तालाब गहरीकरण की धज्जियां उड़ा कर तालाब गहरीकरण कि नाम पर हो रहे मुरूम की कालाबाजारी

by Umesh Paswan

तालाब गहरीकरण एवं मुरूम उत्खनन के लिए पहले पर्यावरण संरक्षण मंडल से अनुमति प्रमाण पत्र लेना जरूरी है , दूसरी ओर परिवहन विभाग से अनुमति लेने के बाद ही खनिज परिवहनका अनुमती खनिज विभाग परिवहन का अनुमति दे सकता है इन नियमों का धज्जियां उड़ाई जा रही है

धमधा विकासखंड के कंडरका ग्राम पंचायत के तलाब गहरीकरण को लेकर काफी सवाल हो रहे हैं क्षेत्र में चर्चा का विषय बन रहा है इस तालाब की गहरीकरण के विरोध मे गॉव के लोगों का विरोध प्रदर्शन भी हुआ था सरपंच पति के मनमानी से भिलाई 3 के ठेकेदार के द्वारा माइनिंग विभाग से परिवहन का परमिशन लिया गया है और उन्हें रॉयल्टी के रूप में 100 पर्ची मिली है लगभग 8 दिन से खुदाई जा रही है और कई ट्रिप मुरूम यहां से बाहर जा चुका है लेकिन रायल्टी पर्ची अभी तक खत्म नहीं हुई यहां भी एक प्रश्न लग रहा है कि आखिर क्या माइनिंग विभाग क्यों चुप है तालाब गहरीकरण के नाम पर खुलेआम धड़ल्ले से चल रहे हैं कई सारे ट्रक जिनके रॉयल्टी नहीं काटी जा रही है क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी सवाल किए जा रहे हैं की माइनिंग विभाग मौन क्यों हैं इसकी जांच क्यों नहीं कर रही है कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है की रायल्टी पर्ची सरपंच के द्वारा ग्रामीणों को बढ़ाना चाहिए जिससे सही तरीके से राजदीप पर्ची काट सके और रॉयल्टी का पैसा ग्रामीण में आ सके लेकिन सरपंच पति के मनमानी से सिर्फ तालाब गहरीकरण के आड़ में धड़ल्ले से हो रही है मन की चोरी।

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