दुर्ग कोरोना वायरस के महामारी से विश्व के कई बड़े – बड़े उद्योग बन्द किये जा चुके हैं दुनियां में सर्वाधिक उत्पादन क्षमता वाला कार कारखाना शुक्रवार को अस्थायी तौर पर बंद हो गया है। दक्षिण कोरिया की वाहन कंपनी ने अपने विशाल उलसान संयंत्र का परिचालन रोक दिया है। सैमसंग कम्पनी ने भी अपना प्रोडक्शन रोक दिया है। चीन में तो कोरोना वायरस के संक्रमण से औद्योगिक उत्पादन पर असर पड़ने के कारण वाहनों के कल-पुर्जों की कमी होने लगी है। भारत में भी कई बड़े प्लांट भी बन्द कर दिए गए हैं, लेकिन इन सभी से विपरीत हमारे

इन कारखानों में ज्यादातर कामगार, कर्मचारी व अधिकारी छत्तीसगढ़ के बाहर से हैं जिनमें मजदूर ग्रेड से लेकर हाईग्रेड तक बाहरी लोग ही ज्यादातर कार्यरत हैं। कारखानों में काम करने वाले हजारों ठेका व कंपनीकर्मी किराये से रहते हैं और सैकड़ो लोगों को कंपनी ने कॉलोनी बना बनाकर अपने प्लांट कैम्पस में ही रहने के लिये घर दिया है। कैम्पस के बाहर रहने वाले शहरी या ग्रामीण कर्मचारियों को रोज कंपनी के बसों से घर से ड्यूटी के लिए प्लांट लाया व ड्यूटी के बाद घर छोड़ा जा रहा है। ऐसे बसों में भर भरके फैक्टरी प्रबंधन कोरोना के खतरे से खेल रहें हैं। सबसे बड़ी बात प्लांट मालिकों में धनलालसा के कारण कोरोना के संक्रमण का कोई भय नजर नहीं आ रहा है। भयग्रस्त कर्मचारियों द्वारा नौकरी जाने के भय से मजबूरीवश फैक्ट्री प्रबंधन को नौकरी पर नहीं आने के लिए कहा भी नहीं जा रहा है।