जल संसाधन मे 90 लाख 72 हजार रुपए की कूट रचित कर फर्जी टीडीआर निकलने वाले ठेकेदार मेसर्स ए पी निर्माण लिमिटेड रायपुर पर FIR दर्ज

by Umesh Paswan

छत्तीसगढ़ शासन जल संसाधन विभाग के अधीन ठेकेदार मेसर्स एम पी निर्माण लिमिटेड रायपुर द्वारा नहर लाइनिंग का कार्य की एवज में विभाग में जमा की गई सुरक्षा निधि राशि टीडीआर ,(ईएमटी ) कुल 90 लाख 72 हजार 950 रुपयों को कूट रचित फर्जी टीडीआर एफडीआर विभाग में जमा करने के पश्चात उसे आहरित कर लेने का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है ठेकेदार ने पहले तो टीडीआर की रंगीन फोटो कॉपी तत्कालीन कार्यपालन अभियंता से मिलीभगत से विभाग में जमा कराया बाद में वास्तविक टीटीआर कि उक्त राशि रायपुर स्थित एक राष्ट्रीय बैंक के शाखा से अपने चालू खाते में हस्तांतरित कर विभाग को क्षति पहुंचाया गया है पूरे मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब अगस्त 2019 में नए कार्यपालन अभियंता ने कार्यभार ग्रहण किया और ठेकेदार द्वारा अधूरे छोड़े गए कार्य को पूर्ण करने विभाग की ओर से नोटिस जारी किया गया परंतु ठेकेदार द्वारा रुचि नहीं लेने पर ईई ने टीडीआर की राशि को नगदी करण कि करवाई हेतु बैंक प्रबंधक को पत्र लिखा इस पर बैंक प्रबंधक द्वारा जमा की गई टीडीआर के रंगीन फोटो कापी होने कि जानकारी दी जिसके बाद कार्यपालन अभियंता ने कोतवाली बलौदा बाजार में मामले की शिकायत करते हुए मामले में 420 का अपराध दर्ज कराया

जानकारी के अनुसार मेसर्स ए पी निर्माण लिमिटेड शंकर नगर रायपुर का जल संसाधन संभाग में तीन अनुबंध था जिसके अंतर्गत बलौदा बाजार शाखा नहर में दो कार्य महानदी मुख्य नहर में एक कार्य का अनुबंध हुआ था जिसमें से बलौदा बाजार शाखा नहर का एक व महानदी मुख्य नहर के कार्य को ठेकेदार द्वारा पूर्ण कर लिया गया इसमें 17 डीएल बलौदा बाजार की शाखा नहर का कार्य अपूर्ण ही है जिसमें दो पूर्ण कार्यों की अमानत राशि 3,60,000 रुपया व 3,45,000 रुपये सुरक्षा निधि 29.79 लाख ,35.87 लाख रुपये थे जबकि बलौदा बाज़ार शाखा नहर का ठेका करीब 10.30 करोड़ का था इस हेतु अमानत राशि 4,78,000रुपया सुरक्षा निधि 24,92,000रुपये थी इस कार्य के अपूर्ण होने के बावजूद संबंधित कार्य के ठेकेदार द्वारा सुरक्षा निधि की राशि कुल 90 लाख 72हज़ार 356 रुपये को भारतीय स्टेट बैंक वीआईपी शाखा खमारडीह रायपुर में एक एफडीआर नवंबर 2017 में तथा 5 एफडीआर अक्टूबर 2018 में जमा कर पूरी राशि अपने चालू खाते में ट्रांसफर करा लिया गया

इस बीच विभाग को पता तक नहीं लगी

जब तक तत्कालीन कार्यपालन अभियंता एस दीक्षित बलौदा बाजार में पदस्थ थे रसूखदार ठेकेदार के कृत्य की भनक तक किसी को नहीं लगी परंतु अगस्त 2019 में कार्यपालन अभियंता बीपी सिंह के पदस्थ होने के बाद मामला उस वक्त उजागर हुआ जब श्री सिंह ने अपूर्ण कार्य के एवज में शासकीय प्रक्रिया के अनुसार अनुबंध क्रमांक 15 डीएल के 3 एफडीआर को राजसात कर भारतीय स्टेट बैंक वीआईपी शाखा खमारडीह को विभाग के ठेकेदार द्वारा जमा ड्राफ्ट को भुगतान हेतु भेजा तब बैंक द्वारा जानकारी दी गई कि केवल 36 लाख 69000 रुपये ही बैंक में जमा है शेष दो सुरक्षा निधि की राशि एफडीआर की प्रस्तुत कापी जो ठेकेदार द्वारा जल संसाधन विभाग बलौदा बाजार में जमा कराया गया था वह एफडीआर की रंगीन फोटो काफी थी यह राशि ठेकेदार द्वारा एफडीआर की मूल प्रति से अक्टूबर 2018 में ही अपने खाते में ट्रांसफर करा लिया गया था

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