भिलाई. हेमचंद यादव विश्वविद्यालय की पिछली परीक्षा में कॉपियां चेक करने के बाद मूल्यांकन केंद्रों ने बिल भेजा था। इसमें एक केंद्र ने चाय का बिल ही 25 हजार रुपए का भेजा था तो एक अन्य केंद्र के समन्वयक ने 500 किलो की दर से उत्तर पुस्तिका के ऊपर लपेटने के लिए बारदाना(बोरियां) खरीदने का बिल भेज दिया था। इन अनावश्यक खर्च को देखते हुए विवि ने मूल्यांकन के नियम बदल दिए हैं। इसके अनुसार अब जो भी योग्य प्राध्यापक हैं वह सीधे विश्वविद्यालय आकर उत्तर पुस्तिकाएं ले सकते हैं। चेक करने कापियां लौटाते ही उन्हें भुगतान किया जाएगा।
विवि में पहले मूल्यांकनकर्ताओं के निवास तक कापियां चेक करने के लिए पहुंचाई जाती थी। चेक होने के बाद उनसे कापियां लेने के लिए भी जाना पड़ता था। इससे यह भी आरोप लगता था कि कुछ चुनिंदा प्रोफेसरों को ही कापियां दी जा रही हैं। कई प्राध्यापक कुलसचिव और कुलपति से मिलकर शिकायत भी करते थे कि उनके पास 7 से 10 साल के अध्यापन का अनुभव है, फिर भी उन्हें कॉपी चेक करने नहीं दे रहे।
15 लाख कापियों का होगा मूल्यांकन
यूजी और पीजी दोनों स्तर की कक्षाओं को मिलाकर इस बार 1.47 लाख परीक्षार्थी विवि की वार्षिक परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। यूजी स्तर पर प्रत्येक छात्र-छात्राओं के 10 -10 पर्चे होने हैं। पीजी स्तर पर भी 4 से 5 पर्चे होंगे। इस तरह करीब 15 लाख कापियों का मूल्यांकन किया जाएगा। यूजी स्तर पर मूल्यांकनकर्ता को 12 और पीजी स्तर पर मूल्यांकनकर्ता को 15 रुपए प्रत्येक कापी की दर से भुगतान किया जाएगा।