रायपुर. भिलाई के सूर्या रेजीडेंसी में तीन तरफ से सड़क वाले रो हाउस ए/21 के आस पास हलचल कुछ ज्यादा ही है. वैसे इस हाई प्रोफाइल कॉलोनी में कई नामचीन लोग रहते हैं. लेकिन रो हाउस ए/21 है मुख्यमंत्री की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया का निजी निवास. शनिवार की दोपहर 2 बजे निवास की पोर्च में सादे कपड़े में चार पुरुष, एक महिला और सुरक्षा बल, सीआरपीएफ की वर्दी में एक महिला समेत चार हथियारबंद लोग, बीते 28 फरवरी की दोपहर करीब ढाई बजे से डेरा डाले हैं. घर के दरवाजे पर सेन्ट्रल लॉक है और अंदर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है. घर के बाहर छत्तीसगढ़ पुलिस, एलआईबी के दर्जनभर अफसर व जवान और मीडिया का जमावड़ा है. सीएम भूपेश बघेल के भिलाई 3 स्थित निजी निवास की सुरक्षा भी बीते शुक्रवार की शाम को अचानक बढ़ा दी गई.
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 28 फरवरी को सरकार अचानक कुछ ज्यादा ही हरकत में आ गई. विधानसभा सत्र के बाद शाम को अचानक मंत्रियों के साथ सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने बैठक की. इसके बाद राज्यपाल के पास गए और ज्ञापन सौंपा.
1 साल से ज्यादा समय से प्रदेश में सत्ता पर काबिज कांग्रेस (Congress) ने शॉर्ट नोटिस पर रायपुर में धरना और आयकर (Income Tax) दफ्तर के घेराव की योजना बनाई. प्रदेशभर में कांग्रेसियों को सूचना दी गई. बड़ी संख्या में शनिवार को रायपुर के गांधी मैदान में धरना दिया. शनिवार की शाम को राज्य सरकार के कैबिनेट की बैठक होनी थी, लेकिन अचानक ही सुबह सीएम भूपेश बघेल दिल्ली रवाना होने की सूचना आने लगी. हालांकि दोपहर करीब साढ़े तीन बजे वे दिल्ली के लिए रवान हुए. दरअसल 27 फरवरी की सुबह 8 बजे से प्रदेश की सियासत में हलचल और 28 फरवरी की दोपहर से हड़कंप मचा हुआ है.

आखिर हड़कंप क्यों?
27 फरवरी की सुबह करीब 8 बजे रायपुर नगर निगम के मेयर व कांग्रेस नेता एजाज ढेबर, भाई अनवर ढेबर, प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव व रेरा के अध्यक्ष विवेक ढांढ, आईएएस अनिल टुटेजा, इनकी पत्नी मीनाक्षी टुटेजा, डॉ. ए फरिश्ता के रायपुर के ठिकानों, आबकारी विभाग में प्रतिनियुक्ति पर ओएसडी अरुणपति त्रिपाठी के भिलाई निवास, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, सीए कमलेश जैन, संजय संचेती समेत अन्य के निवास व अन्य ठिकानों पर सादे कपड़ों में अलग अलग संख्या में महिला व पुरुष व केन्द्रीय सुरक्षा बल सीआरपीएफ की वर्दी में हथियारबंद महिला व पुरुष जवान दाखिल हुए और जांच शुरू कर दी. कहा जा रहा है कि आयकर विभाग और ईडी की केन्द्रीय टीम ने छापा मारा है. इसके बाद से ही सियासत में हलचल तेज हो गई. क्योंकि जिनके यहां भी कथित छापा (क्योंकि 29 फरवरी की दोपहर 3 बजे तक आयकर या ईडी की ओर से छत्तीसगढ़ में छापा या अन्य कार्रवाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई) मारा गया है.
लेकिन प्रदेश की सरकार व राजनीति में हड़कंप तब मचा, जब 28 फरवरी की दोपहर सीएम की डिप्टी सेक्रेटरी सौम्या चौरसिया के भिलाई निवास व कारोबारी पप्पू बंसल व अन्य के ठिकानों पर कथित छापा के लिए हथियारबंद जवानों के साथ टीम पहुंची. इसके बाद देर शाम से सियासत में हंगामा शुरू हुआ. सरकार अचानक कुछ ज्यादा ही हरकत में आ गई. सीएम ने मंत्रियों के साथ बैठक की. इसके बाद उनके साथ ही शाम करीब सवा 7 बजे राज्यपाल अनुसुईया उइके से मिलने राजभवन पहुंचे और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा. इधर कांग्रेस संगठन ने बैठक कर अगले दिन यानी शनिवार को गांधी मैदान में धरना और आयकर विभाग के घेराव का निर्णय ले लिया. आज धरना प्रदर्शन के बाद घेराव भी हुआ.
हाई प्रोफाइल लोगों के यहां आयकर के छापे की खबर के बाद प्रदेश में हड़कंप मच गया. दरअसल पूर्व सीएस विवेक ढांढ, आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर, सौम्या चौरसिया, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया वर्तमान सरकार के काफी करीबी माने जाते हैं. कुल 32 से अधिक ठिकानों पर जांच चल रही है. सियासी गलियारों में चर्चा है कि सीएम भूपेश बघेल व सरकार के करीबी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है. हालांकि 27 फरवरी को छापे की सूचना के बाद खुद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा था कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार में जो लोग मलाईदार पदों पर रहे हैं, उनके यहां ही छापा मारा गया है. राज्य निर्माण के बाद ये पहला मौका है, जब इतने बड़े पैमाने पर नौकरशाह, CA, कारोबारी व राजनीति से जुड़े प्रभावशील लोगों पर एक साथ दबिश दी गई है.

दहशत फैलाने की कोशिश
7 फरवरी की शाम तक आयकर छापे की जानकारी मीडिया से मिलने की बात कहने वाले सीएम भूपेश बघेल ने 28 फरवरी को राजभवन में ज्ञापन सौंपने के बाद केन्द्र की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा. सीएम भूपेश ने कहा- ‘कार्रवाई को इतने घंटे हो गए लेकिन राज्य सरकार को इसकी जानकारी तक नहीं दी गई. दो दिनों से कथित आयकर छापे के नाम पर छत्तीसगढ़ में दहशत का माहौल है. केन्द्र की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र कर रही है. लगातार हार की ऐसी हताशा? ये है असली बदलापुर. हमने राज्यपाल को ज्ञापन देकर संरक्षण देने और हस्तक्षेप करने की मांग की है. इसके बाद शनिवार को मीडिया से चर्चा में सीएम ने कहा कि पूरे प्रदेश में फोर्स घूम रही हैं. जगदलपुर से लेकर रायगढ़ तक सभी शहरों में दहशत और भय का वातावरण बना कर रखा है
अचानक दिल्ली जाने को लेकर
सीएम भपेश बघेल ने कहा- ‘छत्तीसगढ़ शांतिप्रिय प्रदेश है. यहां के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इसका विरोध किया है. दिल्ली में आला नेताओं से मुलाकात होगी. वर्तमान में प्रदेश में जो हालात हैं, उस पर भी चर्चा की जाएगी. राज्यसभा के चुनाव नजदीक हैं. उस पर भी बात करने की कोशिश की जाएगी.’

रायपुर पुलिस ने 27 फरवरी की शाम को रायपुर में दर्जनभर से अधिक कारों को नो पार्किंग में खड़ी होने का हवाला देकर जब्त कर लिया. 28 फरवरी को बीजेपी ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि आयकर की टीम की गाड़ियां जब्त कर ली गई हैं. यदि गाड़ियां नो पार्किंग में खड़ीं थीं तो चालान काटकर छोड़ा जा सकता था, लेकिन राज्य की पुलिस द्वारा आयकर टीम को परेशान किया जा रहा है. इसके बाद गाड़ियों को चालान की कार्रवाई के बाद छोड़ दिया गया. सीएम भूपेश बघेल और कांग्रेस की बदलापुर की राजनीति के बयान पर बीजेपी के नेताओं ने निशाना साधा. राज्यसभा सांसद व प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री रामविचार नेताम ने ट्वीट कर लिखा पब्लिक है सब जानती है.