छत्तीसगढ़ में इस बार सरकार ने रिकार्ड 83 लाख मीट्रिक टन से अधिक धन की खरीद की है। इतने धान से 56.51 लाख मीट्रिक टन चावल तैयार होगा। इसमें से केवल 49.40 लाख टन चावल के ही उपयोग का प्लान सरकार के पास है। राज्य के पास 7.11 लाख मीट्रिक टन चावल अतिरिक्त है। यानी करीब 10.47 लाख मीट्रिक टन धान बचेगा। इसकी वजह से राज्य के खजाने पर 1500 करोड़ का भार पड़ेगा। कोरोना संकट के दौर में इतना बड़ा आर्थिक बोझ सरकार पर भारी पड़ सकता है। इसी वजह से राज्य सरकार चाहती है कि यह अतिरिक्त चावल केंद्र सरकार ले ले।
धान खरीद का भुगतान करती है केंद्र सरकार
अफसरों के अनुसार राज्य सरकार समर्थन मूल्य पर धान की खरीद सरकार की एजेंसी के रूप में करती है। राज्य सरकार कर्ज लेकर किसानों को धान की कीमत देती है। बाद में वह राशि धीरे धीरे केंद्र सरकार दे देती है। इसमें भी एक पेच है, केंद्र सरकार उतनी ही राशि का भुगतान करती है, जितने की अनुमति वह देती है। इस बार केंद्र सरकार राज्य को 73.20 लाख मीट्रिक टन धान की राशि देगी। वजह यह है कि केंद्र सरकार ने केवल 24 लाख मीट्रिक टन चावल ही केंद्रीय पूल में लेने की सहमति दी है। वहीं 15.48 लाख केंद्रीय व 9.92 लाख मीट्रिक टन राज्य कोटा समेत कुल 25.40 लाख मीट्रिक टन चावल राज्य के पीडीएस का शामिल है।
पहले ही प्रति क्विंटल 685 स्र्पये का भार
राज्य सरकार पर 685 स्र्पये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त भार है। धान का समर्थन मूल्य 1835 (पतला) और 1815 (मोटा) तय है। इर राज्य सरकार ने 25 सौ स्र्पये प्रति क्विंटल देने का वादा किया है। यह अंतर की राशि राज्य सरकार अपने खजाने से किसानों को देगी।
राज्य सरकार इस अतिरिक्त धान को केंद्रीय कोटे में लेने का आग्रह बार- बार केंद्र सरकार से कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसको लेकर प्रानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता कल्याण मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिख चुके हैं। सीएम का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के इस दौर में देश में चावल की आवश्यता बढ़ गई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार को राज्य को 31.11 लाख मीट्रिक टन चावल केंद्रीय कोटे में जमा करने की अनुमति दे देनी चाहिए।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखा था छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से करीब 31.11 लाख मैट्रिक टन चावल केंद्रीय कोटे में जमा करने की अनुमति मांगी थी जिसको कोरोना संकट को देखते हुए केंद्र ने अब 28 मेट्रिक टन चावल लेगा।

छत्तीसगढ़ में अब 28 लाख मैट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में दिया जाएगा इसके पहले केंद्र सरकार ने केंद्रीय पूल में केवल 24 लाख मैट्रिक टन चावल लेने की अनुमति प्रदान की थी खाद्द मंत्री अमरजीत भगत बताया कि राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्र सरकार ने केंद्रीय पूल में चावल जमा का कोटा चार लाख मैट्रिक टन और बढ़ाया है गौर मतलब है कि छत्तीसगढ़ में चालू खरीफ विपणन वर्ष में किसानों से समर्थन मूल्य पर करीब 83 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी की गई है
उपार्जित धान से करीब 56 लाख मैट्रिक टन चावल तैयार होगा इसमें से करीब 49 लाख मैट्रिक टन चावल का उपयोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य योजनाओं के तहत होगा बाकी अतिरिक्त चावल को केंद्रीय पूल में लेने का आग्रह छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से लगातार किया जा रहा था ताकि राज्य सरकार को वित्तीय भार न उठाना पड़े इस संबंध में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान को पत्र भी लिखा था छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्र सरकार से करीब 31.11 लाख मैट्रिक टन चावल केंद्रीय कोटे में जमा करने की अनुमति मांगी थी