भारत सरकार के आदेश मिलने के बाद क्या राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों के वापस बुलाने की व्यवस्था कर रही हैं

by Umesh Paswan

फोटो सोशल मीडिया से

कुछ प्रदेश के मुख्यमंत्रियों ने केंद्रीय गृह मंत्री प्रधानमंत्री को मजदूरों को वापस बुलाने के लिए पत्र लिख रहे थे अब केंद्र सरकार की नरेंद्र मोदी की सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। देश के अलग अलग राज्यों में फंसे मजदूरों, कामगारों, स्टूडेंट‍्स, टूरिस्ट और तीर्थयात्री अब चाहे देश के किसी भी कोने में फंसे हो वापस अपने घर जा सकते हैं। सरकार ने छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेस, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की ओर से उठ रहे लगातार सवालों के बाद यह फैसला लिया है। खासकर इन तीनों राज्य पर काफी दबाव बन गया था उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बोल्ड फैसलों की वजह से। योगी सरकार कोटा से 10000 छात्रों को बस से ले आई और अब मजदूरों को भी लाना शुरू कर दिया था। बिहार के मुख्यमंत्री पर जब पब्लिक दबाव बढ़ा तो उन्होंने कहा कि यह लॉकडाउन का उल्लंघन है। फिर प्रधानमंत्री के साथ सोमवार की मीटिंग में यह मसला बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल की ओर उठाया गया। अब देखना यह है कि कौन-कौन प्रदेश सरकार अपने प्रदेश के मजदूरों को वापस किस तरह की व्यवस्था करते

बहरहाल केंद्र सरकार ने राज्यों/केन्द्र शासित राज्यों के क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए आदेश जारी किया है। केन्द्र सरकार के इस नए आदेश के अनुसार, सभी व्यक्तियों को चिकित्सकीय रूप से जांचा जाए और घर पहुंचाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किया जाए।

सरकार की तरफ से ये गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने जा रही है लेकिन देश के कई हिस्सों से अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं। इससे पहले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने केन्द्र सरकार से यह मांग की थी कि जो प्रवासी मजदूर वहां पर फंसे हुए हैं उनके लिए केन्द्र सरकार उनके घर जाने की व्यवस्था करे और ट्रेन की सुवधा दे। के अलावा कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी ट्रेन चलाने की मांग कर रहे

Related Posts

Leave a Comment