तस्वीर प्रतीकात्मक
छत्तीसगढ़ के स्टील रोलिंग मिल स्पॉन्ज आयरन मिनी स्टील प्लांट आदि सेक्टर से अब तक 1.5 लाख से 1.70 लाख मजदूरों का पलायन उत्तर प्रदेश ,बिहार ,उड़ीसा, मध्य प्रदेश आदि राज्यों में हो चुका है फिर भी प्रदेश के उद्योगों में तीन लाख से अधिक कुशल और अकुशल श्रमिक जो कि स्टील उद्योग में काम करते थे वह बेरोजगार हो चुके हैं पलायन के बाद भी उद्योगों में स्थानीय श्रमिकों की उपलब्धता है रो मटेरियल भी है लेकिन डिमांड नहीं होने की वजह से प्लांटों में प्रोडक्शन निम्नतम से न्यूनतम स्थिति में चल रहा है स्टील हब कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ के उद्योगों में कोर सेक्टर के 300 उद्योग में काम ठप है वही 30 से 35 उच्च व मध्यम प्लांटों मे काम जारी है

छत्तीसगढ़ रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल का कहना है बाजार में डिमांड नहीं है महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश में उद्योगपतियों के पुराने पेमेंट भी फंसे हुए हैं बाजार में खपत नहीं होने से उद्योगों की उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है