भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में हाथ जोड़ो अभियान राहुल गांधी के यात्रा के राजनीतिक मायने निकाले ही जाएंगे परंतु छत्तीसगढ़ में इस यात्रा का असल उद्देश्य क्या है हाथ जोड़ने की नौबत आखिर क्यों आई शराबबंदी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पत्रकार सुरक्षा कानून बेरोजगारों को भत्ता निश्चित रूप से हाथ जोड़ा जा सकता है 5 साल में 7sp राजनांदगांव जिले के लिए भी हाथ जोड़ा जा सकता है
हेमंत वर्मा tni ब्यूरो चीफ राजनांदगांव छत्तीसगढ़ कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का आगाज सितंबर महीने में किया था कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक चलने वाली भारत जोड़ो यात्रा का समापन कश्मीर की वादियों में बर्फ के गोले के साथ हो गया यह वही कश्मीर है जहां किसी समय डर और दहशत के साए में लोग जीते थे परंतु देश के प्रधानमंत्री की नीति की वजह से राहुल गांधी भी देखो वहां घूम रहे हैं लेकिन कांग्रेस की इस भारत जोड़ो यात्रा की बहुत सारी राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं असल में कोई भी राजनीति की यात्रा राजनीतिक नफा नुकसान को लेकर ही किया जाता है जाहिर सी बात है कि भारत जोड़ने के नाम पर कांग्रेस अपने खोई हुई विरासत को पुनः लाने की कोशिश में जुटी हुई है परंतु छत्तीसगढ़ में इसी यात्रा से मिलता जुलता हाथ जोड़ो यात्रा का आगाज 26 जनवरी से किया गया दरअसल आम बोलचाल की भाषा में जब कोई व्यक्ति इंसान से किसी प्रकार की गलती हो जाती है तो हाथ जोड़कर माफी मांगने की परंपरा रही है तो क्या छत्तीसगढ़ में इसे ऐसे ही माना जाए क्योंकि 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मेनिफेस्टो में हाथ में गंगाजल लेकर कसम खाई गई थी परंतु छत्तीसगढ़ में गांव गांव में शराब की नदी बह रही है सरकार कारपोरेशन के माध्यम से घर-घर सर्व शराब उपलब्ध करा रही है क्या कारण है कि शराबियों को हर तरह से सुविधा उपलब्ध करा रही है आबकारी के बड़े अधिकारी भी मानते हैं कि उन्हें टारगेट मिला हुआ है राजस्व की पूर्ति का यही कारण है कि अवैध शराब पर कोई कार्यवाही नहीं होती उन्हें सिर्फ मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र निर्मित शराब पर कार्यवाही करनी होती है परंतु आश्चर्यजनक रूप से सफेदपोश नेताओं के तस्करों के सांठगांठ होने के चलते बाहर राज्य के शराब तस्करों पर भी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है शराबबंदी संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण बेरोजगारों को भत्ता एवं छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून सरकार बनने के तुरंत बाद अमल में लाने की बात की थी लेकिन आज सरकार के 4 वर्ष होने के बावजूद भी इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है उल्टा छत्तीसगढ़ में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज किए जा रहे अत्याचार बढ़े हैं यहां निष्पक्ष पत्रकारिता खतरे में है यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में बड़े भ्रष्टाचार उजागर नहीं हो पा रहे हैं मीडिया पर दबाव है सैकड़ों पत्रकारों पर प्रकरण दर्ज है कर्मचारियों की मांग पर कोई सुनवाई नहीं किया जा रहा है बेरोजगारों की भत्ता तो छोड़िए उस विषय पर तो 4 साल तक कोई बात ही नहीं किया गया अभी चुनावी वर्ष में बेरोजगारों को भत्ता देने की बात अखबारों में सामने आ रहा है तो क्या यह मान कर चलें कि अपनी गलती पर पछतावा करने के लिए जनता के बीच जाकर हाथ जोड़कर इस यात्रा का आगाज किया जाए क्योंकि छत्तीसगढ़ में बहुत सारे ऐसे उदाहरण सामने आए हैं जिसमें राजनीतिक स्वार्थ के चलते जनता से जुड़े हुए मुद्दे को किनारे करते हुए देखा गया है प्रधानमंत्री आवास अन्य राज्यों में तीव्र गति से चल रही है छत्तीसगढ़ में आंशिक प्रतिबंध लगा हुआ है आयुष्मान कार्ड से पूरे देश में इलाज किया जा सकता है लेकिन छत्तीसगढ़ में जनता इलाज के अभाव में त्राहि-त्राहि कर रही है 72 प्लस सीट के साथ पूर्ण बहुमत की सरकार को आखिर हाथ जोड़ने की नौबत क्यों आ गई इसका आकलन निकट भविष्य में हो ही जाएगा परंतु लोग इस यात्रा को चटखारा लेकर आनंद ले रहे हैं हेमंत वर्मा की कलम से
भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में हाथ जोड़ो अभियान राहुल गांधी के यात्रा के राजनीतिक मायने निकाले ही जाएंगे परंतु छत्तीसगढ़ में इस यात्रा का असल उद्देश्य क्या है हाथ जोड़ने की नौबत आखिर क्यों आई शराबबंदी संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण पत्रकार सुरक्षा कानून बेरोजगारों को भत्ता निश्चित रूप से हाथ जोड़ा जा सकता है 5 साल में 7sp राजनांदगांव जिले के लिए भी हाथ जोड़ा जा सकता है
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