भिलाई। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अमित मिश्रा ने प्रदेश के निर्माणी व असंगठित क्षेत्र के लाखों मजदूरों को सहायता के तौर पर तत्काल पर्याप्त राशि उपलब्ध कराने की मांग प्रदेश सरकार से की है। श्री मिश्रा ने कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण जारी लॉकडाउन के कारण निर्माण कार्य में लगे मजदूर, ढाबो व होटलों में काम करने वाले लोग, डेयरी का काम करने वाले, रिक्शा-ऑटो चालक, नाई, बढ़ई आदि मजदूर-श्रमिकों की आजीविका पूरी तरह प्रभावित हुई है।
श्री अमित मिश्रा ने दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार फंड होने के बावजूद इन लोगों को आर्थिक मदद मुहैया करने में कोई रूचि नहीं दिखा रही है। ऐसा लगता है मानो सरकार का इन क्षेत्रों के गरीबों से कोई सरोकार ही नहीं है।
भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अमित मिश्रा ने कहा कि प्रदेश सरकार के पास सन्निर्माण कर्मकार मण्डल के मद में काफी राशि है, लेकिन प्रदेश सरकार ने सिर्फ अपनी बड़ाई करने और झूठी शेखी बघारने के इन मजदूरों- श्रमिकों को चौथाई पैसे की राशि भी उपलब्ध नहीं कराई है। कोरोना संक्रमण के खिलाफ़ जारी इस जंग में प्रदेश सरकार पूरी तरह से उदासीन है और प्रभावित लोगों की किसी भी तरह की मदद वह नहीं कर रही है। केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध राशि और चिकित्सा सुविधाओं पर अपनी झूठी वाहवाही बटोरने में लगी प्रदेश की कांग्रेस सरकार बिल्कुल भी गंभीर नही है।
श्री मिश्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुन: एक बार फिर केन्द्र सरकार से 30 हजार करोड़ रुपए की मांग की है, जबकि प्रत्येक जिलों के लिए 25-25 लाख रुपए जारी करने के अलावा एक धेला भी प्रदेश सरकार के मद से खर्च नहीं किया गया है। केन्द्र सरकार ने जो संसाधन उपलब्ध कराया है उसका वितरण कराकर प्रदेश सरकार इसमें भी श्रेय लूटने का प्रयास कर रही है। पंचायतों के माध्यम से जो चावल प्रदेश सरकार दे रही है उसके एवज में करीब 33 सौ रुपए की दर से पंचायतों से राशि लेने वाली प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार को कोसने का काम कर रही है।
भाजपा किसान मोर्चा राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अमित मिश्रा ने प्रदेश सरकार से यह भी मांग की कि वह अपने वादे के मुताबिक दो वर्षों के बकाया धान के बोनस का भुगतान शीघ्र करे। कांग्रेस ने इस राशि का किश्तों में भुगतान करने का वादा किया है और मौजूदा वैश्विक संकट के इस काल में किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए किसानों को तुरत यह राशि प्रदान की जाए। इसी तरह पिछले खरीफ सत्र में किसानों के धान के मूल्य की शेष अन्तर राशि का भुगतान भी किया जाए।
श्री मिश्रा ने इस बात पर अफसोस जताया कि छत्तीसगढ़ के उन गरीब-मजदूर परिवारों के प्रति भी प्रदेश सरकार ने पूरी तरह बेरुखी का परिचय दिय है, जो काम-धन्धे की तलाश में अन्य प्रदेशों में पलायन कर गए हुए हैं। भाजपा व उससे जुड़े संगठन के कार्यकर्त्ता उन मजदूरों की सहायता व समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार व्यापक स्तर पर मुँह बाए खड़ी इस समस्या के प्रति आँखें मूंदे बैठी है। विभिन्न प्रान्तों से गरीब-मजदूर परिवार के लोग पैदल छत्तीसगढ़ वापस लौट रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार उनके लिए भी कोई व्यवस्था नहीं कर रही है। हाल ही में बीजापुर क्षेत्र में पैदल लौट रही एक बच्ची की मृत्यु भी हो गई है।
अमित मिश्रा ने इन सभी बिन्दुओं पर प्रदेश सरकार से गम्भीरतापूर्वक आवश्यक पहल करने की मांग की है।