छत्तीसगढ़ के सभी बड़े शहरों में रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हो रखा है।

by Umesh Paswan

छत्तीसगढ़ हावड़ा मुंबई मुख्य रेल लाइन से जुड़ा हुआ है बस्तर संभाग के छोटे हिस्से को छोड़ दे तो पूरे राज्य का रेल नेटवर्किंग दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (एसईसीआ) जोन बिलासपुर में आता है राजधानी रायपुर समेत लगभग सभी बड़े शहर इस रेल लाइन के दोनों तरफ बसे हुए हैं ऐसे में रेलवे की जमीन का महत्व और कीमत दोनों बहुत ज्यादा है यही वजह है कि भूमाफिया से लेकर झुग्गी झोपरी के जरिए राजनीति करने वालों की नजर रेलवे की जमीन पर लगी रहती है ।रेलवे की अधिकृत रिपोर्ट के अनुसार कुल 43. 57 हेक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण है। इन अतिक्रमण की कई राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है तो वहीं कानूनी दाव पेच फंसा है।

एसईसीआ के पास कुल 24145 हेक्टेयर जमीन है 2006 के रिपोर्ट के अनुसार जोन के 52 हैक्टेयर जमीन पर अतिक्रमण था रेल अफसरों के अनुसार रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त कराने की लगातार कोशिश की जा रही है राज्य सरकार के सहयोग से व्यवस्थापन भी किया गया इसका असर भी हुआ है वर्ष 2018 में लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार बिलासपुर जोन में अवैध कब्जा खाली जमीन का रकबा 52 हैक्टेयर से 43. 57 हेक्टेयर रह गया है एसईसी रेलवे जोन क्षेत्र में करीब 3331 हैक्टेयर खाली जमीन है।

छत्तीसगढ़ राज्य सरकार के सहयोग से व्यवस्थापन भी किया गया है

रेलवे की जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए व्यवस्थापन की भी व्यवस्था की गई है ऐसे कई मामलों में राज्य शासन ने रेलवे की जमीन पर कब्जा करने वालों को मकान आवंटित किया है वर्ष 2016 जून में बालाजी चौक ,श्रीनगर रेलवे फाटक के समीप स्थित 31 झोपड़ियों को हटाकर 2.22 एकड़ जमीन को कब्जा मुक्त कराया था इसी सभी को बीएसयूपी के तहत मकान दिए गए थे।

रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए समय-समय पर अभियान चलाया जाता है इससे राज्य सरकार और जिला प्रशासन की भी मदद ली जाती है काफिर जमीन खाली भी कराया गया है और आगे भी कराया जाएगा।

संतोष सिंह प्रवक्ता दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे

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