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टैरिफ में न्यूनतम वृद्धि, आपूर्ति में गुणवत्ता — छत्तीसगढ़ में ऊर्जा सुधारों को मिल रहा व्यापक जनसमर्थन: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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स्टील उद्योगों के लिये राहत, घरेलु उपभोक्ताओं के लिए संरक्षण, कृषि पंपों पर नहीं पड़ेगा बोझ

रायपुर, 16 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है। यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया है और इसे घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर स्टील और रोलिंग मिल उद्योगों तक ने सराहा है।

आम उपभोक्ताओं को राहत, किसानों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे तक की मामूली वृद्धि की गई है, जबकि कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है — जिसका सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान की जा रही है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े। सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रही है।

उद्योगों को बढ़ावा — स्टील इंडस्ट्री की दरों में कटौती

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने हेतु मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों की दरों में कटौती की है। यह निर्णय उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बेहतर आपूर्ति और घटती हानियाँ: गुणवत्तापूर्ण वितरण प्रणाली की दिशा में अग्रसर छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है। तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (AT&C Loss) को 2020-21 में 23.14% से घटाकर 2024-25 में 13.79% किया गया है। यह उपलब्धि दक्ष संचालन, पारदर्शी व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का प्रमाण है।

अधोसंरचना विकास के लिए बड़ा निवेश, कोरबा में 1320 मेगावॉट का नया प्लांट

वर्तमान टैरिफ में केपिटल इन्वेस्टमेंट प्लान का भी समावेश है जिसके अंतर्गत ट्रांसमिशन कंपनी के लिए ₹2433 करोड़, डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी के लिए ₹3977 करोड़ और जनरेशन कंपनी के लिए ₹2992 करोड़ का प्रावधान है। कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत ₹15,800 करोड़ है। इससे छत्तीसगढ़ भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।

सौर ऊर्जा की ओर एक कदम: घरेलू उपभोक्ताओं के लिए डबल अनुदान योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत 3 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹78,000 तक केंद्र सरकार से अतिरिक्त 2 किलोवाट तक के संयंत्रों पर ₹30,000 तक राज्य शासन से अनुदान दिया जाएगा। यह योजना छत्तीसगढ़ के घरेलू उपभोक्ताओं को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में क्रांतिकारी पहल है।

ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख करोड़ रुपये के करार, आएगी रोजगार क्रांति

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पॉवर कंपनी/शासन द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार दोनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी।

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हमारी प्राथमिकता है कि बिजली उपभोक्ताओं को न केवल निर्बाध आपूर्ति मिले, बल्कि वह गुणवत्तापूर्ण, सस्ती और टिकाऊ हो। वर्तमान और भावी योजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ ऊर्जा के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक स्थापित करेगा।


स्वावलंबी भारत अभियान के दुर्ग जिला समन्वयक नियुक्त हुए: गीतेश साव,

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दुर्ग जिला  में शीघ्र होगा स्वावलंबन केंद्र का शुभारंभ

बिलासपुर। स्वदेशी जागरण मंच एवं स्वावलंबी भारत अभियान के संयुक्त तत्वावधान में बिलासपुर में आयोजित दो दिवसीय प्रांतीय विचार वर्ग एवं कार्यशाला का सफल आयोजन संपन्न हुआ। प्रदेशभर से आए विशेषज्ञों, प्रतिनिधियों एवं कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम में आत्मनिर्भरता, स्वदेशी एवं स्वरोजगार जैसे विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया तथा स्वावलंबन की दिशा में आगामी रणनीतियों पर सार्थक चर्चा की।

इस अवसर पर दुर्ग जिले के सॉफ्टवेयर उद्यमी श्री गीतेश साव को स्वावलंबी भारत अभियान का दुर्ग जिला समन्वयक नियुक्त किया गया। श्री साव इसके पूर्व वे अभियान में जिला संपर्क प्रमुख के रूप में भी जिम्मेदारी का निर्वहन कर चुके हैं।

अपने इस नए दायित्व के बारे में चर्चा करते हुए श्री गीतेश साव ने बताया कि दुर्ग जिले में युवाओं को स्वरोजगार के प्रति प्रेरित करने हेतु जल्द ही एक विशेष “स्वावलंबन केंद्र” की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र में युवाओं को स्वरोजगार के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, कौशल विकास एवं विशेषज्ञों द्वारा उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि यह केंद्र जिले के युवाओं को रोजगारोन्मुख बनाने के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। स्वावलंबन केंद्र के माध्यम से युवाओं को स्वरोजगार की ओर प्रेरित करने और स्थानीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएंगे।

इस अवसर पर प्रांत के सह-समन्वयक श्री संजय चौबे ने बधाई दी। यह जानकारी प्रांत प्रचार प्रमुख श्री उमेश पासवान जी द्वारा दी गई।


स्थानीय लोगों का अंतरराज्यीय लकड़ी तस्करों के ऊपर फूटा गुस्सा

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आखिर किसके संरक्षण में अंतरराज्यीय तस्करों का हौसला

सूरजपुर जिले में काफी समय से लकड़ी तस्करों का आतंक देखने को मिल रहा है जो बिना परमिशन पेपर के लिपटिस पेड़ो के साथ साथ और भी कई प्रकार के प्रजाति के पौधों का कटाई करके तस्करी कर रहे है!

स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी खुले आम बिना नंबर प्लेट के गाड़ियों में अवैध लकड़ी का तस्करी कर रहे है और कई बार तो स्थानीय लोगों के द्वारा विरोध करने पर उनको धमकी देते हुए भी नजर आते है ,आखिर प्रशासन इनपर इतना मेहरबान क्यों है आखिर क्या है कारण जो इनको संरक्षण दिया जा रहा है !
खुलेआम दौड़ रहे अवैध लकड़ी से लोड ट्रेक्टर जिनके पास न किसी तरह का परमिशन कागज है न ही उनकी गाड़ी में नंबर प्लेट है जिसके बावजूद भी इनपर न यातयात न ही वन विभाग के द्वारा इनपर किसी तरह का रोक भी नहीं लगाया जा रहा है आखिर प्रशासन का इस तरह से आंखे बंद कर लेने का क्या है कारण?
सूत्रों से मिली जानकारी स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि प्रशासन को भी इनके द्वारा दिए गए मलाई खाने की आदत सी हो गई है , वही ये लकड़ी तस्कर भी खुले आम स्थानीय लोगों से कहते हुए नजर आते है कि कही भी शिकायत कर लो हमारा कुछ नहीं होगा सभी को इस मलाई का हिस्सा पहुंच रहा है ! कल रात 14 जुलाई को भी स्थानीय लोगों के द्वारा अवैध लकड़ी से भरी हुई ट्रैक्टर को भी रोका गया था जिसपर वाहन चालक गाड़ी खड़ा कर वहां से फरार हो गया आखिर क्या है मजबूरी जो प्रशासन के कार्यों को अब आम आदमी को करना पड़ रहा है आखिर प्रशासन के इस चुप्पी को हम क्या समझे !
और भरी मात्रा में लोड ट्रेक्टर का सड़कों पर आय दिन परिवहन से दुर्घटना की आशंका बनी रहती है ,और बिना नंबर प्लेट के गाड़ियों को दुर्घटना के पश्चात पकड़ पाना कहा तक आसान होगा !


बस्तर के बच्चों का स्वर्णिम भविष्य सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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मुख्यमंत्री श्री साय ने शैक्षणिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले के बच्चों से की आत्मीय मुलाकात

रायपुर, 15 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से छत्तीसगढ़ विधानसभा में नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत राजधानी रायपुर के शैक्षणिक भ्रमण पर आए सुकमा जिले की सुदूरवर्ती पाँच ग्राम पंचायतों के बच्चों ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उनका हालचाल जाना और राजधानी रायपुर में उनका आत्मीय स्वागत किया। उन्होंने कहा कि बस्तर के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पानी सहित सभी मूलभूत सुविधाएँ बस्तर के कोने-कोने तक पहुँचाने हेतु कृतसंकल्पित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने बच्चों से सौहार्दपूर्ण बातचीत करते हुए कहा कि इस शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से आपको राजधानी रायपुर को निकट से देखने-समझने का अवसर मिला है। इसी तरह राज्य सरकार बस्तर क्षेत्र में भी तीव्र गति से विकास कर रही है। उन्होंने बताया कि सुदूर अंचलों में अब सुरक्षाबलों के कैंप स्थापित हो रहे हैं, और जहां-जहां ये कैंप पहुँचते हैं, वहाँ चौतरफा विकास के द्वार खुलते हैं। अब अधिकांश स्थानों पर शासकीय राशन दुकानों की स्थापना हो चुकी है और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम नागरिकों तक पहुँच रहा है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि निकट भविष्य में बस्तर पूरी तरह से नक्सलमुक्त क्षेत्र होगा।

मुख्यमंत्री ने बच्चों से मुस्कराते हुए पूछा — “बस्तर के शेर बच्चों ने रायपुर के जंगल सफारी में शेर देखा या नहीं?” इस मजाकिया अंदाज़ पर बच्चों सहित उपस्थित सभी लोग ठहाके लगाकर हँस पड़े।

श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार आत्मनिर्भर बस्तर की दिशा में निरंतर प्रयासरत है। बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए उन्हें दुग्ध उत्पादन से भी जोड़ा जा रहा है। सरकार शिक्षा के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर सुनिश्चित कर रही है, ताकि क्षेत्र के बच्चों का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध हो सके।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, विधायकगण श्री ईश्वर साहू एवं श्री सुशांत शुक्ला भी उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत सुकमा जिले की पाँच सुदूर ग्राम पंचायतों—पालाचलमा, पोटकपल्ली, एलमागुंडा, ताड़मेटला एवं गोलापल्ली—के 100 स्कूली बच्चे राजधानी रायपुर के दो दिवसीय शैक्षणिक भ्रमण पर आए हैं। भ्रमण के दौरान इन बच्चों को मंत्रालय, जंगल सफारी, रेलवे स्टेशन और एयरपोर्ट जैसे महत्वपूर्ण स्थलों का अवलोकन कराया गया। विदित हो कि नियद नेल्लानार योजना के तहत बस्तर के नक्सल प्रभावित पाँच जिलों के बच्चों को शैक्षणिक भ्रमण के अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।


ऑपरेशन सिन्दूर: भारत की ताकत, संकल्प और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का प्रमाण- मुख्यमंत्री श्री साय

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ऑपरेशन सिन्दूर पर छत्तीसगढ़ की जनता को गर्व: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जताया प्रधानमंत्री के प्रति आभार

रायपुर, 15 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की कुशल रणनीति और नेतृत्व क्षमता को पूरे देश ने देखा है। यह केवल एक मिशन नहीं था, बल्कि भारत की ताकत, संकल्प और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का जीवंत प्रमाण है। श्री साय आज विधानसभा में ऑपरेशन सिन्दूर के सफल क्रियान्वयन हेतु प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे थे। उन्होंने समस्त छत्तीसगढ़वासियों की ओर से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को ऑपरेशन सिन्दूर के सफल संचालन के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को इस ऑपरेशन की सफलता पर गर्व है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया कि भारत अब ऐसा राष्ट्र बन चुका है जो अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी परिस्थिति में, किसी भी सीमा तक जाकर, त्वरित, निर्णायक और प्रभावी कार्यवाही करने में सक्षम है। ऐसे अभियान केवल सैन्य या कूटनीतिक सफलता का प्रतीक नहीं होते, बल्कि वे संपूर्ण राष्ट्र की भावना का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व का दृष्टिकोण स्पष्ट है — हर भारतीय का जीवन बहुमूल्य है, चाहे वह देश में हो या विदेश में। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ऑपरेशन के केंद्र में समन्वय और निर्णय क्षमता की जो धुरी रही, वह हैं – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी। प्रधानमंत्री श्री मोदी की सक्रिय भागीदारी, व्यक्तिगत निगरानी और स्पष्ट निर्देशों के कारण ही यह मिशन समयबद्ध, सुरक्षित और सफलतापूर्वक सम्पन्न हो पाया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम “वसुधैव कुटुंबकम” की भावना की बात करते हैं, तो ऐसे मिशन हमें यह विश्वास दिलाते हैं कि भारत केवल अपने नागरिकों की ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण मानवता की रक्षा के लिए भी कर्तव्यनिष्ठ है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत की साख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नई ऊंचाइयों को स्पर्श कर रही है। ऑपरेशन गंगा, ऑपरेशन कावेरी, ऑपरेशन देवी शक्ति, और अब ऑपरेशन सिन्दूर — भारत ने बार-बार यह सिद्ध किया है कि वह वैश्विक संकटों में मूक दर्शक नहीं, बल्कि सक्रिय संकट-निवारक राष्ट्र है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहलगाम की वीभत्स घटना के पश्चात हमारे प्रदेश के सपूत स्वर्गीय दिनेश मिरानिया का पार्थिव शरीर भी लौटकर आया। मैंने स्वयं उनके परिवार की पीड़ा को देखा। हमारी बहन ने अपनी आँखों के सामने अपना सुहाग उजड़ते देखा — यह पीड़ा कितनी गहरी है, यह पूरा सदन समझ सकता है। आतंकियों ने उन्हें केवल इस कारण मार डाला कि वे नहीं चाहते थे कि जम्मू-कश्मीर, जो भारत का अभिन्न अंग है, उसमें अन्य प्रांतों के नागरिकों की आवाजाही हो सके। उन्हें धर्म देखकर मारा गया। देश भर की माताओं-बहनों के बिलखने की तस्वीरें सामने आईं और इनके साथ पूरा देश रोया। यह एक ऐसी अमानवीय घटना थी, जिसमें सम्पूर्ण मानवता तार-तार हो गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों का रक्त बहाया, वहीं भारतीय सेना ने जवाबी कार्रवाई में इस बात का विशेष ध्यान रखा कि पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई क्षति न पहुँचे। हमारे नेतृत्व ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी को छेड़ता नहीं, परंतु छेड़ने वालों को छोड़ता भी नहीं। ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से भारत ने स्पष्ट संदेश दिया है कि हम प्रत्येक रक्त की बूँद का हिसाब लेते हैं। जिन आतंकी ठिकानों पर हमला किया गया, वे संसद हमले, मुंबई हमले, अक्षरधाम हमला और पुलवामा जैसी भीषण घटनाओं में लिप्त थे। भारत ने आतंकवाद को शह देने वाले देशों को विश्व मंच पर बेनकाब किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत ने सदैव शांति को प्राथमिकता दी है, परंतु संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उसका माकूल उत्तर दिया जाएगा। जो देश आतंकवादियों की भाषा बोलते हैं, वे आज वैश्विक मंचों पर अलग-थलग पड़ चुके हैं — इसका श्रेय भारतीय नेतृत्व की अडिग इच्छाशक्ति को जाता है। पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद को बेनकाब करने हेतु प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने जिस प्रकार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों में भेजा, वह भारतीय लोकतंत्र की सुंदरता और “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की भावना का आदर्श उदाहरण है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें गर्व है कि उन्हें यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व वाली मंत्रिपरिषद में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ। उनके व्यक्तित्व में संकल्प, समन्वय और संवेदनशीलता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। रक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु प्रधानमंत्री जी ने जो सतत परिश्रम किया, उसका प्रभाव हमें ऑपरेशन सिन्दूर में प्रत्यक्ष रूप से देखने को मिला। यह ऑपरेशन 140 करोड़ देशवासियों की एकजुटता और अखंडता का प्रतीक बन चुका है और सदा स्मरणीय रहेगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर केवल आतंकवाद के विरुद्ध कार्रवाई नहीं, बल्कि यह नारी सम्मान और शक्ति का भी प्रतीक है, मातृशक्ति को समर्पित एक ऐतिहासिक सैन्य-संकल्प है।


रजत जयंती वर्ष में सांस्कृतिक चेतना को नई उड़ान: ‘श्री रामलला दर्शन योजना’ अंतर्गत रायपुर से विशेष ट्रेन हुई रवाना

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श्री रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत रायपुर से 850 श्रद्धालुओं का तीर्थयात्रा हेतु प्रस्थान — मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी शुभकामनाएं

रायपुर, 15 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेशवासियों की आस्था और श्रद्धा को मूर्त रूप देने हेतु प्रारंभ की गई ‘श्री रामलला दर्शन योजना’ के अंतर्गत आज रायपुर रेलवे स्टेशन से रायपुर संभाग के 850 श्रद्धालु विशेष ट्रेन से अयोध्या धाम के दर्शन के लिए रवाना हुए। इस पवित्र यात्रा के शुभारंभ पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने श्रद्धालुओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं और उनकी यात्रा के मंगलमयी होने की कामना की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रद्धालुओं को हमारे ‘भांचा राम’ — श्रीरामलला के निःशुल्क दर्शन कराने की यह पुण्य यात्रा अनवरत जारी है। यह यात्रा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की उस गारंटी को साकार कर रही है, जिसमें उन्होंने देश के प्रत्येक नागरिक को प्रभु श्रीराम के दर्शन का अवसर उपलब्ध कराने का संकल्प लिया था।

उन्होंने कहा कि “श्री रामलला दर्शन योजना” के अंतर्गत सरकार ने मार्च 2024 तक 20,000 श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम भेजने का लक्ष्य निर्धारित किया था, किंतु प्रदेशवासियों की अद्वितीय आस्था, उत्साह, और सरकार की प्रतिबद्धता के चलते यह संख्या 22,000 से अधिक हो चुकी है। इस यात्रा में श्रद्धालुओं को काशी विश्वनाथ धाम के दर्शन का सौभाग्य भी प्राप्त हो रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में इस योजना के लिए ₹36 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। अब तक बीते डेढ़ वर्षों में 27 विशेष ट्रेनें छत्तीसगढ़ के विभिन्न संभागों से श्रद्धालुओं को लेकर अयोध्या धाम के लिए रवाना हो चुकी हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री रामलला तीर्थ दर्शन योजना केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक चेतना को सशक्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश का हर नागरिक, विशेषकर बुज़ुर्ग एवं वंचित वर्ग, अपने जीवन में एक बार प्रभु श्रीराम के जन्मस्थान के दर्शन कर सके।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर प्रारंभ की गई ‘श्री रामलला दर्शन योजना’ आज प्रदेशवासियों के जनजीवन से गहराई से जुड़ चुकी है। इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली विशेष ट्रेन आज रायपुर रेलवे स्टेशन से अयोध्या धाम के लिए रवाना हुई। इस अवसर पर राजस्व, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने दोपहर 1:00 बजे हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया। ट्रेन के प्रस्थान के दौरान रायपुर रेलवे स्टेशन का प्लेटफॉर्म नंबर 7 जय श्रीराम के नारों से गूंज उठा। तीर्थयात्रियों और उनके परिजनों में विशेष उत्साह और श्रद्धा का माहौल देखने को मिला। यात्रियों का पारंपरिक छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य एवं लोकवाद्य से स्वागत किया गया, वहीं IRCTC के प्रतिनिधियों द्वारा तिलक लगाकर अभिवादन किया गया।

इस अवसर पर विधायकगण श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, गुरु खुशवंत साहिब, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव, राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, सचिव संस्कृति एवं पर्यटन डॉ. रोहित यादव, पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य, कलेक्टर रायपुर डॉ. गौरव सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी एवं रेलवे व IRCTC के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

उल्लेखनीय है कि इस योजना की परिकल्पना मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा प्रदेशवासियों को जीवन में एक बार अयोध्या धाम के दर्शन का सौभाग्य प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके लिए 23 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल और IRCTC के मध्य एमओयू संपादित किया गया था। योजना की औपचारिक शुरुआत 5 मार्च 2024 को रायपुर से हुई थी, जब मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पहली ट्रेन को रवाना किया था। इसके पश्चात बिलासपुर, सरगुजा और दुर्ग-बस्तर (संयुक्त) संभागों से भी विशेष ट्रेनों का संचालन हुआ। विगत वर्ष इस योजना के माध्यम से लगभग 22,100 श्रद्धालुओं ने अयोध्या धाम के दर्शन किए। योजना के अंतर्गत प्रत्येक संभाग से साप्ताहिक विशेष ट्रेनों का संचालन जारी रहेगा।


राजनांदगांव के नागरिक प्रतिनिधिमंडल ने की मुख्यमंत्री से सौजन्य भेंट:प्रयास विद्यालय, नालंदा परिसर सहित विभिन्न विकास कार्यों के लिए जताया आभार

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रायपुर, 15 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से छत्तीसगढ़ विधानसभा के समिति कक्ष में राजनांदगांव जिले के नागरिकों के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ निरंतर जनहित में कार्य कर रही है। प्रशासनिक कार्यप्रणाली में नवाचार को प्रोत्साहित करते हुए सभी प्रक्रियाओं को चरणबद्ध रूप से ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे नागरिकों को सुगम, सरल और सुलभ सेवाएं उपलब्ध हो रही हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 24 अप्रैल को ‘राष्ट्रीय पंचायत दिवस’ के अवसर पर प्रदेश की चयनित ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्रों की शुरुआत की गई है। इन केंद्रों के माध्यम से अब ग्राम पंचायत स्तर पर ही बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह पहल ग्रामीणों को डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आने वाले समय में प्रदेश की अन्य पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।

राजनांदगांव से आए नागरिक प्रतिनिधिमंडल ने जिले में प्रयास विद्यालय, नालंदा परिसर, एवं अन्य महत्वपूर्ण विकास कार्यों के लिए मुख्यमंत्री श्री साय के प्रति धन्यवाद एवं आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि राजनांदगांव जिले में बीते डेढ़ वर्षों के भीतर पेयजल विस्तार, सड़क निर्माण, और अन्य अधोसंरचनात्मक कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत के विभिन्न निर्माण कार्य स्वीकृत किए गए हैं, जिनका प्रत्यक्ष लाभ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को मिल रहा है। यह जनकल्याण और विकास की दिशा में राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार संतुलित, समावेशी और सतत विकास के सिद्धांतों पर कार्य करते हुए छत्तीसगढ़ को सतत विकास की ओर अग्रसर करने के लिए कटिबद्ध है।

इस अवसर पर पूर्व सांसद श्री प्रदीप गांधी, श्री कोमल राजपूत, त्रिस्तरीय पंचायत पदाधिकारीगण और राजनांदगांव जिले के गणमान्य नागरिकगण उपस्थित थे।


स्कूटी दीदी” बनीं आत्मनिर्भर भारत की प्रतीक – मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सराहा एनु का जज़्बा

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छत्तीसगढ़ की बेटियाँ अब केवल लाभार्थी नहीं, बन रहीं सामाजिक परिवर्तन की भी वाहक- मुख्यमंत्री

भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने की सराहना

रायपुर 15 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के एक छोटे से गांव उमरदा की निवासी एनु आज पूरे देश में “स्कूटी दीदी” के नाम से जानी जाती हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने एनु की जीवटता, आत्मनिर्भरता और ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उनके योगदान की मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कहा कि एनु जैसी बेटियाँ ही आत्मनिर्भर भारत की असली पहचान हैं। उनके साहस, समर्पण और संकल्प से छत्तीसगढ़ के गांवों की तस्वीर बदल रही है।

एनु की प्रेरक यात्रा इस बात का प्रमाण है कि यदि मन में कुछ कर गुजरने का जज़्बा हो, तो संसाधनों की कमी, सामाजिक दबाव और परंपरागत सोच भी राह नहीं रोक सकती। एक साधारण ग्रामीण परिवार में जन्मीं एनु ने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी पढ़ाई जारी रखी और अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ से जुड़कर सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण लिया, एक लाख रुपये का ऋण प्राप्त किया, और समय पर ऋण को चुका कर आर्थिक अनुशासन की मिसाल पेश की।

एनु को समझ थी कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए गतिशीलता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने ‘प्रथम संस्था’ से स्कूटी चलाना सीखा और शुरुआत में समाज के तानों और व्यंग्य के बावजूद अपना आत्मविश्वास बनाए रखा और हार नहीं मानी। जब वे गांव-गांव स्कूटी से महिलाओं से जुड़ने लगीं, तभी उन्हें “स्कूटी दीदी” के नाम से पहचाना जाने लगा।

वर्ष 2023 में एनु ने “महिला दोपहिया प्रशिक्षण केंद्र” की स्थापना की। शुरुआत में केवल 2-3 महिलाओं ने प्रशिक्षण लिया, लेकिन धीरे-धीरे यह पहल ग्रामीण समाज में एक क्रांति बन गई। अब तक वे 30 से अधिक महिलाओं को स्कूटी चलाना सिखा चुकी हैं, जो अब स्वयं आंगनबाड़ी, स्कूल, बैंक और स्वास्थ्य केंद्र जैसे स्थानों तक स्वतंत्र रूप से पहुँचना शुरू कर चुकी हैं।

एनु की इस पहल से न केवल महिलाओं की दैनिक गतिशीलता आसान हुई है, बल्कि पूरे सामाजिक दृष्टिकोण में भी परिवर्तन आया है। अब गांवों में माता-पिता स्वयं अपनी बेटियों और बहुओं को एनु के पास प्रशिक्षण हेतु भेज रहे हैं। उनका सपना है कि वे 1000 महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएं और शीघ्र ही चारपहिया वाहन प्रशिक्षण केंद्र शुरू करें।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि एनु जैसे लोग छत्तीसगढ़ की नई पहचान हैं। राज्य सरकार ‘बिहान’ जैसी योजनाओं के माध्यम से ऐसे नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जमीनी स्तर पर परिवर्तन ला रहे हैं।

एनु का योगदान केवल ड्राइविंग प्रशिक्षण तक सीमित नहीं है। उन्होंने सिलाई-कढ़ाई, एलईडी असेंबली, मनरेगा कार्यों, और घरेलू प्रबंधन में भी महिलाओं को दक्ष बनाया है। उनके प्रयासों को देखते हुए भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की संयुक्त सचिव श्रीमती स्वाति शर्मा और धमतरी के कलेक्टर श्री अविनाश मिश्रा ने स्वयं उमरदा गांव जाकर एनु से मुलाकात की और उनके कार्यों की सराहना की।

ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने भी एनु की कहानी को फेसबुक पोस्ट के माध्यम से साझा करते हुए कहा कि जीवन में संसाधनों की कमी थी, लेकिन एनु के हौसले को कोई डिगा नहीं सका।उन्होंने एम.ए. की पढ़ाई पूरी कर ‘बिहान’ और ‘प्रथम संस्था’ से प्रशिक्षण प्राप्त कर न केवल आत्मनिर्भरता पाई, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनीं।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ की बेटियाँ केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि परिवर्तन की वाहक बन रही हैं। राज्य सरकार हर ऐसी पहल का स्वागत करेगी जो महिला सशक्तिकरण को गति देगी।


रेत खनन में पारदर्शिता, पर्यावरण संरक्षण और अवैध उत्खनन पर सख्ती शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता

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छत्तीसगढ़ में पारदर्शी, वैज्ञानिक और जनहितैषी खनिज नीति के तहत रेत खनन व्यवस्था को मिल रहा नया स्वरूप

रायपुर, 15 जुलाई 2025/ राज्य में रेत खनन नीति को अधिक पारदर्शी, संगठित, पर्यावरण-संवेदनशील और जनहितैषी बनाने के उद्देश्य से व्यापक कदम उठाए गए हैं। पूर्ववर्ती सरकार के शासन काल के दौरान राज्य में संचालित रेत खदानों की संख्या 300 से घटकर लगभग 100-150 रह गई थी, जिससे निर्माण कार्य प्रभावित हुए और अवैध खनन को बढ़ावा मिला। वर्तमान सरकार द्वारा खनिज नीति में सुधार कर रेत खनन की व्यवस्था को संगठित, नियंत्रित और जनहितकारी बनाया गया है।

*पर्यावरणीय मंजूरी प्रक्रिया में तीव्रता*

राज्य में पर्यावरणीय स्वीकृति प्रक्रिया को गति देने के लिए भारत सरकार से अनुमोदन प्राप्त कर तीन राज्य स्तरीय पर्यावरण समाघात निर्धारण समितियों का गठन किया गया है। पूर्व में केवल एक समिति कार्यरत थी। इस निर्णय से लंबित प्रकरणों के शीघ्र निपटारे की प्रक्रिया सुगम हुई है।

*वैध खदानों की संख्या में वृद्धि*

वर्तमान में 119 रेत खदानें पर्यावरणीय स्वीकृति के साथ विधिवत संचालित हैं, जबकि 94 अन्य खदानों की मंजूरी प्रक्रिया अंतिम चरण में है। साथ ही, आगामी 1 से 1.5 वर्षों में 300 से अधिक नई खदानों को स्वीकृति दिए जाने की योजना है, जिससे रेत की आपूर्ति सुलभ बनी रहेगी और निर्माण कार्यों को गति मिलेगी।

*IIT रुड़की की रिपोर्ट: वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खनन*

प्रमुख नदियों पर खनन के पर्यावरणीय प्रभावों को लेकर IIT रुड़की से कराए गए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है कि विधिवत और नियंत्रित रेत खनन से नदियों पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। यह रिपोर्ट राज्य की वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित खनिज नीति को समर्थन प्रदान करती है।

*अवैध खनन पर सख्त कार्यवाही*

वर्ष 2024-25 से जून 2025 तक 6,331 अवैध खनन प्रकरण दर्ज किए गए, जिनमें से ₹18.02 करोड़ की वसूली, 184 मशीनों की जब्ती, 56 एफआईआर तथा 57 न्यायालयीन परिवाद दायर किए गए। जिला एवं राज्य स्तरीय टास्क फोर्सों द्वारा लगातार निगरानी और कार्रवाई की जा रही है, जिसमें खनिज, राजस्व, पुलिस, परिवहन और पर्यावरण विभाग के अधिकारी सम्मिलित हैं।

*विवादों पर त्वरित कार्यवाही*

राजनांदगांव और बलरामपुर सहित राज्य के विभिन्न जिलों में रेत से संबंधित विवादों एवं घटनाओं पर त्वरित कानूनी और प्रशासनिक कार्यवाही की गई है। शासन का स्पष्ट निर्देश है कि किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

*प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को रॉयल्टी में राहत*

15 मार्च 2024 को लिए गए निर्णय के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को रेत पर रॉयल्टी से छूट प्रदान की गई है। इस निर्णय से गरीबों और जरूरतमंदों को प्रत्यक्ष राहत मिली है।

*भविष्य की नीति: पारदर्शिता और संतुलन*

छत्तीसगढ़ शासन की नीति स्पष्ट है — खनिज संसाधनों के दोहन को जनहित, पारदर्शिता और पर्यावरणीय संतुलन के सिद्धांतों पर आधारित करना। संगठित, वैज्ञानिक और दीर्घकालिक दृष्टिकोण से तैयार की गई यह नई रेत खनन नीति राज्य के समग्र विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों के लिए सशक्त आधार बनेगी।


मुख्यमंत्री श्री साय से भारत सरकार में भूमि संसाधन सचिव ने की सौजन्य भेंट

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भू-अभिलेख सुधार, डिजिटल सर्वे और राजस्व न्यायालयों में मामलों के त्वरित निराकरण को लेकर हुई विस्तृत चर्चा

रायपुर, 15 जुलाई 2025/
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय में भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव श्री मनोज जोशी ने सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने, भूमि सर्वेक्षण में तकनीकी नवाचारों के उपयोग, तथा राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निराकरण को लेकर विस्तृत चर्चा हुई। बैठक में राजस्व मंत्री श्री टंकाराम वर्मा भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि राज्य सरकार भू-राजस्व दस्तावेजों को अद्यतन करने और आवश्यक सुधार के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व रिकॉर्ड जितने व्यवस्थित होंगे, राजस्व न्यायालयों में मामलों का निपटारा उतना ही शीघ्र और प्रभावी रूप से हो सकेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भूमि अभिलेखों में सुधार संबंधी केंद्र सरकार की सभी पहल के साथ राज्य सरकार कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करेगी, ताकि यह प्रणाली और अधिक प्रभावशाली व जनहितकारी बन सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा तकनीक आधारित नवाचारी पहलों के माध्यम से भू-राजस्व रिकॉर्ड में पारदर्शिता, गति और सटीकता लाने का महत्वपूर्ण प्रयास किया जा रहा है, जिससे किसानों और आम नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे इस दिशा में सभी आवश्यक कदम तत्परता से सुनिश्चित करें।

केंद्रीय भूमि संसाधन सचिव श्री मनोज जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेखों की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है और राज्य सरकार के सक्रिय सहयोग से इसमें और अधिक सुधार लाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में पारंपरिक पद्धति से किए जाने वाले भूमि सर्वेक्षण में समय अधिक लगता था, किंतु अब आधुनिक तकनीकों के उपयोग से यह प्रक्रिया तेज़, अधिक सटीक और भरोसेमंद हो गई है।

श्री जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार भू-अभिलेख संधारण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए विशेष प्रयास कर रही है, जिसके अंतर्गत राज्यों को वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि जमीन की खरीद-बिक्री के दौरान नक्शों के अद्यतन में कई बार तकनीकी समस्याएं उत्पन्न होती हैं, जिन्हें डिजिटल सर्वेक्षण के माध्यम से प्रभावी रूप से दूर किया जा सकेगा। इससे प्रत्येक नागरिक को अद्यतन और प्रमाणिक नक्शा प्राप्त होगा, जिससे गड़बड़ियों में कमी आएगी और शहरी क्षेत्रों के विस्तार को बेहतर ढंग से नियोजित किया जा सकेगा।

बैठक में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, भारत सरकार के संयुक्त सचिव श्री कुणाल सत्यार्थी, राजस्व सचिव श्री अविनाश चंपावत, संचालक भू-अभिलेख श्री विनीत नंदनवार सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।