15 जून के बाद वर्षा ऋतु प्रारंभ हो जाएगी, ऐसी पूरी संभावना है आगामी 4 माह तक शहर के वार्डों और ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी राजनीतिक पार्टी, जनता के बीच राजनीतिक स्तर पर कोई कार्यक्रम नहीं कर पाएंगे। किसान खेतों में चले जाएंगे, इसलिए ऐसा प्रतीत होता है, हाथ जो छत्तीसगढ़ में सत्ता पर है कांग्रेस पार्टी वह भी प्रदेश के सभी जिलों और सभी विकासखंड में सदस्यता अभियान के माध्यम से जनता के पास जाने का प्रयास कर रहे हैं।
कांग्रेस
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और सह प्रभारी छत्तीसगढ़ का धुआंधार दौरा कर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यालय राजीव भवन शंकर नगर में बैठक कर रहे हैं, कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री और छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया पुनः छत्तीसगढ़ के दौरे पर आ रहे हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 4 मई से प्रदेश के 90 विधानसभा क्षेत्रों में धुआंधार दौरे पर जा रहे हैं चर्चा यह है कि उनका प्रयास रहेगा, सभी विधानसभा क्षेत्र में रात्रि विश्राम कर, ना सिर्फ कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बैठक करेंगे बल्कि आम जनता से भी रूबरू होकर सरकार की योजनाओं और अन्य विषय पर चर्चा कर सकते हैं। प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अलग बैठक का सरकार की नीतियों की जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन की रिपोर्ट लेंगे…
भाजपा
भाजपा के भी राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री छत्तीसगढ़ भाजपा की प्रभारी डी पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ में लगातार दौरे कर, प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश पदाधिकारियों के साथ ही कोर ग्रुप के बैठक लेकर उन्होंने जिला और मंडल स्तर पर कार्यक्रम क्रियान्वित करने के लिए और जनता से संपर्क करने के लिए कार्यक्रम दे चुके हैं। अब भाजपा के जिला और मंडल पदाधिकारी इसमें कितनी सक्रियता दिखाते हैं, यह तो आने वाला समय बतायेगा। प्रदेश भाजपा के पदाधिकारी कितने सक्रिय रहते हैं, यह आने वाला समय ही बताएगा।
यह स्पष्ट है कि प्रदेश भाजपा के पास कोई कार्यक्रम नहीं है उपरोक्त दोनों नेता कार्यक्रम देते हैं, जिसका क्रियान्वयन भाजपा के प्रदेश पदाधिकारी जिला और मंडल को देकर, शायद अपनी जवाबदारी का इतिश्री कर रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच संगठन पदाधिकारी जाकर करना चर्चा करना उचित नहीं समझ रहे हैं, क्योंकि प्रदेश भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता, प्रदेश के स्थापित नेतृत्व और अधिकृत पदाधिकारियों से सख्त नाराज है। क्योंकि उनके कार्यकलापों से भाजपा को बहुत नुकसान हो चुका है। जो लोग 15 साल भाजपा शासन में थे वही प्रदेश भाजपा और जिलों में पदाधिकारी बन चुके हैं। जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं की मंशा है कि नेतृत्व परिवर्तन हो पाएगा या नहीं आने वाला समय बताएगा…
आप
दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी का भी मनोबल बढ़ा है, आप ने अपनी सक्रियता छत्तीसगढ़ में बढ़ा दी है, छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले के डॉक्टर संदीप पाठक को आप के दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने पंजाब से राज्यसभा में भेज कर छत्तीसगढ़ को प्रतिनिधित्व दिया है, इससे भी छत्तीसगढ़ के आप के कार्यकर्ताओं का उत्साह व मनोबल बढ़ा है। आम जनता और ब्यूरोक्रेट में भी चर्चा है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में आप पार्टी भी कांग्रेस का स्थान ले सकती है आप पार्टी के दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय राज्यसभा सांसद डॉ संदीप पाठक और दिल्ली विधानसभा के विधायक संजीव झा लगातार छत्तीसगढ़ के दौरे कर रहे हैं। यह लेख लिखे जाने तक वह बिलासपुर संभाग के दौरे पर हैं, इसके बाद इनका सरगुजा और बस्तर संभाग में भी धुआंधार दौरा प्रस्तावित है….
विश्वस्त सूत्र यह बता रहे हैं कि अक्टूबर 2003 में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के बागी नेता, स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ला ने पार्टी बनाकर जो चुनाव लड़ा था और जो कांग्रेस के वोटों का नुकसान कांग्रेस को ही पहुंचाया था उसी का नतीजास्वरुप 2003 में भाजपा सत्ता पर आती थी। अभी भी भाजपा के लोगों का यह मानना है कि और खासकर स्थापित नेतृत्व का कि आप पार्टी अगर छत्तीसगढ़ में ताकत से चुनाव लड़ती है तो वह कांग्रेस का ही वोट काटेगी और इसका सीधा लाभ भाजपा को मिलेगा और 2023 में भाजपा एक बार फिर सत्ता पर आ सकती है, इसका मतलब यह हुआ कि छत्तीसगढ़ में भाजपा अपने बलबूते पर कभी सरकार में नहीं आ सकती, यह आज तक का 2000 से लेकर 2018 तक के चुनाव में स्पष्ट हो चुका है, भाजपा को 2008 और 2013 और 2018 के विधानसभा चुनाव का परिणाम अगर देखा जाए, तो भाजपा का वोट प्रतिशत लगातार गिरता रहा है । 2003 – 39.26 , 2008- 40.33 , 2013 41.04 , 2018 – 32.97और सीटें भी लगातार कम होती रही है केंद्रीय नेतृत्व को इसे संज्ञान में लेना चाहिए…
छत्तीसगढ़ के ब्यूरोक्रेट मे भी आप पार्टी को लेकर अलग से मंथन चल रहा है, सूत्र बता रहे हैं उनका अनुमान है कि आप पार्टी ताकत के साथ 2023 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में प्रवेश करें। ब्यूरोक्रेट का अपना अलग ही आकलन है और सूत्र बता रहे हैं कि अगर भाजपा इसी तरीके से गुटबाजी में लगी रही और उनके कार्यकर्ता नाराज रहे और केंद्रीय नेतृत्व अगर स्थापित नेतृत्व में बदलाव नहीं करता है, तो कहीं आप पार्टी मान्यता प्राप्त विपक्ष का दर्जा ना प्राप्त कर ले और भाजपा तीसरे नंबर पर ना आ जाये, यह भी अनुमान लगाया जा रहा है यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि परिणाम क्या सामने आएंगे…
अक्टूबर-नवंबर में बरसात समाप्त होने के बाद त्योहार प्रारंभ हो जाएंगे और दीपावली के बाद चुनावी गतिविधियां छत्तीसगढ़ में तेजी से प्रारंभ हो जाएगी और चुनाव का मात्र 1 वर्ष बचा रहेगा अब देखना यह है कि इस अप्रैल 2022 से लेकर 15 जून 2022 तक तीनों राजनीतिक पार्टियां जिले और मंडल स्तर पर अपना ताकत कितना बढ़ा पायेगी, उसके बाद लगभग राजनीतिक गतिविधियां समाप्त हो जाएगी और दीपावली के बाद गतिविधियां प्रारंभ हो सकेंगी….?