दुर्ग । भारतीय जनता पार्टी दुर्ग जिला के पूर्व महामंत्री अजय तिवारी ने सांसद में पारित हुए कृषि क्षेत्र से जुड़े तीनों विधेयकों को लेकर कांग्रेस पर झूठ और भ्रम फैलाने का आरोप लगाते हुए तंज कसा है कि जो कांग्रेस सन 2019 चुनाव घोषणा पत्र में इसका वादा कर रही थी, आज उस कांग्रेस का विरोध समझ से परे है। भाजपा पूर्व जिला महामंत्री अजय तिवारी ने कहा कि ये तीनों ही विधेयक किसानों के हित में क्रांतिकारी रक्षाकवच सिद्ध होंगे। कांग्रेस की सारी बिलबिलाहट इसी बात पर है कि कृषि के क्षेत्र में अब बिचैलियों का रोल खत्म कर किसानों को सीधे लाभ पहुँचाने की दिशा में केंद्र की नरेन्द्र मोदी जी की सरकार काम कर रही है और देशभर के किसान अब बहुत-से अनचाहे बंधनों से मुक्त हो सकेंगे।
अजय तिवारी ने कहा कि लोकसभा और राज्यसभा में पारित तीनों अध्यादेशों में कहीं भी मंडी का ढाँचा खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य बंद करने को लेकर कोई बात नहीं की गई है। दोनों ही मुद्दों पर कांग्रेस गलत बयानबाजी कर रही है। न तो मंडियों को खत्म किया जा रहा है, और न ही सरकार न्यूनतम मूल्य दिलवाने से पीछे हट रही है। केंद्र सरकार ने स्पष्ट कहा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई समझौता नहीं होगा। उसके लिये सरकार वचनबद्ध है। श्री तिवारी ने कहा कि दूसरा यह झूठ बोलकर कांग्रेस किसानों के मन में यह कपोल-कल्पित डर पैदा कर रही है कि बड़ी कंपनियाँ उनकी भूमि हड़प लेंगी। यह आशंका भी निर्मूल है क्योंकि कंपनियों का किसान से एग्रीमेंट फार्मिंग का जो समझौता होगा, वह केवल इतना ही होगा कि उद्योगपति आवश्यकतानुसार फसल लेने के लिए किसान से एग्रीमेंट करेगा और उपज का मूल्य उसी समय तय हो जाएगा। उद्योगपति किसान को वे सारी मूलभूत सुविधाएँ देगा जो उसे आधुनिक कृषि के लिये जरूरी है, जमीन का मालिक तो मूल किसान ही रहेगा। श्री अजय तिवारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस पार्टी से पूछा कि कहीं प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर झूठ और भ्रम का रायता फैलाकर आने वाले दिनों में किसानों के साथ किसी नए छलावे की पृष्ठभूमि तो तैयार नहीं कर रही है? भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि जिस स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लेकर मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस नेता गाहे-बगाहे शोर मचाते रहते हैं, केंद्र सरकार द्वारा सांसद में पारित तीनों विधेयक उसी रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए गए हैं।
अजय तिवारी ने कहा कि दगाबाजी और वादाखिलाफी करके किसानों को खून के आँसू रुलाने वाली कांग्रेस दरअसल अपने अपराध-बोध के बोझ से दबी हुई है और अब गलत तथ्यों के साथ बयानबाजी करके अपने राजनीतिक पाखंड को ढँकने की नाकाम कोशिश कर रही है। श्री तिवारी ने कहा कि कोर्ट जाने की बात कहकर प्रदेश सरकार ने यह साफ कर दिया है कि वह प्रदेश के किसानों के साथ ठीक उसी तरह अन्याय करने पर फिर आमादा है, जैसा उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को लेकर किया है। कर्जमाफी, बकाया बोनस भुगतान और धान खरीदी को लेकर नित-नए फरमान जारी करके किसानों के स्वाभिमान को लहूलुहान तक कर चुकी प्रदेश सरकार किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के पूरे डाटा केंद्र सरकार को नहीं भेजकर किसानों को लाभ से वंचित रखने का षड्यंत्र तक करके राजनीतिक ओछेपन की हदें लांघ रही है। भाजपा नेता ने कहा कि कृषि अध्यादेशों के खिलाफ जिस तरह तथ्यहीन बयानबाजी मुख्यमंत्री और कांग्रेसी कर रहे हैं, उससे उनकी राष्ट्रीय राजनीतिक नेतृत्व में अपनी दखल कायम करने की ललक का पुट ज्यादा नजर आ रहा है और इसलिए वे ऐसे झूठ फैलाकर अपने केंद्रीय नेतृत्व को भी मात देते दिख रहे हैं।