छत्तीसगढ़ सरकार के पास अन्य राज्यों में पलायन करने वाले प्रवासी मजदूरों का वास्तविक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कोरोना काल में करीब तीन लाख प्रवासी मजदूरों के छत्तीसगढ़ लौटने के बाद ही पता चला रहा है कि इतनी बड़ी संख्या में राज्य से मजदूरों का पलायन हुआ था जबकि राज्य से पलायन करने वाले मजदूरों की जानकारी रखने की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा श्रम विभाग की है ग्राम पंचायतों में भी पलायन करने वाले मजदूरों की जानकारी संधारित किए जाने का प्रावधान है लेकिन उसका भी पालन नहीं किया जा रहा

आधिकारीक जानकारी के मुताबिक देश के विभिन्न हिस्सों से छत्तीसगढ़ लौटे प्रवासी श्रमिकों के लिए प्रदेश भर में 20 से अधिक क्वाराइटाइन सेंटर बनाए गए हैं इन सेंटरों में तीन लाख 48 हजार प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों को रखा गया है इसके अलावा अभी करीब एक लाख 70 हजार प्रवासी मजदूरों की छत्तीसगढ़ वापसी अनुमानित है इस तरह छत्तीसगढ़ से करीब 5लाख मजदूरों ने पलायन किया था राज्य शासन द्वारा विशेष श्रमिक ट्रेनों बसों व अन्य माध्यमों से अभी तक 2 .63 हजार से अधिक श्रमिक तथा अन्य यात्री छत्तीसगढ़ लौट चुके प्रवासी मजदूरों के आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं अन्य राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले इन प्रवासी मजदूरों के लिए रोजगार आदि की व्यवस्था करने के लिए सरकार को मकसद करनी पड़ रही है मजदूरों को अन्य राज्यों में ले जाने पर लाइसेंस कि जरूरी है अंतरराष्ट्रीय प्रवासी कर्मकार अधिनियम 1989 के तहत कोई भी पांच या 5 से अधिक श्रमिक प्रदेश से बाहर अन्य राज्यों में कार्य करवाने के लिए दे जाता है तो उसे अधिनियम के तहत लाइसेंस लेना जरूरी है अनुज्ञप्ति लेते समय ठेकेदार द्वारा श्रम विभाग में अन्य राज्यों में ले जाने वाले श्रमिक का संपूर्ण विवरण जैसे नाम, पिता या पति का नाम ,ग्राम, जिला का नाम ,आयु के साथ कि जिस राज्य में में श्रमिकों को कार्य के लिए ले जाया जा रहा है वहां के नियोजक का नाम पता कार्य का स्वरूप कार्य अवधि आगे का विवरण भी देना आवश्यक है
अवैध तरीके से होता है पलायन इस पर श्रम विभाग जानकारी नहीं जुटा पाई
श्रम विभाग के सचिव व आयुक्त सोनमणि वोरा का कहना है कि अधिनियम के अनुसार ठेकेदार द्वारा मजदूरों को अन्य राज्यों में कार्य करवाने के लिए ले जाने पर लाइसेंस लिया जाना आवश्यक है लेकिन अधिकांश मामलों में ठेकेदार द्वारा लाइसेंस नहीं लिया जाता है और अवैध तरीके से मजदूरों को ले जाया जाता है कुछ मजदूर अपनी मर्जी से भी रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों में जाते हैं अनेक प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों में काफी पहले से गए थे कोरोना काल में जिन प्रवासी मजदूरों की वापसी हो रही है उनमें से वह मजदूर भी शामिल है
पंचायत व ग्रामीण विभाग के प्रमुख सचिव गौरव द्विवेदी के मुताबिक छत्तीसगढ़ से काम की तलाश में अन्य राज्यों में पलायन करने वाले मजदूरों की जानकारी पंचायत विभाग के पास नहीं है कोरोना वायरस रोक थाम के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे करीब ढाई लाख प्रवासी मजदूरों व अन्य की छत्तीसगढ़ वापसी हो चुकी है अभी करीब डेढ़ लाख मजदूरों की वापसी होना और अनुमानित है