बेमेतरा बेरला तहसील के ग्राम साकरा में सेलिंग जमीन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिला प्रशासन के पक्ष में फैसला दिया है उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद ग्राम साकरा में सेलिंग को जमीन के 153 एकड़ को लेकर आगे की प्रक्रिया तय होगी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रसूखदार बालेश्वर देवांगन द्वारा किसानों के फसल कब्जा मामले पर फैसला बरकरार रखा है जानकारी के अनुसार जिले के बेरला तहसील के ग्राम साकरा मे सीलिंग एक्ट के तहत निकाले गए 153 एकड़ जमीन पर गांव के बालेश्वर देवांगन ने कब्जा कर लिया था और उस जमीन पर फसल ले रहा था करीब 30 साल से उस पर फसल लेने व कब्जा रखने के मामले में शिकायत मिलने के बाद बेरला तहसील के नायब तहसीलदार अजय चंद्रवंशी ने प्रकरण पर न्यायालय में फैसला लेते हुए सेलिंग की जमीन को भूमिहीन किसानों में बांटने का निर्णय लिया था जिससे किसानों को उम्मीद जगी थी पर उक्त फैसले को बालेश्वर देवांगन उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी जिसके बाद जिला न्यायालय के बाद हाईकोर्ट में भी मामले में सुनवाई चली जिससे नायब तहसीलदार के द्वारा किए गए फैसले को यथावत रखा गया है
जिसके बाद बालेश्वर देवांगन ने हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट मे चुनौती दी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले मे कलेक्टर महादेव कावरे एस डी एम आर पी अंचला और तहसीलदार अजय चंद्रवंशी पर अब अवमानना के तहत नोटिस जारी कर न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने कहा था जिसमें जिला प्रशासन ने 13 दिसंबर 2017को सुप्रीम कोर्ट के सक्षम उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा था मामले में उच्चतम न्यायालय ने बीते सप्ताह फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा है और जिला प्रशासन के पक्ष में निर्णय दिया है फैसले आने के बाद से गांव के 153 एकड़ सेलिंग जमीन को लेकर किसानों में फिर उम्मीद जगी है