तालाबंदी में छूट का क्रूर सच : वीरेन्द्र पांडेय

by Umesh Paswan


रायपुर कलेक्टर ने तालाबंदी बढ़ा कर कुछ छूट घोषित की हैं।उन निर्देशों में विसंगति और विरोधाभास ऐसे हैं कि किसी छूट का कोई लाभ नहीं मिलेगा।इसे एक कहानी से समझें।एक कलाकार की कला से राजा प्रसन्न हो उससे पुरस्कार मांगने कहा।कलाकार का राजा के मंत्री से बैर था सो उसने राजा से कहा मै मंत्री की देह से एक किलो मांस काटूंगा।मंत्री चतुर था,उसने कहा मैं राजा के वचन को पूरा करूँगा।कलाकार चाहे जितना मांस मेरे शरीर से निकाले पर खून की एक बूँद नहीं निकलना चाहिए।कलाकार के हाथ कुछ नहीं लगा।वैसे ही घोषित छूट हैं।कहा गया कि ठेले वाले सीधे किसान से सब्जी और फल खरीद कर लाऐं और मोहल्ले में बेचें।इसे इस निर्देश के साथ देखें कि पेट्रोल पंप तो खुलेंगे पर जनता को तेल नहीं मिलेगा।ठेले वालों के घर के पास तो किसानों के खेत नहीं हैं।पैदल जा कर तो नहीं ला सकते।अतः किसीको सब्जी नहीं मिलेगी।फल में पपीता,जाम ही यहाँ होता है।संतरा आदि तो बाहर से ही आता है।प्रभु,दिमाग से काम लो,न हो तो दिमाग उधार ले लो।

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