रायपुर. दिल्ली से पहुंचे आयकर विभाग के अफसर दूसरे दिन भी भिलाई स्थित सौम्या चौरसिया के मकान की जांच जारी रखी। सौम्या छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की उप सचिव हैं। इनके रिश्तेदारों से भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने पूछताछ की। सौम्या के ड्राइवर से भी यह पूछा गया कि वह कहां आती-जाती हैं। बीते 27 फरवरी को पहली बार टीम ने रायपुर, बिलासपुर के कारोबारी, नेता और अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। अन्य जगहों पर जांच पूरी कर ली गई है।
फिलहाल जांच केवल भिलाई स्थित सौम्या चौरसिया के मकान में ही हो रही है। दरअसल, इनकम टैक्स की टीम ने 28 फरवरी की दोपहर उपसचिव सौम्या चौरसिया के भिलाई स्थित बंगले पर छापा मारा था। वहां किसी के नहीं मिलने पर अगले दिन शाम को बंगला सील कर दिया गया। इसके बाद सोमवार से दोबारा बंगले पर कार्रवाई शुरू की गई।
ड्राइवर से अहम सबूत मिलने की चर्चा
भिलाई में जारी कार्रवाई में यह बात चर्चा में रही कि मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया के ड्राइवर ने दावा किया है कि छापों से पहले फाइलों से भरे चार-पांच बैग लेकर वह सीएम हाउस गया था। इन फाइलों में क्या था उसे नहीं मालूम। हालांकि इस तरह का कोई दावा आयकर विभाग की तरफ से नहीं किया गया है।ड्राइवर से अहम सबूत मिलने की चर्चा
भिलाई में जारी कार्रवाई में यह बात चर्चा में रही कि मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया के ड्राइवर ने दावा किया है कि छापों से पहले फाइलों से भरे चार-पांच बैग लेकर वह सीएम हाउस गया था। इन फाइलों में क्या था उसे नहीं मालूम। हालांकि इस तरह का कोई दावा आयकर विभाग की तरफ से नहीं किया गया है।ड्राइवर से अहम सबूत मिलने की चर्चा
भिलाई में जारी कार्रवाई में यह बात चर्चा में रही कि मुख्यमंत्री की उपसचिव सौम्या चौरसिया के ड्राइवर ने दावा किया है कि छापों से पहले फाइलों से भरे चार-पांच बैग लेकर वह सीएम हाउस गया था। इन फाइलों में क्या था उसे नहीं मालूम। हालांकि इस तरह का कोई दावा आयकर विभाग की तरफ से नहीं किया गया है।
रायपुर से बुलाए गए वैल्यूअर्स ने किया आकलन
सौम्या की मां और ड्राइवर पन्नालाल से मंगलवार को 5 अफसरों की टीम ने दोबारा पूछताछ की। इसके अलावारायपुर से बुलाए गए वैल्यूअर्स से सौम्या के यहांसे मिले जेवरातों की कीमतों और कैरेट का आकलन कराया गया। सौम्या के घर से कुछ लैपटॉप, पैनड्राइव को भी सीज किया गया है। ये सारी जानकारियां आयकर के दिल्ली मुख्यालय को भेजी गई हैं। दूसरी ओर रायपुर- दुर्ग के 32 ठिकानों में 5 दिनों की छापेमारी में मिले दस्तावेजी सबूतों के आधार पर अधिकारी जांच आगे बढ़ाने में लगे हैं