गौठान ग्राम बहेराडीह में 55 पशुपालकों का किया गया पंजीयन। 20 जुलाई को जिला पंचायत उपाध्यक्ष ने किया गोधन न्याय योजना का शुभारंभ। बहेराडीह। फोटो। राज्य सरकार के निर्देश पर बलौदा ब्लॉक के जाटा पंचायत के आश्रित ग्राम बहेराडीह के भुवनेश्वरी स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोधन न्याय योजना के तहत गोबर ख़रीदी को लेकर डोर टू डोर अर्थात घर घर जाकर 55 पशुपालको का पंजीयन किया है। इस योजना का शुभारंभ विगत 20 जुलाई को जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह ने किया है। इस संबंध में राष्ट्रीय ग्रामीण आजिविका मिशन जय बिहान से संबद्ध भुवनेश्वरी स्व सहायता समूह के अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा यादव व सचिव श्रीमती अमरीका यादव ने बताया कि गौठान ग्राम बहेराडीह जो कि बलौदा जनपद उपाध्यक्ष श्रीमती नम्रता राघवेंद्र नामदेव का गोद ग्राम है। और इस गौठान को रेस्टोरेशन फाउंडेशन के सीईओ जे बसवराज के मार्गदर्शन पर जिला प्रशासन के मदद से ब्लॉक स्तर पर नहीं बल्कि जिले में इस गौठान को आदर्श गौठान के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विगत 20 जुलाई को जिला पंचायत के उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह ने यहाँ गोधन न्याय योजना का शुभारंभ किया है। इस दौरान कलेक्टर यसवंत कुमार जिला पंचायत सीईओ तीर्थराज अग्रवाल व बलौदा जनपद सीईओ श्रीमती नेहा सिंह के मार्गदर्शन में 55 पशुपालकों का पंजीयन गोबर खरीदी के किया गया है।। सर्वे दल में पुष्पा यादव समेत अमरीका यादव सुमित्रा यादव पार्वती यादव शकुन यादव फुलवारा यादव पुष्पा नीरा यादव राजकुमारी यादव सुमित्रा कंवर आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। ।।। बॉक्स।।। प्रत्येक पशुपालको के यहाँ बनता है जैविक खाद।। जिला प्रशासन के साथ मिलकर नरवा गरुआ घुरवा और बारी योजना के सफल क्रियान्वयन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे रेस्टोरेशन फाउंडेशन के सीईओ जे बसवराज व सचिव दीनदयाल यादव ने बताया कि जिले में यह एक मात्र ऐसा गांव है। जहाँ के प्रत्येक पशुपालक अपने खेती बारी के लिए सालों से जैविक खाद बनाने का काम कर रहे हैं। वहीं जैविक खाद के साथ साथ केचुआ पालन भी यहाँ के किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया बन गया है। उन्होंने बताया कि जिले में बन रहे प्रत्येक गौठानो में अन्य जिले से केचुआ खरीदने के बजाय राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जय बिहान व कृषि विभाग के आत्मा से संबद्ध यहाँ के समूह से खरीदने की मांग रेस्टोरेशन फाउंडेशन ने शासन प्रशासन से की है। उल्लेखनीय है कि यहाँ पर प्रत्येक ग्रामीण अपने बारी में अपने परिवार के लिए जो सब्जी फल फूल ऊगा रहे हैं। वह बिल्कुल जैविक पद्धति और परम्परागत तरीके से तैयार कर रहे हैं।इस गांव को जैविक कृषि के रूप में विकसित करने में कृषि विज्ञान केंद्र के पूर्व वैज्ञानिक खेमा दास महंत और किसानों के समर्पित इफको की महत्वपूर्ण योगदान है। जिन्होंने यहाँ पर न सिर्फ मिट्टी परीक्षण के लिए भोपाल मध्यप्रदेश से चलित मिट्टी परीक्षण यान भेजा। बल्कि उत्तर प्रदेश स्थित फूलपुर में यहाँ दर्जनों किसानों को जैविक कृषि का प्रशिक्षण भी दिया गया है। जिसमें महिला कृषकों को इफको के संभागीय अधिकारी नवीन कुमार तिवारी और लाल बहादुर ने प्रमुख रूप से शामिल किया है। ।बॉक्स।।।।। आधे से अधिक पशुपालक नहीं बेचेंगे गोबर।।। खेती चाहे धान्य वर्गीय फसलो की हो या फिर दलहनी तिलहनी सब्जी फल फूल की हो। खेती बारी में गोबर और पशुधन महत्व क्या है। यहाँ के किसान अच्छी तरह से समझते हैं। इसलिए यहाँ के अधिकतर किसानो का कहना है कि हम गोबर नहीं बचेंगे। चाहे सरकार प्रति किलो गोबर की कीमत दो रुपये क्या पचास रुपये भी निर्धारित क्यों न करें। चूंकि गोबर अर्थात पशुधन के बिना अच्छी खेती की कल्पना भी हम नहीं कर सकते। उल्लेखनीय है कि यहाँ के किसान गोबर का उपयोग बायोगैस सयंत्र में इस्तेमाल करने के साथ साथ कंडे बनाकर ईंधन के रूप में उपयोग कर रहे हैं और कंडे को ईंधन के रूप जलने के बाद उसके राख को गोमूत्र मिलाकर पोटाश बनाकर अपने खेती के साथ साथ दस रुपये किलो बायोगैस के गोबर के सूखे स्लरी को पच्चीस रुपए किलो केचुआ खाद को दस रुपये और नाडेप खाद को आठ रुपये ट्राइकोडर्मा युक्त वर्मीकम्पोस्ट को बीस रुपये प्रति किलो की दर से बाजार में बेचकर अच्छी आमदनी यहाँ के किसान ले रहे हैं। इसलिए यहाँ के अधिकतर किसानों ने सरकार को गोबर बेचने से इंकार कर दिया है। ।।।बॉक्स।। मुख्यमंत्री के सलाहकार और कमिश्नर को दी गई जानकारी।। सरकार के मंशानुरूप गौठान को आर्थिक समृद्धि का आधार बने। इसके लिए एक ओर जहां बलौदा जनपद की उपाध्यक्ष श्रीमती नामदेव ने इस गांव को गोद लेकर जिले में आदर्श गौठान बनाने के लिए संकल्प ली है। वहीँ यहाँ के ग्रामीणों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यहाँ के ग्रामीणों को जागरूक करने की दिशा में काम कर रहे समाजसेवी श्री बसवराज ने यहाँ की गतिविधियों से मुख्यमंत्री के इस प्रोजेक्ट के सलाहकार और कमिश्नर बिलासपुर को अवगत कराते हुए यहाँ आने का आग्रह किया है।। ।।। बॉक्स।।। योजना के बखिया उधेड़ने में लगे हैं कुछेक अधिकारी।। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नरवा गरुआ घुरवा और बारी की इस इस योजना को बलौदा ब्लॉक में कुछ ऐसे भी अधिकारी हैं। जिन्होंने न सिर्फ इस योजना का मजाक उड़ाया जा रहा है। बल्कि इस योजना का बखिया उधेड़ने में लगे हैं। ऐसे लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही करने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि जाटा पंचायत अंतर्गत आश्रित ग्राम बहेराडीह पूर्व कलेक्टर नीरज कुमार बंसोड़ और पूर्व कमिश्नर टी सी महावर जो कि जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन की तैयारी और प्रशासन की ओर से यहाँ के समूह द्वारा प्रधानमंत्री के लिए तैयार की जा रही केले के तने से निर्मित जैकेट को अवलोकन करने पहुंचे थे। तब यहाँ के ग्रामीणों ने गौठान की मांग की। उस बीच कलेक्टर ने तत्काल स्वीकृति दी थी। मगर बलौदा ब्लॉक के कुछ अधिकारियों ने जनपद के माध्यम से जिला पंचायत सीईओ को यह जानकारी देते हुए अपना पल्ला झाड़ लिया कि गौठान और चारागाह के लिए जगह बिल्कुल छोटे तथा तकनीक समस्या आने का उल्लेख कर गलत जानकारी भेजी गई। जिसका बहेराडीह वासियों ने विरोध करते हुए जिला पंचायत सीईओ के पास पहुँचकर सच्चाई से अवगत कराया। जिस पर अधिकारियों के कार्यशैली से नाराज जिला पंचायत सीईओ श्री अग्रवाल ने बहेराडीह पहुंचकर किसानों से मुलाकात किया और गौठान की तत्काल स्वीकृति देते हुए संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई और दूसरे दिन गौठान का काम शुरू हुआ। जिला पंचायत सीईओ के सामने शिकायत करने की बात से बलौदा ब्लॉक के कुछेक अधिकारी आज भी नाराजगी ब्यक्त कर रहे हैं और यहाँ काम में हमेशा रोड़ा बन रहे हैं। ऐसे अधिकारी की लिखित रूप में शिकायत अब कलेक्टर कमिश्नर राज्यपाल मुख्यमंत्री प्रभारी मंत्री विधानसभा अध्यक्ष सांसद और विधायक जिला पंचायत अध्यक्ष जनपद अध्यक्ष से करने की बात कहा है। फिलहाल जगह छोटे होने का हवाला देने वाले नरेगा के इंजीनियर द्वारा दो के बजाय एक सीपीटी कराने से स्व सहायता समूह को नुकसान होने से उनके प्रति आक्रोश व्याप्त है। जिसे देखते हुए दूसरा सीपीटी का काम शुरू किया गया है।
गोबर खरीदी को लेकर समूह की महिलाओं ने किया डोर टू डोर सर्वे।
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