एक बहुत ही शानदार उपलब्धि करते हुए भारत ने करोना टेस्टिंग की स्वदेशी किट निर्माण कर ली है। और उसको मेडिकल एजेंसीज की अप्रूवल भी कल मिल गई है,साथ ही साथ उत्पादन भी शुरू हो गया है। शायद इतने कम समय में यह काम दुनिया में केवल तीन देश कर पाए हैं, चीन, अमेरिका और अब भारत।
उसकी विशेषताएं भी सुनिए।
पुणे के माई लैब कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर शैलेंद्र कावड़े ने यह कारनामा कर दिखाया है।
इस स्वदेशी टेस्टिंग किट की विशेषता है कि जो अभी तक जर्मनी निर्मित किट से एक टेस्ट 7 घंटे में होता था वह मात्र ढाई घंटे में हो जाएगा। और किट की कीमत भी एक चौथाई निकाली है।
फिर लगातार जर्मनी से हजारों किट लाने की कठिनाई भी बड़ी थी, करोड़ों रुपैया भी खर्च हो कर बाहर जा रहा था। शन्नोअब क्योंकि एक बार में ही 1000 टेस्ट किए जा सकते हैं जबकि पहले केवल 100 होते थे, इसलिए
इस नई किट से 1 सप्ताह में ही एक लाख टेस्ट किए जा सकेंगे (जानकारी रहे अब तक भारत ने केवल 22000 टेस्ट किए हैं।)
कोरोना की बीमारी से मुक्ति के दो तरीके हैं।पहला पूर्ण बंदी याने लाक डाउन वा दूसरा सबसे जल्दी टेस्टिंग। ताइवान,कोरिया, जापान ने इसी पद्धति से इस पर काबू पाया है, और यदि लोगों ने लाक डाउन अच्छे से किया, तो हम भी जल्दी से इन्हीं देशों की श्रेणी में शामिल हो जाएंगे यह जानकारी स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय प्रचारक सतीश जीी द्वारा दी गई
नीचे:स्वदेशी कोरोना टेस्ट किट निर्माता शैलेंद्र कावड़े वाह उनकी लैब।
