आज नंदिनी खदान के बीएसपी अस्पताल में सुबह से दोपहर 12:30 तक कोई भी डॉक्टर की उपलब्धता नहीं थी जिसके कारण 25 से 30 मरीज निराश होकर लौट गए कई मरीज तो रिटायर कर्मी है उनके जो कि दुर दुर गांव से आते हैं, और इस आपदा करोना काल में डॉक्टरों का ना होना दुर्भाग्यपूर्ण है, जबकि इस आपदा के समय 24 घंटे डॉक्टरों का अस्पताल में होना अनिवार्य है प्रबंधन की लचर व्यवस्था के कारण अस्पताल वार्ड बाय और नर्स के सहारे है एक गंभीर महिला मरीज जो कि सीरियस स्थिति में थी, जिसको खदान मजदूर संघ अध्यक्ष श्री उमेश मिश्रा जी द्वारा डॉ खोसला जी को निवेदन कर अस्पताल बुलाया और उसका उपचार कर तुरंत सेक्टर 9 हॉस्पिटल रेफर किया गया, उसके उपरांत खदान इंचार्ज श्री B,V, SINGH और सेक्टर 9 प्रबंधक के PA को भी डॉक्टरों के ना होने से संबंधित जानकारी दी, खदान मजदूर संघ अध्यक्ष श्री उमेश मिश्रा जी द्वारा अनेकों बार उच्च अधिकारियों को अस्पताल की लचर व्यवस्था से अवगत कराया गया परंतु प्रबंधन का मौन रहना उनकी कमजोरी को दर्शाता है, खदान मजदूर संघ अध्यक्ष उमेश मिश्रा द्वारा इस संकटमयी करोना कॉल घड़ी में प्रबंधन को लिखित आवेदन भी देकर यहां की अनियमितताओं से अवगत भी कराया गया है, जैसे कि नंदनी अस्पताल इंचार्ज का हेड क्वार्टर नंदिनी में ही रहे, जिससे अस्पताल प्रबंधन और कर्मचारियों की देखरेख अच्छी तरीके से हो सके करोना काल में यहां कर्मचारी एवं आश्रित परिवार और सेवानिवृत्त कर्मचारियों आदि की करोना की स्थिति से निपटने अस्पताल में कोई व्यवस्था का ना होना गलत बात है, यहां 300 ऐसे परिवार हैं जो इस BSP अस्पताल के भरोसे हैं जो चाहते हैं कि अस्पताल की व्यवस्था स्थानीय प्रबंधन के हाथों हो, अस्पताल में करोना केयर सेंटर खोलने का भी निवेदन खदान संघ अध्यक्ष उमेश मिश्रा जी द्वारा किया गया है जिसकी व्यवस्था अस्पताल प्रबंधन द्वारा जल्द किया जाना चाहिए,
भिलाई इस्पात संयंत्र की नंदनी खदान अस्पताल नर्स एवं वार्ड बॉय के भरोसे
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