छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में लोगों से राशन कार्ड सत्यापन के नाम पर अवैध वसूली करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है।दुर्ग जिले के बोरेगांव में ग्रामीणों पर पंचायत अपनी मनमानी चला रहा है।
फरमान जारी करने के बाद ग्रामीणों से राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर मनमाने तरीके से अवैध वसूली की जा रही हैं। दुर्ग जिले के दुर्ग विकासखंड अंतर्गत आने वाले बोडेगांव में पंचायत के फरमान के आगे गांव के भोले-भाले ग्रामीण बेबस और मजबूर हो गए हैं।राशन कार्ड के नवीनीकरण के नाम पर ग्रामीणों से अवैध वसूली की जा रही है।
दुर्ग जिले के दुर्ग जनपद क्षेत्र के बोडेगांव के ग्रामीणों के साथ एक तरह का छलावा किया जा रहा है। पीड़ित ग्रामीणों का कहना है कि गांव के ग्राम पंचायत में राशन कार्ड का नवीनीकरण कराने का काम रहा हैं। कार्ड सत्यापन के नाम पर ग्रामीणों से बाकायदा 100 रुपए की राशि ली जा रही है। और मकान टैक्स के रूप में 200 रुपए और तो और अगर एक घर मे चार राशनकार्ड हैं।तो एक मकान का चारबार टैक्स वसूल जा रहा।लेकिन उस राशि के बदले ग्रामीणों को जो रसीद दीया जा रहा है। उस मे न कार्यालय सील हैं न सचिव,सरपंच का साइन।
वहीं,ग्रामीणों की माने तो राशन कार्ड सत्यापन के लिए पंचायत कार्यालय में आते हैं, लेकिन यहां बैठे सरपंच ग्रामीणों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनसे राशन कार्ड नवीनीकरण के नाम पर 100 रुपए शुल्क ले रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि कानून में ऐसा कहीं उल्लेख नहीं है कि राशनकार्ड नवीनीकरण का कोई शुल्क लिया जाए। इस पर जब ग्रामीणों ने पंचायत के सरपंच से पूछा कि ये शुल्क क्यों लिया जा रहा है। तो सरपंच कभी बोलती हैं कि उन्हें ऊपर से आदेश है। कभी बोलती हैं की अपनी मर्जी से ले रहे जो करना है।कर लो जिसको फोन बुलाना हैं।बुला लो।

जब पंचायत के सचिव से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मेरा कोरोना जाँच रिपोर्ट पॉजिटिव आया हैं।इस सम्बंध में मुझे कोई जानकारी नहीं।
सीईओ दुर्ग को फोन के माध्यम से सारी जानकारी बताया गया तो उन्होंने मुझे इस बात की जानकारी नहीं मीडिया के माध्यम से जानकारी हुआ।