दुर्ग जिले के नंदिनी नगर में भिलाई इस्पात संयंत्र की नंदनी खदान के लिए लगभग 1953,54 में हजारों एकड़ भूमि नंदनी चूना पत्थर खदान के लिए भारत सरकार ने अधिग्रहण कर भिलाई इस्पात संयंत्र को दिया था उस भूमि कि कुछ भाग भिलाई इस्पात संयंत्र को यूज़ नहीं होने के कारण वर्ष 1997 में नगर पंचायत अहिवारा को पंजीकृत बयाना कर हस्तांतरण किया गया अहिवारा नगर पालिका क्षेत्र की 337.40 एकड़ भूमि भिलाई इस्पात संयंत्र की नंदिनी नगर चुना पत्थर खदान की जरूरत के लिए हजारों एकड़ जमीन सरकार ने अधिग्रहण किया था जिसमें कुछ निजी भूमि एवं कुछ शासकीय भूमि था जिस समय खदान का निर्माण शुरू हुआ उस समय अहिवारा में अस्थाई टिन सेड बनाकर नंदिनी खदान के कर्मचारी रहते थे धीरे-धीरे खदान की कार्य विस्तार होने लगा फिर कर्मचारियों के लिए सुविधा युक्त मकान बना कार्यालय बना धीरे-धीरे सभी कर्मचारी नए मकान में शिफ्ट हो गए । जो पूरा टीन शेड चटाई सीट की एवं अन्य 337.40 एकड़ भूमि की अधिकतर एरिया धीरे-धीरे अवैध कब्जा होने लगा जब बीएसपी को इस भूमि की आवश्यकता नहीं था तो स्टील अथॉरिटी ने वर्ष 1997 में नगर पंचायत अहिवारा को पंजीकृत बनाकर 337. 40 एकड़ भूमि नगर पंचायत अहिवारा को दिया जिस समय नंदिनी खदान ने नगर पंचायत अहिवारा को भूमि दिया उस समय में बीएसपी अधिकारी द्वारा 195 अवैध कब्जा धारियों का झोपड़ी नुमा मकान बनाकर लोग रह रहे थे एवं 36 दुकानदारों की सूची नगर पंचायत अहिवारा को स्टील अथॉरिटी ने सौंपा था

वर्ष 1997 के बाद इस भूमि की मालिक नगर पंचायत अहिवारा जिला दुर्ग हो गया उसके बाद से अंधाधुन अवैध कब्जा का बेचना खरीदना शुरू हो गया आज यह स्थिति है कि मालवा की कीमत दुर्ग भिलाई शहर से कई गुना ज्यादा यहाँ खरीद बिक्री हो रही है नगर पालिका क्षेत्र में अवैध कब्जा कर मालवा के नाम पर लाखों रुपया में खरीद बिक्री का खेल चल रहा है सबसे आश्चर्य यह है कि नगर पालिका परिषद अहिवारा इस भूमि को हस्तांतरण किस नियम से कर रहे हैं यह सोचनीय विषय है नगरपालिका छोटे अवैध कब्जादार से हस्तांतरण कर बड़े अवैध कब्जादार बनाने का खेल चल रहा है

बड़े-बड़े रसूकदार झोपड़ी व डी पी सी बने को खरीद कर करोड़ों रुपया का मकान इस अवैध भूमि पर बना रहे हैं एवं नगरपालिका परिषद इस खेल में मालवा के नाम पर हस्तांतरण कर शासन को करोड़ों रुपया की चूना लगा रहे हैं एवं अवैध कब्जा धारियों को बकायदा फायदा पहुंचा रहे हैं जिसकी जांच करते हुए शासन छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता एवं नगरपालिका संपत्ति अधिनियम के अंतर्गत जांच करते हुए दोषी लोगों से क्षतिपूर्ति की वसूली की जाए।
जब-जब अहिवारा नगर पालिका की जमीन संबंधित चर्चा चलेगा तब तक प्रथम अहिवारा नगर पालिका अध्यक्ष रवि शंकर सिंह के कार्यकाल को जाना जाएगा जानते हैं इनसे इस संबंध में क्या करते हैं-:

जब हमने नगर पालिका अध्यक्ष थे तो कुछ दुकान कच्ची मकान बना हुआ था आए दिन बीएसपी के अधिकारियों तोड़फोड़ के लिए तंग करते थे इस संबंध को लेकर नगर के जनता मेरे पास आते थे बताते थे भैया जी बीएसपी के अधिकारी तोड़ने आने वाले हैं तो मैंने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए मध्य प्रदेश शासन के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी माध्यम से मैंने चर्चा की माननीय मुख्यमंत्री जी से मेरे अच्छे संबंध थे इस नाते उन्होंने भी इस विषय पर मदद की और हमने 337.40 हेक्टेयर भूमि को जनता को हित को देखते हुए नगर पालिका अहिवारा के नाम पर पंजीकृत बैनामा कराया। हमारे कार्यकाल के बाद कितने लोग नगर पालिका में आए और अपने अपने ढंग से चलाएं इस विषय पर हमने कुछ नहीं कहना चाहते जनता सब देख रही हैं और जान रही हैं