हाईकोर्ट ने राज्य शासन और स्टेट बार कौंसिल से पूछा है कि जब मध्यप्रदेश में वकीलों की आर्थिक मदद देने की योजना लागू कर दी गई है तब छत्तीसगढ़ में अब तक योजना क्यों नहीं बनाई गई

by Umesh Paswan

बिलासपुर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य शासन और स्टेट बार कौंसिल से पूछा है कि जब मध्यप्रदेश में वकीलों की आर्थिक मदद देने की योजना लागू कर दी गई है तब छत्तीसगढ़ में अब तक योजना क्यों नहीं बनाई गई जबकि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982 एक ही है इस पर महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने कहा कि अगली सुनवाई तक यानी 2 सप्ताह में वकीलों की आर्थिक मदद देने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी राज्य शासन ने इस दिशा में कार्य प्रारंभ कर दी है

राजेश केसरवानी ने अपने वकील संदीप दुबे के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर लॉक डाउन के मौजूदा दौर में हाईकोर्ट सहित अधीनस्थ न्यायालयों में कामकाज बंद होने के कारण जूनियर वकीलों के सामने गहराते आर्थिक संकट का हवाला देते हुए प्रावधान के तहत आर्थिक मदद देने की मांग की है बीते सुनवाई के दौरान जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुरी की डिवीजन बेंच ने स्टेट बार काउंसिल और राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने निर्देशित किया था बुधवार को इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय एस अग्रवाल और जस्टिस आरसीएस सामंत की डिवीजन बेंच में वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई हुई डिवीजन बेंच ने स्टेट बार काउंसिल और राज्य शासन के वकील से पूछा कि बीते सुनवाई के दौरान जारी किए गए निर्देशों के अनुसार कमजोर वर्ग के वकीलों को आर्थिक मदद देने योजना बनाई गई है या नहीं क्या योजना है इसे पेश करें बार काउंसिल और राज्य की ओर से कोई जवाब नहीं आया

इस पर कोर्ट ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के अधिवक्ता कल्याण अधिनियम 1982 एक ही है और मध्यप्रदेश में ( मध्य प्रदेश अधिवक्ता सहायता प्राकृतिक आपदा) एवं अप्रत्याशित परिस्थिति योजना लागू कर दिया है ऐसी स्थिति में यहां क्यों विलंब हो रहा है रराज्य की ट्रस्टी कमेटी और स्टेट बार कौंसिल ऐसी योजनाओं क्यों नहीं बना पा रही है महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने बताया कि ट्रस्टी कमेटी जिसमें विधि मंत्री चेयरमेन है उनकी अध्यक्षता में बैठक हुई है और शीघ्र ही वकीलों के कल्याण के लिए योजना बनाने का कार्य हो रहा है बार काउंसिल को योजना के संबंध में प्रस्ताव बना कर देना होगा यह कार्य 2 सप्ताह में पूरा हो जाएगा अगली सुनवाई के लिए डिविजन बेंच ने 25 मई की तिथि तय की है

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