रेलवे मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय रेल युद्ध के समय भी नहीं रुकी है रेलवे को 14 अप्रैल तक करीब 45हजार से 5 हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है

by Umesh Paswan

कोरोना वायरस को रोकने के लिए सरकार को देश भर में 21 दिन तक लॉकडाउन किया है ऐसे में रेलवे की पैसेंजर ट्रेनों का संचालन 31 मार्च के बाद भी नहीं हो सकेगा इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन के अनुसार भारत में समानत प्रतिदिन 2करोड़ 30 लाख तक लोग रेलवे में यात्रा करते हैं यात्री भार से रेलवे मंत्रालय को करीब 150 करोड़ रुपए प्रतिदिन आय होती है इसके साथ ही स्टेशनों पर लाखों लोग खाने-पीने का सामान अखबार बेचकर या अन्य कार्य कर अपना घर परिवार चलाते हैं रेलवे का संचालन ठप होने से उनके परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है इनमें से कई लोग अपने गांव या मूल निवास की ओर लौट चुके हैं रेलवे 14 अप्रैल तक 45 से 5 करोड़ रुपये नुकसान उठाना पड़ सकता है

मार्च में अधिकतर ट्रेनों को निरस्त करने के बाद भी लगभग दो करोड़ करोड़ यात्री यात्रा कर रहे थे

देश में वायरस का प्रकोप बढ़ने के बाद मार्च की शुरुआत से ही रेलवे को निरस्त करना शुरू हो गया था और यात्रियों की संख्या भी कम होने लगी थी इसके बावजूद भी करीब डेढ़ से दो करोड़ यात्री ट्रेनों में चल रहे थे यात्रियों की इतनी बड़ी संख्या होने के चलते करो ना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ था ऐसे में रेलवे सेवा को बंद करना जरूरी हो गया

रेलवे की फैक्ट फाइल

देश में प्रतिदिन यात्री रेल

कुल संचालित रेल 13452

कुल स्टेशन 7349

कुल दूरी- 12323 6 किलोमीटर

कुल यात्री -2.30 करोड़

(स्रोत -आई बी ई एफ)

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