बेमेतरा, विधानसभा क्षेत्र के ग्राम सरदा में प्रदूषण युक्त प्लांट स्थापना का किसान लगातार विरोध कर रहे हैं । गौरतलब हो कि प्लांट की स्थापना को लेकर प्रशासन की ओर से 27 दिसम्बर को जन सुनवाई रखी गई है । जबकि पूर्व में किसानों के विरोध को देखते हुए, 8 सितम्बर को बुलाई गई जन सुनवाई को स्थगित कर दिया गया था । अब दोबारा जन सुनवाई बुलाए जाने से क्षेत्र के किसानों में खासी नाराजगी है । इस सम्बंध में किसान नेता योगेश तिवारी ने कहा कि 27 दिसम्बर को स्थगित किया जाए, अन्यथा किसान उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे । उन्होंने बताया कि ग्राम सरदा समेत आस-पास के गांव के किसान जनसुनवाई का विरोध कर रहे हैं । 8 सितंबर को ग्राम सरदा में होने वाली जनसुनवाई को कोविड के कारण स्थगित करना बताया गया था ।
कई बार ज्ञापन सौंपने बावजूद, प्रशासन अड़ियल रुख अपनाए हुए
किसान नेता ने बताया कि क्षेत्र में प्रदूषण युक्त प्लांट की स्थापना ना की जाए इसके लिए कलेक्टर को कई बार ज्ञापन सौंपा गया है । बावजूद प्रशासन अड़ियल रुख अपनाए हुए हैं । जो किसानों के प्रति शासन प्रशासन की सवेदनहीनता को दिखाता है । किसान नेता ने बताया कि विधायक आशीष छाबड़ा भी क्षेत्र में प्रदूषण युक्त प्लांट स्थापना का विरोध कर चुके हैं । विरोध में अपने समर्थकों के साथ कलेक्टर को भी ज्ञापन सौपा था । यह देखना होगा कि वर्तमान में विधायक किसानों के हित में 27 दिसम्बर को बुलाई गई जन सुनवाई का विरोध किया ।
दर्जन भर गांव के किसान होंगे प्रभावित
किसान नेता नेे बताया कि बेमेतरा विधानसभा कृषि प्रधान क्षेत्र है । बेमतरा ज़िला बनने के बाद से यहा के किसानों की ओर से लगातार प्रदूषण मुक्त फूड प्रोसेसिंग प्लांट लगाने की मांग की जाती रही । यह प्लांट लगाना तो दूर इसके विपरीत प्रदूषण युक्त प्लांट स्थापना की तैयारी की जा रही है । प्लांट स्थापना से सरदा, लेंजवारा, जामगांव, देवरी, पाहन्दा, बावनलाख, भिलौरी, आन्दू समेत दर्जन भर गांव के किसान प्रभावित होंगे । इसलिए इन गांवो के किसानों के साथ जनसुनवाई के विरोध के लिए रणनीति बनाई जाएगी । बेरला क्षेत्र के विभिन्न गांव में प्रदूषण युक्त प्लांट की स्थापना की तैयारी की जा रही है जो क्षेत्र के कृषि के लिए घातक साबित होगा ।