प्रशासन ने सभी मेडिकल स्टोर को पत्र लिखकर हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा की स्टॉक रखें रखना अनिवार्य कहां है

by Umesh Paswan

डॉक्टरों के मुताबिक हाइड्रोक्सी क्लोरोक्वाइन दवा को कोरोना वायरस को समूल नष्ट करने में बेहद कारगर बताया जा रहा है यही कारण है कि सरकार इस दवा को कोरोना प्रभावित क्षेत्रों में स्टार्क करना चाहती है विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस दवा को आवश्यकता के अनुरूप स्टाफ रखने सभी स्टार्किस्ट और मेडिकल स्टोर संचालकों को पत्र भी लिखा गया है स्टाक की मॉनिटरिंग भी की जा रही है

इस दवा की उपयोगिता को देखते हुए भारत सरकार ने 26 मार्च को राज्य पत्र का प्रकाशन भी किया है जिसमें हाईड्रॉक्सी क्लोरीकिवन को H वन श्रेणी में रखा गया है इस श्रेणी का आशय यह है कि दवा विक्रेता को एक रजिस्टर बनाना होगा जिसमें दवा खरीदने दवा किसके लिए लिया खरीदी गई साथ ही दवा को किस डॉक्टर ने सुझाया है उसका रिकॉर्ड रखना होगा रजिस्टर में कितनी मात्रा में किस व्यक्ति को दी गई उसकी जानकारी रखना होगा डॉक्टर की पर्ची को फोटोकॉपी भी मेडिकल स्टोर संचालक को रखना होगा

इसलिए दवा प्रतिबंधित है

हाइड्रोक्सी क्लोरोकाईन और क्लोरोकेवन दोनो ही दवा मलेरिया के लिए उपयोग में लाया जाता है यह दवा चिकित्सक के लिखने पर दिया जाता है इन दोनों ही दवा का साइड इफेक्ट भी ज्यादा हैं दवा का सेवन बिना चिकित्सकीय परामर्श के लेने पर हार्ड अटैक व हृदय संबंधी समस्या आती है इसलिए दवा को H वन श्रेणी में रखा गया है अगर कोई मेडिकल स्टोरर्स संचालक इस दवा को बिना पर्ची के बेचते पाया जाएगा तो दुकान का लाइसेंस तत्काल निरस्त करने और संचालक के खिलाफ FIR करने का प्रावधान है

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