रायपुर। करोड़ों रुपए के एनजीओ मार्फत समाज कल्याण विभाग घोटाला उजागर हुआ है। हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ एफआईआर करने सीबीआई को निर्देशित किया। वैसे ही बचने के लिए रिव्यू पिटीशन का खेल शुरू हो गया। वर्तमान व पूर्व अफसरों में कई बड़े चेहरे लपेटे में हैं। यहां तक कि वर्तमान में एक महिला केन्द्रीय मंत्री का नाम भी शुमार हो गया। अब सीबीआई के द्वारा अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज करते ही फिर कोहराम मच गया कि जब नाम का खुलासा हो चुका है फिर ऐसा क्यों? लेकिन याचिकाकर्ता है कि चुप बैठने वाला नहीं,शुक्रवार को अपने वकील के साथ मिलकर फिर से हाईकोर्ट में यह विषय संज्ञान में लाया कि मामले को कहीं गुमराह करने की कोशिश तो शुरू नहीं हो गई है,अज्ञात कहां से आ गए। शामिल दस्तावेजों का पुलिंदा उन्होने अदालत को आज सौंप दी है,यह भी आशंका जताया है कि संबंधित अफसर अपनी पहुंच का दुरुपयोग तो नहीं कर रहे हैं। सीबीआई की कार्यप्रणाली पर भी उन्होने सवाल उठाया है।