बलौदा बाजार तपती धूप भरी बरसात या कड़कड़ाती सर्दी में पूरे परिवार सहित फसल उगाकर अपने घर परिवार के साथ साथ पूरे देश को अन्न के रूप मे जीवन देने वाले किसानों की क्या स्थिति है यह किसी से छिपी नहीं है।एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार यह कहते नही थकते कि 2022तक किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी लेकिन किसानों की आय दोगुनी होने की उम्मीद तो नही की जा सकती हां ये जरूर है कि किसानों की लागत जरूर दोगुनी हो गई है।इसका बड़ा कारण कृषि की लागत,डीजल के बढ़ते दाम,रसायनिक खाद की कीमतों में बढ़ोतरी,बीज और कीटनाशक दवाओं की कीमतों में भारी वृद्धि कर केंद्र की मोदी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि मोदी सरकार किसान विरोधी सरकार है ।यह कहना है राहुल गांधी विचार मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं बलौदा बाजार के किसान नेता के के वर्मा का।
श्री वर्मा ने अपने विज्ञप्ति में कहा कि एक तरफ छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार किसानों की हित में अनेकों निर्णय लेकर छत्तीसगढ़ की किसानों को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाने का महत्वपूर्ण कार्य कर रही है तो दूसरी ओर केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार किसानों के साथ दोगली नीति अपनाकर छत्तीसगढ मे खरीफ फसल के लिए राज्य सरकार की तरफ से यूरिया,पोटाश, और फास्फेट की मांग का सिर्फ पच्चीस फीसद कराया जबकि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश एवम उत्तर प्रदेश में मांग के सापेक्ष आपूर्ति का प्रतिशत पंद्रह से बीस फीसद अधिक आपूर्ति कर यह साबित कर दिया है कि छत्तीसगढ़ सरकार के साथ दुआ भेदा कर रहे हैं । श्री वर्मा ने आगे कहा कि जून का महीना समाप्त होने जा रहा है और किसान खाद के लिए संघर्ष कर रहे हैं उन्हें समय में खाद नही मिल रहा है जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने केंद्र की सरकार से बारह लाख टन खाद की मांग कर अनुरोध किया था कि तत्काल हमे आपूर्ति किया जाय लेकिन केंद्र सरकार ने पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाते हुए सिर्फ छह लाख टन खाद की आपूर्ति कर पल्ला झाड़ रहे हैं।जिससे किसानों में भारी आक्रोश व्याप्त है जो कि कभी भी विस्फोटक स्थिति निर्मित हो सकता है।श्री वर्मा ने आगे कहा कि एक तरफ किसान तीन काले कानून के खिलाफ सात आठ, माह से धरना देकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं तो छत्तीसगढ़ में भी किसानों को अगर समय में खाद नही मिला तो केंद्र सरकार के खिलाफ किसान उग्र आंदोलन करेंगे ।
प्रेषक
के के वर्मा
बलौदा बाजार