नई दिल्ली। भारत के 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो मुख्य अतिथि थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी साफा पहने नजर आए। पहली बार नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचे और वहां शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद दो मिनट का मौन रखा। बताते चलें कि इससे पहले इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती थी। 90 मिनट के इस कार्यक्रम में 16 मार्चिंग दस्ते, 21 बैंड और 22 झाकियों के साथ देश की सैन्य ताकत के साथ ही सांस्कृतिक झलक और आर्थिक प्रगति भी देखने को मिली।
पीएम मोदी ने तोड़ी 48 साल पुरानी परंपरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस गणतंत्र दिवस पर 48 साल पुरानी परंपरा तोड़ दी। पहली बार वह शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति न जाकर बगल में ही बने नए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक गए और वहां पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। यहां 25,942 जवानों के नाम ग्रेनाइट के टेबलेट पर स्वर्ण अक्षरों में लिखे हुए हैं। इस इस मौके पर देश के पहले सीडीएस के अलावा तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने उनकी अगवानी की।
वंदे मातरम्’ को किया जाएगा शामिल
विवादास्पद अफवाहें चल रही थीं कि लोकप्रिय भजन ‘एबाइड विद मी’ की जगह इस बार ‘वंदे मातरम’ की धुन बजाई जाएगी। मगर, रक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि इस वर्ष दोनों गानों की धुनों को समारोह में बजाया जाएगा। बताते चलें कि स्कॉटलैंड के कवि हेनरी फ्रांसिस लिटे ने इस भजन को लिखा था और साल 1950 से हर वर्ष समारोह में इसकी धुन बजाई जाती रही है। यह भजन महात्मा गांधी को भी प्रिय था। गणतंत्र दिवस समारोह के अंत में 29 जनवरी को होने वाले बीटिंग रिट्रीट समारोह में विभिन्न प्रकार के संगीत और मार्चिंग धुन बजाई जाती है, जिसमें इस भजन की धुन को भी बजाया जाता था। मगर, इस बार इस धुन के साथ ही वंदे मातरम की धुन भी बजाई जाएगी।
आर्मी के कार्प्स ऑफ सिग्नल्स की कैप्टन तान्या शेरगिल ने राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड की कमान संभाली। वह पहली महिला कैप्टन हैं, जिन्होंने गणतंत्र दिवस परेड की कमान संभाली। पंजाब के होशियारपुर की रहने वाली कैप्टन तान्या शेरगिल ने परेड के दौरान ऑल मेन कॉन्टीजेंट का नेतृत्व किया। वहीं सीआरपीएफ की 21 महिला बाइकर्स की टुकड़ी ने पांच मोटरसाइकिलों पर डेयरडेविल स्टंट दिखाए।
हली बार चिनूक और अपाचे ने भरी उड़ान
एंटी सैटेलाइट वेपन का प्रदर्शन
एक अन्य आकर्षण DRDO की मार्चिंग टुकड़ी थी, जिसने एंटी-सैटेलाइट वेपन मिशन शक्ति का प्रदर्शन किया। यह एक सफल हथियार है, जो दुश्मन के उपग्रहों को मार गिराने में सक्षम है। इस हथियार की बदौलत भारत अपने पड़ोसी देशों से स्पेस में एक कदम आगे निकल गया है। इसके साथ ही धनुष आर्टिलरी गन सिस्टम को बी पहली बार परेड में प्रदर्शित किया गया। चीफ ऑफ स्टाफ (दिल्ली क्षेत्र) मेजर जनरल आलोक काकर ने कहा कि इस वर्ष एक छोटा स्पैन ब्रिज सिस्टम भी दिखाया गया।
हेवीलिफ्ट हेलिकॉप्टर चिनूक और अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे ने परेड में अपनी पहली उड़ान भरी। चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर, दोनों को हाल ही में भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया है। चिनूक हेलीकॉप्टर दूरदराज के स्थानों में विविध और भारी सामानों को उठा सकता है। अपाचे स्टील्थ अटैक हेलिकॉप्टर है, जो हवा से हवा में और हवा से जमीन पर रॉकेट, मिसाइल और फ्रंट गन का इस्तेमाल कर सकता है। फ्लाईपास्ट दो चरणों में किया गया था, जिसमें 16 लड़ाकू विमानों, 10 परिवहन विमानों और 19 हेलीकॉप्टर शामिल थे