप-100 में शामिल हुए हैं, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में बड़ी छलांग है, जब केवल 16 शहर टॉप-100 में आ पाए थे।

राज्य के 62 नगरीय निकायों ने गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में अपना दर्जा बढ़ाया है, जबकि सिंगल, थ्री और फाइव स्टार प्राप्त करने वाले शहरों की संख्या 71 से बढ़कर अब 114 हो गई है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर ने इस बार फाइव स्टार से बढ़कर सेवन स्टार की सर्वोच्च रेटिंग प्राप्त की है। रायपुर को गारबेज-फ्री सिटी श्रेणी में यह सम्मान प्राप्त हुआ है, साथ ही स्वच्छता में उसे वाटर प्लस शहर का दर्जा भी मिला है।

इस बार बिलासपुर, कोरबा और भिलाई नगर—ये तीन नगर निगम ओडीएफ प्लस प्लस से बढ़कर वाटर प्लस श्रेणी में पहुंच गए हैं। राज्य के 163 नगरीय निकायों को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा प्राप्त हुआ है, जिनमें किरंदुल और भाटापारा नगर पालिका तथा कुंरा नगर पंचायत जैसे निकाय भी शामिल हैं, जो पहले केवल ओडीएफ श्रेणी में थे। सीतापुर नगर पंचायत ने भी ओडीएफ प्लस से आगे बढ़कर ओडीएफ प्लस प्लस दर्जा हासिल किया है।

पिछले डेढ़ वर्षों में 62 नगरीय निकायों ने अपने सतत प्रयासों के माध्यम से गारबेज-फ्री सिटी स्टार रेटिंग में सुधार किया है। बिलासपुर और अंबिकापुर ने अपने थ्री स्टार स्तर को बढ़ाकर फाइव स्टार किया है, जबकि भिलाई नगर, जगदलपुर नगर निगम, जामुल नगर पालिका और घरघोड़ा नगर पंचायत ने 2023-24 के सिंगल स्टार दर्जे से आगे बढ़ते हुए अब थ्री स्टार प्राप्त किया है। वहीं, धमतरी, शिबरीनारायण और राजपुर जैसे शहर, जो पूर्ववर्ती सर्वे में स्टार रेटिंग में नहीं थे, उन्होंने सीधे थ्री स्टार श्रेणी में प्रवेश किया है। स्वच्छता और सौंदर्यीकरण के क्षेत्र में विशेष प्रयासों के चलते राज्य के 52 नगरीय निकायों ने नो स्टार से उन्नत होकर अब सिंगल स्टार दर्जा प्राप्त कर लिया है।

इस बार कई नगरीय निकायों की राष्ट्रीय रैंकिंग में बड़ा सुधार देखने को मिला है। वर्ष 2023-24 में राष्ट्रीय स्तर पर 649वें स्थान पर रहे सिमगा ने इस बार 95वीं रैंक हासिल की है। इसी तरह जशपुर 637वें से 91वें, राजपुर 630वें से 63वें और घरघोड़ा 616वें से 71वें स्थान पर आ गया है। भिलाई-चरोदा ने अपनी रैंकिंग 587 से सुधारकर 68, दोरनापाल ने 557 से 81, दंतेवाड़ा ने 552 से 70, जगदलपुर ने 461 से 55, मुंगेली ने 447 से 86, कवर्धा ने 430 से 77, कुनकुरी ने 426 से 84, दुर्ग ने 314 से 80, राजनांदगांव ने 268 से 46, भिलाई नगर ने 267 से 22, छुरा ने 230 से 76, प्रतापपुर ने 173 से 62, बलरामपुर ने 65 से 53 और रायपुर ने 12वीं रैंक से बढ़कर चौथा स्थान प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राज्य के शहरों की इस उपलब्धि को स्थानीय निकायों और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम बताया है। उन्होंने कहा कि शहरी सरकार, राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर नवाचारों के साथ शहरों को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ के शहरों की रैंकिंग में और भी सुधार होगा और इस बार की राष्ट्रीय सफलता सभी नगरीय निकायों को और अधिक प्रेरित करेगी।

उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने सर्वेक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नगरीय निकायों की सराहना करते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में नगरीय विकास और स्वच्छता हेतु राज्य सरकार द्वारा 7,400 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी, जिसका यह सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग ने सभी नगर निगमों के आयुक्तों तथा नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को निर्देशित किया था कि वे अपने अधीनस्थ अमले के साथ प्रतिदिन प्रातः भ्रमण कर सफाई कार्यों की नियमित निगरानी करें। श्री साव ने कहा कि विभाग की इन दोनों पहलों की इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।


शतरंज की बिसात पर बेटियों का परचम – मुख्यमंत्री श्री साय ने दी ऐतिहासिक उपलब्धि पर शुभकामनाएँ

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रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने FIDE महिला शतरंज विश्व कप–2025 में भारत की बेटियों के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर हर्ष और गर्व व्यक्त करते हुए विजेता दिव्या देशमुख और उपविजेता कोनेरू हम्पी को हार्दिक शुभकामनाएँ दी हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह केवल एक खेल प्रतियोगिता नहीं थी, बल्कि यह भारत की बेटियों की शक्ति, संकल्प और सामर्थ्य की एक प्रतीकात्मक तस्वीर थी। जब विश्व कप के फाइनल में दो भारतीय बेटियाँ आमने-सामने हों, तो वह पल भारत के लिए गौरव का नहीं, बल्कि आत्मविश्वास का उत्सव बन जाता है।

उन्होंने कहा कि दिव्या देशमुख द्वारा खिताब जीतना और कोनेरू हम्पी द्वारा उपविजेता बनना इस बात का प्रमाण है कि भारत की बेटियाँ अब किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। यह जीत पूरे देश, विशेषकर देश की बेटियों के आत्मबल और आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने वाली है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दृढ़ संकल्प, एकाग्रता और लगन – इन तीन गुणों के माध्यम से दिव्या और हम्पी ने न केवल शतरंज की बिसात पर विजय प्राप्त की, बल्कि भारत के हर गाँव और शहर की बेटियों को यह संदेश भी दिया कि सपनों को साकार करने के लिए कोई सीमा नहीं होती।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए दोनों खिलाड़ियों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की और कहा कि यह क्षण आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।


मुख्यमंत्री साय का संकल्प: छत्तीसगढ़ बनेगा देश का मॉडल राज्य

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मुख्यमंत्री श्री साय ने बेमेतरा जिले में किया 102 करोड़ की राशि के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास

रायपुर  मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार ने बीते डेढ़ वर्षों में अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनका उद्देश्य प्रदेश को समग्र विकास की ओर अग्रसर करते हुए जनकल्याण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देना है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ये ठोस कदम आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को देश के लिए एक उदाहरण के रूप में स्थापित करेंगे। मुख्यमंत्री श्री साय आज बेमेतरा जिले के नगर पंचायत दाढ़ी स्थित स्टेडियम परिसर में आयोजित विशाल आमसभा को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने बेहद कम समय में जनता से किए गए अधिकांश वादों को धरातल पर उतारा है। उन्होंने बताया कि गरीबों के अपने घर के सपने को साकार करते हुए 18 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की गई है। किसानों को धान की खरीदी 3100 रूपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है, वहीं पिछले दो वर्षों का बकाया धान बोनस भी किसानों को दिया जा चुका है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से संचालित महतारी वंदन योजना के तहत राज्य की 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रूपए की सहायता दी जा रही है, जो सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है। इसी प्रकार, पंचायतों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए अटल सेवा केंद्रों की स्थापना की गई है, जिससे ग्रामीण स्तर पर ही नागरिक सेवाएं सुलभ हो रही हैं।

इस अवसर पर उन्होंने बेमेतरा जिले को 102 करोड़ रुपये की लागत से 48 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया जिसमें 35.76 करोड़ रुपये के 22 कार्यों का लोकार्पण और 66.91 करोड़ रुपये के 26 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री श्री साय ने 20 ग्राम पंचायतों में सीसी रोड निर्माण हेतु प्रति पंचायत 5-5 लाख की घोषणा की। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री ने पौधारोपण कर पर्यावरण-संदेश दिया और विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। उन्होंने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण किया।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने दाढ़ी नगर पंचायत को बड़ी सौगात देते हुए कार्यालय भवन निर्माण के लिए 1.25 करोड़ की स्वीकृति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की सभी योजनाएं गांव, गरीब और किसान को केंद्र में रखकर बनाई गई हैं और इन वर्गों के जीवन को उन्नत करना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि गांव, गरीब, किसान, महिला और युवा इन सभी वर्गों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना ही हमारी सरकार की दिशा और दृष्टि है।

खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, विधायक श्री दिपेश साहू, विधायक श्री रोहित साहू, विधायक श्री ईश्वर साहू, रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रहलाद रजक सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


मिशन कर्मयोगी: राष्ट्र निर्माण का संकल्प – मुख्यमंत्री श्री साय

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क्षमता विकास आयोग और छत्तीसगढ़ शासन के बीच हुआ एमओयू

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के समक्ष आज नवा रायपुर स्थित एक निजी होटल में भारत सरकार की क्षमता विकास आयोग एवं छत्तीसगढ़ शासन के मध्य एक महत्वपूर्ण एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत हुए इस एमओयू पर छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अपर मुख्य सचिव एवं छत्तीसगढ़ प्रशासन अकादमी के महानिदेशक श्री सुब्रत साहू तथा क्षमता विकास आयोग की ओर से सदस्य सचिव श्रीमती वी. ललिता लक्ष्मी ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि मिशन कर्मयोगी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के स्वप्नों को साकार करने वाला एक दूरदर्शी मिशन है। इस मिशन के माध्यम से देश के सभी शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों में कर्मयोगी की भावना विकसित होगी और वे राष्ट्र निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि मिशन कर्मयोगी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में चार लाख शासकीय सेवकों को सतत प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा, जिसकी प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अब तक लगभग 50 हजार अधिकारी-कर्मचारी इस प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूर्ण कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बदलते वैश्विक और राष्ट्रीय परिदृश्य के अनुरूप कौशल विकास आज की अनिवार्यता बन गया है। इस नए युग के साथ निरंतर कौशल उन्नयन तथा शासन-प्रशासन में उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने में मिशन कर्मयोगी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में जिस सुशासन की स्थापना के उद्देश्य से कार्य किया जा रहा है, उसे नई ऊँचाई प्रदान करने में यह एमओयू एक मील का पत्थर सिद्ध होगा। इस साझेदारी के माध्यम से राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप नवीन प्रशिक्षण पद्धतियों को अपनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन कर्मयोगी को पूर्ण समर्पण के साथ लागू करने तथा इसके लाभ को प्रशासन के प्रत्येक स्तर तक पहुँचाने हेतु राज्य सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य करेगी। सरकार निरंतर शासन एवं प्रशासनिक स्तर पर नवाचार और अभिनव पहलों के माध्यम से व्यवस्था को सुदृढ़ करने तथा नागरिकों को बेहतर सेवाएँ प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि यह पहल लोक सेवकों को नागरिकों की आवश्यकताओं के प्रति अधिक संवेदनशील और उत्तरदायी बनाने में सहायक सिद्ध होगी, साथ ही जन-केंद्रित नीतियों और सेवाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी सहयोग प्रदान करेगी। श्री साय ने कहा कि इन प्रयासों के माध्यम से हम सभी मिलकर कुशल और प्रेरित लोक सेवकों के सहयोग से विकसित छत्तीसगढ़ के स्वप्न को साकार कर पाएँगे।

इस अवसर पर आयोग की सदस्य डॉ. अल्का मित्तल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, मिशन कर्मयोगी योजना के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राकेश वर्मा, प्रशासन अकादमी के संचालक श्री टी.सी. महावर एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में स्टील सेक्टर को विशेष प्रोत्साहन, ग्रीन स्टील उत्पादन पर विशेष अनुदान भी मिलेगा: मुख्यमंत्री श्री साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में हुए शामिल, स्टील उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में यूनिट लगाने का आमंत्रण

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने देश के विभिन्न स्टील उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में उत्पादन यूनिट स्थापित करने का आमंत्रण दिया है। उन्होंने आज स्थानीय होटल में आयोजित ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में सहभागिता कर उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में इस उद्योग की भरपूर संभावनाओं और इसके लिए विकसित अधोसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) की जानकारी दी। यह समिट कान्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा पूर्वी क्षेत्र के सदस्यों के लिए आयोजित की गई थी।

समिट में उपस्थित उद्यमियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में स्टील सेक्टर को विशेष रूप से प्रोत्साहन दिया गया है। यदि कोई उद्यमी ग्रीन स्टील का उत्पादन कर रहा हो, तो उसे विशेष अनुदान देने का प्रावधान भी छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति में किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने देश को स्टील हब बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उनके नेतृत्व में देश में स्टील उत्पादन 100 मिलियन टन से बढ़कर 200 मिलियन टन हो गया है, और वर्ष 2030 तक इसे बढ़ाकर 300 मिलियन टन तक पहुँचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भी स्टील की वर्तमान उत्पादन क्षमता 28 मिलियन टन से बढ़ाकर 45 मिलियन टन करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं।

*छत्तीसगढ़: खनिज संसाधनों से समृद्ध, औद्योगिक संभावनाओं से परिपूर्ण राज्य*

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने भरपूर खनिज संसाधनों के कारण समृद्ध है। इनके उचित दोहन से यहाँ औद्योगिक संभावनाओं में अत्यधिक विस्तार संभव है। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में अधिकतम लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार पूर्णतः प्रतिबद्ध है। केंद्र सरकार की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और राज्य सरकार की स्थानीय लोगों को रोजगार देने हेतु अनुदान योजनाओं से इस दिशा में सार्थक कार्य होगा।

*‘अंजोर विज़न’ दस्तावेज़ में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को प्रमुखता*

मुख्यमंत्री ने उपस्थित उद्यमियों को बताया कि विकसित भारत @2047 के लक्ष्य के अनुरूप विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की परिकल्पना पर आधारित अंजोर विजन डाक्यूमेंट तैयार कर लिया गया है। इस दस्तावेज़ में चरणबद्ध रूप से विकास की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है। उन्होंने बताया कि इस विज़न दस्तावेज़ में सर्वाधिक फोकस मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर है, विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की कोर इंडस्ट्री – जैसे स्टील एवं पावर – को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

*लक्ष्य प्राप्ति हेतु अधोसंरचना सहित सभी तैयारियाँ पूर्ण*

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अधोसंरचना सहित सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी कर ली गई हैं। राज्य में रेलवे अधोसंरचना को सशक्त किया गया है। तेज़ी से रेल नेटवर्क और उससे संबंधित अधोसंरचना का निर्माण कार्य प्रगति पर है, जिससे स्टील सेक्टर को बूस्ट मिलेगा। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में 47 हज़ार करोड़ रुपये की लागत से रेलवे के विभिन्न प्रोजेक्ट्स पर कार्य हो रहा है। अब रावघाट से जगदलपुर रेलमार्ग पर भी कार्य आरंभ होगा। किरंदुल से तेलंगाना के कोठागुडेम तक नई रेललाइन बिछाई जाएगी, जिसमें 138 किलोमीटर का हिस्सा बस्तर से गुजरेगा। रायगढ़ के खरसिया से राजनांदगांव के परमालकसा तक नया रेल नेटवर्क बनाकर कई प्रमुख औद्योगिक केंद्रों तक कच्चे माल की आपूर्ति एवं तैयार माल की ढुलाई की प्रक्रिया आसान की जाएगी, जिससे उत्पादन लागत में भारी कमी आएगी।

*इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए 350 से अधिक सुधार*

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम और इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस की प्रक्रिया को लागू किया गया है। साथ ही 350 से अधिक नीतिगत सुधार किए गए हैं, जिनका सीधा लाभ स्टील सेक्टर में किए गए निवेशकों को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ग्रीन एनर्जी को अपनाने वाले औद्योगिक संस्थानों को विशेष अनुदान दिया जाएगा। श्री साय ने राज्य में ग्रीन स्टील उत्पादन हेतु हाइड्रोजन जैसी उन्नत तकनीकों के उपयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कुछ माह पूर्व आयोजित एनर्जी समिट में छत्तीसगढ़ में लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 57 हज़ार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव जलविद्युत परियोजनाओं से जुड़े हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से सौर ऊर्जा (सोलर एनर्जी) उत्पादन की दिशा में भी छत्तीसगढ़ तेज़ी से प्रगति कर रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक कॉरिडोर के निर्माण पर तीव्र गति से कार्य हो रहा है, और नए औद्योगिक पार्क भी स्थापित किए जा रहे हैं। निजी क्षेत्र को औद्योगिक पार्क स्थापित करने हेतु विशेष अनुदान का प्रावधान किया गया है। उन्होंने समिट में उपस्थित उद्यमियों को छत्तीसगढ़ में निवेश करने और यूनिट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।

*प्रशिक्षित जनशक्ति एवं लॉजिस्टिक नीति का लाभ उठाएं*

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के सभी विकासखंडों में स्किल इंडिया के सेंटर प्रारंभ कर दिए गए हैं, जिससे उद्योगों को प्रशिक्षित जनशक्ति की कोई कमी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि निवेशकों को नई लॉजिस्टिक नीति का भी लाभ मिलेगा। इस नीति के अंतर्गत ड्राय पोर्ट, इनलैंड कंटेनर डिपो आदि की स्थापना पर भी अनुदान प्रदान किया जाएगा। छत्तीसगढ़ की सेंट्रल इंडिया में स्थिति होने के कारण लॉजिस्टिक के क्षेत्र में असीम संभावनाएँ हैं। एक्सप्रेसवे, रेलवे और राजमार्गों के माध्यम से देश के चारों दिशाओं में बेहतर कनेक्टिविटी का लाभ स्टील सेक्टर को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने रायपुर-दुर्ग-भिलाई जैसे शहरों को शामिल कर स्टेट कैपिटल रीजन के रूप में एक बड़े स्टील क्लस्टर के विकास की योजना की जानकारी भी दी।

*250 से अधिक औद्योगिक संस्थान हुए समिट में शामिल*

कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्रीज द्वारा आयोजित इस ग्रीन स्टील और माइनिंग समिट में पूर्वी भारत के पांच राज्यों – पश्चिम बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ – के 250 से अधिक स्टील और पावर सेक्टर से जुड़े औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि सम्मिलित हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में उद्योगों की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने सीआईआई द्वारा आयोजित औद्योगिक प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।

समिट में सीआईआई छत्तीसगढ़ के चेयरमैन श्री संजय जैन, को-चेयरमैन श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, वाइस चेयरमैन श्री बजरंग गोयल, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत एवं सचिव उद्योग श्री रजत कुमार उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नागपंचमी पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं

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नागपंचमी पर्व प्रकृति के साथ सह-अस्तित्व और करुणा का प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री साय

रायपुर, श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नागपंचमी (29 जुलाई 2025) के पावन अवसर पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह पर्व हमारी सनातन संस्कृति की गहराई, लोक आस्था की ऊर्जा और प्रकृति के साथ समरसता का जीवंत प्रतीक है। यह हमारे पूर्वजों द्वारा रचित वह परंपरा है, जो जीव-जगत के साथ सम्मानपूर्ण सह-अस्तित्व का संदेश देती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नागपंचमी का पर्व पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता के प्रति हमारी जिम्मेदारी की याद दिलाता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस पर्व के माध्यम से न केवल सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजें, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, जीव-जंतुओं के प्रति संवेदनशीलता और सामाजिक सौहार्द को जीवन में अपनाएँ।