के.पी.आर.मिल्स के मालिक के.पी.रामास्वामी के मिल मे 22000 वर्कर काम करते हैं लॉक डाउन मे एक भी वर्कर को कम से नही निकाले कोरोना काल का भी पेमेन्ट दिये।

by Umesh Paswan

स्वदेशी जागरण मंच अखिल भारतीय संयोजक सुंदरम जी ने यह जानकारी अर्थ एवं रोजगार सृजन सम्मान कर इन मिल मालिक को सम्मान की और इस मिल मालिक ने नहीं निकाला, अपने,
17500 वर्करों में से किसी एक को भी!
चार-पांच दिन पूर्व अपने अखिल भारतीय संयोजक सुंदरम जी ने मुझे फोन पर कहा “सतीश जी! हम तमिलनाडु में एक अर्थ एवं रोजगार सृजक सम्मान कार्यक्रम करने वाले हैं, जिसमें के.पी. रामास्वामी को भी सम्मानित करेंगे।”
मैंने पूछा “क्या है उनकी विशेषता, जो आप इतने उत्सुक दिख रहे हैं?”
उन्होंने बताया “रामास्वामी, तिरुपुर में के.पी.आर मिल्स के मालिक हैं और अंडरवियर बनियान बनाते हैं। भारत ही नहीं, दुनिया की बड़ी कंपनियां उन से माल बनवाती हैं। तिरुपुर और कोयंबटूर में उनकी 4 फैक्ट्रियां हैं जिनमें 22000 वर्कर काम करते हैं।”
मैंने कहा “तो लॉकडाउन में उन्होंने निकाला नहीं?”
वह बोले “यही तो खास बात है, एक को भी नहीं!”
मैंने आश्चर्य से पूछा “तो क्या किया उन्होंने?”
वे बोले 3 अगस्त की Indian Express में पूरी स्टोरी छपी है।
“रामास्वामी ने 17,500 हजार जो माइग्रेंट लेबर थी (4500 लोकल, निकट के अपने घर पर रहे) उसको अपनी फैक्ट्री के ही हॉस्टलों में ठहरने को कह दिया और कहा कि जब तक भी lock-down चलेगा तुम लोग चिंता मत करो, तुम्हारा सारा खाना पीना ठहरना, यहां तक की मोबाइल की चार्जिंग भी मेरी तरफ से फ्री।



रामास्वामी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में बताया “प्रति लेबर ₹13500 मासिक का उसका खर्चा आया और इस नाते से कुल 30 करोड रूपया, लगभग 2 महीने में खर्च हो गया। क्योंकि उसने एक भी आदमी की एक भी दिन की सैलरी भी नहीं काटी।”
जब पूछा “आपने इतना नुकसान क्यों सहन किया?”
उन्होंने कहा “मैंने दोनों बातें सोची। एक तो यह मेरी नैतिक जिम्मेवारी थी कि मैं इनको बेरोजगार ना करूं, आखिर मुझे इतना बड़ा बनाने में इन्ही लोगों का ही तो हाथ है। फिर मुझे यह भी था की लॉकडाउन के बाद मुझे भी स्किल्ड लेबर नहीं मिलेगी। जो भी हो मैंने कर्तव्य निभाया और फिर देश के प्रधानमंत्री ने अपील भी तो की थी कि किसी को नौकरी से ना निकालो।”
मैंने जब यह सब सुना तो मैंने कहा “अवश्य ही उनको सम्मानित करो और मैं भी, एक स्पेशल चिट्ठी लिखकर सेल्यूट करूंगा, ऐसे रोजगार प्रदाता को।”
इस कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 3250 करोड़ का है लेकिन बड़ी बात है, केपी रामा स्वामी जी ने लेबर के बारे में उच्च स्तरीय मानवीय दृष्टिकोण अपनाया। भारत ऐसे ही लोगों के सहारे चल रहा है, किन्हीं सरकारों के भरोसे नहीं~सतीश कुमार
नीचे: आज के नायक रोजगार प्रदाता केपीआर रामास्वामी और उनकी तिरुपुर की मिल यह जानकारी स्वदेशी जागरण मंच के प्रचारक सतीश कुमार जी अपने स्वदेशी चिट्ठी में दिए।

Related Posts

Leave a Comment