ऐसे शख्स को जाने जो राष्ट्र सेवा लिए समर्पित हो

by Umesh Paswan

शक्ति मिल्‍स गैंगरेप से लेकर
जर्मनी बेकरी ब्‍लास्‍ट,
कसाब और दाभोलकर मर्डर केस तक के अपराधियों को अपने स्‍केच के जरिए
जेल की सलाखों तक पहुँचाने वाले नितिन महादेव यादव की कहानी,
जिन्हें प्यार से “आधा पुलिसवाला”
भी कहा जाता है।
कई लोग इन्हें ‘यादव साहब’ कह कर भी
बुलाते हैं…

नितिन मात्र 5वीं कक्षा के छात्र थे ,
जब उन्होंने कागज़ को बीस रुपये के नोट के आकार में काटा और अपने पेंट ब्रश की मदद से हूबहू असली नोट जैसा पेंट कर दिया…

उस नोट को लेकर नितिन एक होटल में गये
और काउंटर पर वह नोट पकड़ा दिया।
नोट इतना हूबहू पेंट हुआ था कि
सामने खड़े व्यक्ति ने उसे
असली नोट समझ कर रख लिया…

जब नितिन ने बताया कि वह नोट नकली है तो सभी लोग पाँचवीं कक्षा के इस छात्र की
प्रतिभा का लोहा मान गये…

एक रोज़ नितिन मुम्बई के ही
एक पुलिस स्टेशन में नेमप्लेट पेंट कर रहे थे।

थाने में एक मर्डर केस आया,
मर्डर का गवाह होटल में काम करने वाला
एक वेटर था।
पुलिस उससे मर्डर करने वाले व्यक्ति का
हुलिया पूछ रही थी और वेटर
समझा नही पा रहा था…

नितिन थानेदार के पास गये
और उनसे कहा कि अगर वह वेटर को
केवल आधा घंटा उसके साथ बैठने दें
तो वह मर्डर करने वाले व्यक्ति का
हूबहू स्केच तैयार कर सकता है…

पहले थानेदार ने नितिन की बात को
मज़ाक में लिया पर नितिन के
बार बार आग्रह पर थानेदार मान गया…

उसके बाद जो हुआ वह चमत्कार था…

वेटर से मर्डर करने वाले का हुलिया
पूछने के बाद नितिन ने थानेदार के हाथ में
एक स्केच पकड़ाया।
वह चेहरा हूबहू मर्डर करने वाले
व्यक्ति से मिलता था…

स्केच की मदद से 48 घंटे के अंदर
वह आरोपी पकड़ा गया।
सारा पुलिस महकमा अब नितिन का
मुरीद बन चुका था…

कुछ समय के पश्चात एक लड़की से
बलात्कार हुआ जो मूक बधिर थी।
ना बोल सकती थी, ना सुन सकती थी।
नितिन को तत्कालीन डीएसपी ने
याद किया और बच्ची से मिलवाया…

नितिन बलात्कारी का चेहरा
बच्ची की आँखों में देख चुके थे।
नितिन ने एक एक कर के कई स्केच बनाये।
कई तरह की आँखें, कई तरह का चेहरा।
कई तरह के नैन-नक्श।
एक एक कर इशारे के ज़रिये
बच्ची बताती गयी कि
बलात्कारी कैसा दिखता है…

8 घँटे की अथक मेहनत के बाद
नितिन मनोहर यादव ने डीएसपी के हाथ में बलात्कारी का स्केच थमा दिया…

स्केच की मदद से अगले 72 घण्टे में
बलात्कारी को पकड़ लिया गया…

नितिन अब मुम्बई पुलिस के लिये
संजीवनी बूटी बन चुके थे।
हर एक केस में नितिन के स्केच
ऐसी जान फूँक देते के पुलिस उसे
आसानी से सुलझा लेती…

बीते 30 वर्ष के अंतराल में यादव
पुलिस के लिये करीबन 4000 से अधिक
स्केच बना चुके हैं…

उल्लेखनीय है के केवल यादव की बनायी हुई तस्वीर की बदौलत मुम्बई पुलिस 450 से अधिक खूखार से खूँखार अपराधी को
गिरफ्तार कर चुकी है।

अब वह विषय,
जिसके लिये यह पूरा लेख लिखा गया है….

30 साल में किसी भी स्केच या तस्वीर के लिये नितिन ने पुलिस या किसी भी अन्य व्यक्ति से “एक नया पैसा” भी नहीं लिया है…

बार-बार पुलिस महकमे के
बड़े से बड़े अफसर ने नितिन को
ईनामस्वरूप धनराशि देने का प्रयास किया ,
पर नितिन ने एक रुपया भी
लेने से इनकार कर दिया…

“नितिन मनोहर यादव” चेम्बूर एजूकेशन सोसाइटी के एक स्कूल में शिक्षक रहे।

जो तनख्वाह आती उसी से गुज़र बसर करते रहे।

वह कहते हैं कि स्केच बना कर
वह एक तरह से राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं। असामाजिक तत्वों की पहचान होती है
तो वह सलाखों के पीछे जाते हैं…

नितिन 30 साल तक अपना काम राष्ट्र सेवा के भाव से करते रहे और आज भी एक बुलावे पर सब कामकाज छोड़ कर हाज़िर हो जाते हैं…

30 साल की इस सेवा में नितिन को
करीबन 164 प्रतिष्ठित संस्थाओं ने
सम्मानित किया है…

नितिन बड़े फक्र से सम्मानपत्र
और ट्रॉफी दिखाते हुये कहते हैं….

“यही मेरी कमाई है। यही मेरी जमापूँजी है!”

कभी कभी लगता है कि
यह राष्ट्र कैसे चल रहा है।
चहुँ ओर बेईमानी का दबदबा है।
चहुँ ओर भ्रष्ट आचरण का बोलबाला है…

फिर किसी दिन नितिन महादेव यादव जैसे
किसी समर्पित व्यक्ति के विषय में
पढ़ कर ऐसा लगता है कि
राष्ट्र के प्रति समर्पित यादव जैसा
एक व्यक्ति भी हज़ारों

बेईमानों पर भारी है।

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