नगर पालिक निगम भिलाई के पूर्व नेताप्रतिपक्ष संजय जे.दानी,पूर्व पार्षद एस. अनिल कुमार, रिसाली मंडल पूर्व युवा मोर्चा महामंत्री महेन्द्र पाल,पश्चिम मंडल कार्यालय मंत्री सुमीत कनौजिया,पश्चिम मंडल आई.टी.सेल संयोजक सोमेश त्रिवेदी ने प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी,उनके मंत्रिमंडल के सभी सम्मानित सदस्यगण, सम्मानीय सांसदगणों के प्रति आभार व धन्यवाद ज्ञापित करते हुवे कहा कि केन्द्र सरकार ने करोना संकटकाल में देश के किसानों को राज्य सरकारों के माध्यम से फसल खरीद के लिये बड़ी वित्तीय सहायता प्रदान की है,जिसके तहत खरीफ फसल के मद्देनजर पंजाब और हरियाणा की सरकारों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) पर धान के फसल की खरीदी शुरू कर दी है।भाजपा नेताओं ने कहा कि देश के उत्पादन में लगभग 75% धान के फसल की हिस्सेदारी छत्तीसगढ़,हरियाणा और तेलंगाना राज्यों की है,जिसके अंतर्गत केन्द्र सरकार खरीफ फसल के धान खरीदी के लिये वित्तीय वर्ष 2020 – 2021 के लिये छत्तीसगढ़ राज्य को 9000/- करोड़ रुपये,हरियाणा को 5444/-करोड़ रुपये, तथा तेलंगाना राज्य को 5500/- करोड़ रुपये की स्वीकृति दे चुकी है,राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम(एन. सी.डी. सी.) विभाग के माध्यम से।उसके बाद भी छत्तीसगढ़ सरकार के कोंग्रेस के नेतागण,और कार्यकर्ता जानकारी के अभाव में physical व social distancing की परवाह किये बिना एक दिवसीय धरना केन्द्र सरकार के विरुद्ध छत्तीसगढ़ में दिये, जबकि कृषि सुधार अध्यादेश (बिल) में साफ लिखा है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) जारी रहेगा,मंडी प्रथा भी जारी रहेगी देश का किसान अपनी स्वेच्छानुसार अपनी उपज को देश के किसी भी छेत्र या राज्य में बेचने के लिये स्वतंत्र रहेगा यह किसान का स्वयं का व्यक्तिगत निर्णय होगा,इस अध्यादेश के कारण स्प्ष्ट तौर पर अनंतकाल से चली आ रही बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो जायेगी, यही बात विपक्षियों के गले उतर नही रही है,जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य मिल सकेगा, भाजपा नेताओं ने कहा कि विपक्ष को अध्यादेश (बिल) से ज्यादा उन बिचौलियों की चिंता सता रही है जिनके खाते में प्रतिवर्ष 5,000 से 10,000 करोड़ रुपये कमीशन के रूप में मिलते थे, तकलीफ इस बात की है, (FCI) godown में कार्यरत तथाकथित अधिकारीगणों और बिचौलियों की आपसी मिलीभगत से देश के मेहनतकश किसानों को बहुत अधिक आर्थिक नुकसान होता आ रहा था, इसीलिये इस अध्यादेश (बिल) का विपक्षी दल पुरजोर विरोध कर रहा है,ये दल चाहता ही नही की देश का अन्नदाता साधन संपन्न हो और देश की जी.डी.पी. में किसानों की हिस्सेदारी हो किसानों को दिग्भ्रमित कर उन्हें जानकारी के अभाव में आंदोलन,धरना प्रदर्शन जैसे हवन में झोंक कर आहुति दिलवाई जा रही है। भाजपा नेताओं ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार व अन्य विपक्षी दल केन्द्र सरकार की इतनी विरोधी है तो केन्द्र सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाओं को नैतिकता के नाते त्याग दे,और केन्द्र सरकार ने 14वें वित्त आयोग के तहत विकास कार्यों के लिये करोड़ो रुपये की राशि विभिन्न राज्यों में स्वीकृत कर भेजी गयी है,जिसका श्रेय जिन जिन राज्यों में कोंग्रेस की व अन्य दलों की सरकारें है,वे सरकारें क्या केन्द्र परिवर्तित योजनाओं और केन्द्र से मिलने वाले अनुदान का परित्याग करेंगी?इसका जवाब इन विपक्षी राजनैतिक दल दें अथवा इस तरह के धरना प्रदर्शन की राजनीति बंद कर सकारात्मक राजनीति में अपना ध्यान केंद्रित करें।