भिलाई नगर निगम की वार्ड परिसीमन पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायरकर्ता कांग्रेसी नेता अली हुसैन सिद्दीकी ने कटाक्ष करते हुए बीजेपी के पूर्व नेता प्रतिपक्ष ,पूर्व पार्षद पार्षद और कार्यकर्ता के बयान को उल झलूल बयानबाजी करार दिया और उन्होंने बताया कि परिसीमन गलत या सही हुवा उससे इन्हें कोई लेना देना नही है वो सिर्फ अपने वार्ड को अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होता देख विचलिय हो गए है और जबरन ही महापौर जी राजस्व प्रभारी और राजस्व अधिकारी के ऊपर अपनी झल्लाहट उतार रहे है जिसमे सबसे पहला नाम संजय दानी जी है जिन्हें ये भी पता नही है कि वार्डो का परिसीमन सन 2011 जनगणना के जनसंख्या के हिसाब से हुवा है न कि मतदाता संख्या के हिसाब से और जनगणना ब्लाक के हिसाब क्षेत्र काटकर होता है न कि मतदाता बूथ क्षेत्र के हिसाब से!उन्हें वार्ड 69 और 70 को मिलाकर एक बड़ा वार्ड बनने से अधिनियम का उल्लंघन नही दिखता लेकिन वही 3 वार्ड 68,69,70 को मिलाकर 2 समानुपात में वार्ड बनाया गया है तो उन्हें गलत लग रहा है, लेकिन उनको कौन समझाए क्यों कि वो तो वरिष्ट पार्षद और पूर्व नेता प्रतिपक्ष रह चुके है,उन्हें नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धाराओं का अवलोकन करना चाहिए उन्हें तो अपने क्षेत्र को हॉस्पिटल सेक्टर 9 से अलग करना है क्यों कि हास्पिटल सेक्टर 9 अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित होता रहा है इस लिये वह अब जागे है उनके कहे अनुसार हास्पिटल सेक्टर 9 स्टिल सिटी का क्षेत्र और हुडको सेक्टर निगम का क्षेत्र है लेकिन उनको पता होना चाहिए कि सभी 70 वार्ड नगर निगम भिलाई का क्षेत्र है टेक्स कहीं भी दो वो निगम को ही प्राप्त होगा ,जब समय दिया गया था जिला प्रशासन के तरफ से दावा आपत्ति का तब वो और उनके साथी बीजेपी के नेता गहरी चिरनिंद्रा में थे क्या? इस डर से भयभीत होकर की उनका वार्ड आरक्षित हो सकता है तो अब उनके साथ पूर्व बीजेपी पार्षद आर. जे.सिंह और बीजेपी के कार्यकर्ता मदन सेन,भागचंद जैन,जयप्रकाश यादव और राजकुमार गुप्ता व अन्य बीजेपी के नेता व कार्यकर्ता भी विचलित हो गए है और निगम प्रशासन और जिला प्रशासन के खिलाफ गलत बयानबाजी कर रहे है !
अली हुसैन सिद्दीकी बताते है कि वो भिलाई के वार्ड परिसीमन के खिलाफ 2014 से लड़ाई लड़ रहे है,2014 के परिसीमन पर दावा आपत्ति भी किये सुनवाई नही होने पर हाई कोर्ट में जनहित याचिका 25 अगस्त 2015 में दायर किये की वार्डो की जनसंख्या समानुपात में हो लेकिन बीजेपी की सरकार ने और जिला प्रशासन ने अपना- अपना जवाब प्रस्तुत नही किये हाई कोर्ट में इस कारण समय बीतता गया और आचार संहिता लागू हो गया और दिसंबर 2015 में चुनाव भी हो गया चुनाव के बाद बहुत चक्कर काटने के पर 18 अप्रेल 2017 में याचिकाकर्ता के पक्ष में निर्णय आया की नियमानुसार समय समय मे परिवर्तित नियम अधिनियम का पालन करते हुऐ वार्डो का परिसीमन किया जाए! इस निर्णय के पहले ही बीजेपी की रमन सरकार ने 25 नवंबर 2014 को अधिनियम के नियम में संशोधन करते हुए,सभी वार्डो में समनानुपत में 15 प्रतिशत कम या ज्यादा जनसंख्या के नियम को संशोधित कर ,सभी वार्डो की जनसंख्या यथासाध्य जितना सम्भव हो एक समान रूप से कर दिया! जिस कारण 2014 में और अब 2020 में जितना सम्भव है उतना समनानुपत में परिसीमन किया गया है जिस प्रकार 2014 में वार्ड 1 जुनवानी,वार्ड 8 फरीद नगर और वार्ड 63 रिसाली का परिसीमन किया गया था,और राज्य के सभी नगरीय निकायों का परिसीमन उसी आदेश के तहत उसी नियम के अनुसार हुवा है उसी प्रकार अब 2020 में भिलाई का वार्ड परिसीमन किया गया है जो नियमतः सही है!
धन्यवाद
भवदीय
अली हुसैन सिद्दीकी
सुपेला भिलाई
9329110071