लॉक डाउन के दौरान किराया मांगना अथवा किराएदार को बेदखल करना मकान मालिक ऊपर कानूनी कार्रवाई किया जा सकता है कलेक्टर ने इसे दंडनीय अपराध घोषित किया है ऐसे मामले में किराये लेने पर सीधी कानूनी कार्रवाई कर जेल तक भेजा जा सकता है कलेक्टर अंकित अग्रवाल ने कहा है कि कोविड-19 कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लॉक डाउन किया गया है ऐसे में रोजगार सृजन करने वाली फार्म में काम करने वाले लोगों की आमदनी खत्म हो गई है ऐसे में किराए में रहने वाले के लिए मकान किराया का भुगतान करना मुश्किल होगा इसलिए जिले के बाहर से आकर रह रहे श्रमिकों को किराए के मकान में रह रहे हैं उन्हें बेदखल नहीं किया जा सकता इसके अलावा लॉक डाउन की अवधि में किराए देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सके