छत्तीसगढ़ सरकार की आपत्ति के बाद भी केंद्र सरकार हसदेव अरण्य और मांड क्षेत्र की कोयला खदानों की नीलामी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार फिर आमने-सामने आ गए हैं राज्य सरकार की आपत्ति के बाद भी कोयला मंत्रालय ने गुरुवार को नीलामी वाले इस 40 कोल ब्लॉक का विवरण जारी किया है इसमें छत्तीसगढ़ के 8 कोल ब्लॉक पहले की तरह मौजूद है
बता दें कि इससे पहले केंद्रीय कोयला मंत्री पहलाद जोशी ने कहा था राज्य सरकार की आपत्ति के बाद छत्तीसगढ़ के सॉन्ग, मदन पुर नार्थ, मोरगा साउथ ,और मोरगा टू कोल ब्लॉक की नीलामी सूची से बाहर कर दिया है महाराष्ट्र की भी एक कोयला खदान की सूची से बाहर रखने की बात कही थी गुरुवार को जारी सूची में मांड क्षेत्र की फतेहपुर ईस्ट, गारे पेल्लमा 4/ 1, गारे पेल्लमा 4/ 7, सॉन्ग हसदेव क्षेत्र के मदनपुर नार्थ ,मोरगा 2,बिश्रामपुर क्षेत्र की शंकरपुर भटगांव 2 एक्सटेंशन और तातापानी रामकोला क्षेत्र की सोंधिया खदान का तकनीकी विवरण मौजूद है।
नीलामी से बाहर इस क्षेत्र को इसलिए किया जा रहा है कि 1995 वर्ग किलोमीटर में लेमरू हाथी रिजर्व है।

राज्य सरकार ने आपत्ति वाले पत्र में लिखा था छत्तीसगढ़ राज्य का मध्य उत्तरी क्षेत्र घने वनों से अच्छादित है इस पूरे क्षेत्र में कोयले का भी भंडार है वर्तमान में यहां केंद्रीय राज्य एवं निजी संसाधनों को आवंटित कई खदानों में खनन जारी है इसी क्षेत्र में मौजूद हसदेव एंड माड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र में भी कोल ब्लॉकों की नीलामी प्रस्तावित है इससे लगे 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में लेमरू हाथी रिजर्व प्रस्तावित अधिसूचना निकलने वाली है राज्य में वनों एवं पर्यावरण की सुरक्षा तथा भविष्य में मानव हाथी दुष्प्रभाव की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए उस क्षेत्र में खनन गतिविधियों पर रोक अत्यंत आवश्यक।