वर्तमान मानव सभ्यता अथवा समाज की तमाम समस्या का मूल कारण है लगातार घटते देशी गौवंश की संख्या। 1947 में 130 करोड़ गौवंश थे तब भारत में मनुष्य की आबादी 32 करोड़ थी, आज 135 करोड़ है। अर्थात प्रतिव्यक्ति औसतन 4 गाय हुआ करती थी। आज भारतीय गौवंशों की संख्या आष्चर्यजनक रूप से घटकर मात्र 8 करोड़ रह गई है। गाय किसान पालता है, सडयंत्र के तहत पूरे तंत्र ने किसान को गौपालन और गौकृषि से विमुख करने हेतु कृषि में रासायनिक खाद का चलन लाया। आज ज्यादातर भारतीय किसान पूर्णतः रासायनिक कृषि कर रहे हैं और गौपालन का पूर्णतः त्याग कर चुके हैं।
सीधा सरल उपाय यही है कि गौ आधारित जीवनशैली को अपनाएं, गौ आधारित व्यवसाय करें, गौ आधारित अर्थव्यवस्था खड़ी करें, पूर्ण स्वदेशी उत्पादों का उपभोग करें, ऑनलाइन, बड़े मॉल, विदेशी ब्राण्ड का त्याग करें। गाय की रक्षा किसान और किसान की रक्षा गाय करती है, जब गौमूत्र और गोवर बिकेगा तब जाकर पूर्ण स्वराज का सपना साकार होगा। श्रेस्ट गौ पंचगव्य अनुसंधान संस्था, अमलेश्वर रायपुर, छत्तीसगड़ द्वारा 2013 से इस महासंकल्प पर निरंतर जागरूकता कार्यक्रम छेत्र राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर किये जाते रहे हैं