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छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज, डंगनिया, रायपुर समाचार

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नई बिजली दरें संतुलित, ग्रामीण-आदिवासी, सभी के लिए हितकारी तथा विकासपरक

लागत 7.02 रू. जबकि न्यूनतम घरेलू दर मात्र 4.10 रू.

औसतन घरेलू दर में मात्र 10 से 20 पैसे तक वृद्धि

गत वर्ष की तुलना में 1.89 प्रतिशत नाममात्र वृद्धि

रायपुर/ छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा आज छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन, पारेषण एवं वितरण कंपनी लिमिटेड तथा छत्तीसगढ़ राज्य भार प्रेषण केन्द्र के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु विद्युत दरों का अनुमोदन किया गया। वितरण कंपनी के एमडी श्री भीमसिंह कंवर ने बताया कि समेकित रूप से विद्युत दर में विगत वर्ष की तुलना में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जो नगण्य है। कृषि उपभोक्ताओं के लिए कुछ मदों में दर वृद्धि की गई है जिसका भार राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है, अतः इससे कृषि उपभोक्ताओं को किसी भी तरह का अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। इसके अलावा अस्थायी कनेक्शनों, आदिवासी अंचलों, मुरमुरा-पोहा उद्योगों, प्रिंटिंग प्रेस आदि के लिए रियायतें बढ़ाई गई है या यथावत् रखी गई है।

छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी को विद्युत की लागत 7 रू. 2 पैसे पड़ती है जबकि घरेलू उपभोक्ताओं को न्यूनतम 4 रू. 10 पैसे की दर से विद्युत आपूर्ति की जाती है। नई विद्युत दरों की कुछ विशेषताओं को उल्लेखित किया गया है। निम्न मध्यम वर्ग के घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट एवं अन्य घरेलू उपभोक्ताओं की दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। गौशाला, शासन द्वारा अधिसूचित बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण क्षेत्रों में आने वाले स्टे-होम्स में प्रयुक्त होने वाली विद्युत पर घरेलू विद्युत दर लागू करने हेतु घरेलू उपभोक्ता श्रेणी में सम्मिलित किया गया है। घरेलू उपभोक्ता श्रेणी के अन्तर्गत लिए गए अस्थाई कनेक्शन पर नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है।

राज्य शासन द्वारा अधिसूचित वाम चरमपंथी प्रभावित जिलों में संचार व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु मोबाईल टॉवर की स्थापना को प्रोत्साहित करने हेतु इन क्षेत्रों में आने वाले सभी मोबाईल टॉवरों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट का प्रावधान किया गया है।

कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 50 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है। कृषि पंपों के विद्युत देयकों का भुगतान राज्य शासन द्वारा किया जाता है, अतः यह भार राज्य शासन स्वयं वहन करेगा। गैर घरेलू उपभोक्ताओं की विद्युत दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है एवं इसी श्रेणी के अंतर्गत लिए गए अस्थाई कनेक्शन पर भी नार्मल टैरिफ का 1.5 गुना टैरिफ के स्थान पर नार्मल टैरिफ का 1.25 गुना टैरिफ लागू किया गया है। गैर सबसिडी वाले कृषि विद्युत पंप वाले उपभोक्ताओं को ऊर्जा प्रभार में 20 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। किसानों को खेतों में लगे विद्युत पम्पों और खेतों की रखवाली के प्रयोजनार्थ पम्प कनेक्शन के अंतर्गत वर्तमान में पम्प के समीप 100 वॉट के भार उपयोग की सुविधा प्रभावशील है। किसानों के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए आयोग द्वारा 100 वॉट तक लाईट एवं पंखे की स्वीकृति जारी रखी गई है।

पर्यावरण संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए निम्न दाब इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग इकाईयों हेतु इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू.7.02 प्रति यूनिट निर्धारित किया गया है। उच्च दाब उपभोक्ताओं के लिए इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग की टैरिफ को औसत विद्युत लागत के बराबर अर्थात् रू. 6.32 प्रति केव्हीएएच निर्धारित किया गया है।

विज्ञप्ति में बताया गया है कि नियामक आयोग द्वारा महिला सशक्तिकरण हेतु पंजीकृत महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित उद्योग संबंधी गतिविधियों और व्यवसायिक गतिविधियों को ऊर्जा प्रभार में 10 प्रतिशत की छूट जारी रखी गई है। राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों, बस्तर एवं दक्षिण क्षेत्र आदिवासी विकास प्रधिकरण तथा सरगुजा एवं उत्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण में संचालित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं डायग्नोस्टिक सेंटर के लिए प्रचलित विद्युत दरों के ऊर्जा प्रभार में दी जा रही 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है। पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। अग्रिम भुगतान करने वाले सभी उपभोक्ताओं को दी जाने वाली 0.50 प्रतिशत छूट को बढ़ाकर 1.25 प्रतिशत किया गया है। आफसेट प्रिन्टर्स एवं प्रिंटिंग प्रेस उपभोक्ताओं को गैर घरेलू से हटाकर औद्योगिक श्रेणी में सम्मिलित किया गया है जो कि पहले की अपेक्षा कम है।

इस तरह सम्यक रूप से यह नई दरें कृषि-ग्रामीण आदिवासी सहित सभी श्रेणी के प्राथमिकता श्रेणी वाले उपभोक्ताओं के लिए हितकारी तथा विकासपरक हैं। इन्हें काफी संतुलित एवं संतोषजनक कहा जा सकता है।


लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

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₹37.50 लाख के इनामी 22 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

रायपुर 11 जुलाई 2025/ नारायणपुर जिले में ₹37 लाख 50 हजार के इनामी कुल 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के ऊपर ₹50 हजार रुपए से लेकर ₹8 लाख तक के इनाम घोषित थे।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा कि “लोग अब बंदूक नहीं, विकास की राह पर साथ चलना चाहते हैं।” हमारी सरकार में अब तक कुल 1476 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह हमारी सरकार की नवीन आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति 2025 तथा जनकल्याणकारी योजनाओं की सकारात्मकता का प्रमाण है। ‘नियद नेल्लानार’ जैसी योजनाओं ने विश्वास जगाया है, लोग हिंसा छोड़कर विकास की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इन आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनरुत्थान हेतु हम पूर्णतः संकल्पित हैं। डबल इंजन की सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए 

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मंत्रिपरिषद के निर्णय
दिनांक – 11 जुलाई 2025

1- मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य पुलिस सेवा संवर्ग के उचित प्रबंधन हेतु अर्हकारी सेवा अवधि पूर्ण कर चुके वर्ष 2005, 2006, 2007, 2008 तथा 2009 बैच के अधिकारियों को वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान किये जाने हेतु 30 सांख्येतर पद निर्मित कर वरिष्ठ प्रवर श्रेणी वेतनमान प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

2- मंत्रिपरिषद द्वारा जनजातीय समूहों एवं अन्य वंचित वर्गों के गरीब युवा, महिलाओं एवं तृतीय लिंग के लोगों के संस्थागत विकास के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ शासन एवं पैन आईआईटी एलुमनी रीच फॉर इंडिया फाउंडेशन (PanIIT) के मध्य एक गैर-लाभकारी संयुक्त उद्यम कंपनी के गठन को मंजूरी प्रदान की गई।

इस ज्वाइंट वेंचर कंपनी के माध्यम से अनुसूचित जनजाति एवं अन्य वंचित समुदायों के गरीब युवाओं, महिलाओं एवं तृतीय लिंग के लोगों को संस्थागत व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से सशक्त एवं विकसित किया जाएगा।

छत्तीसगढ़ शासन एवं पैन आईआईटी का ज्वाइंट वेंचर वंचित समुदायों के विकास के लिए आदिवासी उपयोजना, अनुसूचित जाति उपयोजना आदि के अप्रयुक्त फंड का अभिसरण कर आजीविका एवं सामाजिक आर्थिक बदलाव के लिए कार्य करेगा।

कौशल विकास कार्यक्रमों के प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण का कार्य पैन आईआईटी द्वारा किया जाएगा। प्रशिक्षित युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय बाजार में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कौशल के साथ फॉरेन लैग्वेज सिखाने का कार्य किया जाएगा।

पैन आईआईटी द्वारा प्रशिक्षण देने के लिए जिला प्रशासन एवं विभागों द्वारा आवश्यक शासकीय भवनों का पहचान किया जाएगा एवं उसे ज्वाइंट वेेन्चर कंपनी को हस्तांतरित किया जाएगा।

पैनआईआईटी, आईआईटी के पूर्व छात्रों द्वारा बनाई गई सोसायटी है जो राज्य सरकारों के साथ गैर लाभकारी संयुक्त उपक्रम बनाकर, राष्ट्रनिर्माण मिशन, व्यवसायिक, आजीविका शिक्षा व्यवस्था एवं ग्रामीण उद्यमिता के माध्यम से वंचित समुदायों के आय में सुधार लाने का कार्य करती है।

3- मंत्रिपरिषद द्वारा पुराने वाहनों से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम तथा वायु प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए छत्तीसगढ़ मोटरयान कराधान अधिनियम-1991 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

4- मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम-1994 के नियम, 55 में संशोधन का अनुमोदन किया गया।

जिसके तहत वाहन स्वामी अपने पुराने वाहन के फैंसी या च्वाइस नंबर को नए या किसी अन्य राज्य से लाए गए उसी श्रेणी के वाहन में उपयोग कर सकेंगे, इसके लिए आवश्यक शुल्क का भुगतान करना होगा। यदि पुराना नंबर सामान्य नंबर था तो छत्तीसगढ़ मोटरयान नियम 1994 के नियम 55(2)(ग) के अनुसार आवश्यक शुल्क भरने के बाद इसका उपयोग संभव होगा।

यह सुविधा केवल नए वाहन के पंजीयन या अन्य राज्य से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर आए वाहनों पर लागू होगी, पहले से राज्य में पंजीकृत वाहनों पर नहीं। शासकीय वाहनों के लिए भी यह सुविधा मिलेगी, इसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा।

5- छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

6- मंत्रिपरिषद ने राज्य के युवाओं को स्टार्टअप और नवाचार के जरिए सशक्त बनाने के लिए छात्र स्टार्ट-अप और नवाचार नीति लागू करने का एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस नीति का उद्देश्य छात्र-केंद्रित नवाचार और इन्क्यूबेशन सिस्टम बनाना, साथ ही बौद्धिक संपदा जागरूकता बढ़ाना है। जनजातीय क्षेत्रों में नवाचार केंद्र स्थापित करना और कृषि, हरित ऊर्जा, स्वास्थ्य व विनिर्माण जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान देना भी इस नीति के प्रमुख उद्देश्य हैं।

इस नीति का लक्ष्य है राज्य के 100 तकनीकी संस्थानों के 50 हजार छात्रों तक पहुंच बनाना, 500 प्रोटोटाइप्स का समर्थन करना, 500 बौद्धिक संपदा अधिकार फाइल करना और 150 स्टार्टअप्स को इन्क्यूबेट करना। इससे युवाओं को नई सोच और तकनीक विकसित करने में मदद मिलेगी।

7- छत्तीसगढ़ कृषि उपज मण्डी (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप पर अनुमोदन किया गया।

8- मंत्रिपरिषद द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तर्ज पर छत्तीसगढ़ राजधानी क्षेत्र (State Capital Region) के विकास के लिए संबंधित प्राधिकरण की स्थापना हेतु विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

रायपुर, दुर्ग-भिलाई और नया रायपुर अटल नगर में तेजी से बढ़ती आबादी और शहरीकरण को देखते हुए इस क्षेत्र के सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध विकास के लिए यह प्राधिकरण कार्य करेगा। यह प्राधिकरण राजधानी क्षेत्र के लिए योजना बनाना, निवेश को बढ़ावा देना, विभिन्न सरकारी और निजी संगठनों के बीच समन्वय तथा शहर के विस्तार को सही ढंग से नियंत्रित करने का काम करेगा।

2031 तक इस क्षेत्र में लगभग 50 लाख लोग रहने की संभावना है, इसलिए भूमि का प्रभावी उपयोग और पर्यावरण की रक्षा करते हुए शहरी विकास सुनिश्चित करना जरूरी है। इस तरह राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण छत्तीसगढ़ के शहरी क्षेत्रों को बेहतर, सतत और सुव्यवस्थित बनाने में मदद करेगा।

9- छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
इससे अंतर्राज्यीय लेनदेन में इनपुट सेवा वितरक के नियम और अधिक प्रभावी तथा केंद्र सरकार के वित्त अधिनियम, 2025 के संशोधनों के अनुरूप यह होगा।

10- मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य के छोटे और मध्यम व्यापारियों को प्रोत्साहित करने तथा न्यायालयों में लंबित कर संबंधी मामलों को शीघ्र निपटाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) विधेयक, 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया है।

11- मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।

इससे नक्शा बंटवारे और अभिलेखों के अद्यतनीकरण में सहूलियत होगी अवैध प्लाटिंग पर रोक लगेगी, जियो-रेफरेंस मैप से भविष्य में कानूनी विवाद कम होंगे। नामांतरण की प्रक्रिया आसान होगी। भूमि धारक की मृत्यु पर संयुक्त खाताधारकों और वारिसों को नामांतरण में सहूलियत होगी। भवन या भूखंड का हस्तांतरण भूमि के अनुपात में हो सकेगा। औद्योगिक नीति, आवास योजना और नगरीय विकास की प्रक्रियाएं सरल होंगी।

12- मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय अधिनियम, 2004 में संशोधन विधेयक के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।


भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सबसे बड़ी कार्यवाही

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भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का संदेश

हमारा उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय

22आबकारी अधिकारियों का तत्काल निलंबन भ्रष्टाचार पर कड़ी चोट

आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के अधिकारियों पर भी कार्रवाई

रायपुर, 11 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व शासनकाल के दौरान हुए 3200 करोड़ रूपए के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। निलंबन की इस कार्रवाई को किसी भी राज्य द्वारा की गई अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। इन अधिकारियों पर वर्ष 2019 से 2023 के बीच भ्रष्टाचार कर करीब 88 करोड़ रुपये की अवैध कमाई से चल-अचल संपत्तियां भी बनाने का आरोप है।

आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) द्वारा की गई विस्तृत जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह पूरा घोटाला एक संगठित सिंडिकेट के जरिये संचालित हो रहा था, जिसमें आरोपी आबकारी अधिकारियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
इसका खुलासा होते ही छत्तीसगढ़ सरकार ने बिना देर के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। जिनमें आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविन्द कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा शामिल हैं। इसी प्रकार सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा शामिल हैं।

गौरतलब है कि पूर्व सरकार के पांच साल के कार्यकाल के दौरान कई बड़े घोटाले हुए हैं, जिनकी जांच केंद्रीय और राज्य एजेंसियां कर रही हैं और एक-एक कर सभी दोषी जेल भेजे जा रहे हैं। केवल शराब घोटाला ही नहीं, राज्य सरकार डीएमएफ घोटाला, महादेव सट्टा एप घोटाला और तेंदूपत्ता घोटाले जैसे मामलों की भी गहराई से जांच करवा रही है, जिनमें किसी भी तरह की संलिप्तता सामने आने पर दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। बीते दो वर्षों में ACB ने 200 से अधिक भ्रष्ट अधिकारियों को पकड़ा है, जो राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का बड़ा उदाहरण है।

मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के साथ-साथ राज्य में सुशासन और पारदर्शी प्रशासन को भी सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। इसके तहत जेम पोर्टल से खरीददारी को अनिवार्य किया गया है, ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत हुई है, 350 से अधिक सुधारों के जरिये निवेश की राह भ्रष्टाचार मुक्त, पारदर्शी और आसान बनाई गई है, इसी क्रम में सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से एनओसी की प्रक्रिया बेहद सरल कर दी गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आबकारी विभाग में FL-10 नीति को समाप्त कर पारदर्शी व्यवस्था लागू की गई है और देशी-विदेशी मदिरा की बोतलों पर अब नासिक मुद्रणालय से छपने वाले होलोग्राम अनिवार्य किए गए हैं ताकि नकली शराब की बिक्री पर रोक लगाई जा सके। इसी तरह खनिज ट्रांजिट पास की प्रक्रिया अब पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है, लकड़ियों की ई-नीलामी प्रणाली लागू की गई है और योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग की स्थापना की गई है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच CBI को सौंप दी है, जिसमें आयोग के तत्कालीन चेयरमैन को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है, जिनमें दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के विरुद्ध इस पारदर्शी कार्रवाई में आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के विभिन्न स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई हुई है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था, घोटाले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है, हमारी सरकार का उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय, महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक शुरू

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ब्रेकिंग

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय, महानदी भवन में कैबिनेट की बैठक शुरू


बारिश में बस्तर के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुपम नजारा

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सैलानियों के लिए मानसून ट्रैकिंग का विशेष आयोजन

रायपुर, 10 जुलाई 2025/ मानसून आते ही छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले का प्राकृतिक नजारा देखते ही बनता है। यहां प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में नजर आती है। हरियाली, झरने और जंगलों का माहौल दिल को खुश कर देता है। इस मौसम में आप परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने-फिरने के साथ बस्तर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं।
बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासनं द्वारा मानसून ट्रैक की थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इसके लिए मानसून के मौसम में प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर ट्रैकिंग का आयोजन किया जा रहा है। मानसून ट्रैक प्लान के तहत जिले के झरनों और जंगल-पहाड़ों जैसे दर्शनीय स्थलोंए जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैंए वहां प्रशिक्षित स्थानीय गाइडों के माध्यम से भ्रमण करवाया जाएगा।
अगर आप वीकेंड पर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो बस्तर जिले के प्राकृतिक जलप्रपात चित्रकोट, तीरथगढ़, चित्रधारा, मेंदरीघूमर, तामड़ाघूमर, बीजाकसा, मिचनार ये जगहें न सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर हैं, बल्कि यहां मानसून ट्रैक और फोटोग्राफी के लिए भी बेहतरीन माहौल है।

बस्तर जिले में पर्यटकों को आने के लिए विशाखापट्टनम से प्रतिदिन रेल सेवा संचालित है। साथ ही विमान सेवा के तहत हैदराबाद से प्रतिदिन, दिल्ली से सप्ताह में दो दिन की विमान सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा जगदलपुर सड़क मार्ग से रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर सहित हैदराबाद, विशाखापट्टनम से नियमित बस की सुविधा भी है। प्रशासन द्वारा मानसून ट्रैक कार्यक्रम को अन एक्सप्लोर्ड बस्तर के साथ मिलकर किया जा रहा है। मानसून ट्रैक के संबंध में जानकारी के लिए प्रशासन ने 9109188567 और 8962991988 संपर्क नंबर जारी किया है ।
मानसून ट्रैक में चिन्हाकित स्थलों के तहत चित्रकोट सर्किट में ट्रैकिंग के लिए चित्रकोट दंडामी रिसॉर्ट से प्रारंभ कर करबहार (मिनी गोआ) 2 किलोमीटर की दूरी में बोटिंग, वाटरफाल, शिवलिंग का दर्शन, जलप्रपात का ऊपर से नजारा दिखाया जाएगा। साथ ही मेंदरी घुमर से इंद्रावती नदी तक 3 किलोमीटर के ट्रैक में रिवर क्रासिंग जंगली इलाके में, मेंदरीघुमर से तामड़ाघुमर तक (7 किमी) में 150 फिट डाउनवर्डस ट्रैक , क्रोकोडाइल साइटिंग, सेंडबिच, बर्ड वाचिंग, प्राकृतिक स्वीमिंग एरिया, तीरथा से बीजाकसा (2.5 किमी) तक की ट्रैकिंग बोटिंग कैम्प, बोनफायर, ट्रायबल फूड, तीरथा गांव का भ्रमण सहित स्थनीय स्तर की पौराणिक कहानी की जानकारी दी जाएगी। बीजाकसा से मेंदरी तक (8 किमी) में वाटरफॉल , वैली व्यू, जंगली जानवर और पंक्षियों की साइटिंग का आनंद लिया जा सकेगा। इसके अलावा मिचनार हिल्स क्षेत्र में ट्रैकिंग भी करवाया जाएगा।
बस्तर जिले में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधीन आने वाले टोपर वाटरफॉल का ट्रैकिंग, मड़वा वाटरफॉल का ट्रैकिंग, शिवगंगा ट्रैकिंग में जंगल एरिया के बीच जलप्रपात, झरना जंगली जानवर बर्ड वाचिंग करवाया जाएगा। कैलाश गुफा, कैलाश झील, गुड़िया पदर में गांव से जलप्रपात तक (4 किमी) तक ट्रैकिंग करवाई जाएगी। तीरथगढ़ वॉटरफॉल से रानीदरहा वाटरफॉल(3 किमी) तक में जंगल एरिया वाईल्ड लाइफ, बर्ड वाचिंग, मालकेव ट्रैक में मादरकोंटा से तीरथगढ़ (8 किमी) तक जंगलों के बीच ट्रैकिंग करवाई जाएगी। इसके अलावा जिले के माचकोट इलाके में स्थित झील और झरनों के नाम से प्रसिद्ध तिरिया में और माचकोट के जंगलों में भ्रमण करवाने की कार्य योजना बनाई गई है।


नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा नगरीय निकायों में बैकडेट से स्थानांतरण सम्बन्धी भ्रमोत्पादक समाचार के संबंध में स्पष्टीकरण

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रायपुर 10 जुलाई 2025/ नगरीय निकायों में बैकडेट से स्थानांतरण संबंधी भ्रमोत्पादक समाचार के संबंध में नागरिकों की सही जानकारी हेतु नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा स्थिति स्पष्ट की गई है।

राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति वर्ष 2025 (परिपत्र क्रमांक Rule-3017/2/2025.GAD-6 दिनांक 05 जून 2025) में स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि यह नीति निगमों एवं स्वायत्त संस्थाओं पर लागू नहीं होगी। चूंकि प्रदेश के सभी नगरीय निकाय स्वायत्त संस्थाएं हैं, अतः उनमें स्थानांतरण संबंधित कार्य छत्तीसगढ़ नगरपालिका अधिनियम 1961 एवं नगरपालिक निगम अधिनियम 1956 के अंतर्गत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार किया जाता है।

इसी परिप्रेक्ष्य में, नगरीय निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारियों एवं कर्मचारियों के स्थानांतरण के संबंध में शासन का आदेश क्रमांक एफ 4-1/2025/18 दिनांक 30.06.2025 को जारी किया गया, जिसकी सूचना विभागीय संचार माध्यमों में साझा की गई थी।

वर्तमान में नगरीय निकायों में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के कुल 97 पद रिक्त हैं, जिनमें से 51 पदों के लिए छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती की प्रक्रिया आरंभ की जा चुकी है।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को श्रावण मास शुभारंभ अवसर पर दी शुभकामनाएं

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रायपुर 10 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने भगवान शिव की आराधना के पवित्र श्रावण मास के 11 जुलाई से शुभारंभ के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएँ प्रेषित की हैं। उन्होंने सभी नागरिकों के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रावण मास शिवभक्तों के लिए अत्यंत महत्व का समय होता है। इस मास में श्रद्धालु विशेष रूप से सोमवार का व्रत रखते हैं और गहन भक्ति भाव से भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते हैं। सावन के दौरान शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और विभिन्न स्थानों से श्रद्धालु कांवर यात्रा पर निकलते हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी श्रद्धालुओं को सावधानी और संयम के साथ धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने की अपील करते हुए कहा कि भगवान शिव की कृपा सभी पर बनी रहे तथा यह पावन मास प्रदेशवासियों के जीवन में नई ऊर्जा और शांति का संचार करे।


छत्तीसगढ़ पर्यटन ने कोलकाता में दर्ज कराई प्रभावशाली उपस्थिति

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रायपुर, 10 जुलाई 2025/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयासों में आज एक महत्वपूर्ण कड़ी जुड़ी है। कोलकाता में चल रहे ट्रैवल एंड टूरिज्म फेयर (टीटीएफ) में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड ने अपनी विशिष्ट और समृद्ध विरासत के साथ शानदार उपस्थिति दर्ज करायी। छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने कोलकाता के टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट को छत्तीसगढ़ के टूर पैकेज के लिए आमंत्रित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री श्री उमर अब्दुल्ला के साथ मंच साझा किया।

इस अवसर पर अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा ने कहा कि यह हमारे लिए गौरव की बात है कि छत्तीसगढ़ जैसे समृद्ध राज्य को भारत के इस प्रमुख पर्यटन मंच पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक विरासत, जनजातीय परंपराओं, ऐतिहासिक स्थलों और आध्यात्मिक ऊर्जा से भरपूर है। छत्तीसगढ़ को आज भी ‘अनदेखा भारत‘ कहा जाता है और यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे चित्रकोट जलप्रपात, कांगेर घाटी, सिरपुर, बस्तर का धुड़मारास के साथ-साथ भोरमदेव, डोंगरगढ़, दंतेवाड़ा आदि धार्मिक स्थलों का उल्लेख किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के टूर ऑपरेटर्स और ट्रैवल एजेंट्स से आग्रह किया कि वे अपने पर्यटन पैकेज में छत्तीसगढ़ को भी शामिल करें।

उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को अब उद्योग का दर्जा प्राप्त है और पर्यटन क्षेत्र में होमस्टे, रिसॉर्ट्स, ट्राइबल और वेलनेस टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए अनेक योजनाएं प्रारंभ की गई हैं। हमारा उद्देश्य केवल पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सतत विकास को भी मजबूत करना है। श्री शर्मा ने यह भी बताया कि कोलकाता में छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड का स्थायी सूचना केंद्र स्थापित किया गया है, जिससे कोलकाता के टूर ऑपरेटर्स और पर्यटकों को सीधी और सुविधा-सम्पन्न सेवाएं प्रदान की जा सकेंगी। इस मौके पर कोलकाता के 50 टूर ऑपरेटर एवं ट्रेव्हल्स एजेंट पंजीकृत हुए।

इस अवसर पर छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री विवेक आचार्य ने उपस्थित अतिथियों, टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर के समक्ष प्रेजेंटेशन के माध्यम से छत्तीसगढ़ की सुंदरता,संस्कृति एवं भविष्य की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला साथ ही उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा टूरिज्म को लेकर लिए गए निर्णय से भी अवगत कराया।

छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के अध्यक्ष नीलू शर्मा जी ने मीडिया से चर्चा में बताया कि भारत को समझने के लिए छत्तीसगढ़ को जानना जरूरी है। मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि छत्तीसगढ़ आइए, इसे महसूस कीजिए और भारत की आत्मा से मिलिए।

इस अवसर पर सिक्किम विधानसभा की उपाध्यक्ष श्रीमती राजकुमारी थापा, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री नासिर असलम वानी,थाईलैंड की महावाणिज्यदूत सुश्री श्रीपोन तांतिपन्याथेप के साथ ही वेस्ट बंगाल टूर ऑपरेटर एवम ट्रेवल एजेंट एसोसिएशन कोलकाता के लगभग 500 से भी अधिक सदस्य उपस्थित थे।


फिर से महिला स्व-सहायता समूहों को मिला रेडी टू ईट निर्माण का कार्य: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी हुई पूरी

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण हेतु रायगढ़ में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपे अनुबंध पत्र

बच्चों के पोषण अभियान के साथ महिलाओं की आर्थिक समृद्धि को मजबूती देगी यह पहल: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

रायपुर 10 जुलाई 2025/ छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए रेडी टू ईट निर्माण का कार्य पुनः महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने के निर्णय पर अमल की पहल की शुरुआत आज रायगढ़ जिले से की गई है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में 10 महिला स्व-सहायता समूहों को रेडी टू ईट निर्माण एवं वितरण के लिए अनुबंध पत्र सौंपे। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, रायगढ़ सांसद श्री राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, विधायक श्री पुरंदर मिश्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शिखा रविंद्र गबेल, महापौर श्री जीवर्धन चौहान एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सुषमा खलखो उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए पूरक पोषण आहार (रेडी टू ईट) के निर्माण एवं वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों को सौंपने का निर्णय लिया है। यह कार्य प्रारंभिक चरण में 6 जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया जाएगा। रायगढ़ इस पहल का पहला जिला बना है, जहाँ 10 महिला स्व-सहायता समूहों को अनुबंध पत्र वितरित किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन समूहों की बहनें अब आंगनबाड़ी के बच्चों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के साथ-साथ इस कार्य से अपनी आमदनी भी बढ़ाएंगी, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकेंगी। यह योजना महिलाओं को स्वरोजगार के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी एक सार्थक पहल है। साथ ही, बच्चों को पोषण युक्त आहार प्रदान कर राज्य के पोषण स्तर में सुधार लाने में भी यह योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि विगत डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी के अधिकांश कार्यों को धरातल पर उतारा गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी, दो वर्षों का बकाया बोनस वितरण, महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को प्रतिमाह 1000 रुपये की सहायता राशि, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर में 5500 रुपये प्रति मानक बोरा की वृद्धि तथा चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत जैसे कार्य इसके सशक्त उदाहरण हैं। साथ ही, रामलला दर्शन योजना एवं तीर्थयात्रा योजना के माध्यम से प्रदेशवासियों को धार्मिक स्थलों की यात्रा का लाभ भी दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि अटल डिजिटल सेवा केन्द्रों की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव में ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है। अब तक प्रदेश की 1,460 पंचायतों में ऐसे सेवा केन्द्र स्थापित किए जा चुके हैं, जिससे हजारों माताएं और बहनें सरल, सुरक्षित और सुलभ बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। आने वाले समय में शेष पंचायतों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।

इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु सतत कार्य कर रही है। पूरे देश में 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने का जो लक्ष्य रखा गया है, उसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। इसी दिशा में रेडी टू ईट योजना प्रारंभ की जा रही है, जिसके प्रथम चरण में 6 जिलों को शामिल किया गया है। रायगढ़ ऐसा पहला जिला है जहाँ महिला समूहों को अनुबंध पत्र सौंपे गए हैं। वित्त मंत्री ने अनुबंध प्राप्त सभी महिला समूहों से गुणवत्ता युक्त कार्य करने का आह्वान किया और कहा कि वे इस योजना को एक आदर्श मॉडल के रूप में प्रस्तुत करें। यह पहल न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि राज्य के पोषण अभियान को भी मजबूती प्रदान करेगी।

उल्लेखनीय है कि रायगढ़ जिले में रेडी टू ईट कार्य हेतु 10 महिला समूहों का चयन किया गया है, जिन्हें अनुबंध पत्र प्रदान किए गए हैं। इन समूहों को रेडी टू ईट यूनिट की स्थापना हेतु प्रधानमंत्री फॉर्मेलाइजेशन ऑफ माइक्रो फूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइज़ (PMFME) योजना के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा पूंजीगत सब्सिडी प्रदान की जाएगी।रायगढ़ जिले की रायगढ़ शहरी, रायगढ़ ग्रामीण, पुसौर, खरसिया, घरघोड़ा, तमनार, लैलूंगा, मुकड़ेगा, धरमजयगढ़ एवं कापू परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट वितरण हेतु महिला समूहों का चयन किया गया है।