दिनांक 03/08/2018/के आदेश मे स्पष्ट उल्लेख है ये पदनाम प्राप्त सहायक अभियता , नियमित रूप से भर्ति नियमों के अनुसार पदोन्नत तथा सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक अभियताओ के समकक्ष एव उनका कार्यभार विभागीय कार्य नियमावली अनुसार नही दिया जा सकता।
छग जल संसाधन विभाग में सहायक अभियंता के 404 पद स्वीकृत है जिसमें से मात्र 27% सीधी भर्ति से ग्रेजुएट उपाधि प्राध अभियन्ताओ से भरे जाने है शेष़ 73% डिप्लोमा धारी उप अमियताओ कि पदोन्नति द्वारा भे जाने का प्रावधान है। विभाग मे डिप्लेमा धारी उप अभियन्ताओ२ ने प्रत्येक वर्ष पदोन्नति द्वारा ये पद भरे जाते है। इसके उपरान्त भी पूर्ववर्ती सरकार द्वारा राजनैतिक कारणो से उप आमियन्ताओ को अलग से दिनाक 3 अगस्त2018 को आदेश जारी कर इन्हे सहायक अभियता का पदनाम देने का निर्णय लेते हुए यह उद् ध्रत किया कि वे उप अभियन्ता का कार्य ही करेगे तथा उसी स्थान पर बने रहेगे I उप अभियन्ता कि वरिष्ठता सूचि मे नाम यथावत बना रहेगा तथा सहायक अभियता के स्वीकृत नियमित पद मे से रिक्त होने पर उनकी पदोन्नति सहायक अभियता के नियमित पद पर वरिष्ठता सूचि के अनुसार पदोन्नति की जावेगी।
इस प्रकार उपरोक्त आदेशानुसा जल संसाधन विभाग द्वारा दिनाक…. को 316 उप अभियताओ को सहायक अभियंता का मात्र पदनाम दिया गया। तथा उनसे उपअभियता का कार्य करने का निर्देशित किया गया।
अतः ये पदनाम प्राप्त सहायक अभियता , नियमित रूप से भर्ति नियमों के अनुसार पदोन्नत तथा सीधी भर्ती से नियुक्त सहायक अभियताओ के समकक्ष एव उनका कार्यभार विभागीय कार्य नियमावली अनुसार नही दिया जा सकता।
विभाग के कई उप अभियता अन्य विभागो आर इ एस , पचायत, प्र. ग़ा स़ यो. मे प्रतिनियुकत हुए है । उन्हे वहा सहायक अभि तथा कार्यपालन अभियनता का प्रभार दिया जा रहा है जो आदेश के विपरित तो है ही एक वर्ग तीन के कर्मचारी को वर्ग एक का अदिकारी बना देना व चेक बुक दे देना वित्तिय नियमो का भी उल्लघंन है।
अतः शासन तत्का ल संज्ञान ले तत्सम्बन्ध मे तर्क पूर्ण व दस्तावेज सही त एक उदाहरण श्री आर बी सोनी उप अभि. काप्रस्तुत है