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मुख्यमंत्री श्री साय ने किया ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभ

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गौसेवा के साथ घर-घर किचन गार्डन निर्माण पर भी दिया जा रहा है विशेष जोर

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य गौ संरक्षण एवं संवर्धन समिति द्वारा आयोजित ‘गौ विज्ञान परीक्षा अभियान 2025’ का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने अभियान के पोस्टर का अनावरण किया और समिति के सदस्यों को इस पुण्य कार्य के लिए शुभकामनाएँ एवं बधाई दी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गौसेवा भारतीय संस्कृति की आत्मा है, जो न केवल आध्यात्मिक लाभ प्रदान करती है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान में गौसेवा के साथ-साथ घर-घर किचन गार्डन निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है, जो जनस्वास्थ्य सुधार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सराहनीय पहल है।

इस अवसर पर समिति के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुबोध राठी ने मुख्यमंत्री को अभियान की रूपरेखा से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा आगामी 4 नवम्बर 2025 को प्रदेशभर में गौ विज्ञान परीक्षा आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा का उद्देश्य जनसामान्य में गौवंश के महत्व, पारिस्थितिक तंत्र में उसकी भूमिका, ग्लोबल वार्मिंग की रोकथाम में योगदान तथा पंचगव्य के वैज्ञानिक पक्षों के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना है।

श्री राठी ने बताया कि यह परीक्षा माध्यमिक, उच्चतर माध्यमिक एवं महाविद्यालय—इन तीन श्रेणियों में आयोजित की जाएगी। प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को ₹51,000 नगद, द्वितीय स्थान हेतु ₹31,000 तथा तृतीय स्थान हेतु ₹21,000 नगद पुरस्कार एवं गौमय उत्पादों का किट प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जिला स्तरीय परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः ₹3,100, ₹2,100 एवं ₹1,100 नगद पुरस्कार के साथ गौ उत्पाद किट प्रदान किए जाएँगे।

परीक्षा में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को गौ विज्ञान ग्रंथ एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा। इच्छुक विद्यार्थी अपनी संस्था के प्राचार्य अथवा गौ विज्ञान प्रभारी से संपर्क कर पंजीयन करा सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष इस परीक्षा में प्रदेशभर से एक लाख से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया था। इस वर्ष समिति ने एक लाख से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस अवसर पर प्रांत संयोजक श्री अन्ना सफारे, प्रांत उप प्रमुख श्री मनोज पांडेय, गौ ग्रंथ संपादक डॉ. अमित पांडेय सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नारायणपुर की बेटियों से जुड़ी घटना पर जताई गंभीर चिंता – कहा, “महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि, कानून करेगा निष्पक्ष कार्यवाही

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नारायणपुर की तीन बेटियों से संबंधित घटना पर गंभीर चिंता प्रकट की है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब इन बेटियों को नर्सिंग ट्रेनिंग और जॉब दिलाने का प्रलोभन देकर दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो ननों के माध्यम से आगरा ले जाया जा रहा था।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस प्रकरण में ह्यूमन ट्रैफिकिंग और मतांतरण की आशंका व्यक्त की जा रही है, जो महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाला गंभीर विषय है। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और यह न्यायालयीन प्रक्रिया में है। सरकार पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है, तथा कानून अपनी प्रक्रिया के अनुसार निर्णय लेगा।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ एक शांतिप्रिय और समावेशी प्रदेश है जहाँ सभी धर्म और समुदाय के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हमारी बस्तर की बेटियों से जुड़े मुद्दे को राजनीतिक रूप देना दुर्भाग्यजनक है। उन्होंने कहा की कि इस प्रकार की घटनाओं को राजनीतिक रंग देने से बचना चाहिए, विशेषकर जब बात हमारी बस्तर की बेटियों की सुरक्षा से जुड़ी हो।


हर-हर महादेव से गूंज उठा भोरमदेव: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर हजारों कांवड़ियों का किया भव्य स्वागत

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रायपुर, सावन मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के प्राचीन, धार्मिक, ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के तीर्थ स्थल बाबा भोरमदेव मंदिर में भक्ति और श्रद्धा की गूंज उस समय चरम पर पहुँच गई जब मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने हजारों कांवड़ियों और शिवभक्तों पर हेलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा कर भव्य स्वागत और अभिनंदन किया। इस शुभ अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्रीद्वय श्री विजय शर्मा और श्री अरुण साव उपस्थित थे।

यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए पुष्पवर्षा कर रहे हैं। पुष्पवर्षा के पश्चात् मुख्यमंत्री श्री साय ने बाबा भोरमदेव मंदिर पहुंचकर मंत्रोच्चारण, विशेष पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक किया तथा प्रदेश की समृद्धि, शांति और खुशहाली की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मंदिर परिसर में उपस्थित कांवड़ियों एवं श्रद्धालुओं से भेंट कर उनका हालचाल जाना और पूरे आत्मीय भाव से अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सावन मास के तीसरे सोमवार को बाबा भोरमदेव की पावन धरती पर शिवभक्तों के साथ जुड़ना मेरे लिए अत्यंत सौभाग्य और गर्व का विषय है। हजारों श्रद्धालु सैकड़ों किलोमीटर की पदयात्रा कर भगवान भोलेनाथ के दर्शन हेतु यहां पहुंचे हैं—यह हमारी आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की जीवंत मिसाल है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने अमरकंटक से 151 किलोमीटर पदयात्रा कर भोरमदेव मंदिर में जलाभिषेक करने वाली पंडरिया विधायक श्रीमती भावना बोहरा को भगवा वस्त्र और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के अंतर्गत भोरमदेव कॉरिडोर विकास के लिए 146 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दी गई है। यह परियोजना न केवल मंदिर परिसर का कायाकल्प करेगी, बल्कि मड़वा महल, छेरकी महल, रामचुवा से लेकर सरोदा जलाशय तक एक समग्र धार्मिक-पर्यटन कॉरिडोर के रूप में विकसित की जाएगी।

उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ से अमरकंटक जाने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मध्यप्रदेश के अनूपपुर में 5 एकड़ भूमि आबंटन की प्रक्रिया जारी है, जहाँ एक भव्य श्रद्धालु भवन का निर्माण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं को सावन मास की हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज हेलीकॉप्टर से की गई पुष्पवर्षा इस पुण्य अवसर की महत्ता को और भी अभूतपूर्व बना गई है।

*पौराणिक परंपरा का गौरव: भक्ति से सराबोर हुआ बाबा भोरमदेव परिसर*

सावन मास में भगवान शिव—देवों के देव—के जलाभिषेक की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कवर्धा से 18 किलोमीटर दूर ग्राम चौरा में स्थित 11वीं शताब्दी का यह भोरमदेव मंदिर ऐतिहासिक, धार्मिक और पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। श्रावण मास में छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, मुंगेली, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव सहित मध्यप्रदेश के अमरकंटक से हजारों श्रद्धालु पदयात्रा कर बाबा भोरमदेव, बूढ़ा महादेव और डोंगरिया के प्राचीन जलेश्वर शिवलिंग में जलाभिषेक करने आते हैं। श्रद्धालु माँ नर्मदा से जल भरकर नंगे पाँव और भगवा वस्त्रों में 150 किलोमीटर से अधिक की दुर्गम यात्रा कर “बोल बम” के जयघोष और भजनों के साथ भोरमदेव, जलेश्वर महादेव और पंचमुखी बूढ़ा महादेव मंदिर पहुँचते हैं।


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा के लिए हेलीकॉप्टर से कवर्धा के लिए रवाना

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पवित्र सावन मास के तीसरे सोमवार को भगवान भोरमदेव का करेंगे जलाभिषेक

श्रद्धालुओं और कांवड़ियों पर पुष्प वर्षा कर करेंगे भव्य स्वागत और अभिवादन

हर-हर महादेव के जयकारे के साथ भक्तिमय हुआ वातावरण

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा तथा उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव भी साथ में रवाना


मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय श्रावण सोमवार को भोरमदेव में करेंगे पुष्प वर्षा से कांवड़ियों का स्वागत

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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा एवं श्री अरुण साव भी रहेंगे उपस्थित, हजारों श्रद्धालुओं की होगी सहभागिता

रायपुर, श्रावण मास के तीसरे सोमवार को छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में स्थित बाबा भोरमदेव धाम एक बार फिर श्रद्धा, भक्ति और सनातन आस्था का जीवंत प्रतीक बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सावन मास के तीसरे सोमवार को हेलीकॉप्टर से भोरमदेव मंदिर परिसर पहुँचकर प्रातःकाल कांवड़ यात्रा में शामिल श्रद्धालुओं, भक्तों एवं कांवड़ियों का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत एवं अभिनंदन करेंगे। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब मुख्यमंत्री स्वयं श्रद्धालुओं का पुष्प वर्षा से स्वागत कर रहे हैं — जो जनभावनाओं के प्रति उनकी आत्मीयता और आस्था के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

मुख्यमंत्री श्री साय के साथ उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा तथा उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव भी इस पावन अवसर पर उपस्थित रहेंगे। यह आयोजन छत्तीसगढ़ सरकार की सनातन परंपरा, लोक आस्था और श्रद्धालुओं के प्रति सम्मान के भाव को दर्शाता है, जो राज्य के सांस्कृतिक मूल्यों को संजोने की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल है।

उल्लेखनीय है कि श्रावण मास में भोरमदेव मंदिर का विशेष धार्मिक महत्व है। तीसरे सोमवार होने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या और उनकी आस्था — दोनों ही चरम पर होंगी। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम, बेमेतरा, खैरागढ़, राजनांदगांव, बलौदा बाजार, मुंगेली, बिलासपुर सहित अन्य जिलों से हजारों की संख्या में कांवड़िए भोरमदेव धाम पहुँचते हैं। साथ ही, माँ नर्मदा नदी के उद्गम स्थल अमरकंटक से जल लेकर पदयात्रा करते हुए श्रद्धालु भोरमदेव मंदिर पहुँचते हैं और भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा की पहल पर कांवड़ यात्रियों के स्वागत के लिए सुरक्षा, पेयजल, स्वास्थ्य, भोजन, रात्रि विश्राम, पार्किंग, मार्गदर्शन एवं प्राथमिक चिकित्सा जैसी समुचित व्यवस्थाएँ की गई हैं। मंदिर क्षेत्र को विद्युत सज्जा, भजन संध्या और स्वच्छता कार्यक्रमों के माध्यम से पूरी तरह भक्तिमय स्वरूप में परिवर्तित कर दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को एक दिव्य आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हो।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में श्रद्धालुओं के सम्मान एवं सेवा की यह परंपरा लगातार नई ऊँचाइयों को छू रही है। पुष्प वर्षा कर श्रद्धालुओं का अभिनंदन करना केवल एक प्रतीकात्मक कृत्य नहीं, बल्कि इस भाव का प्रमाण है कि छत्तीसगढ़ सरकार धर्म, आस्था और संस्कृति के साथ दृढ़ता से खड़ी है, और जनमानस के विश्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।

भोरमदेव धाम, जिसे “छत्तीसगढ़ का खजुराहो” भी कहा जाता है, श्रावण के इस पावन सोमवार को आस्था के महासंगम का केंद्र बनेगा। कांवड़ यात्रा और मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्रियों की उपस्थिति के कारण यह आयोजन आध्यात्मिक ऊर्जा, प्रशासनिक सक्रियता और सामाजिक सहभागिता का एक अनुपम उदाहरण बन जाएगा — जो आने वाले समय में एक प्रेरक परंपरा के रूप में स्थापित होगा।


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ग्रामीण विकास और दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने रायपुर में दूरसंचार और ग्रामीण विकास योजनाओं की समीक्षा की

रायपुर  केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित और दूरस्थ इलाकों में डिजिटल संचार को सशक्त बनाने हेतु 400 नए बीएसएनएल टावर लगाने की योजना पर कार्य कर रही है। यह जानकारी ग्रामीण विकास और दूरसंचार राज्यमंत्री डॉ. पेम्मासानी चंद्र शेखर ने आज रायपुर में दी।

डॉ. शेखर ने कहा कि इन टावरों की स्थापना के लिए सुरक्षा बलों और वन विभाग से आवश्यक मंज़ूरी मिलने के बाद चरणबद्ध कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया, “बीएसएनएल आज देश में उच्च गुणवत्ता की 4जी सेवाएं दे रहा है, और इस विस्तार के साथ हम देश के अंतिम गांव तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुँचाने के मिशन को साकार कर रहे हैं।”

*योजनाओं के क्रियान्वयन पर संतोष*

डॉ. शेखर ने रायपुर में आयोजित एक उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें ग्रामीण विकास विभाग, डाक विभाग, दूरसंचार विभाग और भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक के दौरान मंत्री ने राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY), प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण (PMAY-G) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) जैसी योजनाओं के तेज़ और प्रभावशाली क्रियान्वयन पर संतोष जताया। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं ग्रामीण आधारभूत संरचना और आवास क्षेत्र में उल्लेखनीय परिवर्तन ला रही हैं।

*महिला सशक्तिकरण के लिए नवाचार*

राज्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ‘पिंक ऑटो’ जैसे नवोन्मेषी प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके तहत महिलाओं को स्वामित्व वाले पिंक ऑटो प्रदान किए जा रहे हैं। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक अनुकरणीय उदाहरण बन सकती है। उन्होंने कहा की स्वसहायता समूहों को विभिन्न योजनाओं से जोड़कर उन्हें वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और विपणन अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने और स्वरोजगार के अवसरों में वृद्धि हो रही है।

डॉ. शेखर ने बताया कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास कार्यों को “मिशन मोड” में लागू किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में सेवाएं घर-घर तक पहुँचाने की रणनीति अपनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि “इन क्षेत्रों में विद्यालयों का डिजिटलीकरण किया जा रहा है, जिससे छात्रों को अब JEE, NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिल रही है। इसके साथ ही, दिव्यांग छात्रों के लिए विशेष सुविधाएं भी प्रदान की जा रही हैं, जो एक संवेदनशील और समावेशी पहल है।”

*अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रही हैं सरकारी योजनाएं*

अपने संबोधन के अंत में डॉ. शेखर ने कहा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार की जनकल्याणकारी योजनाएं अब समाज के अंतिम पंक्ति के नागरिक तक पहुँच रही हैं। वंचित, आदिवासी और दुर्गम क्षेत्रों में भी अब तेज़ विकास और परिवर्तन देखा जा रहा है।”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का उद्देश्य है कि डिजिटल, भौतिक और सामाजिक बुनियादी ढांचे को एकीकृत रूप से मजबूत कर ‘सबका साथ, सबका विकास’ को धरातल पर उतारा जाए।


छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध” – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने मेडिश्योर हॉस्पिटल का किया शुभारंभ

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के कमल विहार सेक्टर-11ए में मेडिश्योर हॉस्पिटल का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए निरंतर प्रयासरत है, जिससे जनसामान्य को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधाएँ सुलभ हो सकें।

मुख्यमंत्री श्री साय ने हॉस्पिटल प्रबंधन को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त मेडिश्योर हॉस्पिटल आमजन के लिए एक बड़ी सौगात है। विशेष रूप से बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी उन्नत सुविधा राज्य के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, जिससे गंभीर रोगों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिलेगी।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर और कुपोषण जैसी गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। कार्यक्रम में विधायक श्री मोतीलाल साहू, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री नंद कुमार साहू, डॉ. विकास गोयल, डॉ. मीनल गोयल सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


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बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से वर्ष 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को करेंगे पूर्ण

सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में हुए शामिल

रायपुर में बहुद्देशीय सतनामी समाज भवन हेतु 1 करोड़ रुपये की घोषणा

गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के अधूरे कार्यों हेतु 50 लाख की मंजूरी

प्रतिभावान विद्यार्थियों को राज्य सरकार देगी 5-5 हजार की प्रोत्साहन राशि

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश पदाधिकारियों के शपथग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षा समाज के विकास का मूलमंत्र है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए हम सबको मिल-जुलकर कार्य करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में गिरौदपुरी धाम में कुतुब मीनार से भी ऊँचा जैतखाम निर्मित किया गया, साथ ही अनेक विकास कार्य भी संपन्न हुए। इससे न केवल समाज का गौरव बढ़ा है, बल्कि सतनामी समाज को वैश्विक पहचान भी मिली है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान पर भारत को वर्ष 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया गया है। इसी अनुरूप हमारी सरकार ने भी छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने का संकल्प लिया है। हमें पूर्ण विश्वास है कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से यह संकल्प अवश्य पूर्ण होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर राजधानी रायपुर में सतनामी समाज के बहुद्देशीय भवन निर्माण हेतु 1 करोड़ रुपये की घोषणा की। इसके अतिरिक्त, गिरौदपुरी स्थित मड़वा महल के शेष अधूरे कार्यों की पूर्णता हेतु 50 लाख रुपये की मंजूरी भी प्रदान की गई। उन्होंने समारोह में सम्मानित हो रहे प्रतिभावान विद्यार्थियों को पाँच–पाँच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की भी घोषणा की। इस अवसर पर कक्षा 10वीं और 12वीं के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।

विधानसभा अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि जब समाज के पदाधिकारी प्रतिबद्धता, निष्ठा और ईमानदारी से कार्य करते हैं, तो समाज की विश्वसनीयता बढ़ती है और समरसता के साथ समाज प्रगति की दिशा में अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि टीम भावना से कार्य करने पर रचनात्मक प्रयासों को बल मिलता है। उन्होंने गिरौदपुरी धाम में नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले के नेतृत्व में भव्य धर्मशाला निर्माण की पहल के लिए बधाई भी दी।

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास जी के आशीर्वाद से उन्हें सार्वजनिक जीवन के इन 40 वर्षों में विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री और अब विधानसभा अध्यक्ष जैसे विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने का अवसर मिला। बाबा जी का “मनखे-मनखे एक बराबर” का संदेश, श्वेत ध्वजा और श्वेत वस्त्र प्रदेश को शांति का प्रतीक बनाते हैं। पंथी नृत्य की सांस्कृतिक अभिव्यक्ति भी विश्व में छत्तीसगढ़ की शांति व समरसता को स्थापित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सभी की सहभागिता और बाबा जी के आशीर्वाद से आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश का सबसे विकसित राज्य बनेगा।

उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि समाज की उन्नति के लिए सामाजिक एकता और शिक्षा दो महत्त्वपूर्ण आधार हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और प्रत्येक वर्ष प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने अपेक्षा व्यक्त की कि आने वाले वर्षों में सतनामी समाज उन्नति के नए शिखर पर पहुँचेगा।

खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने सतनामी समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि इन पदाधिकारियों के कंधों पर समाज को सशक्त बनाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में समाज को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। साथ ही उद्योग, व्यापार एवं स्वरोजगार की दिशा में समाज को आगे आने का आह्वान किया। मंत्री श्री बघेल ने जानकारी दी कि देशभर से पधारे सतनामी समाज के आध्यात्मिक गुरुओं की उपस्थिति में गिरौदपुरी धाम में ‘गुरु दर्शन’ के उपरांत एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी समाजजनों की सहभागिता अपेक्षित है।

कार्यक्रम को सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, विधायक श्री पुन्नूलाल मोहले, गुरु खुशवंत साहेब, प्रगतिशील सतनामी समाज के नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष श्री एल.एल. कोसले ने भी संबोधित किया।

इस शपथग्रहण समारोह में विधायकगण श्री डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, श्रीमती शेषराज हरवंश, श्रीमती कविता प्राण लहरे, उत्तर प्रदेश से श्री कमलेश दास, असम से श्री मदन सतनामी, बिहार से श्री श्याम दास, ओडिशा से सूरज भारती, राजस्थान से मारवाड़ सतनामी समाज के अध्यक्ष श्री महेंद्र सतनामी, मध्यप्रदेश से श्री किशन बंजारे तथा दिल्ली से डॉ. जगजीवन खरे सहित सतनामी समाज के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी एवं अध्यात्म गुरुगण उपस्थित रहे। साथ ही, प्रदेश साहू समाज, यादव समाज, कुर्मी समाज, सर्व आदिवासी समाज सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधिगण भी इस समारोह में सम्मिलित हुए।


पंडरिया विधायक भावना बोहरा ने सावन माह में प्रस्तुत की सनातन संस्कृति की अनूठी मिसाल, अमरकंटक से भोरमदेव तक पूरी की 151 किलोमीटर कांवड़ यात्रा

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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने फोन कर भावना बोहरा और कांवड़ियों का बढ़ाया हौसला

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी ने भावना बोहरा और कांवड़ियों को फोन कर दी यात्रा की शुभकामनाएं

21 जुलाई को पंडरिया विधायक भावना बोहरा और उनके साथ 300 से अधिक कांवड़ियों ने माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से भोरमदेव मंदिर तक 151 किलोमीटर की यात्रा शुरू की जो 27 जुलाई को भोरमदेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ जी की पूजा-अर्चना और जलाभिषेक के साथ पूर्ण हुई। छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-समृद्धि एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना हेतु यह कांवड़ यात्रा पंडरिया विधायक भावना बोहरा के नेतृत्व में शुरू की गई और 7 दिनों में घने जंगलों, पर्वतों, बीहड़ रास्तों, उफनती नदियों और घनघोर बारिश को पार करते हुए डोंगरिया महादेव एवं भोरमदेव मंदिर में शिवजी के जलाभिषेक के साथ पूरी हुई। सभी अवरोधों को पंडरिया विधायक भावना बोहरा और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे कांवड़ियों ने पार किया और मन में एक पवित्र संकल्प एवं भगवान भोलेनाथ के प्रति अपार आस्था के साथ निकली इस यात्रा में हर दिन एक नई उर्जा,उल्लास एवं उत्साह दिखाई दिया। 151 किलोमीटर की यात्रा पूर्ण कर भावना बोहरा और उनके साथ सभी कांवड़ियों ने यह जरुर साबित किया है कि यदि दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति के साथ मन में भक्ति और आस्था से आप अपने हर लक्ष्य और संकल्पों को पूरा कर सकते हैं। यह यात्रा छत्तीसगढ़ में अपने आप में एक मिसाल होगी यह पहला अवसर है कि एक महिला जनप्रतिनिधि ने प्रदेश व प्रदेशवासियों की मंगलकामना के लिए 151 किलोमीटर की कठिन यात्रा की और नारी शक्ति का एक सन्देश भी दिया है।

यात्रा के अंतिम दिन पंडरिया विधायक भावना बोहरा और कांवड़ यात्रियों ने सुबह 7 बजे बोड़ला से अपनी यात्रा प्रारंभ की और दोपहर 12 बजे भोरमदेव मंदिर पहुंची। इस दौरान बोड़ला, में हजारों की संख्या में शिवभक्तों, सामाजिक व हिन्दू संगठनों, भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं और क्षेत्रवासियों ने पुष्पवर्षा करके उनका भव्य स्वागत किया। हर हर महादेव और बोल बम के नारों के साथ पूरा कवर्धा शिवभक्ति में लीन और भगवामय हो गया। इस दौरान भोरमदेव मंदिर में लगभग 5000 से अधिक शिवभक्तों ने मंदिर आगमन पर उनका भव्य स्वागत किया ढोल-बाजो और भक्तिमय गीतों, पुष्पवर्षा से भावना बोहरा और उनके साथ पधारे कांवड़ यात्रियों का सभी ने अभिनंदन किया। यह पहला अवसर होगा जब भोरमदेव मंदिर में श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ पहुंची जहाँ लोगों ने खुले दिल से भावना बोहरा और उनके साथ कदम मिलाकर चलने वाले कांवड़ियों की अमरकंटक से भोरमदेव तक कांवड़ यात्रा की प्रशंसा की।

यह कांवड़ यात्रा माँ नर्मदा मंदिर अमरकंटक से प्रारम्भ होकर लम्हनी, वन ग्राम महामाई, खुड़िया,गौरकांपा, पंडरिया, मोहतरा, पांडातराई, डोंगरिया महादेव,बोड़ला होते हुए भोरमदेव मंदिर में पूर्ण हुई। इस दौरान भोरमदेव मंदिर में भंडारा एवं महाप्रसादी वितरण का भी आयोजन किया गया जिसमें 5000 से अधिक शिवभक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर विधायक भावना बोहरा ने भी भोरमदेव मंदिर में दर्शन करने हेतु पधारे श्रद्धालुओं और कांवड़ यात्रियों का अभिनंदन किया और प्रसाद वितरण किया।

इस अवसर पर भावना बोहरा ने कहा कि यह यह क्षण और मेरे लिए गौरव और भावनाओं से भरा है जो मुझे आजीवन स्मरणीय रहेगा। भगवान भोलेनाथ और माँ नर्मदा के आशीर्वाद से और कबीरधाम जिला के शिवभक्तों, कांवड़ यात्रियों के अपार स्नेह,अपनत्व और सहयोग से यह यात्रा आज पूर्ण हुई है जिसके लिए मैं सभी का हृदय से आभार व्यक्त करती हूँ। विशेष रूप से मैं प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी एवं विधानसभा अध्यक्ष माननीय डॉ.रमन सिंह जी का भी आभार व्यक्त करती हूँ जिन्होंने यात्रा के दौरान फोन पर बातचीत करके हम सभी का हौसला बढ़ाया और मंगलमय यात्रा के लिए शुभकामनाएं दी। यह मेरे लिए परम गौरव का क्षण है, छत्तीसगढ़ वासियों की सुख-शांति और प्रदेश की समृद्धि हेतु जो संकल्प एवं कामना लेकर 21 जुलाई से हमने यह यात्रा प्रारंभ की और लगभग 300 से अधिक कांवड़ यात्रियों ने पुण्य यात्रा में मेरे साथ हर कदम पर अपनी सहभागिता निभाई उसके प्रति मैं सभी का आभार व्यक्त करती हूँ।

इसके साथ ही कबीरधाम जिले के आप सभी मेरे परिवारजनों, सभी सामाजिक व हिन्दू संगठन के सदस्यों, भाजपा के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, युवा एवं महिला मोर्चा, तथा क्षेत्रवासियों द्वारा अपनत्व,स्नेह एवं भव्य और आत्मीय स्वागत ने प्रतिदिन हमारी इस यात्रा को नई उर्जा प्रदान की। इस दौरान घने जंगलों, पर्वतों, बीहड़ रास्तों, उफनती नदियाँ और घनघोर बारिशों का सामना करने के लिए भगवान भोलेनाथ और माँ नर्मदा की भक्ति से हमें निरंतर शक्ति मिली। इस यात्रा से हमें एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण सीख मिली कि सच्ची श्रद्धा और दृढ़ संकल्प के साथ कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। श्रावण मास आस्था, अनुशासन और सेवा का अद्वितीय संगम है जहां हर भक्त महादेव के प्रति आस्थावान होकर भगवान भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं तो वहीं कांवड़ यात्रा एक ऐसी परंपरा है, जो भक्ति, समर्पण और सामाजिक एकता का अनूठा संगम है। यह न केवल भगवान शिव के प्रति हमारी निष्ठा को दर्शाती है, बल्कि हमें मानवता, पर्यावरण संरक्षण और आत्म-शुद्धि के मूल्यों से भी जोड़ती है।

पंडरिया विधानसभा सहित समस्त छत्तीसगढ़ का प्रत्येक नागरिक मेरे परिवार का सदस्य है। उनकी खुशहाली और समृद्धि की कामना तथा सेवा हमारी प्राथमिकता है। विगत वर्षों में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मुझे जाने और वहां की जनता से जुड़ने का अवसर मिला। इस दौरान हर जगह मुझे जनता ने बहुत ही स्नेह और अपने परिवार की भांति आदर-सम्मान दिया उनके इसी आदर सत्कार के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने हेतु हमने यह यात्रा की। मुझे विश्वास है कि हमारी इस पुण्य यात्रा के लिए पूरे प्रदेश की जनता ने प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से हमें सहयोग दिया है और आगे भी आप सभी का सहयोग और मार्गदर्शन मुझे मिलता रहेगा। यह कांवड़ यात्रा केवल शारीरिक यात्रा नहीं, बल्कि आत्मिक यात्रा भी रही है। यह भक्तों को आत्म-संयम, धैर्य और दृढ़ता सिखाती है। इस यात्रा से मिले अनुभवों को मैं हमेशा अपने आचरण में निहित रखूंगी और हर जरूरतमंद व्यक्ति की सेवा और सनातन संस्कृति, धार्मिक परंपरा के प्रसार हेतु अपने दायित्वों को पूरा करती रहूंगी। मैं आप सभी शिवभक्तों और खासकर युवाओं से कहना चाहती हूँ कि आइए, हम सनातन संस्कृति के इस गौरवशाली विरासत को संजोएँ और कांवड़ यात्रा जैसे पवित्र आयोजनों के माध्यम से अपनी आस्था व एकता को और मजबूत करें।


बिल्हा ने देशभर में बढ़ाया छत्तीसगढ़ का मान – स्वच्छता में देशभर में प्रथम, ‘मन की बात’ में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने की सराहना

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रायपुर,छत्तीसगढ़ की नगर पंचायत बिल्हा ने स्वच्छता के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में 20,000 से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में पूरे भारतवर्ष में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए दिनांक 17 जुलाई 2025 को नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित भव्य पुरस्कार समारोह में भारत की महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा बिल्हा नगर पंचायत को सम्मानित किया गया था। आज इस गौरवशाली उपलब्धि की प्रतिध्वनि ‘मन की बात’ के राष्ट्रीय मंच तक पहुँची, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 124वें संस्करण में बिल्हा नगर पंचायत की महिलाओं द्वारा किए गए नवाचार और श्रम का उल्लेख करते हुए सराहना की।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिल्हा की महिलाओं को वेस्ट मैनेजमेंट की ट्रेनिंग दी गई और उन्होंने मिलकर शहर की तस्वीर बदल डाली। यह उल्लेख पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का क्षण है, जिसने स्वच्छता को न केवल शासकीय योजना के रूप में, बल्कि सामुदायिक आंदोलन के रूप में अपनाया है।

नगर पंचायत बिल्हा की आबादी लगभग 15,000 है, जहाँ 28 स्वच्छता दीदियाँ कार्यरत हैं। ये दीदियाँ नगर के 15 वार्डों में घर-घर जाकर ई-रिक्शा के माध्यम से कचरा संग्रहण का कार्य करती हैं और फिर कचरे को SLRM सेंटर में ले जाकर गीला और सूखा कचरा पृथक करती हैं। गीले कचरे से खाद बनाई जाती है और सूखे कचरे को बेचकर ये महिलाएँ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो रही हैं। इसके अतिरिक्त बिल्हा नगर में 10 विशेष स्वच्छता कमांडो भी नियुक्त किए गए हैं जो ट्रैक्टर और ऑटो टिपर के माध्यम से पूरे शहर में घूमकर कचरा सफाई और जन-जागरूकता का कार्य कर रहे हैं। बिल्हा नगर पंचायत द्वारा जन-जागरूकता अभियान, मुनादी, और घरों-दुकानों से सीधे कचरा संग्रहण जैसे कदमों से आज नगरवासी कचरे को पृथक कर ई-रिक्शा में देने के लिए प्रेरित हो चुके हैं। मुक्तिधाम, तालाब, गार्डन, सामुदायिक भवन आदि में सामूहिक सफाई अभियान भी समय-समय पर चलाए जाते हैं। इस सफलता का श्रेय सभी सफाई कर्मचारियों, स्वच्छता दीदियों, नगर पंचायत के अधिकारियों, कर्मचारियों और सकारात्मक सोच वाले जनप्रतिनिधियों को जाता है, जो निरंतर निरीक्षण और प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि भारत में 20,000 से कम आबादी वाले 2000 से अधिक नगरीय निकाय हैं। भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय द्वारा स्वतंत्र एजेंसियों के माध्यम से सफाई व्यवस्था का परीक्षण, जिसमें डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, रोड स्विपिंग, नाइट स्विपिंग, कचरा निपटान, शौचालयों और पार्कों की सफाई व्यवस्था सहित जनता से फीडबैक शामिल था, उसी के आधार पर यह सम्मान मिला है।
इस अवसर पर विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, नगर पंचायत बिल्हा की अध्यक्ष श्रीमती वंदना जेन्ड्रे, मुख्य नगर पालिका अधिकारी श्री प्रवीण सिंह गहलोत, उपाध्यक्ष श्री सतीश शर्मा, पीआईसी सदस्य श्री मोहन ढोरिया, तत्कालीन उप अभियंता श्री नरेंद्र दुबे, सफाई दरोगा श्री यशवंत सिंह, स्वच्छता सुपरवाइजर श्री राकेश डागोर, स्वच्छता दीदी श्रीमती पूजा राठौर एवं पीआईयू श्री अंकित दुबे विशेष रूप से उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि बिल्हा नगर पंचायत ने स्वच्छता के क्षेत्र में जो कीर्तिमान स्थापित किया है, वह सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है। भारत सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में देशभर के 20,000 से कम आबादी वाले शहरों में प्रथम स्थान प्राप्त कर बिल्हा ने न केवल प्रदेश का मान बढ़ाया है, बल्कि यह सिद्ध किया है कि संकल्प, सहभागिता और सेवा भाव से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘मन की बात’ कार्यक्रम में बिल्हा की महिलाओं और उनके स्वच्छता नवाचार की प्रशंसा करना इस उपलब्धि को राष्ट्रीय स्तर पर ऐतिहासिक बना देता है। यह समस्त छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है।

उपमुख्यमंत्री एवं नगरीय प्रशासन मंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि बिल्हा नगर पंचायत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024–25 में पूरे भारत में प्रथम स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का मान पूरे देश में बढ़ाया है। यह सफलता हमारे नगरीय निकायों की प्रतिबद्धता, कार्यशैली और जनभागीदारी का जीवंत उदाहरण है। यह उपलब्धि प्रदेश के अन्य नगर निकायों को भी नई प्रेरणा देगी और हम सब मिलकर स्वच्छता में छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में बनाए रखने के लिए निरंतर कार्य करेंगे।