उपभोक्तओ का क्या है अधिकार जाने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम विश्व उपभोगता दिवस पर

by Umesh Paswan

आप जब भी बाजार से कोई सेवा या चीज खरीदते हैं, आप उपभोक्ता बन जाते हैं। एक उपभोक्ता होने के नाते आपके कुछ अधिकार भी हैं लेकिन बहुत से लोगों को एक उपभोक्ता होने के नाते अपने अधिकार नहीं पता। ऐसे में विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का लक्ष्य दुनिया भर के उपभोक्ताओं को जागरुक करना है। आइए, जानते हैं उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 होने के नाते क्या हैं उपभोक्ता होने का अधिकार- 


उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 क्या है 
यह अधिनियम उन सभी उपभोक्ता अधिकारों को सुरक्षित करता है जिनको अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार किया गया। इस अधिनियम के अनुसार उपभोक्ता अधिकारों को बढ़ावा देने और संरक्षण देने के लिए केंद्रीय, राज्य एवं जिला स्तरों पर उपभोक्ता संरक्षण परिषद स्थापित किए गए है।

सुरक्षा का अधिकार
जीवन के लिए नुकसानदेह/हानिकारक वस्तुओं और सेवाओं के खिलाफ संरक्षण प्रदान करना।


सूचना का अधिकार
उपभोक्ता द्वारा अदा की गई कीमतों /सेवाओं की गुणवत्ता, मात्रा, वजन और कीमतों की जानकारी ताकि गलत व्यापारिक प्रक्रियाओं द्वारा किसी उपभोक्ता को ठगा नहीं जा सके।


चुनने का अधिकार
प्रतिस्पर्धी कीमतों पर वस्तुओं और सेवाओं के अनेक प्रकारों तक यथासंभव पहुंच को निश्चित करना।


सुनवाई  का अधिकार
उपयुक्त फोरम पर सुने जाने का अधिकार और यह आश्वासन कि विषय पर उचित ध्यान दिया जाएगा।


उपचार का अधिकार
गलत या प्रतिबंधित कारोबारी गतिविधियों/शोषण के खिलाफ कानूनी उपचार की मांग करना।


उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार 
उपभोक्ता शिक्षा तक पहुंच। इसके तहत उपभोक्ता को उपभोक्ता होने के नाते इसकी जानकारी पाने का पूरा अधिकार है। 

क्यों मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 
पहली बार अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा उपभोक्ता आंदोलन की शुरुआत की गई, जिसके फलस्वरूप 15 मार्च 1962 को अमेरिकी कांग्रेस में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा उपभोक्ता संरक्षण पर पेश किए गए विधेयक पर अनुमोदन दिया। इस विधेयक में चार विशेष प्रावधान थे जिसमें – उपभोक्ता सुरक्षा के अधि‍कार, सूचना प्राप्त करने का अधि‍कार, उपभोक्ता को चुनाव करने का अधि‍कार और सुवनाई का अधि‍कार शामिल था। बाद में इसमें 4 और अधि‍कारों को जोड़ा गया।

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