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साय सरकार की प्रथम कैबिनेट के दो वर्ष पूर्ण: 18 लाख पीएम आवास को दी गई थी स्वीकृति

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कॉफी टेबल बुक का किया विमोचन

प्रदेश में 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का किया शुभारंभ

पीएम आवास के हितग्राहियों को आजीविका डबरी के स्वीकृति पत्र प्रदान किए

रायपुर,मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपनी प्रथम मंत्रिपरिषद बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत 18 लाख आवासों की स्वीकृति के निर्णय के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आज एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश में 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में कवर्धा जिले के जनमन आवास योजना के हितग्राहियों तथा नारायणपुर जिले के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के हितग्राहियों को आजीविका डबरी के स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए गए। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं आयुक्त महात्मा गांधी नरेगा श्री तारन प्रकाश सिन्हा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत वर्ष 2016 से 2026 की अवधि के लिए 26.27 लाख आवासों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 24.37 लाख आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से 17.14 लाख आवास पूर्ण हो चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में मात्र दो वर्षों में लगभग 8 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया गया है, जो योजना के प्रभावी क्रियान्वयन को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा विगत दो वर्षों के अल्प कार्यकाल में ही लगभग 8 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया है। यह उपलब्धि राज्य में आवास निर्माण की गति को दर्शाती है। विशेष रूप से पिछले 6 महीनों में प्रतिदिन औसतन 2000 आवासों का निर्माण पूर्ण किया गया, जो प्रशासनिक दक्षता और सतत निगरानी का परिणाम है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) का शुभारंभ अप्रैल 2016 में किया गया, जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पात्र परिवारों को पक्के आवास उपलब्ध कराना है। इस योजना के अंतर्गत प्रति आवास 1.20 लाख रूपए की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। साथ ही, योजना का अन्य योजनाओं से अभिसरण किया गया है, जिसके तहत मनरेगा से 90 दिवस की मजदूरी तथा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) से 12 हजार रूपए की सहायता शौचालय निर्माण हेतु दी जाती है, जिससे हितग्राही को संपूर्ण आवास सुविधा प्राप्त हो सके।

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत प्रदेश में 10,000 आजीविका डबरी निर्माण का कार्य मोर गांव-मोर पानी महाअभियान के अंतर्गत क्रियान्वित किया जा रहा है। इन डबरियों का निर्माण पात्र हितग्राहियों की निजी भूमि पर किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के हितग्राही भी सम्मिलित हैं। सभी डबरियों को मई 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

आजीविका डबरी परियोजना से ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण एवं जल संवर्धन, सिंचाई सुविधा में वृद्धि, मत्स्य पालन, बत्तख पालन, वृक्षारोपण एवं सिघाड़ा उत्पादन जैसी गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण परिवारों को स्थायी आजीविका के अतिरिक्त अवसर प्राप्त होंगे और उनकी आय में वृद्धि होगी। इस प्रकार, प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और मनरेगा के अभिसरण से राज्य सरकार ग्रामीण विकास, आवास सुरक्षा, रोजगार सृजन और जल संरक्षण के लक्ष्यों को एक साथ साकार कर रही है, जो छत्तीसगढ़ के समावेशी और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


मुख्यमंत्री श्री साय से शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से विगत दिवस राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को शहीद वीर नारायण सिंह जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण दिया।

शहीद वीर नारायण सिंह जयंती के अवसर पर यह भव्य समारोह 15 दिसंबर 2025 को रायपुर में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम का आयोजन आदिवासी छात्र-छात्राओं द्वारा शासकीय आदर्श पोस्ट मैट्रिक आदिवासी बालक छात्रावास, पेंशन बाड़ा, रायपुर में शाम 7 बजे से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आयोजन की सराहना करते हुए विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं और कार्यक्रम के सफल आयोजन की कामना की। इस अवसर पर छात्रावास अध्यक्ष श्री पुरुषोत्तम नेताम सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।


प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में ऐतिहासिक उपलब्धि: मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कॉफी टेबल बुक का किया अनावरण

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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का भी हुआ शुभारंभ

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत अपनी प्रथम मंत्रिपरिषद बैठक में 18 लाख आवास स्वीकृत किए जाने के निर्णय के दो वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर एक आकर्षक कॉफी टेबल बुक का अनावरण किया। यह पुस्तक राज्य में ग्रामीण आवास योजना के तहत प्राप्त ऐतिहासिक प्रगति, नवाचारों और उपलब्धियों को प्रभावी रूप से प्रस्तुत करती है।

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत राज्य को प्राप्त 26.27 लाख आवासों के लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 24.37 लाख आवासों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, जबकि 17.14 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि वर्तमान सरकार ने अपने मात्र दो वर्षों के अल्प कार्यकाल में ही लगभग 8 लाख आवासों का निर्माण पूर्ण कर राज्य में ग्रामीण आवास निर्माण के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

इसी अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत 10,000 आजीविका डबरी निर्माण कार्यों का भी शुभारंभ किया। इन डबरियों को मई 2026 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। मनरेगा के तहत पात्र हितग्राहियों, जिनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी भी शामिल हैं, की निजी भूमि पर इन डबरियों का निर्माण किया जाएगा। इससे न केवल ग्रामीण रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि किसानों एवं ग्रामीण परिवारों की आजीविका और आय में भी स्थायी वृद्धि सुनिश्चित होगी।

कार्यक्रम के दौरान कवर्धा जिले के जनमन आवास योजना के हितग्राहियों तथा नारायणपुर जिले के आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं नक्सल हिंसा से पीड़ित परिवारों के लिए संचालित विशेष परियोजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थियों को आजीविका डबरी के स्वीकृति पत्र भी प्रदान किए गए, जो सामाजिक पुनर्वास और मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारीक सिंह, प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक एवं महात्मा गांधी नरेगा के आयुक्त श्री तारन प्रकाश सिन्हा तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह सहित विभागीय वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।


मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल की ‘ऊर्जावान छत्तीसगढ़’ कॉफी टेबल बुक का किया विमोचन

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रायपुर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज नवीन विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में रजत महोत्सव विशेष छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल द्वारा प्रकाशित ‘ऊर्जावान छत्तीसगढ़’ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया। यह काफी टेबल बुक छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल एवं उसकी उत्तरवर्ती पावर कंपनियों की 25 वर्षों की गौरवमयी यात्रा, उपलब्धियों और विकास गाथा पर आधारित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कॉफी टेबल बुक छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र में हुए ऐतिहासिक परिवर्तनों, अधोसंरचना विकास, नवाचारों और जनसेवा आधारित कार्यों का सजीव दस्तावेज है। कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ राज्य ने ऊर्जा क्षेत्र में सुदृढ़ नियोजन, आधुनिक तकनीक और उपभोक्ता-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ उल्लेखनीय उपलब्धियों को शामिल किया गया है और सुपर क्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना से लेकर 32 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन क्षमता, कोयला खनन के सुदृढ़ संचालन और राज्यव्यापी पारेषण- वितरण ढांचे के विस्तार तक बिजली क्षेत्र में व्यापक सुधार को प्रदर्शित किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल की टीम को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के समर्पण, प्रतिबद्धता और योगदान की सराहना की।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ स्टेट पावर ट्रांसमिशन कंपनी श्री सुबोध कुमार सिंह, ऊर्जा सचिव एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन तथा डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी श्री रोहित यादव, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत पारेषण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री राजेश कुमार शुक्ला, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध निदेशक श्री भीम सिंह कंवर सहित वरिष्ठ अधिकारी श्री जे.एस. नेताम, श्री संजीव सिंह एवं श्री आशुतोष जायसवाल उपस्थित थे।


विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई।बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे।

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विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई।बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री श्री केदार कश्यप सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे।


नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का तेजी से हो रहा विकास – मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय

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रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि बस्तर अंचल का विकास राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। नक्सलवाद के उन्मूलन के साथ-साथ बस्तर में मूलभूत सुविधाओं का विकास तेजी से किया जा रहा है और बस्तर अब विकास की दिशा में सशक्त गति से आगे बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय आज जगदलपुर में आयोजित बस्तर ओलम्पिक 2025 के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्ध राज्य है, किंतु माओवाद की समस्या प्रारंभ से ही राज्य के विकास में एक बड़ी बाधा रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के दृढ़ संकल्प के कारण अब माओवाद के अंत की स्पष्ट समय-सीमा तय की गई है। नियद नेल्ला नार योजना के दायरे को 5 किलोमीटर से बढ़ाकर 10 किलोमीटर तक विस्तारित किया गया है, जिसके माध्यम से 403 गांवों में बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं तेजी से पहुंचने लगी हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि माओवाद के कारण बंद पड़े स्कूल अब पुनः खुल रहे हैं। सड़कों का व्यापक नेटवर्क विकसित कर अंदरूनी इलाकों को आवागमन की सुविधा से जोड़ा जा रहा है। माओवाद से मुक्त गांवों में जनहितकारी योजनाओं का पूर्ण सेचुरेशन किया जा रहा है। इन सभी सकारात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप विकास के प्रति आमजन का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर ओलम्पिक में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें बधाई दी तथा आगामी वर्ष और बेहतर प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएं प्रेषित कीं।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बस्तर देश में एक नया इतिहास रच रहा है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद पूर्ण रूप से समाप्त होगा और बस्तर पुनः खुशहाल बनेगा। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्रीद्वय श्री अरुण साव एवं श्री विजय शर्मा ने भी संबोधित किया और बस्तर ओलम्पिक के सफल आयोजन के लिए खिलाड़ियों को बधाई दी। विधायक जगदलपुर श्री किरण देव ने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों एवं खिलाड़ियों का आत्मीय स्वागत किया। समारोह के अंत में सांसद श्री महेश कश्यप ने आभार व्यक्त किया।

इस मौके पर केबिनेट मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री भोजराज नाग, बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष सुश्री लता उसेंडी, विधायक सर्वश्री विक्रम उसेंडी, श्री नीलकंठ टेकाम, विनायक गोयल, श्री आशाराम नेताम, छत्तीसगढ़ बेवरेज कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री रूपसिंह मंडावी, छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्व विजय सिंह तोमर, नगर निगम जगदलपुर के महापौर श्री संजय पांडे सहित अनेक जनप्रतिनिधि तथा बड़ी संख्या में खेलप्रेमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।


पीएम सूर्यघर योजना से ऊर्जा आत्मनिर्भरता को नई मजबूती – मुख्यमंत्री श्री साय

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस की दी शुभकामनाएं

रायपुर, मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (14 दिसंबर) के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि ऊर्जा संरक्षण सतत विकास, पर्यावरण संतुलन और भावी पीढ़ियों के सुरक्षित भविष्य के लिए अनिवार्य है। ऊर्जा का विवेकपूर्ण, जिम्मेदार और कुशल उपयोग न केवल प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में सहायक है, बल्कि जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौती से निपटने का भी प्रभावी माध्यम है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम सूर्यघर योजना स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा को जन-जन तक पहुँचाने की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस योजना से घरेलू स्तर पर सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन मिल रहा है, जिससे बिजली व्यय में कमी के साथ-साथ ऊर्जा आत्मनिर्भरता को भी मजबूती मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे ऊर्जा बचत को अपनी दैनिक जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बनाएं, ऊर्जा-सक्षम उपकरणों का अधिकाधिक उपयोग करें और छोटे-छोटे सामूहिक प्रयासों के माध्यम से छत्तीसगढ़ को हरित, स्वच्छ और विकसित राज्य बनाने में सक्रिय योगदान दें।


अहिवारा विधायक के दो साल का जश्न, सवालों में विकास: अहिवारा विधायक की प्रेस वार्ता में फूटा पत्रकारों का गुस्सा

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दुर्ग।जिला दुर्ग के विधानसभा में दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर विधायक डोमनलाल कोसेवाड़ा द्वारा आयोजित प्रेस वार्ता विकास कार्यों के प्रचार से अधिक असंतोष और नाराजगी की वजह से सुर्खियों में आ गई। अहिवारा विश्रामगृह में हुई इस प्रेस वार्ता में जहां विधायक ने करोड़ों के विकास कार्यों का दावा किया, वहीं मौके पर मौजूद पत्रकारों ने तीखे सवाल उठाते हुए नाराजगी जाहिर की।

विधायक डोमनलाल कोसेवाड़ा ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि उनके दो वर्षों के कार्यकाल में विभिन्न विभागों के माध्यम से 292 करोड़ 58 लाख 52 हजार रुपए की राशि से अहिवारा विधानसभा में विकास कार्य कराए गए हैं। उन्होंने सड़कों, भवन निर्माण, पेयजल, बिजली, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में कार्य होने का दावा किया।

लेकिन प्रेस वार्ता का माहौल उस समय बिगड़ गया जब पत्रकारों ने जमीनी हकीकत और कागजी विकास के बीच अंतर पर सवाल खड़े किए। पत्रकारों का कहना था कि यदि लगभग 300 करोड़ रुपए का विकास हुआ है तो आज भी कई वार्डों में टूटी सड़कें, अधूरी नालियां, गंदा पानी, जाम नालियां, स्ट्रीट लाइट बंद और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी क्यों बनी हुई है।

पत्रकारों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रेस वार्ता में विभागवार खर्च, कार्यों की सूची, एजेंसियों के नाम और गुणवत्ता की जानकारी स्पष्ट रूप से दी गई। कुछ पत्रकारों ने यह तक कहा कि प्रेस को केवल आंकड़े थमा दिए गए, लेकिन जमीनी सच्चाई पर चर्चा से बचा गया।

स्थानीय स्तर पर यह भी सवाल उठे कि कई योजनाएं आज भी अधूरी पड़ी हैं, जबकि उनका भुगतान पूरा हो चुका है। ठेकेदारों और अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए गए। पत्रकारों ने यह मुद्दा भी उठाया कि क्षेत्र की मूल समस्याएं—जैसे बेरोजगारी, अवैध शराब, अव्यवस्थित यातायात और जल संकट—पर कोई ठोस रोडमैप सामने नहीं रखा गया।

नाराज पत्रकारों का कहना था कि प्रेस वार्ता संवाद के बजाय एकतरफा उपलब्धि गिनाने तक सीमित रही। जब कठिन सवाल पूछे गए तो माहौल असहज हो गया। इससे साफ संकेत मिला कि विकास के दावों और जनता की अपेक्षाओं के बीच बड़ा अंतर है।

हालांकि विधायक ने सफाई देते हुए कहा कि वे मीडिया के हर सवाल का जवाब देने को तैयार हैं और विकास कार्यों में पारदर्शिता बरती गई है। लेकिन प्रेस वार्ता के अंत तक पत्रकारों की असंतुष्टि बनी रही।

कुल मिलाकर, दो वर्ष के कार्यकाल का यह कार्यक्रम उपलब्धियों से ज्यादा अव्यवस्थाओं और जवाबदेही के सवालों को उजागर कर गया। अब देखना यह होगा कि करोड़ों के विकास के दावों के बाद क्या जमीनी समस्याओं पर ठोस कार्रवाई होती है या फिर यह प्रेस वार्ता भी केवल एक आंकड़ों तक सीमित आयोजन बनकर रह जाएगी।


आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा स्थापित पोषण आहार निर्माण से यूनिट मिला रोजगार का अवसर

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सूरजपुर जिला के 366 आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलेगा लाभ

रायपुर, एकीकृत बाल विकास सेवाएँ (आई.सी.डी.एस) अंतर्गत आँगनवाडी केन्द्रों द्वारा दी जाने वाली छः सेवाओं में से पूरक पोषण आहार एक महत्वपूर्ण सेवा हैं । आँगनवाडी केन्द्रों के माध्यम से 6 माह से 3 वर्ष आयु के बच्चों, 3 वर्ष से 6 वर्ष आयु के बच्चों तथा गर्भवती व शिशुवती महिलाओं को पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जाता हैं । योजना के अंतर्गत 11 से 14 वर्ष आयु की शाला त्यागी किशोरी बालिकाओ तथा 14 से 18 आयु वर्ग की सभी किशोरी बालिकाओं को प्रतिदिन 5/- रू. के मान से पूरक पोषण आहार का प्रदाय किया जा रहा हैं।

ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण विभाग के मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े द्वारा विकासखंड भैयाथान के दर्रीपारा में आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा पूरक पोषण आहार कार्यक्रम अंतर्गत स्थापित इस संयंत्र का गत लोकार्पण किया गया था।

366 आंगनबाड़ी केंद्रों को नियमित की जाएगी आपूर्ति

जिला सूरजपुर की एकीकृत बाल विकास परियोजना भैयाथान अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों एवं महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण पूरक पोषण आहार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह, दर्रीपारा का चयन किया गया था। इस आकांक्षा महिला स्वयं सहायता समूह, दर्रीपारा द्वारा लगभग 90 लाख रुपये की लागत से मीठा शक्ति आहार एवं पौष्टिक नमकीन दलिया निर्माण हेतु आधुनिक यूनिट की स्थापना की गई थी। महिला बाल विकास विभाग द्वारा मिली जानकारी में बताया गया कि इस यूनिट के माध्यम से परियोजना भैयाथान के अंतर्गत संचालित 366 आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए लगभग 35 मीट्रिक टन मीठा शक्ति आहार एवं पौष्टिक नमकीन दलिया का निर्माण कर नियमित आपूर्ति की जाएगी।

महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार का अवसर

इस संयंत्र के माध्यम से एकीकृत बाल विकास परियोजना भैयाथान के आंगनबाड़ी केंद्रों में पूरक पोषण आहार का वितरण सुनिश्चित किया जाएगा। यह पहल बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार के साथ-साथ महिला स्वयं सहायता समूहों को रोजगार एवं आत्मनिर्भरता प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया

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बस्तर सहित पूरे भारत से नक्सलवाद 31 मार्च 2026 तक खत्म हो जायेगा

अगले 5 साल में बस्तर संभाग देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनेगा

2026 का बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद से मुक्त बस्तर में होगा

नक्सलवाद छोड़कर 700 से अधिक युवाओं का बस्तर ओलंपिक 2025 से जुड़ना हम सभी के लिए गर्व की बात है

आत्मसमर्पण करने वालों ने भय की जगह आशा व विनाश की जगह विकास को चुना, यही मोदी जी की विकसित बस्तर की संकल्पना है

जिस बस्तर में पहले ‘लाल सलाम’ के नारे लगते थे, अब वहाँ ‘भारत माता की जय’ के नारे गूँज रहे हैं

शांति ही विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, इसलिए नक्सली हथियार डालकर मुख्यधारा में आयें और पुनर्वसन नीति का लाभ उठाएं

आने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक में बस्तर के खिलाड़ी देश का नाम रोशन करें, इसके प्रबंध किए जा रहे हैं

बस्तर ओलम्पिक 2025 में 3 लाख 91 हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जो ढाई गुना बढ़ा है, खिलाड़ियों की वृद्धि दर में बहनों ने भाइयों से बाजी मारी

आत्मसमर्पण करने वाले और नक्सल हिंसा के शिकार लोगों के लिए हम बहुत आकर्षक पुनर्वसन योजना लाएंगे*

केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर विकसित बस्तर बनाने के लिए कार्य कर रही हैं

गृह मंत्री ने समाज के प्रमुखों और समाजसेवकों से अपील करते हुए कहा कि वे हथियारबंद नक्सलियों को समझाकर समाज की मुख्यधारा में वापस लाने में सहयोग करें

रायपुर, केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलिंपिक के समापन समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि हमने तय किया था कि 31 मार्च, 2026 से पहले पूरे देश से लाल आतंक को खत्म कर देंगे और आज बस्तर ओलंपिक- 2025 में हम इस कगार पर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष नवंबर-दिसंबर तक बस्तर ओलंपिक-2026 के समय तक पूरे भारत और छत्तीसगढ़ से लाल आतंक समाप्त हो चुका होगा औऱ नक्सलमुक्त बस्तर आगे बढ़ रहा होगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हमने यह संकल्प लिया है कि पूरे बस्तर और भारत को नक्सलमुक्त कराना है। उन्होंने कहा कि हमें यहीं नहीं रुकना बल्कि कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के 7 ज़िलों का संभाग बस्तर, दिसंबर 2030 दिसंबर तक देश के सबसे अधिक विकसित आदिवासी संभाग बनेगा। उन्होंने कहा कि बस्तर के हर व्यक्ति को रहने के लिए घर, बिजली, शौचालय, नल से पीने का पानी, गैस सिलिंडर, 5 किलो अनाज और 5 लाख तक का मुफ्त इलाज, बस्तर के घर घर में पहुचाने का संकल्प हमारी सरकार का संकल्प है। श्री शाह ने कहा कि हमने अगले पांच साल में बस्तर को देश का सबसे विकसित आदिवासी संभाग बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में भारत सरकार और श्री विष्णुदेव साय जी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार कंधे से कंधा मिलाकर बस्तर को विकसित बस्तर बनाने के लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर का हर गांव सड़क से जुड़ेगा, वहां बिजली होगी, 5 किलोमीटर के क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाएं होंगी और सबसे घने पीएचसी/सीएचसी का नेटवर्क बनाने का काम भी हमारी सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में वन उपज की प्रोसेसिंग के लिए कोऑपरेटिव आधार पर यूनिट्स लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर के सातों ज़िले सभी आदिवासी ज़िलों में सबसे अधिक दूध उत्पादन कर डेयरी के माध्यम से अपनी आय बढ़ाने वाले ज़िले बनेंगे। उन्होंने कहा कि बस्तर में नए उद्योग, उच्च शिक्षा की व्यवस्था, भारत में सबसे अच्छा स्पोर्ट्स संकुल और अत्याधुनिक अस्पताल की व्यवस्था भी हम करेंगे। श्री शाह ने कहा कि कुपोषण के लिए भी यहां विशेष स्कीम चलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है और जो नक्सलवाद के कारण घायल हुए हैं, उनके लिए एक बहुत आकर्षक पुनर्वसन योजना भी हम लाएंगे। गृह मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि नक्सलवाद समाप्त हो क्योंकि नक्सलवादी इस क्षेत्र के विकास पर नाग बनकर फन फैलाए बैठे हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद समाप्त होने के साथ ही इस क्षेत्र में विकास की एक नई शुरूआत होगी और प्रधानमंत्री मोदी जी और श्री विष्णुदेव जी के नेतृत्व में यह सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा।

श्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक-2025 में सात ज़िलों की सात टीमें और एक टीम आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों की थी। उन्होंने कहा कि जब 700 से अधिक सरेंडर्ड नक्सलियों ने इन खेलों में भाग लिया तो यह देखकर बहुत अच्छा लगा। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के झांसे में आकर उनका पूरा जीवन तबाह हो जाता और हथियार डालकर मुख्यधारा में आने वाले ऐसे 700 से अधिक युवा आज खेल के रास्ते पर आए हैं। श्री शाह ने दोहराया कि 31 मार्च, 2026 को यह देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाएगा। उन्होंने हिंसा में लिप्त नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि अब भी गुमराह होकर हमारे ही जो लोग हाथ में हथियार लेकर बैठे हैं, वो हथियार डाल दें, पुनर्वसन नीति का फायदा उठाएं, अपने और अपने परिवार के कल्याण के बारे में सोचें और विकसित बस्तर के संकल्प के साथ जुड़ जाएं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होता, न हथियार उठाने वाले लोगों का, न आदिवासियों और न सुरक्षाबलों का भला होता है। उन्होंने कहा कि सिर्फ शांति ही विकास का रास्ता प्रशस्त कर सकती है।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आत्मसमर्पण कर चुके 700 नक्सलियों ने इन खेलों में खिलाड़ी के रूप में सामने आकर पूरे देश के लिए बहुत बड़ा उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि इन खिलाड़ियों ने भय की जगह आशा चुनी, विभाजन की जगह एकता का रास्ता चुना और विनाश की जगह विकास का रास्ता चुना है और यही प्रधानमंत्री मोदी जी की नए भारत और विकसित बस्तर की संकल्पना है। उन्होंने कहा कि हमारे बस्तर की संस्कृति दुनियाभर में सबसे अधिक समृद्ध संस्कृति है। उन्होंने कहा कि सभी जनजातियों का खानपान, परिवेश, कला, वाद्य, नृत्य और पारंपरिक खेल सिर्फ छत्तीसगढ़ की नहीं बल्कि पूरे भारत की सबसे समृद्ध विरासत है।

श्री अमित शाह ने कहा कि हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार ने आधुनिक रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाकर यहां के पारंपरिक गीतों को सहेजने का काम किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई परंपरागत उत्सव और त्योहार जो नक्सलवाद के लाल आतंक के साए में समाप्त होने की कगार पर थे, उन्हें भी आगे बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि आज जिन खिलाड़ियों ने बस्तर ओलंपिक में भाग लिया है, उनकी प्रतिभा को पहचानने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों की एक टीम यहां आई है। श्री शाह ने कहा कि इन खिलाड़ियों की प्रतिभा को पहचानकर आने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स और ओलंपिक खेलों में बस्तर के खिलाड़ी खेलें, वहां तक ले जाने की व्यवस्था हमारी सरकार ने की है। श्री शाह ने कहा कि पिछले वर्ष बस्तर ओलंपिक में 1 लाख 65 हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था, जबकि इस वर्ष 3 लाख 91 हज़ार खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है, जो लगभग ढाई गुना की वृद्धि है और बहनों की प्रतिभागिता में लगभग तीन गुना वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि यह उत्साह देखकर आने वाले दिनों में प्रधानमंत्री मोदी जी ने खेलो इंडिया ट्राइबल गेम्स के लिए छत्तीसगढ़ को चुना है।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर अब बदल रहा है और बस्तर अब भय नहीं भविष्य का पर्याय बन चुका है, जहां गोलियों की गूंज सुनाई देती थी, वहां आज स्कूल की घंटियां बज रही हैं। जहां सड़क बनाना एक सपना था, वहां आज रेलवे ट्रैक और राजमार्ग बिछाए जा रहे हैं, जहां लाल सलाम के नारे लगते थे, वहां आज भारत माता की जय के नारे लगते हैं। उन्होंने कहा कि हम सब विकसित बस्तर के लिए कृत संकल्पित हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार ने मुठभेड़ों में नक्सलियों को मारने का लक्ष्य नही रखा था, क्योंकि 2000 से अधिक नक्सली युवाओं ने सरेंडर भी किया है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी समाज के प्रमुखों ने इसमें बहुत बड़ा योगदान दिया है, उनके मार्गदर्शन ने नक्सली युवाओं को ढांढस भी बंधाया है और हिम्मत भी दी है। गृह मंत्री ने समाज के प्रमुखों और समाजसेवकों से अपील करते हुए कहा कि जो लोग आज भी हथियार लेकर घूम रहे हैं, वे उन्हें समझाकर समाज की मुख्यधारा वापिस में लाने का काम करें।