जल संसाधन संभाग दुर्ग में भ्रष्टाचार का खुल्लम खुल्ला खेल अधिकारी मौन

by Umesh Paswan

जल संसाधन संभाग दुर्ग नहर लाइनींग कार्य में काम्पेक्सन हेतु यूनिट वाइब्रो-हाई स्पीड रोलर के जगह पोकलैंड में पाटा लगाकर कराया जा रहा कार्य….

अधीक्षण अभियंता जल संसाधन एवं भू सर्वेक्षण विभाग दुर्ग के निरिक्षण के दौरान भी पोकलैंड में पाटा लगा रखा मिला मगर आपत्ति नहीं लिया गया क्यों…

सारा खेल विभागीय अधिकारियों के संरक्षण में…

प्रदेश शासन स्तर पर गुणवत्ता सतर्कता स्क्याड अधिकारी जल संसाधन विभाग के निर्देशों का खुलेआम उड़ाया जा रहा धज्जियाँ…

विगत दिनों अधीक्षण अभियंता जल संसाधन विभाग का उच्च स्तरीय निर्देश के बाद लागत अनुबंध447.48
करोड़ रुपये का परसदा वितरण शाखा नहर प्रणाली के लाइनिंग एवं जीवो दार डिस्ट्रिब्यूर 0 बानवरद से परसदा में चल रहे नहर लाइनींग कार्य में निरिक्षण का पूरी कहानी जल संसाधन संभाग दुर्ग के आला अधिकारियों ने लिखी थी, जिसमें कभी नहीं पहुंचने वाले अनुबंध ठेकेदार कार्य स्थल पर और कार्यपालन अधिकारी दुर्ग अधीक्षण अभियंता किए है पंहुचने से पहले स्थल निरीक्षण और कुछ अधिकारी पेटी कांट्रेक्टर के साथ लाइनींग कार्य का खेल ठेकेदार अधिकारियों और पेटी कांट्रेक्टर के बीच सांठगांठ का जिता जागता उदाहरण है। चूंकि विभाग के निर्देश के बाद अगर कार्य नहीं हो रहा है और आला अफसरों का भर्राशाही रवैया दिखाई देता है तो किसी से कुछ कहने का आवश्यकता नहीं सब सेटिंग का मामला है , मगर भविष्य आम किसानों को भुगतना पड़ेगा इसकी चिंता नहीं है। नहर लाइनींग कार्य में Compaction हेतु निर्धारित यूनिट वाइब्रो / हाई स्पीड रोलर के स्थान पर नहर Slope में पोकलैंड में Hammer (plet) लगाकर non CNS zone में हार्डलेट्रा के खोदाई से निकले राक मटेरियल जो CNS नहीं उससे विभागीय अधिकारियों के निर्देश पर बगैर लैब टेस्ट के काम्पेक्सन किया जा रहा है जो कि प्रावधानों के अनुरूप नहीं है। जबकि नहर के Slope में CSR के Item नं. 2531 के अनुक्रम में 15 से.मी. की क्षितिज पर निर्धारित चौड़ाई पर as per specification para 25.3.1.5.4 के अनुसार pride जोड़ते हुए CNS बिछाकर निर्धारित काम्पेक्सन unit /वाइब्रेटिंग रोलर से compaction किया जाना चाहिए मगर अधिकारियों की मिलीभगत से खुद के विभागों की बनाई गई निर्देशों को ही अमल में नहीं लाया जा रहा है। अगर अमल में लाया जाता तो कार्य स्थल पर काम्पेक्सन यूनिट / वाइब्रेटिंग यूनिट से कार्य होता दिखाई देता। मगर फिंगेश्वर डिस्ट्रिब्यूटर के 0-48 में स्लीपर के बाद यहाँ तो पोकलैंड में पाटा (Hammer plet) लगाकर कार्य कराए जा रहे हैं। शायद जिला गरियाबंद के जल संसाधन संभाग के लिए अलग नियम निर्धारित किया गया होगा , तभी तो कार्य अलग ढंग से संचालित किया जा रहा है पहले हाउजिंग फिर काम्पेक्सन वह भी यूनिट वाइब्रो या फिर हाई स्पीड रोलर से मगर यहाँ तो पहले स्लीपर फिर राक मटेरियल से पोकलैंड में पाटा से काम्पेक्सन करा रहे हैं और कार्य का अनुबंध के बाद भी अधिकारियों के साठगांठ से पेटी कांट्रेक्टर से कार्य कराया जा रहा है …।

                          

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